सीएम धामी ने सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का किया शुभारंभ, कई बड़ी घोषणाएं भी की..
उत्तराखंड: जिले के टनकपुर स्थित मां पूर्णा पर्वतों में विध्यमान मां पूर्णागिरी धाम में हर वर्ष लगने वाले मां पूर्णागिरी मेले के शनिवार को आगाज हो गया हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत पूजा अर्चना कर पूर्णागिरी मेले का शुभारंभ किया। सीएम ने हर वर्ष तीन माह तक सरकारी अवधि तक चलने वाले उत्तर भारत के सुविख्यात मां पूर्णागिरी मेले को आगे वर्ष भर तक संचालित किए जाने की बात कही। सीएम धामी व चंपावत विधायक ने पूर्णागिरी मेले का ठुलीगाड़ पहुंच विधिवत पूजा अर्चना कर व फीता काट शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम ने मां पूर्णागिरी धाम को लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बताया। साथ ही कुंभ मेले के बाद प्रदेश में सबसे अधिक दिनों तक चलने वाले मेले के रूप में मां पूर्णागिरी मेले की पहचान बताई।
बता दे कि इस वर्ष मां पूर्णागिरी मेला 15 मार्च से शुरू हो 15 जून तक 90 दिनों की अवधि तक चलेगा। उन्होंने कहा मेलार्थियों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े इसको मेला प्रशासन व जिला प्रशासन सुनश्चित करें। इसके साथ ही मां पूर्णागिरी मेले को सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों गोलज्यू, बाबा गोरखनाथ,मां बाराही, रणकोची माता, ब्यानधूरा बाबा श्यामलताल,रीठा साहिब मायावती आश्रम,प्रमुख स्थलों के आसानी से दर्शन हो सकेंगे। सीएम धामी ने मां पूर्णागिरी मेले को तीन माह की सरकारी अवधि में संचालित ना कर वर्ष भर संचालित किए जाने की बात कही। जिससे दूर दूर से आने वाले भक्त मां पूर्णागिरी के दर्शन को वर्ष भर चम्पावत जिले के टनकपुर पहुंच प्राप्त कर सकें।इसका प्रयास राज्य सरकार कर रही है।
उत्तराखंड के 1124 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं होंगी स्थापित, 84 पीएमश्री स्कूलों के लिए 68 करोड़..
उत्तराखंड: प्रदेश के 1124 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जाएगी। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला के अनुसार यह कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। अपर राज्य परियोजना निदेशक के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए 709 सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा चुकी है। इसके साथ ही 840 विद्यालयों में वर्चुअल और स्मार्ट क्लास हाइब्रिड मोड में संचालित की जा रही हैं। अपर राज्य परियोजना निदेशक के अनुसार स्मार्ट क्लास अधिगम दक्षता बढ़ाने का बेहतरीन जरिया है।
84 पीएमश्री विद्यालयों के लिए 68 करोड़ स्वीकृत..
प्रदेश में पीएमश्री योजना के तहत पहले चरण में 28 प्राथमिक, 11 हाईस्कूल एवं 102 इंटरमीडिएट विद्यालयों का चयन किया गया। जबकि दूसरे चरण में 6 प्राथमिक और 78 इंटरमीडिएट विद्यालयों का चयन किया गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि दूसरे चरण में चयनित 84 पीएम श्री विद्यालयों के लिए 68 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।
नरेश कुमार गौतम बने उत्तराखंड बसपा के अध्यक्ष, प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत..
उत्तराखंड: बसपा में फेर बदल करते हुए पार्टी नेतृत्व ने नरेश कुमार गौतम को उत्तराखंड का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। आज नरेश कुमार गोतम का प्रदेश कार्यालय शिवालिक नगर पर पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से स्वागत किया। मौके पर पहुंचे लक्सर विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि संगठन और जनता के साथ मिलकर आगामी चुनाव 2027 में पहले पार्टी का परचम पूरे उत्तराखंड में लहराया जाएगा।
टिहरी झील विकास परियोजना में 95 करोड़ के कार्यों को मंजूरी, प्रवेश द्वार का होगा निर्माण..
