मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा गांव के लिए रवाना, श्रद्धालुओं ने दी भावपूर्ण विदाई
उत्तरकाशी। गंगोत्री धाम में आज ऐतिहासिक और भावपूर्ण पल देखने को मिला। अन्नकूट पर्व के अवसर पर पूर्वाहन 11:36 बजे विधिविधान के साथ गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान सेना के बैंड और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालुओं ने ‘जय मां गंगे’ के उद्घोष के साथ मां गंगा की उत्सव डोली को मुखबा गांव की ओर रवाना होते देखा। अब अगले छह माह तक मां गंगा के दर्शन यहीं मुखबा गांव में ही होंगे।
बुधवार सुबह से ही धाम में भव्य अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया था। तीर्थपुरोहितों ने घाट पर गंगा जी का अभिषेक और आरती, तथा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। हर्षिल से आए सेना के जवानों ने निशुल्क मेडिकल कैंप और लंगर का आयोजन कर श्रद्धालुओं की सेवा की।
पूर्वाहन 11:36 बजे मुहूर्तानुसार कपाट बंद होने के बाद गंगा जी की भोग मूर्ति डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना हुई। इस दौरान शीतकाल में भी धाम में साधनारत रहने वाले साधु-संत और मंदिर व आश्रम कर्मी ने मां गंगा को भावपूर्ण विदाई दी।
मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में रात्रि विश्राम और भजन कीर्तन
तीर्थपुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि गंगा जी की उत्सव डोली रात्री विश्राम के लिए मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में रुकेगी। वहां रातभर भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। अगले दिन डोली शीतकालीन प्रवास के लिए मुखबा गांव जाएगी।
कपाट बंद होने के बाद भी जलता रहेगा अखंड दीपक
गंगोत्री धाम के कपाट भले ही बंद हो गए हों, लेकिन मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल ने बताया कि तांबे के बड़े दीपक में अखंड जोत लगातार जलती रहेगी। अगले वर्ष अक्षय तृतीया के दिन जब कपाट खुलेंगे, तीर्थयात्री इसी अखंड जोत के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।
भैयादूज के अवसर पर 23 अक्टूबर को यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति को उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में विराजमान किया जाएगा।
बेसिक और माध्यमिक शिक्षकों ने धारा 27 के तहत की तबादले की मांग, अनिवार्य तबादले न होने से नाराजगी बढ़ी
देहरादून। प्रदेश में शिक्षकों के तबादले को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है। शिक्षा विभाग को धारा 27 के तहत अब तक तीन हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें बेसिक शिक्षा के करीब 1500 और माध्यमिक शिक्षा के लगभग 1800 शिक्षक शामिल हैं।
इस साल शिक्षा विभाग ने अनिवार्य तबादले लागू नहीं किए, जिससे शिक्षकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि अन्य विभागों में कर्मचारियों के अनिवार्य तबादले किए गए, लेकिन शिक्षा विभाग में इस प्रक्रिया को टाल दिया गया।
शिक्षकों का स्पष्ट कहना है कि विभाग को भी अन्य विभागों की तरह अनिवार्य तबादले लागू करने चाहिए थे। हालांकि, शिक्षा विभाग ने इस बार धारा 27 के तहत ही तबादलों की प्रक्रिया शुरू की है और इसी आधार पर आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, बेसिक शिक्षा में लगभग 1500 शिक्षकों ने आवेदन किया है, जबकि माध्यमिक शिक्षा में 800 प्रवक्ता और करीब एक हजार एलटी शिक्षक तबादले की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन आवेदनों पर विचार कर जल्द प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति करेगी सिफारिश
शिक्षकों के तबादलों पर अंतिम निर्णय के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित है। यह समिति धारा 27 के तहत प्राप्त आवेदनों पर सिफारिश करती है, जिसके बाद मुख्यमंत्री की मंजूरी से तबादले किए जाते हैं।
क्या है धारा 27
