प्रदेश में सेवा चयन आयोग शुरू करने जा रहा नई भर्तियां..
उत्तराखंड: प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए जल्द तीन नई भर्तियां शुरू होने जा रही हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। आने वाले 15 दिनों में यह पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
आपको बता दे कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से जल्द ही अग्निशमन विभाग में हेड कांस्टेबल के करीब 200 पदों पर भर्ती शुरू की जाएगी। इसके अलावा सांख्यिकी विभाग में करीब 100 पदों पर भर्ती भी निकाली जाएगी। साथ ही विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर के करीब 50 पदों पर भर्ती निकलने जा रही है। इन तीनों भर्तियों की सिफारिश (अधियाचन) आयोग को प्राप्त हो चुकीं हैं। आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना हैं कि इसी महीने भर्तियों की आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की योजना है। राज्य सरकार ने समूह-ग की सभी भर्तियों के आवेदन का शुल्क माफ किया है, इसलिए इन भर्तियों के लिए भी कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
पर्यटन विभाग में 51 पदों पर होगी भर्ती..
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में विभिन्न श्रेणियों के खाली पदों पर भर्ती के लिए विभाग ने प्रस्ताव आयोगों को भेज दिया है। जल्द ही इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। परिषद में कनिष्ठ सहायक, सहायक लेखाकार समेत अन्य पदों का प्रस्ताव अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की बोर्ड बैठक में 51 पदों पर भर्ती करने की अनुमति दी गई।
पर्यटकों के लिए आज से खुला राजाजी पार्क,वरिष्ठ नागरिकों और स्कूली बच्चों को टिकट में छूट..
उत्तराखंड: राजाजी टाइगर रिजर्व का मोतीचूर व चीला रेंज का प्रवेश द्वार आज से सैलानियों के लिए खोल दिया गया है। राजाजी में वरिष्ठ नागरिकों, स्कूली बच्चों और अवयस्कों को टिकट शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
मोतीचूर रेंज अधिकारी महेंद्र गिरि गोस्वामी का कहना हैं कि हर साल 15 नवंबर को सैलानियों के लिए प्रवेश द्वार खोले जाते हैं। सैलानियों के स्वागत के लिए पार्क प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। पर्यटक रेंज के भीतर जंगल सफारी का आनंद उठा पाएंगे साथ ही हाथी, मोर, हिरण, पक्षियों आदि के दीदार कर सकेंगे।
आपको बता दे कि कोरोना काल के चलते प्रवेश शुल्क और जंगल सफारी वाहन के किराए में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। सैलानियों के लिए 150 रुपये प्रतिव्यक्ति टिकट रखा गया है। वहीं 250 रुपये जंगल सफारी वाहन शुल्क निर्धारित किया गया है। महेंद्र गिरि ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों, स्कूली बच्चों और अवयस्कों को टिकट शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है।
आज खुलेगा कॉर्बेट का ढिकाला जोन
वही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का ढिकाला जोन 15 नवंबर से खुल गया है। दिसंबर तक ढिकाला जोन में बुकिंग फुल हो चुकी है। जोन खुलने के बाद पर्यटक रात्रि विश्राम और दिन की सफारी कर सकेंगे। पर्यटकों की सुविधा के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने सड़कों की मरम्मत और ढिकाला जोन में गेस्ट हाउसों की सफाई करा दी है। ढिकाला जोन में 15 नवंबर को 80 पर्यटक नाइट स्टे करेंगे। डे विजिट सफारी में 127 पर्यटक ही ढिकाला जोन में भ्रमण पर जा पाएंगे। ढिकाला जोन में पर्यटकों को डे विजिट के लिए चार वाहन सुबह और चार वाहन शाम को सफारी पर लेकर जाते हैं।
कॉर्बेट टाइगर रिवर्ज से जल्द राजाजी टाइगर रिजर्व में दो बाघों को लाने की योजना इसी माह परवान चढ़ने वाली है। राजाजी के मोतीचूर रेंज में दो बाघों के आने से इनकी संख्या चार हो जाएगी। पार्क प्रशासन बाघों के स्वागत के लिए बेताब है। राज्य के दूसरे सबसे बड़े नेशनल पार्क राजाजी में जल्द बाघों की संख्या में इजाफा होने वाला है।
