कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में हर बार नौसिखिया साबित हो रहे हैं और हंसी का पात्र बन जा रहे हैं। ठोस तथ्यों के अभाव और होम वर्क किये बगैर मोदी सरकार पर हमला करना अक्सर उनको भारी पड़ जाता है। सर्वाधिक चर्चित उदाहरण राफेल विमान सौदों का है। राफेल विमानों की खरीददारी को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाने में जमीन-आसमान एक कर दिया था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल सोते-जागते राफेल में घोटाले का आरोप लगाते रहे। मगर उनके सारे आरोप फुस्स साबित हुए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ही बुरी तरह से हार का सामना नहीं करना पड़ा, बल्कि खुद राहुल गांधी अपने परिवार की परम्परागत सीट अमेठी से चुनाव हार गए। सुप्रीम कोर्ट तक से राफेल मामले का निर्णय कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहा। वर्तमान में कृषि विधेयकों के विरोध ने कांग्रेस, राहुल व प्रियंका की किरकिरी करा दी है।
क्या हैं ये अध्यादेश
कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार द्वारा संसद में पेश किये गए कृषि सम्बन्धी तीन विधेयकों का जोरदार विरोध कर रही है। मोदी कैबिनेट ने इस वर्ष जून में ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020’, ‘किसानों (सशक्तिकरण और सरंक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं अध्यादेश, 2020’ तथा ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश,2020’ पारित किये थे। सरकार संसद के वर्तमान सत्र में इन अध्यादेशों को कानूनी रूप देने के लिए जुटी हुई है।
अब तक किसानों पर हैं ये प्रतिबन्ध
इन अध्यादेशों के कानून बन जाने के बाद किसानों को कई तरह की सहूलियतें मिलेंगीं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक किसान अपने उत्पादों को केवल सरकार द्वारा निर्धारित मंडियों में लाइसेंसधारी व्यापारियों को ही बेच सकते हैं। सरकार द्वारा निर्धारित मंडियों के अलावा कहीं और अपने उत्पादों को बेचना किसानों के लिए प्रतिबंधित है। इस कारण किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पता है। किसानों के बजाय बिचौलिये और दलाल ज्यादा फायदा उठाते हैं।
किसानों को ये मिलेंगी सहूलियत
केंद्र सरकार के इन अध्यादेशों के लागू होने के बाद किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक मुक्त बाजार मिलेगा। वो अपनी सहूलियत और मर्जी से कही भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे। बाजार में प्रतिस्पर्धा होने के कारण किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलेगा। अध्यादेशों में ऐसे ही तमाम अन्य प्राविधान हैं, जो किसानों की खुशहाली बढ़ाने में कारगर साबित होंगे और किसानों को उनकी मेहनत के अनुरूप उन्हें उनका हक मिलेगा।
राहुल, प्रियंका समेत पूरी कांग्रेस विरोध में
कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस इन अध्यादेशों को पूरी तरह से किसान विरोधी बता रही है और उसके छोटे से लेकर बड़ा नेता बयानबाजी करने में लगा हुआ है। कांग्रेस के इस अभियान में भाई राहुल के बाद शनिवार को बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हो गईं। प्रियंका ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया और मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया।
कांग्रेस ऐसे फंसी अपने जाल में
मोदी सरकार का विरोध करने से पहले राहुल, प्रियंका और कांग्रेस नेताओं ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जारी घोषणा पत्र पर ध्यान देने की जरुरत भी नहीं समझी। मोदी सरकार ने इन अध्यादेशों में जो प्राविधान किये हैं, उन्हें कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। कांग्रेस के इस विरोध को बेपर्दा करने में पार्टी से निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने जरा भी देर नहीं लगाई। झा ने ट्वीट कर कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में खुद इन प्राविधानों की हिमायत की थी।