धारा 27, राज्य के तबादला एक्ट का वह प्रावधान है जिसके तहत विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों को तबादले का अवसर दिया जाता है। इसमें वे कर्मचारी शामिल होते हैं जो सामान्य श्रेणी के तबादले के पात्र नहीं हैं — जैसे गंभीर रूप से बीमार या अन्य विशेष परिस्थितियों वाले कर्मचारी।
शिक्षक संघ ने चेताया आंदोलन से
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि संगठन की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शिक्षकों के तबादले जल्द किए जाएं। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा — “यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।”
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व सीएम भुवन चंद्र खण्डूरी से भेंट कर दी उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं
पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और कैन्ट विधायक सविता कपूर को भी दी दीपावली की बधाई
देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दीपावली के पावन अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खण्डूरी (सेनि) और तीरथ सिंह रावत से भेंट कर उन्हें दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने इसके साथ ही कैन्ट विधायक सविता कपूर को भी दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित कीं। उन्होंने कहा कि दीपों का यह पर्व सबके जीवन में खुशहाली, उजाला और नई ऊर्जा लेकर आए।
केदारघाटी का प्रत्येक कण शिवमय : राज्यपाल गुरमीत सिंह
राज्यपाल ने पुनर्निर्माण कार्यों, यात्रा व्यवस्थाओं एवं प्रशासन की तत्परता की सराहना की
उत्तराखंड के सतत विकास और नागरिकों की खुशहाली के लिए मांगा आशीर्वाद
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने आज मंगलवार सुबह प्रातः 8:45 बजे बाबा केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान केदारनाथ के दर्शन किए तथा विशेष रुद्राभिषेक पूजन कर विश्व कल्याण, मानवता की समृद्धि एवं उत्तराखंड के सतत विकास के लिए आशीर्वाद मांगा।
राज्यपाल के धाम आगमन पर अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा एवं मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत द्वारा वीआईपी हैलीपैड पर पुष्पगुच्छ भेंट कर आत्मीय स्वागत किया गया। तत्पश्चात राज्यपाल पैदल मार्ग से मंदिर प्रांगण पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान केदारनाथ का अभिषेक, पूजन-अर्चना कर क्षेत्र के नागरिकों की खुशहाली और राज्य की उन्नति की कामना की।
तीर्थ पुरोहित समाज से भेंट एवं श्रद्धालुओं का अभिवादन
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहित समाज से भेंट की, जिनके द्वारा पारंपरिक मंत्रोच्चारण और पूजा-विधि के साथ राज्यपाल का स्वागत किया गया। राज्यपाल ने इसे अत्यंत आध्यात्मिक एवं भावनात्मक अनुभव बताते हुए कहा कि “केदारघाटी का प्रत्येक कण शिवमय है। यहां के पर्वतों में भगवान शिव की उपस्थिति का अनुभव होता है। इस पवित्र भूमि पर कदम रखते ही मन ध्यानमग्न हो जाता है।”
पूजन उपरांत राज्यपाल ने मंदिर प्रांगण में एकत्र श्रद्धालुओं का अभिवादन किया तथा ‘बोलो बाबा केदारनाथ की जय’ के जयघोष से वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
राज्यपाल ने पुनर्निर्माण कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण
राज्यपाल ने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता डी.डी.एम. विनय झिंकवाण द्वारा राज्यपाल को धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। बताया गया कि अधिकांश पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, शेष कार्य भी अंतिम चरण में हैं।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में यात्रा प्रबंधन एवं पुनर्निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने जिला प्रशासन, मंदिर समिति, पुलिस विभाग, SDRF, NDRF तथा सभी सहयोगी एजेंसियों की सराहना करते हुए कहा कि “चारधाम यात्रा को सफल, सुरक्षित और श्रद्धालु-अनुकूल बनाने में आप सभी की भूमिका अत्यंत सराहनीय है।”
तीर्थ पुरोहितों हेतु भवन निर्माण कार्य पूर्ण
