रुद्रपुर के सिडकुल में सीईपीटी प्लांट की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत..
उत्तराखंड: रुद्रपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं। यहां सिडकुल के सीईपीटी प्लांट में मोटर खराब हो गई थी। तीन लोग मोटर ठीक करने गए थे, लेकिन वो सीईपीटी प्लांट के टैंक की खतरनाक गैस के असर के चलते मौत के मुंह में समा गए। सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ और दमकल कर्मियों की टीम ने किसी तरह शवों को बाहर निकाला।
घटना सिडकुल के सेक्टर सात की है, जहां सीईपीटी प्लांट है। इसमें उद्योगों के गंदे पानी का ट्रीटमेंट किया जाता है। इसका संचालन रेमकी कंपनी करती है। क्षेत्र में जलभराव होने की वजह से प्लांट की मोटर फुंक गई थी। जिसे कंपनी के कर्मचारी ठीक करने की कोशिश कर रहे थे।
सोमवार की शाम कंपनी का हेल्पर हरिपाल निवासी बरेली टैंक में सफाई करते हुए गिर गया था। इसके बाद उसे बचाने के लिए प्लांट हेड रमन निवासी रुद्रपुर और मार्केटिंग कर्मचारी अवधेश टैंक में उतरे थे। इस दौरान तीनों अमोनिया गैस की चपेट में आ गए और बाहर नहीं आ सके। जहरीली गैस की चपेट में आने और दम घुटने से तीनों की मौत हो गई।
हादसा होते ही कंपनी प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने पुलिस और एसडीआरएफ को सूचना दी। एसडीआरएफ और दमकल कर्मियों की टीम ने किसी तरह कड़ी मशक्कत कर शवों को टैंक से बाहर निकाला। कंपनी के सीओ आशीष भारद्वाज का कहना हैं कि तीनों लोग टैंक के अंदर गैस की चपेट में आए, जिससे दम घुटने के कारण उनकी मौत हो गई।
उत्तराखंड के गंगाजल से होगी देश के इन बारह ज्योतिर्लिंगों में पूजा..
देहरादून: उत्तराखंड से गंगाजल मिट्टी के बर्तनों में पैक कर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ ही अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भेजा जाएगा। प्रादेशिक को-ऑपरेटिव यूनियन (पीसीयू) ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। देहरादून में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आगामी 30 अक्तूबर को ‘गंगाजल’ कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। पीसीयू के चेयरमैन राम मेहरोत्रा का कहना हैं कि फिलहाल गंगाजल की करीब दो लाख पैकिंग तैयार की गई है।
ऑर्डर मिलने पर फिर से गंगाजल की पैकिंग कराई जाएगी। मेहरोत्रा ने कहा कि वर्तमान में 300 मिलीलीटर गंगाजल की पैकिंग तैयार की गई है। इसका मूल्य 150 रुपये रखा गया है। भविष्य में जिस हिसाब से मांग मिलेगी, उसी हिसाब से पैकिंग की जाएगी। गंगाजल से होने वाली आय सहकारिता के क्षेत्र में खर्च की जाएगी।
ये हैं 12 ज्योतिर्लिंग
1- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात
2- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश
3- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, एमपी
4- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, एमपी
5- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड
6- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
7- विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश
8- त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
9- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड
10 – नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात
11- रामेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु
12- घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
अब खोजे जाएंगे चारधाम के पुराने पैदल मार्ग, दल हुआ रवाना..
उत्तराखंड: पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रेक द हिमालय के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक आंदोलन शुरू किया। इसके तहत विशेषज्ञों के 25 सदस्यों का दल चारधाम ट्रेक पर पुराने मार्गों को खोजने को 1200 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेंगे। दल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। अभियान के तहत 25 सदस्यों की विशिष्ट टीम 50 दिनों से अधिक दिन तक पुराने चार धाम और शीतकालीन चार धाम मार्ग को खोजने का काम करेगी।
सीएम ने 25 सदस्यों के दल को हरी झंडी दिखा कर किया रवाना..