आपको बता दे कि राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में इसी माह कॉर्बेट नेशनल पार्क से दो बाघों को लाया जाना है। जिसके लिए पार्क प्रशासन ने तैयारी ली है। कोरोना काल और उसके बाद बारिश के चलमे मोतीचूर रेंज में बाघों को शिफ्ट करने में दिक्कतें आ रही थी। रेंज अधिकारी महेंद्र गिरि गोस्वामी का कहना हैं कि नवंबर माह के अंत तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से बाघों को शिफ्ट कर लिया जाएगा।
उत्तराखण्ड के लोकपर्व ‘इगास’ पर होगा राजकीय अवकाश- मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: ये तो सभी जानते हैं कि छठ के दिन उत्तराखंड सरकार ने सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया था जिसके बाद इगास बग्वाल में भी अवकाश घोषित करने की लोगों ने मांग की थी जिसका सीएम ने संज्ञान लिया और सोशल मीडिया के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी दी कि इगास पर छुट्टी रहेगी।
सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर पहाड़ी अंदाज में इसकी जानकारी दी। जिसमे उन्होंने लिखा कि उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति कु प्रतीक लोकपर्व ‘इगास’ पर अब छुट्टी रालि। हमारू उद्देश्य च कि हम सब्बि ये त्यौहार तै बड़ा धूमधाम सै मनौ, अर हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ।
आपको बता दे कि छठ पर्व का अवकाश घोषित होन के बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ा वर्ग इगास पर भी अवकाश घोषित करने की मांग करता रहा। चुनावों को देखते हुए सरकारकिसी भी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहती शायद इसलिए इगास पर भी फैसला लिया गया। बता दे कि पहाड़ में दीपावली यानी बग्वाल पर्व के 11 दिन बाद इगास पर्व या बूढ़ी दीपावली मनाने की परंपरा है। इगास को पहाड़ की संस्कृति के साथ साथ ऐतिहासिक तथ्यों से भी जोड़ा जाता है।
इगास-बग्वाल, घुघुतिया त्यौहार पर राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग..
देहरादून- उत्तराखंड क्रांति दल ने पर्वतीय पर्व इगास-बग्वाल और घुघुतिया में राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर सीएम को ज्ञापन भेजा है। कलेक्ट्रेट में डीएम के माध्यम से ये ज्ञापन दिया गया। यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय का कहना हैं कि उत्तराखंड में अपनी संस्कृति और विरासत को समेटे हुए दो प्रमुख त्योहार इगास बग्वाल और घुघुतिया बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं ।
यह त्यौहार देवभूमि की पहचान है। इगास का त्यौहार उत्तराखंडियों की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ-साथ समृद्ध लोक संस्कृति का बड़ा प्रतीक है। वीर माधो सिंह भंडारी जब लड़ाई जीत कर घर लौटे तो उनके इंतजार में बैचेन पूरे इलाके ने जमकर खुशियां मनाई।
यह त्यौहार वीरता, शौर्य एवं अपनी प्रदेश के लिए त्याग का त्योहार है वहीं मकर सक्रांति पर मनाए जाने वाला घुघुतिया त्यौहार मुख्य रूप से प्रकृति से प्रेम का त्योहार है। इस दिन हम पक्षियों के प्रति अपने प्रेम का इजहार करते हैं और उनके लिए भी पकवान बनाते हैं।
उनको भी पकवान खाने के लिए आमंत्रित करते हैं ऐसी लोकप्रिय संस्कृति उत्तराखंड के अलावा कहीं और देखने को भी नहीं मिलता हैं। फिर भी हम इसका प्रचार एवं संरक्षण करने में असफल हो रहे हैं। इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाने आवश्यक हैं। लिहाजा यूकेडी ने सरकार से मांग की हैं। कि वह इन दोनों त्योहारों पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर इसके प्रचार एवं प्रसार के लिए कार्यक्रम आयोजित करे।
उत्तराखंड में पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतर जाएगी भाजपा..