राज्यपाल को यह भी अवगत कराया गया कि तीर्थ पुरोहितों के लिए बनाए जा रहे भवनों का निर्माण कार्य अधिकांश पूर्ण हो चुका है तथा भूमि और भवन आवंटन से जुड़े मुद्दों का निराकरण किया जा चुका है। राज्यपाल ने इस समन्वित प्रयास के लिए मंदिर समिति एवं जिला प्रशासन की विशेष रूप से प्रशंसा की।
सेवाभाव और समर्पण के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की सराहना
राज्यपाल ने केदारनाथ में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों एवं कर्मचारियों से भेंट कर उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि प्रशासन, पुलिस एवं सेवा दल सभी श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा अनुभव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि “श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी पूर्ण निष्ठा और सेवाभाव से कार्य करें।”
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, मुख्य कार्याधिकारी मंदिर समिति विजय थपलियाल, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, अध्यक्ष पं. राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेन्द्र तिवारी, मंत्री अंकित प्रसाद सेमवाल सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं तीर्थ पुरोहितगण उपस्थित रहे।
राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर सभी पुलिस कर्मियों को मिलेगा विशेष रजत जयंती पदक
देहरादून। राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तराखंड पुलिस के सभी कार्मिकों को विशेष रजत जयंती पदक प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड के दौरान की।
पुलिस स्मृति दिवस—शहीदों को श्रद्धांजलि
पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन 1959 में लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों में चीनी सैनिकों के हमले में शहीद हुए 10 सीआरपीएफ जवानों की याद में समर्पित है। इस अवसर पर कार्यक्रम में बलिदान हुए पुलिस कर्मियों को याद किया गया और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चार अहम घोषणाएं कीं:
सभी पुलिस कर्मियों को विशेष रजत जयंती पदक प्रदान किए जाएंगे।
आवासीय भवन निर्माण के लिए तीन वर्षों में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
एसडीआरएफ जवानों के लिए पांच नए बैरिकों का निर्माण किया जाएगा।
पुलिस कल्याण नीति के अंतर्गत 2.5 करोड़ से 4.5 करोड़ रुपये तक की राशि की जाएगी।
सीमा सुरक्षा और पुलिस की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे राज्य की सीमाएं न केवल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ी हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से भी जुड़ी हैं। हमारा राज्य भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। इसलिए राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में हमारे पुलिसकर्मियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उसकी सुरक्षा और समृद्धि की रीढ़ होती है।”
पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने का अवसर
कार्यक्रम में इस साल विभिन्न ड्यूटी पर बलिदान हुए पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके परिवारों को सम्मानित किया गया। राज्य सरकार की यह पहल पुलिस के कार्य और समर्पण को पहचान देने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अब 42 साल तक के अभ्यर्थी भी कर सकेंगे आयुर्वेद कोर्स में दाखिला
देहरादून। उत्तराखंड में इस साल आयुर्वेद पैरामेडिकल कोर्सों में दाखिले की प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही है। भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखंड द्वारा संचालित इन कोर्सों में अब तक केवल 600 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है, जबकि प्रदेश के 26 आयुर्वेद कॉलेजों में करीब 3100 सीटें उपलब्ध हैं।
परिषद को उम्मीद थी कि आयु सीमा बढ़ाए जाने के बाद दाखिलों की संख्या में वृद्धि होगी, लेकिन फिलहाल स्थिति विपरीत दिख रही है। अब प्रवेश की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तय की गई है, और नवंबर के पहले सप्ताह में काउंसलिंग की जाएगी।