सीएम ने ट्रेकर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा, यह गर्व का क्षण है कि हमारे पास उत्तराखंड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने को एक युवा बल है। यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इससे हमारी चार धाम यात्रा को भी बढ़ावा मिलेगा और उत्तराखंड को एक नई पहचान मिलेगी।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा, 25 सदस्यों की विशेष टीम एक सुरक्षित यात्रा को सभी आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित है। चारधाम यात्रा को सदियों पुराने मार्ग का पता लगाने की यह खोज हमें विभिन्न स्थानों के लिए और अधिक मार्ग विकसित करने के तरीकों को फिर से खोजने में मदद करेगी। इस खास अभियान से उत्तराखंड में साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। टीम यात्रा का दस्तावेजीकरण भी करेगी। इससे हमें निकट भविष्य में नई सरकारी नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
अपर पर्यटन सचिव श्री युगल किशोर पंत ने कहा, “इस विशेष अभियान का उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता फैलाने, होमस्टे, स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और मूल रोजगार को बढ़ावा देने के साथ मूल्यवान इतिहास, परंपराओं और समृद्ध संस्कृति को मजबूत करना है। इस अभियान के जरिए हम एक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी संग्रह कर सकेंगे। इसके साथ ही प्राचीन मार्ग को फिर से खोजने के साथ टीम स्थानीय लोगों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना की भी जानकारी देगी।
परियोजना प्रबंधक संस्थापक टीटीएच राकेश पंत ने कहा, “यात्रा को पांच चरणों में विभाजित किया गया है। स्टेज एक में ऋषिकेश से यमुनोत्री, स्टेज 2- यमनोत्री से गंगोत्री, स्टेज 3 – गंगोत्री से केदारनाथ, स्टेज 4- केदारनाथ से बद्रीनाथ और स्टेज 5 में टीम को बद्रीनाथ से ऋषिकेश वापस लाया जाएगा। यात्रा के दौरान, टीम यात्रियों के लिए इस खोज को और अधिक आरामदायक बनाने को मुफ्त राशन और धर्मशाला प्रदान करने की एक संरचित प्रणाली के रूप में पुरानी यात्रा में उपयोग की जाने वाली विभिन्न छत्तियों (बाबा काली कमली समूह द्वारा स्थापित) का भी फिर से पता लगाएगी। यह ट्रेल जापान और अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेल भी होगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सहासिक पर्यटन) कर्नल अश्विनी पुंडीर, निदेशक इंफ्रास्ट्रक्चर कर्नल दीपक खंडूरी, अपर निदेशक यूटीडीबी पूनम चंद, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, उप निदेशक योगेंद्र गंगवार, साहसिक (भूमि विशेषज्ञ) रणवीर सिंह नेगी, परियोजना प्रबंधक चार धाम ट्रेल, संदीप रावत उपस्थित रहे।
केदारघाटी में उड़ान भरते हुए नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हेलीकॉप्टर..
उत्तराखंड: केदारनाथ यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन करने वाली हेली कंपनियां भारतीय वन्य जीव संस्थान के मानकों और एनजीटी के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। केदारघाटी से धाम के लिए हेलीकॉप्टर निर्धारित 600 मीटर की ऊंचाई पर नहीं उड़ रहे हैं। साथ ही हेली कंपनियां प्रतिदिन का शटल, साउंड व ऊंचाई का रिकाॅर्ड केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग को नहीं भेज रही हैं। इस संबंध में प्रभागीय स्तर से हेली कंपनियों को पत्र भेजकर जवाब मांगा गया है।
आपको बता दे कि इस वर्ष छह कंपनियों के हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी, शेरसी व बडासू हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे हैं। लेकिन ये हेलीकॉप्टर नदी तल से 150 से 250 मीटर की ऊंचाई पर ही उड़ रहे हैं। हेलीकॉप्टरों की उड़ान की यह ऊंचाई केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के भीमबली में स्थापित मॉनीटरिंग स्टेशन में रिकाॅर्ड हो रही है।