उत्तराखंड: प्रदेश में भाजपा शुक्रवार से विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर जाएगी। पार्टी हर घर भाजपा, घर-घर भाजपा अभियान से अपने प्रचार का आगाज करेगी। कल पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, सह चुनाव प्रभारी आरपी सिंह व लॉकेट चटर्जी चुनाव प्रचार गरमाने के लिए विधानसभा क्षेत्रों में उतर जाएंगे। इन सभी केंद्रीय नेताओं को अनुसूचित जाति, ओबीसी, बंगाली और सिख मतदाताओं को साधने के उद्देश्य से जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम व रेखा वर्मा को टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून और हरिद्वार की विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। दोनों नेताओं को अनुसूचित जाति और ओबीसी मतदाताओं के प्रभाव वाली सीटों का जिम्मा सौंपा गया है। चुनाव सह प्रभारी लॉकेट चटर्जी यूएस नगर की बंगाली मतदाता प्रभाव वाली छह सीटों की जिम्मेदारी संभालेंगी।
पार्टी ने उन्हें बंगाली वोटरों को साधने के लिए दायित्व सौंपा है। इसके साथ ही वह अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व चंपावत जिले की विधानसभा सीटों को भी देखेंगी। सह चुनाव प्रभारी आरपी सिंह यूएसनगर की सिख प्रभाव वाली तीन सीटों के अलावा नैनीताल जिले की छह विधानसभा सीटों पर मोर्चा संभालेंगे।
देहरादून में 12 को बनेंगी प्रचार की रणनीति..
जानकारी के अनुसार 12 नवंबर को देहरादून प्रदेश पार्टी कार्यालय में बैठकों के दौर चलेंगे। पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी भी बैठक में शामिल होंगे। इसी दिन प्रदेश टोली की बैठक होगी, जिसमें पार्टी के आगामी कार्यक्रमों पर अंतिम मुहर लगेगी। इस बैठक में 15 दिसंबर तक के कार्यक्रम तय हो जाएंगे।
चुनाव प्रचार अभियान को धार देने के लिए भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक इस महीने के अंत में होगी। चुनावी बैठक होने की वजह से इसमें 200 से अधिक सदस्य भाग लेंगे। बैठक में 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार की रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष, मोर्चों के अध्यक्ष भाग लेंगे।
नड्डा का दौरा तय, मोदी-शाह जल्द आएंगे..
विधानसभा चुनाव प्रचार में जान फूंकने के लिए पार्टी ने केंद्रीय नेताओं के प्रस्तावित दौरे तकरीबन तय कर दिए गए हैं। टोली कमेटी की बैठक में इन दौरों पर अंतिम मुहर लगेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दौरा तय हो गया है। वह 15 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर आएंगे। वह कुमाऊं में प्रवास करेंगे। बता दे कि नड्डा कुमाऊं में अल्मोड़ा व रुद्रपुर में प्रवास कर सकते हैं। प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के दौरे भी प्रस्तावित हैं।
उत्तराखंड में 27112 कैंसर रोगियों को मिला निशुल्क इलाज का ‘आयुष्मान..