आयु सीमा में बड़ी राहत — अब 42 वर्ष तक के अभ्यर्थी कर सकते हैं आवेदन
इस बार परिषद ने छात्रों को राहत देते हुए प्रवेश के लिए आयु सीमा 25 वर्ष से बढ़ाकर 42 वर्ष कर दी है। यह नियम आयुर्वेद फार्मासिस्ट, नर्सिंग, पंचकर्म सहायक, टेक्नीशियन, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक जैसे सभी कोर्सों पर लागू होगा। परिषद का मानना है कि इससे अधिक उम्र के वे अभ्यर्थी भी अवसर पा सकेंगे जो पहले पात्रता से बाहर रह जाते थे।
बीते साल भी खाली रह गईं थीं आधी से अधिक सीटें
पिछले शैक्षणिक सत्र में भी आयुर्वेद पैरामेडिकल कोर्सों की आधे से ज्यादा सीटें खाली रह गई थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में एलोपैथिक और मॉडर्न हेल्थ एजुकेशन की ओर झुकाव बढ़ने से पारंपरिक चिकित्सा कोर्सों में रुचि कम हो रही है।
परिषद को दाखिला बढ़ाने की उम्मीद
परिषद की रजिस्ट्रार नर्मदा गुसाईं ने बताया कि आवेदन की तिथि बढ़ाने और आयु सीमा में छूट से छात्रों की संख्या में सुधार की संभावना है। उन्होंने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि दिवाली के बाद आवेदनों की संख्या बढ़ेगी। नवंबर के पहले सप्ताह में काउंसलिंग पूरी कर कॉलेजों का आवंटन कर दिया जाएगा।”
प्रदेश में 26 कॉलेज, 3100 सीटें
उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद से मान्यता प्राप्त 26 आयुर्वेद पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इनमें कुल 3100 सीटें हैं, लेकिन छात्रों की संख्या में गिरावट से ये सीटें भरना परिषद के लिए लगातार चुनौती बनी हुई हैं।
मेहूंवाला के प्लास्टिक गोदाम और निरंजनपुर मंडी में भीषण आग, दमकल की तत्परता से टला बड़ा हादसा
देहरादून। दिवाली की रात रोशनी के साथ-साथ आग की घटनाओं ने भी शहर को दहला दिया। सोमवार की शाम से मंगलवार तड़के तक, महज साढ़े छह घंटे के भीतर देहरादून में आग लगने की 12 घटनाएं दर्ज की गईं। सबसे भीषण आग मेहूंवाला के प्लास्टिक गोदाम और निरंजनपुर मंडी की छत पर लगी। राहत की बात यह रही कि दमकल विभाग की तत्परता और लोगों की जागरूकता से किसी बड़े हादसे को टाल लिया गया।
फायर विभाग के मुताबिक, इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले आग की घटनाओं में कमी आई है, हालांकि पटाखे—खासकर स्काई शॉट और रॉकेट—मुख्य कारण बने रहे।
मेहूंवाला में प्लास्टिक गोदाम में लगी भीषण आग
मेहूंवाला इलाके में सोमवार रात एक प्लास्टिक गोदाम में भीषण आग भड़क उठी। प्लास्टिक की ज्वलनशीलता के कारण आग तेजी से फैल गई और पूरे क्षेत्र में जहरीला धुआं भर गया। दमकल विभाग को आग पर काबू पाने में डेढ़ घंटे से अधिक का समय लग गया।
आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि फायर फाइटर्स को सांस लेने में परेशानी हुई। विभाग ने विशेष एग्जॉस्ट लगाकर धुआं और बदबू को हटाने की कोशिश की। गनीमत यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
निरंजनपुर मंडी में छत पर लगी आग, बड़ा हादसा टला
निरंजनपुर मंडी में एक बिल्डिंग की छत पर भी आग लग गई, जहां फलों के बक्से, लकड़ी और प्लास्टिक के तिरपाल रखे थे। माना जा रहा है कि आग स्काई शॉट पटाखे से लगी। फायर विभाग की तत्परता से आग को फैलने से पहले ही बुझा दिया गया। अंदर मौजूद लोग समय रहते बाहर निकल आए, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
रातभर व्यस्त रहा फायर विभाग, 12 कॉल पर की त्वरित कार्रवाई
धर्मावाला, जीएमएस रोड, राजीव नगर, नेहरू ग्राम, सरस्वती बिहार और ओल्ड राजपुर रोड समेत कई इलाकों से आग लगने की कॉल आई। दमकल कर्मियों ने बिना देर किए सभी स्थानों पर पहुंचकर आग बुझाने का काम किया।
फायर स्टेशन अधिकारी किशोर उपाध्याय ने बताया कि पिछले साल दिवाली पर 39 कॉल आई थीं, जबकि इस बार सिर्फ 12 कॉल मिलीं। यह कमी लोगों की बढ़ी फायर सेफ्टी जागरूकता और समय पर प्रतिक्रिया का परिणाम है।
