अकाली दल से नहीं बनी बात, भाजपा ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान..
देश-विदेश: पंजाब की सभी 13 सीटों पर बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इसकी जानकारी एक्स पर दी। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थीं। मगर सुनील जाखड़ ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। एक्स पर जारी एक वीडियो में जाखड़ ने कहा कि भाजपा पंजाब में अकेली ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। सुनील जाखड़ का कहना हैं कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है। उन्होनें कहा कि लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के बाद भारतीय जनता पार्टी ने यह फैसला लिया है। जाखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने जो काम किए हैं, वे किसी से छिपे नहीं हैं। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी गई है।
सीएम केजरीवाल से इस्तीफे की मांग, दिल्ली में BJP कार्यकर्ताओं का जोरदार प्रदर्शन..
देश-विदेश: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा ने दिल्ली मे विरोध प्रदर्शन किया। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि वे शराब घोटाले से ध्यान भटकाना चाहते हैं, वे कहते रहते हैं कि उन्हें (जेल से) आदेश मिल रहे हैं। केजरीवाल ईडी की हिरासत में ड्रामा कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देना होगा..
उन्होंने कहा कि मैंने एलजी और ईडी निदेशक को लिखित शिकायत दी है कि उन्होंने जो झूठा पत्र पेश किया है, उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। जिस तरह से गैंगस्टर और जबरन वसूली करने वाले जेल से गिरोह संचालित करते हैं, वे सीएम कार्यालय को संचालित करना चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल जैसा भ्रष्ट व्यक्ति सीएम नहीं बन सकता। उन्हें इस्तीफा देना होगा।
हरिद्वार सीट पर बसपा ने जिसे बनाया था उम्मीदवार, उसी ने ज्वाइन की BJP..
उत्तराखंड: हरिद्वार में बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है। हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रत्याशी भावना पांडे ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कुछ समय पहले ही भावना पांडे ने बसपा ज्वाइन की थी। जिसके बाद उन्हें हरिद्वार सीट से मैदान में उतारा था। जानकारी के अनुसार भावना पांडे ने होली पर बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत से होली पर मुलाकात के बाद बसपा छोड़ने का फैसला लिया है। बता दें 22 मार्च को बसपा के प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में भावना ने बसपा ज्वाइन की थी।
वहीं सोमवार को भावना पांडे ने होली के मौके पर भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह आज भाजपा ज्वाइन कर सकती हैं। जिसके बाद वे त्रिवेंद्र सिंह रावत के समर्थन में उतरेंगी। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल ने जानकारी दी की जॉइनिंग के बाद से भावना पांडे पार्टी नेताओं के संपर्क में नहीं हैं और ना ही किसी का फोन उठा रही हैं। बसपा प्रदेश अध्यक्ष का कहना हैं कि उनके पास नेताओं की कमी नहीं है। जल्द ही नए प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी।
सूत्रों की मानें तो बसपा से एक मुस्लिम उम्मीदवार का नाम तय कर लिया गया है। जिसकी जल्द ही घोषणा की जाएगी। भावना पांडे के बसपा में शामिल होने के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वो मुस्लिम वोट बैंक में उतनी ज्यादा सेंध नहीं लगा पाएंगी। उल्टा भावना पांडे पार्वती वोट बैंक में सेंधमारी कर सकती हैं। जिसका नुकसान सीधे तौर पर भाजपा को होना था। लेकिन बसपा से इस्तीफा देने के बाद से समीकरण में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद है। बता दें बीते दिनों पहले बसपा के वरिष्ठ नेता हरिदास व उनके बेटे आदित्य बृजवाल ने बसपा छोड़ भाजपा का दामन थामा था।
शराब घोटाले में क्या है गड़बड़ी, कैसे शुरू हुई जांच और कितने लोग हुए गिरफ्तार..