सोशल मीडिया पर हो रही छीछालेदर
संजय झा के बयान के साथ कांग्रेस के लोकसभा घोषणा पत्र का वह पेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पार्टी ने ये प्राविधान करने की बात कही थी। इसके साथ ही पार्टी के यूट्यूब चैनल पर मौजूद एक वीडियो भी जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। यह वीडियो वर्ष 2013 का है। इसमें राहुल गांधी कांग्रेस शासित 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस में बैठे हुए हैं। कांफ्रेंस को राहुल के साथ कांग्रेस नेता अजय माकन सम्बोधित कर रहे हैं। माकन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक का हवाला देते हुए राहुल गांधी के सामने इन प्राविधानों को लागू किये जाने की जरुरत पर जोर देते हैं। सोशल मीडिया पर कांग्रेस, राहुल व प्रियंका की इस मामले को लेकर जमकर छीछालेदर हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित पार्टी के मुखपत्र ‘कमल सन्देश’ के विशेषांक ‘नए भारत के प्रणेता’ का विमोचन किया। इस मौके पर नड्डा ने आरोप लगाया कि कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे लोग बिचौलियों की भाषा बोल रहे हैं।
भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की हर योजनाओं में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति स्पष्टतः दिखाई देती है। चाहे वह हर गाँव, हर घर में बिजली पहुंचाने की योजना हो, आयुष्मान भारत योजना हो, स्टार्ट-अप व स्टैंड-अप योजना हो, कृषि सम्मान निधि हो, जन-धन योजना हो या फिर उज्ज्वला योजना।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को कृषि से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 लोक सभा में पारित हुए हैं। एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में अमेंडमेंट वाला विधेयक दो दिन पहले ही पारित हुआ है। कृषि से जुड़े ये तीनों विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। इन विधेयकों के लागू होने के बाद किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा और किसान सशक्त होंगे।
नड्डा ने जोर देते हुए कहा कि नए कृषि विधेयक में एमएसपी अर्थात न्यूनत समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद अर्थात एपीएमसी की व्यवस्था बनी रहेगी। विधेयक किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं। इसके तहत एक परिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का प्रावधान किया गया है, जिसमें किसान कानूनी बंधनों से आजाद होंगे। किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। इस विधेयक के अनुसार जरूरी नहीं कि किसान राज्य की सीमाओं में रहकर ही फसलों की बिक्री करें। साथ ही बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझ कर किसानों को गुमराह कर रहे हैं ताकि किसान लाभ न उठा सकें।
नड्डा ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में यह वादा किया था कि किसानों को एपीएमसी से बाहर निकाल कर लायेंगे और एसेंशियल कमोडिटी एक्ट को बदलेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग इन कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, वे वास्तव में किसान और उनके उत्पाद की बिक्री के बीच में मौजूद बिचौलियों की भाषा बोल रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी कहा है कि हमें दबाव की राजनीति में नहीं आना है और हमारी सरकार वह काम करती रहेगी जो देश के गाँव, गरीब और किसान के लिए जरूरी हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में हर क्षेत्र में आज बदली हुई तस्वीर दिख रही है। उन्होंने याद दिलाया कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करते समय भी इस योजना का जम कर विरोध किया गया था लेकिन आज वही आयुष्मान भारत योजना देश के गरीबों के लिए सबसे बड़ी वरदान साबित हो रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित विशेषांक के प्रकाशन के लिए लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास समिति एवं कमल संदेश की पूरी टीम को बधाई दी और इसे एक सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस (17 सितंबर) के अवसर पर 14 से 20 सितंबर तक ‘सेवा सप्ताह’ मना रही है। पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता देश भर में सेवा कार्य में लगे हुए हैं। सेवा सप्ताह के दौरान पार्टी कार्यकर्ता ब्लड डोनेशन, प्लाज्मा डोनेशन, दिव्यांगों को जरूरी उपकरणों का वितरण, वृक्षारोपण, गरीब बस्तियों में स्वच्छता कार्यक्रम, बच्चों में फलों और पुस्तकों का वितरण और अस्पतालों में फलों का वितरण जैसे सेवा कार्य कर रहे हैं।
कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन, ‘कमल संदेश’ के संपादक डॉ शिवशक्ति, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास के सचिव नंद किशोर गर्ग, न्यास के कोषाध्यक्ष गोपाल कृष्ण अग्रवाल और राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख डॉ संजय मयूख भी उपस्थित थे।
आयकर विभाग ने जम्मू-कश्मीर के एक होटल व्यवसायी इकबाल शेख के श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम स्थित होटलों के अलावा उसके लेह में निर्माणाधीन होटल में छापेमारी और जब्ती की बड़ी कार्रवाई की है। होटल व्यवसायी को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुख अब्दुल्ला का रिश्तेदार बताया जा रहा है। इसके अलावा आयकर विभाग ने श्रीनगर के एक ज्वेलर्स के यहाँ भी छापेमारी कर अघोषित संपत्ति के दस्तावेज बरामद किये हैं। सूत्रों के मुताबिक इस कार्रवाई में टेरर फंडिंग की दृष्टि से भी जांच की जा रही है।
गुरुवार को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि होटल व्यवसायी के यहाँ छापेमारी के दौरान विभाग को जालसाजी के साक्ष्य के तौर पर कई दस्तावेज़ एवं अन्य वस्तुएँ मिली हैं, जिसके आधार पर पिछले छः वित्तीय वर्षों में होटल एवं आवास निर्माण में अवैध निवेश समेत लगभग 25 करोड़ की सम्पत्तियों को ज़ब्त कर लिया है। होटल कारोबारी ने वर्ष 2014-15 से किसी भी तरह के कर का भुगतान नहीं किया है। सभी निवेश नकद या अज्ञात श्रोतों से किए गए हैं।
छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को व्यवसायी के यहाँ 25 करोड़ के असुरक्षित लोन से जुड़े कागजात मिलें हैं। व्यवसायी ने पिछले दो वर्षों में ऐसे लोगों से यह ऋण प्राप्त किए गए हैं, जिनके ऋण देने का औचित्य संदिग्ध है। विभाग के मुताबिक प्रथम दृष्ट्या यह सभी लोन अवैध प्रतीत होते हैं, क्योंकि यह ऐसे व्यक्तियों से लिए गए हैं जिनकी वित्तीय साख स्वयं संदिग्ध है।
छापेमारी में यह भी पता चला कि कारोबारी के बच्चे अमरीका में पढ़ रहे हैं, जिन पर प्रति वर्ष लगभग 25 लाख रूपये का खर्च आ रहा है। अमरीका में बच्चों की शिक्षा पर खर्च किए जा रहे इस पैसे के बारे में भी प्रथम दृष्ट्या कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। यह व्यवसायी अपनी माँ के साथ ट्रस्ट के रूप में एक बी-एड कॉलेज चला रहा है। यह ट्रस्ट पंजीकृत नहीं है और ट्रस्ट का रिटर्न भी नहीं भरा जा रहा है। जबकि इससे होने वाली आय व्यापक कर योग्य आय है। व्यवसायी ने आयकर अधिकारियों के सामने यह भी स्वीकार किया है कि उसने अपने आवासीय भवन की मरम्मत पर 40 लाख रूपये खर्च किए हैं। जांच के दौरान एक बैंक लॉकर का भी पता चला है, जिसे अघोषित रखा गया था।