उत्तराखंड: प्रदेश में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को निशुल्क इलाज का ‘आयुष्मान’ मिला है। अटल आयुष्मान योजना में अब तक 27112 कैंसर मरीजों को मुफ्त उपचार की सुविधा मिली है। जिस पर सरकार ने 50 करोड़ की राशि व्यय की है। अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में अब तक 44 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बने हैं।
जिसमें 3.38 लाख को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। इसमें 27112 कैंसर ग्रसित मरीजों को इलाज कराया गया। इसके अलावा 1.33 लाख मरीजों की डायलिसिस की गई। कैंसर के इलाज पर 50 करोड़ की राशि सरकार ने व्यय की है।
आपको बता दे कि आयुष्मान योजना कैंसर रोगियों के लिए वरदान साबित हुई है। कैंसर का इलाज महंगा होने के बाद आम मरीज के लिए उपचार करना संभव नहीं हो पाता था। लेकिन आयुष्मान योजना में कैंसर का इलाज करना आसान हुआ है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि आयुष्मान योजना में 3.38 लाख से अधिक मरीजों का पंजीकृत अस्पतालों में इलाज कराया गया। जिस पर 497 करोड़ की खर्च की गई। इसमें कैंसर, डायलिसिस का उपचार लेने वाले मरीजों की संख्या अधिक है।
आयुष्मान में इलाज कराने वाले मरीज..
उपचार मरीज
डायलिसिस 133015
कैंसर 27112
सीटी स्कैन, एमआरआई 10043
मोतियाबिंद ऑपरेशन 9346
फेफड़ों का इलाज 5277
गुर्दों की बीमारी का इलाज 5426
दल-बदल करने वाले नेताओं को टिकट देने पर किया बड़ा एलान,यशपाल आर्य का भी विरोध..
उत्तराखंड: किसान, राजनैतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों की बैठक में दल-बदल करने वाले और बाहरी लोगों का विरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य का क्षेत्र में आने पर कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया गया। चीनी मिल अतिथि गृह में आयोजित बैठक में पूर्व कैबिनेट मंत्री आर्य पर दल-बदल करने पर कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया गया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किंदा, जिला पंचायत सदस्य अजीत पाल जाट, जनजाति नेता हीरा सिंह का कहना हैं कि यशपाल आर्य अपने हित के लिए जब चाहे दल-बदल कर लेते हैं। कहा कि जो भी पार्टी किसी बाहरी व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाएगी, उस पार्टी का विरोध किया जाएगा।
बैठक में सहमति पर बार-बार दल-बदल करने वाले यशपाल आर्य को न वोट देने और न ही कोई सहयोग करने, दल-बदलू नेताओं का बाजपुर में विरोध करने, उन्हें प्रोत्साहित करने वाले स्थानीय नेताओं का बहिष्कार करने, कोई भी पार्टी या दल किसी बाहरी व्यक्ति को बाजपुर विधानसभा में प्रत्याशी बनाता है तो उस दल का विरोध करने, बाजपुर बचाओ संघर्ष समिति बनाने सहित छह प्रस्ताव पारित किए गए।
इधर, कांग्रेस नगराध्यक्ष राजेंद्र बेदी का कहना हैं कि बैठक में जो निर्णय लिए गए हैं उन्हें पार्टी के उच्च पदाधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा। भाजपा में रहते आर्य बीस गांव की भूमि प्रकरण और किसान आंदोलन में चुप्पी साधे रहे। इसलिए विरोध स्वाभाविक है।
कांग्रेस गैरसैंण को ही बनाएंगे राजधानी- हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना हैं कि राजधानी स्थायी या अस्थायी नहीं होती है। राजधानी सिर्फ राजधानी ही होती है। कांग्रेस सत्ता में आयी तो गैरसैंण को ही राजधानी बनाया जाएगा। गौरापड़ाव में सांकेतिक उपवास के बाद पत्रकारों से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी तो घोषित किया, लेकिन वहां एक पत्थर तक आज तक नहीं लगा सकी है।
21 साल में उत्तराखंड को स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी है। चुनाव की तैयारी और एजेंडे पर पूछे गए सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि जनता बेतहाशा महंगाई से परेशान हैं। प्रदेश में बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गई है। बिजली, पानी, सड़कों का बुरा हाल है। इन सभी के लिए कांग्रेस शुरू से संघर्ष कर रही है। चुनाव के लिए इससे बड़ा और क्या मुद्दा हो सकता है। कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाएगी।
36 घंटे का निर्जला व्रत जारी, आज घाटों पर अस्तांचल गामी सूर्य को देंगे अर्घ्य..