बीते चार वर्षों में 26,500 से अधिक युवाओं को मिली सरकारी नौकरी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजस्व परिषद में नव-चयनित सहायक समीक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। शनिवार को आहूत इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नवनियुक्त कार्मिकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि दीपावली से पूर्व यह नियुक्ति पत्र प्राप्त होना नवनियुक्त कार्मिको और उनके परिवारजनों के लिए विशेष प्रसन्नता का अवसर है। मुख्यमंत्री ने उनके परिवारजनों को भी इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते चार वर्ष में राज्य में 26,500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को अभियान के रूप में निरंतर आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ समय पूर्व हरिद्वार में हुई परीक्षा से संबंधित एक प्रकरण सामने आया था, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया गया और एसआईटी जांच गठित की गई। इसके पश्चात छात्रों की भावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्वयं छात्रों से मुलाकात की और उनकी मांगों के अनुरूप परीक्षा को निरस्त करते हुए सीबीआई जांच की संस्तुति की।
उन्होंने कहा कि राज्य में बीते वर्षों के दौरान सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आयोजित की गई हैं। भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही उन्होंने रिक्त पदों को पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से भरने का अभियान शुरू किया, जिसके फलस्वरूप आज हजारों युवाओं को सरकारी सेवा में अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार आगे भी पूर्ण पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रिया को अभियान के रूप में जारी रखेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने नवनियुक्त कार्मिकों से कहा कि सरकारी सेवा को जनसेवा का माध्यम मानकर कार्य करें। उन्हें अपने कार्य में पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यों में सरलीकरण और गति लाना आवश्यक है, ताकि जनता को शीघ्र और सरल सेवाएं प्राप्त हों।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव एस.एन. पांडे, अपर सचिव श्रीमती रंजना राजगुरु, राजस्व परिषद के अधिकारीगण तथा नव-नियुक्त सहायक समीक्षा अधिकारी एवं समीक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।
रेल मंत्रालय ने दी मंजूरी
देहरादून। उत्तराखंड के रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। रेल मंत्रालय, भारत सरकार ने देहरादून–टनकपुर एक्सप्रेस (15019/15020) की सेवा को साप्ताहिक से बढ़ाकर त्रि-साप्ताहिक (सप्ताह में तीन दिन) करने की मंजूरी दे दी है। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे बोर्ड का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश के यात्रियों के साथ-साथ व्यापार और पर्यटन को भी नई गति देगा।
मुख्यमंत्री के आग्रह पर बढ़ी ट्रेन की आवृत्ति
मुख्यमंत्री धामी ने 8 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात के दौरान इस विषय पर विस्तृत चर्चा की थी। मुख्यमंत्री के अनुरोध के बाद रेल मंत्रालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए देहरादून–टनकपुर रेल सेवा की आवृत्ति बढ़ाने का निर्णय लिया।
नई समय सारिणी
रेल मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार —
15019 देहरादून–टनकपुर एक्सप्रेस अब बुधवार, शुक्रवार और रविवार को चलेगी। (पहले केवल रविवार को चलती थी)
15020 टनकपुर–देहरादून एक्सप्रेस अब मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को चलेगी। (पहले केवल शनिवार को चलती थी)
रेल मंत्रालय के संयुक्त निदेशक (कोचिंग) विवेक कुमार सिन्हा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय यात्रियों की सुविधा और बढ़ती मांग को देखते हुए लिया गया है तथा इसे शीघ्र प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेशवासियों को बड़ी सुविधा
इस फैसले से कुमाऊँ और गढ़वाल के बीच यात्रा और अधिक सुगम होगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम जारी है, जिससे आने वाले समय में पर्वतीय और सीमांत क्षेत्रों तक रेल संपर्क सुनिश्चित होगा।
सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने दिए सभी जिलाधिकारियों और सीएमओ को 24×7 सतर्क रहने के निर्देश
देहरादून। दीपावली पर्व के अवसर पर उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को पूरी तरह सक्रिय और सतर्क बनाए रखने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के प्रशासन और चिकित्सा संस्थानों को अलर्ट मोड पर रखा है, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्वों की खुशियाँ तभी सार्थक हैं जब हर नागरिक सुरक्षित और स्वस्थ हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दीपावली के दौरान आग, सड़क दुर्घटनाओं या अन्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए चौबीसों घंटे स्वास्थ्य सेवाएँ तैयार रहें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सभी अस्पतालों, एम्बुलेंस सेवाओं और आपात चिकित्सा इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विभाग ने पर्याप्त चिकित्सा कर्मियों की तैनाती, आवश्यक दवाओं और उपकरणों के भंडारण, तथा ब्लड बैंक और बर्न यूनिट की पूर्ण कार्यशीलता सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि जनसुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और हर जिले में व्यवस्था की सतत समीक्षा की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागरिकों से अपील की कि दीपावली उत्साह से मनाएं, लेकिन सुरक्षा नियमों का पालन अवश्य करें।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को त्योहारों के दौरान 24×7 सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पर्वों के दौरान आग लगने, दुर्घटनाओं या अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों की संभावना को देखते हुए अस्पतालों, ट्रॉमा सेंटरों और नियंत्रण कक्षों को पूरी तरह क्रियाशील रखा गया है। जारी परिपत्र के अनुसार, 108 नेशनल एम्बुलेंस सेवा, जिला नियंत्रण कक्ष, और अस्पतालों के आपातकालीन वार्ड सतत निगरानी में रहेंगे। आपात सेवाओं के लिए पर्याप्त डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी तय की गई है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सभी जिलों में अग्निशमन, पुलिस, परिवहन और स्वास्थ्य विभागों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। उन्होंने बताया कि पर्वों के दौरान भीड़भाड़ वाले इलाकों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बाजारों में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स तैनात रहेंगी। जिलाधिकारियों को स्वास्थ्य संस्थानों की तैयारियों की समीक्षा और आवश्यक प्रशासनिक सहयोग सुनिश्चित करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि जनजागरूकता के माध्यम से नागरिकों को सुरक्षित पर्व मनाने का संदेश दिया जा रहा है। स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया और सामुदायिक नेटवर्क के माध्यम से लोगों से अपील की गई है कि आतिशबाज़ी सावधानी से करें, विद्युत उपकरणों का प्रयोग सोच-समझकर करें और किसी भी दुर्घटना की स्थिति में तुरंत 108 हेल्पलाइन पर संपर्क करें। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि सरकार जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि “सभी अधिकारी और कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि पर्वों की खुशी के बीच किसी भी नागरिक को चिकित्सा सुविधा पाने में कठिनाई न हो।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि विभाग का उद्देश्य केवल उपचार देना नहीं, बल्कि समय पर राहत और रोकथाम सुनिश्चित करना भी है। उन्होंने कहा कि दीपावली और इगास पर्व के दौरान विभाग पूरी तत्परता से कार्य करेगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध हो सके। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे पर्वों की खुशियाँ जिम्मेदारी के साथ मनाएँ, दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद के लिए संपर्क करें।