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर का कहना है हेलीकॉप्टर की तेज आवाज से अति संवेदनशील क्षेत्र में प्रवास करने वाले दुर्लभ वन्य जीवों, वनस्पतियों को नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही लोगों को भी परेशानी हो रही है। वर्ष 2013-2014 में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने यात्राकाल में केदारघाटी के गुप्तकाशी, फाटा, बडासू, शेरसी, सोनप्रयाग, गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ हेलीपैड तक हेलीकॉप्टर की ध्वनि व ऊंचाई का अध्ययन किया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार केदारनाथ हेलीपैड पर हेलीकाप्टर की न्यूनतम ध्वनि 92 डेसीबल व अधिकतम 108 डेसीबल मापी गई थी। जिसमें कहा गया था कि हेलीकॉप्टर सेंचुरी एरिया में उड़ान भरते हुए नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों को संबोधित मन की बात को सुना। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानंद एवं मेयर सुनील उनियाल गामा भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में उत्तराखंड में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण की प्रथम डोज लगाने पर उत्तराखंड सरकार की सराहना की। मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री ने बागेश्वर जनपद की हेल्थ वर्कर पूनम नौटियाल से बात की। पूनम नौटियाल ने कहा कि हमने अपने क्षेत्र में लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। एक दिन में पर्वतीय क्षेत्रों में 8 से 10 किमी की दूरी तय कर कोविड टीकाकरण किया। बुजुर्गों, दिव्यांगों एवं धात्री महिलाओं का उनके घरों पर जाकर टीकाकरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पूनम के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कि उन्होंने आउट ऑफ द वे जाकर लोगों का टीकाकरण किया।
मन की बात कार्यक्रम को सुनने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात हम सभी को देशहित और समाज हित में सोचने और काम करने के लिए प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री जी ने एक अभिभावक की तरह मार्गदर्शन किया। उनका सक्षम नेतृत्व ही था कि ‘सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन’ अभियान से देश, 100 करोङ वैक्सीनैशन डोज का पङाव पार कर चुका है। आज देश एक नये उत्साह और ऊर्जा से आगे बढ रहा ही। आज भारत ने कोविड वैक्सीनैशन में दुनिया को राह दिखाई है। निस्संदेह इसमें हमारे हेल्थ वर्कर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा कि कोविड वारियर्स की दिन रात की मेहनत से ही हम कोविड से बाहर निकल रहे हैं। परंतु हमें अभी भी सावधानी रखनी है। हम उत्तराखण्डवासियों के लिए सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री जी ने राज्य की हेल्थ वर्कर पूनम नौटियाल से बात की। उत्तराखण्ड के हेल्थ वर्कर्स का जज्बा ही है कि दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखण्ड में 100 प्रतिशत पहली डोज का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। हम जल्द ही शतप्रतिशत सेकेंड डोज का लक्ष्य भी हासिल करेंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि प्रधानमंत्री मोदी ने वोकल फॉर लोकल का जो मंत्र दिया है, हम सबको मिलकर इसे साकार करना है। त्योहारों का सीजन चल रह है, इस दौरान हमें स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा देना है। वोकल फॉर लोकल का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों की आमदनी को बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के लिए हम सभी को अपनी दिनचर्या का अंग मानकर प्रयास करने होंगे। अपने घरों के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी स्वच्छता पर ध्यान देना होगा। आइये, हम संकल्प लें कि स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढाते हुए हम सब मिलकर अपने देश को पूरी तरह स्वच्छ बनाएंगे और स्वच्छ रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से बात करने वाली बागेश्वर जनपद की श्रीमती पूनम नौटियाल से फोन से वार्ता कर उनके सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी।
उत्तराखंड में वन विभाग भर्ती में आया बड़ा अपडेट..
उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन आरक्षी के 894 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी हैं। UKSSSC की इस भर्ती में अभ्यर्थी अब 25 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले आवेदन की लास्ट डेट 16 अक्टूबर थी ऐसे में जो अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए हैं, उनके पास आवेदन करने का एक और मौका है।
ऑनलाइन आवेदन करने से छूट गए अभ्यर्थी इस मौके का फायदा उठाकर वन आरक्षी के 894 पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही आपको बता दें की वन आरक्षी के इन पदों पर सीधी भर्ती की विज्ञप्ति उत्तराखंड शासन के शुल्क माफी के शासनादेश से पहले जारी हो गई थी। सभी अभ्यर्थियों को आवेदन की विस्तारित अवधि में शुल्क अदा करना होगा।
साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी के अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क में राहत दी जाएगी। आपको बता दें की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसी वर्ष दिसंबर में लिखित परीक्षा और शारीरिक परीक्षा प्रस्तावित की है। हालांकि दिसंबर में परीक्षा कब होगी इसकी तिथि अभी तक तय नहीं हो पाई है। ऐसे में, जिन इच्छुक और पात्र उम्मीदवारों ने अबतक आवेदन नहीं किया है, उन्हें जल्द अप्लाई कर देना चाहिए।
चमोली और पौड़ी के दौरे पर पहुंचे सीएम धामी, कुमाऊं में जायजा लेंगे भाजपा अध्यक्ष कौशिक..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शुक्रवार को पौड़ी और चमोली जिले में आपदाग्रस्त इलाकों के दौरे पर पहुंचे हैं। सीएम पहले चमोली के डुंग्री गांव पहुंचे और आपदा पीड़ितों को सांत्वना दी। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि18 अक्तूबर को गांव के दो लोग भारी बारिश के दौरान पानी लाइन ठीक करने गए थे। लेकिन तब से वे लापता हैं। सीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को पत्र लिखकर अपेक्षा की है कि वह इस प्राकृतिक आपदा में अपने जिलों में राहत कार्यों का निरीक्षण करें। तत्काल आपदा प्रभावितों को राहत दिलाएं। मुख्यमंत्री धामी ने आह्वान किया है कि सभी प्रभारी मंत्री अपने जिलों का भ्रमण करते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण, बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा, राहत सामग्री, धनराशि का वितरण एवं प्रभावित परिवारों की कुशलक्षेम और क्षतिग्रस्त कार्यों का पुनर्निर्माण की कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज चमोली जिले के डुंग्री गांव पहुंच कर आपदा में लापता लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया है। pic.twitter.com/Cb9Ro7B0oc
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) October 22, 2021
उनका कहना हैं कि जिले के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाए ताकि आपदा से प्रभावित जनमानस को यथासमय आसानी से राहत प्राप्त हो सके। क्षतिग्रस्त कार्यों को समय से पूर्ण कराया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान समय में राज्य के लगभग समस्त जिले अतिवृष्टि के कारण आपदा से प्रभावित हुए हैं। इस आपदा से जिलों में भूस्खलन, बाढ़ आदि के कारण अत्यधिक नुकसान एवं जनहानि भी हुई है। आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सरकार निरन्तर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने सभी से व्यक्तिगत ध्यान देने और आवश्यक सहयोग की भी अपेक्षा की।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कौशिक का दो दिवसीय दौरा आज से..
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक शुक्रवार से नैनीताल जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए दो दिवसीय दौरा करेंगे। वह शुक्रवार को दोपहर दो बजे बिंदुखत्ता और सूर्याजाला के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाएंगे। साढ़े तीन बजे हल्द्वानी में आपदा कंट्रोल रूम का शुभारंभ करेंगे। रात में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे।
इसके बाद शनिवार को वह रामनगर में आपदा प्रभावितों से मिलेंगे। जिसके बाद आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेंगे। कौशिक के इस दौरे में प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान और सोशल मीडिया संयोजक शेखर वर्मा भी साथ रहेंगे।
उत्तराखंड आपदा में मरने वालों की संख्या पहुंची 69 के पार..
उत्तराखंड: प्रदेश में हो रही बारिश से कुदरती आपदा में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को गढ़वाल में पांच और कुमाऊं में छह शव बरामद किए गए थे। जिससे प्रदेश में मृतकों की संख्या 69 पहुंच गई।
सरकारी आंकड़ों में मृतकों की संख्या 64 बताई जा रही है। छितकुल में ट्रैकर में मरे गए लोग इसमें शामिल नहीं हैं। वही प्रशासन का कहना है कि उनके शव अभी तक निकाले नहीं गए हैं। 27 ट्रैकर अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों की लताश जारी है। वहीं, कई जगहों पर फंसे पर्यटकों को भी निकालाने का काम जारी है।
कुमाऊं में 120 सड़कें बंद..