आयकर विभाग ने एक अन्य मामले में श्रीनगर के एक जौहरी के यहाँ भी छापेमारी की है। जांच में पाया गया कि गहनों के कारोबारी ने अपने व्यापार के बही खाते का हिसाब नहीं रखा है, जिसके पिछले वर्षों में व्यवसाय का आंकलन 2 से 10 करोड़ के बीच लगाया गया है।
जांच के दौरान अधिकारियों को एक अघोषित बैंक खाते का भी पता चला है जिसमें जौहरी ने करोड़ों रुपये जमा किए हैं, लेकिन इससे जुड़े कर का भी भुगतान नहीं किया गया है। उसने वित्तीय वर्ष 2015-16 में श्रीनगर में अपनी एक अचल संपत्ति 1.90 करोड़ में बेची थी। लेकिन इससे जुड़े कैपिटल गेन कर का भी भुगतान नहीं किया था।
जांच के दौरान अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2019-20 में लीज़ पर दी गई दुकान की पगड़ी के रूप में लिए गए 16 लाख रुपए की रसीद भी प्राप्त हुई है। इस नकद लेन-देन की जानकारी छिपाई गयी थी। अधिकारियों को इस दौरान ज्वेलर्स की पत्नी द्वारा दिल्ली में बेचे गए एक फ्लैट के बारे में भी पता चला, जिसका लेनदेन भी छिपाया गया है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी की बेटी विदेश में रह कर पढ़ाई कर रही है। लेकिन उस पर आने वाले खर्च का ब्यौरा भी छिपाया गया है। विभाग के मुताबिक मामले में जांच जारी है।
केंद्र सरकार ने जूता व चमड़ा उद्योग के विकास के लिए जूता एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद (Development Council for Footwear and Leather Industry, DCFLI)का गठन किया है। एक्शन शूज के प्रबंध निदेशक राज कुमार गुप्ता को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाले उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की है।
24 सदस्यीय इस परिषद में गुप्ता के अलावा रिलेक्सो फुटवियर के प्रबंध निदेशक रमेश कुमार दुआ, लखानी अरमान ग्रुप के चेयरमैन किशन चंद लखानी, वीकेसी ग्रुप के वी.नौशाद, बाटा इंडिया के सीईओ संदीप कटारिया, टाटा इंटरनेशनल के लेदर प्रोडक्ट हेड वी.मुथुकु मारन, एयरो ग्रुप (वुडलैंड्स) के प्रबंध निदेशक हरकीरत सिंह समेत चमड़ा उद्योग से जुड़े विभिन्न संगठनों को शामिल किया गया है। इनका कार्यकाल 2 वर्ष का होगा।
मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद की स्थापना भारत में व्यापक श्रम आधारित फुटवियर एवं चमड़ा क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न उपाय करने के लिए की गई है। परिषद घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करेगी। साथ ही भविष्य की दृष्टि से भारत में उच्च गुणवत्ता वाले विश्वस्तरीय जूते व चमड़े के उत्पादों के विकास, डिजाइनिंग एवं विनिर्माण में काफी सक्रिय भूमिका निभाएगी।
संसद पहुंचा बॉलीवुड का बबाल, सपा सांसद जया बच्चन ने किए तीखे वार तो ‘बेबाक गर्ल’ कंगना का बड़ा पलटवार
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड में मचा बबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। बॉलीवुड से शुरू होकर राजनीतिक पार्टियों से होता हुआ ये बबाल संसद तक पहुँच गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद व पूर्व अभिनेत्री जया बच्चन बॉलीवुड को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों पर मंगलवार को राज्यसभा में आक्रामक तेवरों में दिखीं। उन्होंने सांसद व भोजपुरी कलाकार रवि किशन और अभिनेत्री कंगना रनौत का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसमें ही छेद करते हैं। जया बच्चन के आरोपों पर पलटवार करने में कंगना ने देर नहीं लगाई। अपनी बात को बेबाकी से रखने वाली कंगना ने ट्वीट कर पूछा कि मेरी जगह आपकी बेटी श्वेता या बेटा अभिषेक होता तो तब भी क्या आप यही बात कहती ?