उत्तराखंड: एशियन डेवलमेंट बैंक(एडीबी) की सहायता प्राप्त टिहरी झील विकास परियोजना के तहत 95 करोड़ के कार्यों को मंजूरी दी गई। इसमें सीवर लाइन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, ठोस कूड़ा प्रबंधन, प्रवेश द्वार व महादेव मंदिर का निर्माण किया जाएगा। सचिवालय में सोमवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में टिहरी झील विकास परियोजना के तहत होने वाले पर्यटन विकास संबंधित कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। नई टिहरी में 54.05 करोड़ रुपये की लागत से सीवर नेटवर्क के साथ 5 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे।
37.11 करोड़ रुपये की लागत से ठोस कूड़ा प्रबंधन व कचरा प्रबंधन सेंटर, 1.46 करोड़ की लागत से महादेव मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 2.33 करोड़ की लागत से प्रवेश द्वार निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया गया है।
बैठक में मुख्य सचिव ने टिहरी के मदन नेगी रोपवे के लिए ब्रिडकुल को नोडल एजेंसी नियुक्त करने की अनुमति दी। इसके साथ ही परियोजना कर्मचारियों के लिए टीए व डीए भत्ते, महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव का अनुमोदन दिया गया। मुख्य सचिव ने जल संस्थान के ग्रामीण जलापूर्ति के लिए सेंटेज चार्ज के प्रस्ताव को वित्त विभाग में भेजने के निर्देश दिए।
बाईपास पर सात स्थानों पर बनाए जाएंगे स्थायी बस स्टॉपेज, परिवहन निगम ने शुरू की तैयारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को देखते हुए परिवहन निगम ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। परिवहन निगम की ओर से श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए कोर कॉलेज से लेकर नारसन बॉर्डर तक अस्थायी बस स्टॉपेज बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए कुछ संभावित स्थान भी चिह्नित किए गए हैं।चारधाम यात्रा को लेकर पुलिस, प्रशासन, परिवहन विभाग समेत अन्य विभागों ने तैयारी शुरू कर दी है। इसे लेकर परिवहन निगम ने बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी हो इसे लेकर बस स्टॉपेज बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। रुड़की बस डिपो के एजीएम केके मल्होत्रा ने बताया कि चारधाम यात्रा की तैयारी शुरू कर दी गई है। चारधाम यात्रा के दौरान बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं।
अधिकतर यात्री बाईपास से होकर आते-जाते हैं। कई बार इन्हें बाईपास पर स्टॉपेज नहीं होने पर बस नहीं मिल पाती है। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कोर कॉलेज से नारसन बॉर्डर तक सात अस्थायी बस स्टॉपेज बनाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि कोर कॉलेज, टोडा कल्याणपुर के पास, नगला इमरती बाईपास, अब्दुल कलाम चौक, मंगलौर गुड़मंडी और नारसन के पास अस्थाई बस स्टॉपेज बनाने की तैयारी है। अन्य संभावित स्थान भी चिह्नित किए गए हैं।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य में बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। देहरादून के विकासनगर और सहसपुर में प्रशासन ने बुधवार को 12 और मदरसों को सील कर दिया। इससे पहले 19 मदरसों पर कार्रवाई की जा चुकी थी, जिससे अब तक कुल 31 अपंजीकृत मदरसों को बंद किया जा चुका है। प्रशासन ने साफ किया है कि बिना पंजीकरण के संचालित किसी भी शैक्षणिक संस्थान को अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्य बिंदु:
. अब तक 31 अपंजीकृत मदरसों पर कार्रवाई
. शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता
. स्थानीय विरोध के बावजूद कार्रवाई जारी
. मुख्यमंत्री ने कहा – बच्चों के भविष्य के साथ समझौता नहीं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जरूरी है। प्रशासन ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों का सत्यापन किया जा रहा है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून से नैनीताल, बागेश्वर, मसूरी और हल्द्वानी से बागेश्वर के लिए चार नई हेली सेवाओं का शुभारंभ किया। इन सेवाओं से राज्य में हवाई संपर्क बेहतर होगा और पर्यटन व आर्थिक विकास को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना के तहत शुरू हुई इन सेवाओं से स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में सड़क मार्ग से देहरादून से इन स्थानों तक पहुंचने में 8-10 घंटे लगते हैं, लेकिन हेली सेवा से यह यात्रा केवल 1 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