उत्तराखंड: चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन बुधवार को महिलाओं का निर्जला व्रत जारी है। सूर्य उपासना के पर्व छठ के दूसरे दिन मंगलवार शाम को व्रतियों ने गुड़ और चावल से बनी खीर खाकर पूजा का संकल्प लिया। बुधवार की शाम को अस्तांचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। गुरुवार की सुबह व्रती उगते सूरज को अर्घ्य देकर ही जल और अन्न ग्रहण करेंगे।
सूर्य उपासना का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ मंगलवार से शुरू हो गया हैं। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व के पहले दिन लोगों ने घरों और घाटों की विशेष साफ-सफाई की। मंगलवार को खरना मनाया गया। राज्य के लगभग सभी जिलों के पूर्वा सांस्कृतिक मंच से जुड़े छठ व्रतियों ने छठी मईया से उत्तराखंड का कल्याण व सुख समृद्धि की कामना करते हुए पूजा-अर्चना की
खरना की खीर खाने के बाद अब छठ व्रत रखने वाले श्रद्धालु गुरुवार सुबह का अर्घ्य देकर ही पानी अन्न ग्रहण करेंगे। ठंड में पानी में एक घंटे तक खड़े होकर सूरज को अर्घ्य देना व्रतियों के कठिन घड़ी होगी। ऐसे में श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो इसे देखते हुए पूर्वा सांस्कृतिक मंच ने 15 घाटों पर चिकित्सकों की तैनाती का निर्णय लिया।
घाटों में व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग टीम गठित..
पूर्वा सांस्कृतिक मंच की ओर से बुधवार की संध्या अर्घ्य के लिए अपनी तैयारी को चाक चौबंद कर दिया गया है। मंच ने महिलाओं की प्रशिक्षित टीम ‘मंत्र वूमेन’ सूचनाओं व समन्वय के लिए ‘मंच इन्फर्मेशनल’ और विभिन्न घाटों की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए युवाओं की टीम ‘मंच ऑपरेशनल’ बनाई है। इसके अलावा आपातकालीन चिकित्सा सेवा के लिए मंच ने अपने सभी 178 चिकित्सकों को शाम 4 से 7 बजे तक तैनात रहने के लिए कहा है।
मंच के मेडिकल टीम प्रभारी व कोषाध्यक्ष डॉ. एएन पांडेय को सभी घाटों पर मंच के दो दो चिकित्सकों की तैनाती के लिए कहा गया है। साथ ही सभी टीमों में समन्वय के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में डॉ. जेपी यादव, डॉ. एक्यू अंसारी, डॉ. ज्योत्सना झा, डॉ. लालिमा बर्मा व संजय कुमार सिंह, अजीत कुमार झा, इंदल यादव को मौजूद रहेंगे। डॉ. सुभाष झा का कहना हैं कि पूजा व आरती में कहीं कोई त्रुटि न रहे इसके लिए डॉ. अनंतमणि त्रिवेदी को जिम्मा सौंपा गया है। मंच ने घाटों के अवलोकन के लिए सचल दस्ता भी बनाया है।
गाय के गोबर और गंगाजल से पवित्र किए छठ घाट..
गाय के गोबर और गंगोत्री से लाए गंगाजल से शहर के सभी घाटों पवित्र किया गया। इस दौरान मां गंगा को छठ समापन तक घाटों पर विराजमान रहने के लिए आह्वान कर पूजा अर्चना की गई। देहरादून में सेलाकुई, रायपुर, मालदेवता, नत्थनपुर, छह नंबर पुलिया, हरबंशवाला सहित 15 घाटों पर छठ पर्व मनाया जा रहा है।
15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खुलेगा टाइगर रिजर्व पार्क..