मंगलवार को जया ने राज्यसभा में तीखे तेवरों के साथ कहा कि कहा कि बॉलीवुड को बदनाम करने की साजिश चल रही है। जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री से नाम कमाया, वे इसे गटर बता रहे हैं। मैं इस तरह की बातों से पूरी तरह से असहमत हूं। मुझे उम्मीद है कि सरकार ऐसे लोगों को इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं करने के लिए कहेगी। सिर्फ कुछ लोगों के कारण आप पूरी इंडस्ट्री की छवि को धूमिल नहीं कर सकते। सांसद रवि किशन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, मुझे शर्म आती है कि कल लोकसभा में हमारे एक सदस्य, जो फिल्म उद्योग से हैं, ने इसके खिलाफ बात की। इस दौरान जया ने यह भी कहा की कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। गलत बात है। जया ने कहा कि मनोरंजन इंडस्ट्री हर दिन 5 लाख लोगों को सीधे तौर पर रोजगार देती है। ऐसे वक्त में जब अर्थव्यवस्था बेहद बुरी हालत में है, लोगों का ध्यान हटाने के लिए बॉलिवुड के लोगों को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है।
दरअसल, कुछ दिन पूर्व कंगना ने एक ट्वीट में कहा था कि अगर नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो बॉलीवुड की जांच करता है तो पहलीं पंक्ति के कई सितारे सलाखों के पीछे होंगे। अगर ब्लड टेस्ट हुए तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आएंगे। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जी स्वच्छ भारत मिशन के तहत बॉलीवुड जैसे गटर को साफ करेंगे। जबकि भाजपा सांसद रवि किशन ने लोकसभा में ड्रग्स ट्रैफिकिंग का मसला उठाया था। उन्होंने कहा था कि इससे देश का युवा बर्बाद हो रहा है और बॉलीवुड में भी इसके बड़े कनेक्शन हैं। उन्होंने इसकी व्यापक जांच की मांग उठाई थी।
कंगना का पलटवार
जया बच्चन के राज्यसभा में भाषण देने के बाद कंगना ने पलटवार करने देर नहीं लगाई। कंगना ने ट्वीट कर पूछा जया जी आप तब भी यही बात कहतीं अगर मेरी जगह पर आपकी बेटी श्वेता को छोटी उम्र में पीटा गया होता, ड्रग्स दिए गए होते और छेड़छाड़ की गयी होती, क्या आप तब भी यही कहतीं अगर अभिषेक लगातार डराने- धमकाने और शोषण की बात करते और एक दिन फांसी से झूलते पाए जाते? थोड़ी दया हमसे भी दिखाइए।
रवि किशन ने भी व्यक्त की प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद रवि किशन ने भी जया बच्चन के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि मुझे उम्मीद थी कि मैंने जो जो कहा, जया जी उसका समर्थन करेंगी। उद्योग में हर कोई ड्रग्स का सेवन नहीं करता है, लेकिन कुछ लोग हैं वे दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म उद्योग को खत्म करने की योजना का हिस्सा हैं। जब जया जी और मैं फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े थे, तो स्थिति ऐसी नहीं थी, लेकिन अब हमें इसके सरंक्षण की आवश्यकता है।
हरिद्वार स्थित ब्रह्मऋषि दूधाधारी बर्फानी अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान ने उसके द्वारा विकसित होम्योपैथी दवा को कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर होने का दावा किया है। संस्थान ने होम्योपैथी पर आधारित इस शोध प्रस्ताव का सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया। केंद्रीय मंत्री ने शोध के दावों के मूल्यांकन और पुष्टिकरण के लिए इसे आयुष मंत्रालय को भेज दिया है।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि कोविड-19 से बचाव और इलाज को लेकर दुनिया भर में अनेक शोध एवं अध्ययन हो रहे हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारी से लड़ने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौर में भारत की सभी चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, योग व नेचुरोपैथी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि नरेन्द्र मोदी ने जब से प्रधानमंत्री के रूप में देश की सत्ता संभाली है, उनका प्रयास रहा है कि चिकित्सा प्रबंधन में स्वदेशी तंत्र को अधिक से अधिक महत्व दिया जाए। अपने इन प्रयासों के चलते वे चिकित्सा जगत में स्वदेशी को केंद्र में लाने में सफल रहे हैं। मोदी के प्रयासों का परिणाम है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने सर्वसम्मति से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास किया और आज वर्चुअल माध्यम से योग दुनिया के प्रत्येक घर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी व्यवस्था को महत्वपूर्ण मानते हुए ही चिकित्सा प्रबंधन के वैकल्पिक तंत्र को विकसित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने आयुष मंत्रालय का गठन किया है। इसका श्रेय भी प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार देर रात दिल्ली दंगे के दौरान साजिश के आरोप में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद को गिरफ्तार कर लिया है। उमर खालिद की गिरफ्तारी गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act, UAPA) के तहत की गई है।