मुख्य हेली सेवा रूट और किराया:
1. देहरादून – नैनीताल
. किराया: ₹4500 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 8:15 बजे और दोपहर 2:25 बजे
2. देहरादून – बागेश्वर
. किराया: ₹4000 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 10:20 बजे और दोपहर 12:30 बजे
3. हल्द्वानी – बागेश्वर
. किराया: ₹3500 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 8:30 बजे और दोपहर 2:45 बजे
4. देहरादून – मसूरी
. किराया: ₹2578 प्रति यात्री
. उड़ान समय: दिन में एक बार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए 18 हेलीपोर्ट्स पर काम किया जा रहा है, जिनमें से 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। हेली सेवाओं से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आपातकालीन स्थितियों में भी लोगों को मदद मिलेगी।
उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्रमुख स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में नए वेडिंग डेस्टिनेशन की पहचान करने और उनके विकास के लिए पर्यटन विभाग को जल्द से जल्द गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही त्रियुगीनारायण जैसे लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन को बेहतर सड़क संपर्क और हेलीपैड की सुविधा से जोड़ने के आदेश भी दिए गए हैं।
डेस्टिनेशन वेडिंग को मिलेगी नई दिशा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसे वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए उपयुक्त बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को इस दिशा में तेजी से कार्य करने और अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
त्रियुगीनारायण बनेगा वेडिंग हब
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से त्रियुगीनारायण को वेडिंग हब के रूप में विकसित करने की बात कही। यहां बेहतर सड़क संपर्क और हेलीपैड निर्माण की योजना बनाई जा रही है ताकि देश-विदेश से आने वाले मेहमानों को आसानी से यहां पहुंचने की सुविधा मिले। त्रियुगीनारायण को पहले से ही एक प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में जाना जाता है। अब इसे एक प्रमुख डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में स्थापित करने की तैयारी है।
नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान
मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को राज्य के विभिन्न हिस्सों में नए वेडिंग डेस्टिनेशन की पहचान करने और उनके विकास की योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इन स्थानों को सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि यहां शादी समारोहों के आयोजन के लिए उपयुक्त माहौल तैयार हो सके।
डेस्टिनेशन वेडिंग से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इससे पर्यटन, होटल व्यवसाय, कैटरिंग और परिवहन जैसे क्षेत्रों को सीधा लाभ होगा। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिक सुविधाओं का संयोजन इसे देश-विदेश के जोड़ों के लिए एक आदर्श वेडिंग डेस्टिनेशन बनाएगा।
धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन जल्द
चारधाम यात्रा और अन्य धार्मिक आयोजनों के बेहतर प्रबंधन के लिए उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक औपचारिकताएं जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। यह परिषद पर्यटन विभाग के अंतर्गत काम करेगी और इसके प्रारूप को अंतिम रूप देने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंदबद्र्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय और गढ़वाल आईजी राजीव स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में विकसित करने की यह पहल न केवल राज्य के पर्यटन को नई दिशा देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी।
देहरादून एयरपोर्ट पर उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए एयर स्पेस का विस्तार किया जाएगा। वर्तमान में एयरपोर्ट के पास पांच नॉटिकल मील (करीब 9.26 किमी) लंबा और 7500 फीट ऊंचा एयर स्पेस है, जिसमें प्रति घंटे केवल सात विमानों की लैंडिंग संभव है। एयर स्पेस बढ़ने पर प्रति घंटे 12 विमानों की लैंडिंग की सुविधा मिल सकेगी। इस मुद्दे को हाल ही में सलाहकार समिति की बैठक में उठाया गया, जहां एयरपोर्ट निदेशक ने इस पर विस्तार से चर्चा की। अब समिति इस प्रस्ताव को भारत सरकार के समक्ष पेश करेगी।