प्रदेश में बारिश के कहर ने सड़कों की हालत भी बिगाड़ दी है। कुमाऊं मंडल के पांच पर्वतीय जिलों में कुल 120 सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ में 75, चंपावत में 28, अल्मोड़ा में 12, नैनीताल में चार और बागेश्वर में एक मोटर मार्ग पर यातायात ठप पड़ा हुआ है। बंद सड़कों में पहाड़ की दोनों लाइफ लाइन भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (बारहमासी सड़क) शामिल हैं।
इसके साथ ही पहाड़ी जिलों में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत भी शुरू हो गई है। बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में पेट्रोल खत्म होने की सूचना चस्पा कर दी गई है। प्रशासन ने पेट्रोल पंपों को कब्जे में ले लिया है। इसी तरह कुकिंग गैस, दूध आदि की आपूर्ति न होने से भी इन वस्तुओं के लिए भी मारामारी हो रही है।
पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद से मुक्ति चाहते हैं हरीश रावत..
उत्तराखंड: पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से मुक्त करने की अपील की है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने यह बात कही है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि ‘मैं आज एक बड़ी उपापोह से उबर पाया हूं। एक तरफ जन्मभूमि (उत्तराखंड) के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्मभूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलतर होती जा रही हैं
क्योंकि ज्यों-ज्यों चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा। कल उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया, लेकिन आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था। मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर खड़ी हुई।
मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं, तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा। मैं पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। संतों, गुरुओं की भूमि, श्री नानक देव जी व गुरु गोबिंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावनात्मक लगाव है। मैंने निश्चय किया है कि लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने में उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं, इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाए।
आपको बता दें कि पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। हरीश रावत पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी हैं। इस कारण वह उत्तराखंड पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। वहीं हरीश रावत ने बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात की। उनका कहना हैं कि वह राहुल गांधी से उत्तराखंड की बात करने गए थे। राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं और वर्तमान में प्राकृतिक आपदा ने उत्तराखंड में तबाही ला दी है।
इसी संबंध में वह राहुल गांधी से बात करने गए थे। वहीं हरीश रावत ने कहा वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलेंगे। हरीश रावत के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद राहुल गांधी से उनकी मुलाकात के कई मायने निकले जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है।
हर्षिल में ट्रेकिंग दल फंसा, बचाव के लिए वायु सेना का हेलीकॉप्टर रवाना..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी के हर्षिल में ट्रेकिंग दल के फंसे होने की सूचना है। इस दल में सात से आठ लोग बताए जा रहे हैं। दल को सुरक्षित निकालने के लिए पंतनगर से वायु सेना का हेलीकॉप्टर एसडीआरएफ के तीन जवानों को लेकर हर्षिल के लिए रवाना हो गया है।
वायु सेना के हेलीकॉप्टरों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी आरएफसी हरवीर सिंह का कहना हैं कि हर्षिल के पास ट्रेकिंग दल के फंसे होने की सूचना है। इसलिए हेलीकॉप्टर को हर्षिल के लिए भेजा गया है।
सोमवार और मंगलवार को आई आपदा में सबसे ज्यादा नैनीताल जिला प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ के हताहत होने की भी खबर है। सड़क बंद होने से कई जगह लोग फंस गए हैं। वहीं आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी करने वाले हैं।
बर्फबारी के चलते भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टर लापता
उत्तराखंड के उत्तरकाशी से लगी भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टरों के लापता होने की सूचना है। तीनों पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीम के साथ सीमा पर लंबी दूरी गश्त के लिए रवाना हुए थे। जो वापसी के दौरान रास्ता भटक गए। बर्फबारी होने से मंगलवार देर शाम तक भी इन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया।
जिसके बाद आईटीबीपी ने इन पोर्टरों को तलाशने के लिए वायु सेना और राज्य आपदा प्रबंधन से मदद मांगी है। बुधवार की सुबह 20-20 आईटीबीपी जवानों की टीम खोज-बचाव के लिए रवाना हुई है।
आपको बता दे कि सोमवार और मंगलवार को उत्तराखंड में आई आपदा में 46 लोगों की मौत हुई है। वहीं 12 लोग घायल हैं और 11 लोग लापता हैं। इस आपदा में नौ घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।