इस वर्ष फरवरी माह में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोधियों और समर्थकों के बीच हिंसा के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 के करीब घायल हुए थे। स्पेशल सेल दिल्ली हिंसा की साजिश की जांच कर रही है। स्पेशल सेल पहले भी उमर खालिद से पूछताछ कर चुकी है। उमर खालिद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले भड़काऊ भाषण देने का भी आरोप है। आरोप है कि उमर खालिद ने ट्रम्प के भ्रमण के दौरान दंगे फैलाने के लिए उकसाने वाले भाषण दिए, ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने भारत की छवि ख़राब हो। उमर खालिद ने पहली बार तब सुर्खियां बटोरीं थीं, जब जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम हुआ।
उधर, उमर खालिद की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही ‘टुकड़े- टुकड़े’ गैंग सक्रिय हो गया और उन्होंने खालिद की गिरफ्तारी पर विरोध जताया है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव व अभिनेता प्रकाश राज ने ट्वीट कर गिरफ्तारी का विरोध किया है। JNU की छात्र नेता रहीं शेहला रशीद, इस्लामिक संस्था पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के महासचिव अनीष अहमद, हर्ष मंदर आदि तमाम लोगों ने उमर खालिद की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में शनिवार को 3 आईएएस अधिकारियों को नियुक्ति दी गई है। इनमें उत्तराखंड कैडर के मंगेश घिल्डियाल भी शामिल हैं।
मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रघुराज राजेंद्रन को प्रधानमंत्री कार्यालय में निदेशक के पद पर तैनात किया गया है।
आंध्र प्रदेश कैडर की आम्रपाली काता को पीएमओ में उप सचिव के रूप में नियुक्ति मिली है।
उत्तराखंड कैडर के मंगेश घिल्डियाल प्रधानमंत्री कार्यालय में अवर सचिव के रूप में कार्यभार संभालेंगे। मंगेश वर्तमान में टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।
देश में कोरोना प्रभावितों के मामले बढ़ने के साथ- साथ रोगियों के ठीक होने की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 96,551 नए मामले सामने आये, तो वहीं 70,880 रोगी ठीक हुए हैं। महाराष्ट्र में ही एक दिन में 14,000 से अधिक रोगी ठीक हुए हैं, जबकि आंध्र प्रदेश में एक दिन में 10,000 से अधिक रोगी ठीक हुए हैं। शुक्रवार तक कुल सक्रिय मामलों की संख्या 9,43,480 हो गई है, जबकि कुल संक्रमित लोगों की संख्या 45,62,414 तक पहुँच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार दोपहर को यह आंकड़े जारी किये हैं।
इससे ठीक हुए रोगियों की संख्या 35,42,663 हो गई है और रिकवरी दर 77.65 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 60 प्रतिशत ठीक हुए नए रोगी पांच राज्यों अर्थात महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश से हैं।
पिछले 24 घंटों में 96,551 नए मामले सामने आए हैं। इसमें से अकेले महाराष्ट्र से 23,000 से अधिक और आंध्र प्रदेश से 10,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। नए मामलों में लगभग 57 प्रतिशत मामले केवल पांच राज्यों से सामने आए हैं। ये वही राज्य हैं, जो नए ठीक हुए रोगियों के मामलों में भी 60 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं।
शुक्रवार तक देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 9,43,480 हो गई है। महाराष्ट्र का इस तालिका में पहला स्थान है, जहां 2,60,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसके बाद कर्नाटक में 1,00,000 से अधिक सक्रिय मामले सामने आए हैं।
कुल सक्रिय मामलों में से लगभग 74 प्रतिशत सबसे अधिक प्रभावित राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से सामने आए हैं। इन राज्यों का कुल सक्रिय मामलों में 48 प्रतिशत से अधिक योगदान है।
पिछले 24 घंटों में 1209 मौत दर्ज हुई हैं। महाराष्ट्र में 495 लोगों की जान गई है, जबकि कर्नाटक में 129 और उत्तर प्रदेश में 94 लोगों ने जान गंवाई है। इस प्रकार अब तक कुल 76,271 लोग कोरोना के शिकार बने हैं। शुक्रवार तक कुल संक्रमित लोगों की संख्या 45,62,414 तक पहुँच गई है। इनमें से ठीक होने अथवा अस्पताल से छुट्टी दी गई मरीजों की संख्या 35,42,663 है।