एयर स्पेस बढ़ने से मिलेगी सुविधा
देहरादून एयरपोर्ट का एयर स्पेस वायु सेना द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यदि वायु सेना से अधिक एयर स्पेस की अनुमति मिलती है, तो एयरपोर्ट की रनवे क्षमता में वृद्धि होगी। इससे अधिक विमानों की लैंडिंग और उड़ानें संभव होंगी, जिससे हवाई यातायात प्रबंधन भी सुगम होगा। नए टर्मिनल के बनने के बाद एयरपोर्ट की कुल जगह बढ़कर 42,776 वर्ग मीटर हो गई है और इसकी वार्षिक क्षमता 50 लाख यात्रियों तक पहुंच गई है। लेकिन सीमित एयर स्पेस के कारण प्रति घंटे अधिक विमानों की लैंडिंग में दिक्कत हो रही है।
एयर स्पेस का महत्व
एयर स्पेस वह क्षेत्र होता है, जहां एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) विमानों की आवाजाही को नियंत्रित करता है। छोटे एयर स्पेस में सीमित संख्या में विमानों को नियंत्रित किया जा सकता है, जबकि बड़े एयर स्पेस में अधिक विमानों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सकता है। सीमित एयर स्पेस होने के कारण विमानों को लैंडिंग के लिए इंतजार करना पड़ता है और कई बार उन्हें आसमान में चक्कर लगाने पड़ते हैं।
तीन प्रमुख समस्याएं
देहरादून एयरपोर्ट को फिलहाल तीन प्रमुख समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:
1. एयर स्पेस की कमी – सीमित एयर स्पेस के कारण अधिक विमानों की लैंडिंग में समस्या हो रही है।
2. रनवे विस्तार के लिए भूमि की आवश्यकता – एयरपोर्ट को रनवे विस्तार और अन्य सुविधाओं के लिए 140.5 एकड़ भूमि की जरूरत है।
3.वन्य जीवों की गतिविधि – एयरपोर्ट के आसपास वन्य जीवों की आवाजाही से उड़ानों के संचालन में बाधा आ रही है।
उड़ानों की संख्या में होगा इजाफा
वर्तमान में देहरादून एयरपोर्ट पर सुबह 7:30 बजे से शाम 7:15 बजे तक प्रतिदिन 18 से 20 फ्लाइट्स का संचालन हो रहा है। एयर स्पेस बढ़ने के बाद यह संख्या बढ़कर प्रति घंटे 12 उड़ानों तक हो सकती है। इससे देहरादून एयरपोर्ट पर हवाई यातायात प्रबंधन बेहतर होगा और यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
सरकार से मंजूरी का इंतजार
एयर स्पेस विस्तार का प्रस्ताव अब भारत सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद देहरादून एयरपोर्ट पर प्रति घंटे अधिक विमानों की लैंडिंग संभव होगी, जिससे यात्रियों को कम प्रतीक्षा समय और अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में फिर से मौसम बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है, जबकि मैदानी जिलों में चटक धूप खिलने से तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिले के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि, अन्य जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा। आगामी दिनों में, 13 से 15 मार्च के बीच 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ होगा सक्रिय
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के फिर से सक्रिय होने की संभावना है। इसका प्रभाव मुख्य रूप से पर्वतीय इलाकों में दिखाई देगा, जहां बर्फबारी और बारिश के आसार हैं। हालांकि, मैदानी इलाकों में इस बदलाव का ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा।
तापमान में बदलाव की उम्मीद
मैदानी इलाकों में दिनभर धूप खिलने से तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी संभव है।
पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड बरकरार रहने की संभावना है, खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में जहां बर्फबारी हो सकती है।
रात के तापमान में गिरावट से ठिठुरन बनी रह सकती है।
यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खासतौर पर चारधाम यात्रा मार्ग और ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों पर जाने वाले लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत होगी। उत्तराखंड में फिर से मौसम करवट बदल सकता है। जहां पर्वतीय इलाकों में बरसात और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है, वहीं मैदानी इलाकों में गर्म मौसम का असर दिखाई देगा। इस दौरान, यात्रा करने वालों और स्थानीय निवासियों को मौसम के बदलाव को ध्यान में रखते हुए योजना बनानी चाहिए।