उत्तराखंड: सफारी के साथ ही हाथी, बाघ, तेंदुआ समेत वन्यजीवों को नजदीक से देखने के शौकीनों के लिए खबर खुश करने वाली है। टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से नए सिरे से पर्यटकों के लिए खोलने को लेकर टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आपको बता दें, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के निर्देश पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 15 नवंबर के बजाय पिछले एक अक्तूबर से ही राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला और मोतीचूर रेंज को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था। टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल हैबिटेट जोन में भी दो सफारी ट्रैक तैयार कर पर्यटकों को सफारी कराना भी शुरू किया गया।
अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की याचिका पर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से पहले खोले जाने को प्रावधानों के विपरीत बताते हुए टाइगर रिजर्व के दोनों गेट तत्काल पर्यटकों के लिए बंद करने के निर्देश दिए।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग का कहना हैं कि टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पर्यटक टाइगर रिजर्व के इतिहास व इसमें रहने वन्यजीवों, पक्षियों के बारे में जागरूक हो सकें, इसके लिए उन्हें एक पुस्तिका भी मुहैया करायी जाएगी।
टाइगर रिजर्व में स्तनधारी जीवों की 49 व पक्षियों की 328 प्रजातियां..
राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथी, बाघ, तेंदुआ, भालू, हिमालयन काला भालू, बार्किंग हिरण, कांकड़, घुरल, सांभर, जंगली सुअर समेत स्तनधारी जीवों की 49 प्रजातियों के वन्यजीव हैं। इसके अलावा किंगफिशर, कठफोड़वा, फायर टेल्ड सनबर्ड ग्रेट पाइड हार्नबिल, मटर मुर्गी, गिद्ध , तीतर, बारबेट, समेत पक्षियों की 328 प्रजातियां हैं।
1075 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला राजाजी टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। वन्यजीवों और पक्षियों के साथ ही राजाजी टाइगर रिजर्व में किंग कोबरा, अजगर, मगरमच्छ समेत सरीसृप की 20 प्रजातियों के जीव भी हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों, पक्षियों, सरीसृपों के अलावा 60 प्रकार की जड़ी बूटियां और पेड़ में 118 प्रजातियां पाई जाती हैं। साल 1983 में राजाजी टाइगर रिजर्व को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और स्वतंत्र भारत के दूसरे गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के नाम इसका नाम राजाजी टाइगर रिजर्व रखा गया।
उत्तराखंड स्थापना दिवस पर सीएम ने की कई घोषणायें,राज्य आंदोलनकारियों को भी दी सौगात..
उत्तराखंड: राज्य के 21 वें स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून पुलिस लाइन मैदान में रैतिक परेड कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंडवासियों के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल दिया हैं। वहीं, सीएम ने राज्य आंदोलनकारियों को भी बड़ी सौगात दी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य निर्माण में योगदान देने वाले शहीदों को नमन किया। उनका कहना हैं कि केंद्र से विकास कार्यों के लिए एक लाख करोड़ की मदद की गई है। योजना है कि प्रदेश के दूरस्त क्षेत्रों को 2025 तक लिंक मार्ग से जोड़ा जा सके। जिससे पहाड़ों में भी विकास की बयार बह सके। मुख्यमंत्री का कहना हैं कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि पहाड़ की जवानी और पानी दोनों पहाड़ के काम आए।
सीएम ने की ये घोषणाएं
- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन को बढ़ाने की घोषणा। जिन आंदोलनकारियों को 3100 रुपये पेंश्न मिलती थी। उसे बढ़ाकर 4500 किया गया। वहीं, जिन्हें 5000 मिलती थी उसे बढ़ाकर 6000 किया गया है।
- राज्य में खेल नीति 2021 जल्द लागू होगी।
- जनपद स्तर पर महिला छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
- गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए निशुल्क दवा की व्यवस्था की जाएगी।
- देहरादून और हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
- राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।
- 48 घंटे अस्पताल में रहने वाली जच्चा को 2000 रुपये उपहार राशि दी जाएगी।
- प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में किशोरियों के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगेगी।
- सेवा का अधिकार अधिनियम में 190 सेवाओं को शामिल किया जाएगा।
- राज्य को आयुष वैलनेस का हब बनाया जाएगा।
- पर्यटक गृहों में आयुष वैलनेस सेंटर खोले जाएंगे।