ऑक्सीजन की आवाजाही पर किसी प्रकार का प्रतिबंध न लगाने के निर्देश
इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि अस्पताल में भर्ती हर रोगी को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना प्रत्येक राज्य की जिम्मेदारी है। मंत्रालय के अनुसार उसकी जानकारी में आया है कि कुछ राज्य विभिन्न अधिनियमों के प्रावधानों का इस्तेमाल करके ऑक्सीजन की अंतरराज्यीय मुक्त आवाजाही को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, वे अपने राज्य में स्थित विनिर्माताओं अथवा आपूर्तिकर्ताओं को ऑक्सीजन की आपूर्ति केवल राज्यों के अस्पतालों के लिए ही करने के लिए भी मजबूर कर रहे हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोहराया है कि कोविड के गंभीर रोगियों के इलाज के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन का महत्वपूर्ण स्थान है। राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस बात पर जोर दिया है कि मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त और बाधारहित आपूर्ति कोविड-19 के मध्यम और गंभीर मामलों के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण जरूरत है। स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि राज्यों के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध लागू न किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अस्पताल में भर्ती हर रोगी को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना प्रत्येक राज्य की जिम्मेदारी है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा धारा-370 हटाए जाने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास में बाधक बने तमाम कानून भी खत्म हो गए और इस क्षेत्र के विकास की रफ्तार पर लगा “स्पीड ब्रेकर” ध्वस्त हो गया है। नकवी ने दावा किया कि केंद्र सरकार की विभिन्न आर्थिक, शैक्षणिक विकास योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ जम्मू-कश्मीर, लेह-कारगिल के लोगों को मिलना शुरू हो गया है।
लेह के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे नकवी ने लेह, साबू-थांग, शुकोट शमा, शुकोट गोंगमा, फ्यांग आदि का दौरा कर विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ स्थानीय सांसद जामियांग शेरिंग नामग्याल भी उपस्थित थे।
नकवी ने कहा कि 2019 में धारा-370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर और लेह-कारगिल में विकास की “राजनैतिक एवं कानूनी अड़चने” खत्म हुई है और विकास का चौमुखी समावेशी माहौल बना है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लेह-कारगिल में प्रशासनिक, भूमि, आरक्षण आदि सुधार हुए हैं। केंद्र सरकार के 890 कानून लागू हो गए हैं। राज्य के 164 कानून खत्म किये गए हैं। 138 कानूनों में सुधार किया गया है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार कर अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभ पहुँचाया गया है।
75 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगारपरक कौशल विकास की ट्रेनिंग मुहैया कराई गई है। 50 नए कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं। वर्तमान में जो कॉलेज हैं उनमे 1 वर्ष में 25 हजार नयी सीटें बढ़ाई गयी हैं। लाखों छात्र-छात्राओं को विभिन्न स्कॉलरशिप्स दी गई हैं। लद्दाख में 1 नए मेडिकल कॉलेज व 1 इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की जा रही है। लेह में नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना की जा रही है। हजारों रिक्त पड़ी सरकारी नौकरियों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 35 हजार से ज्यादा स्कूल टीचर्स को नियमित कर दिया गया है। 500 करोड़ रूपए से ज्यादा कंस्ट्रक्शन मजदूरों, पिट्ठूवाला, रेहड़ी वालों, महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों के लिए दिए गए हैं। जम्मू, कश्मीर, लद्दाख को “इन्वेस्टमेंट हब” बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट सम्मिट से 14 हजार करोड़ रूपए का निवेश आया है।
नकवी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के सभी निवासियों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया गया है। आयुष्मान भारत का लाभ 30 लाख से ज्यादा लोगों को दिया गया है। कोरोना काल में 17 विशेष अस्पताल, 60 हजार नए बेड की व्यवस्था की गई है। कोरोना के चलते देश-विदेश में फंसे जम्मू, कश्मीर, लद्दाख के 2 लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों को वापस उनके घर पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में बड़े पैमाने पर विकास कार्यों की रुपरेखा बनाई है।