देश-विदेश: एक तरफ देश लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ दिल्ली की सियासत में एक बड़ा उफान देखने को मिला है। इस बार ये गाज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के ऊपर गिरी है। शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। आजाद भारत में ऐसा कम ही हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री को इस तरह से गिरफ्तार किया गया हो। वहीं इससे पहले आप पार्टी को दो बड़े नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले ही जेल जा चुके हैं। और अब अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की जा रही है। जहां केजरीवाल की गिरफ्तारी को आप के कार्यकर्ता भाजपा की साजिश बता रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के भी कुछ नेताओं ने केजरीवाल को अपना समर्थन दिया है। देश भर में आप के कार्यकर्ता अपने मुखिया की गिरफ्तारी से नाराज है और जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। आइये जानते हैं कि शराब घोटाला क्या है।
क्या है दिल्ली की नई शराब नीति..
दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया था।
इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं।
इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं।
नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया।
इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं।
नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
इसी के साथ एक और परिवर्तन देखने को यह मिला कि नई नीति के बाद शराब की दुकान के लिए जो लाइसेंस लगता था, उसकी फीस कई गुना बढ़ गई थी। तकनीकी भाषा में उसे एल 1 लाइसेंस कहते हैं जिसके लिए कोई दुकानदार पहले 2 लाख रुपये देते थे, बाद में पांच करोड़ तक देने पड़ रहे थे। लेकिन फिर विवाद इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि नीति लागू होने के बाद राजस्व में भारी कमी के आरोप लगने लगे।
कैसे हुई मामले में जांच?
ये बात है साल 2022 की जब दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी थी। इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई,2022 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस पर सीबीआई ने सिसोदिया समेत 15 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
सीबीआई और ईडी का आरोप..
वहीं सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
वहीं मामले में जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी।
दिल्ली शराब घोटाले में कौन-कौन गिरफ्तार.
वहीं अब तक इस मामले में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनमें विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, पी सरथ चंद्रा, बिनोय बाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राघव मंगुटा, राजेश जोशी, अमन ढाल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह, के. कविता हैं । वहीं अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी से देशभऱ में प्रदर्शन..
केजरीवाल की गिरफ्तारी से देशभऱ में प्रदर्शन हो रहे हैं। उनके समर्थक खासा नाराज हैं। इस बीच दिल्ली के आईटीओ पर विरोध प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र पेश किया, जानिए क्या होता है श्वेत पत्र..
देश-विदेश: आज संसद में श्वेत पत्र पेश किया गया है। बता दें कि एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान कहा था कि मोदी सरकार यूपीए सरकार की नाकामियों पर श्वेत पत्र लेकर आएगी। इसी ऐलान के बाद आज संसद में श्वेत पत्र पेश कर दिया गया है। श्वेत पत्र एक सरकारी दस्तावेज होता है। इसके जरिए सरकार अपनी नीतियों और उपलब्धियों को हाई लाइट करने का प्रयास करेगी और उनका रिएक्शन जानने की कोशिश भी करेगी। श्वेत पत्र संभवत: फिस्कल पॉलिसी, मॉनेटरी पॉलिसी, ट्रेड पॉलिसी नीति और एक्सचेंज रेट पॉलिसी जैसे विभिन्न विषयों को कवर करते हुए पिछले कुछ सालों में भारत सरकार की ओवर ऑल इकोनॉमिक पॉलिसी का वर्णन मूल्यांकन और विश्लेषण करेगा।
श्वेत पत्र के जरिए यूपीए और एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए कार्यों की तुलना की जाएगी। साथ ही सरकार अपने कार्यकाल में उठाए गए सकारात्मक कदमों के बारे में भी बताएगी। श्वेत पत्र एक रिपोर्ट होती है, जिसके जरिए सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया जाता है। श्वेत पत्र में शामिल दस्तावेज कई रंगों में होते हैं। इन्हीं रंगों के हिसाब से दस्तावेजों का वितरण किया जाता है।
कौन जारी करता है श्वेत पत्र?
सरकार के अलावा कोई भी कंपनी, या संस्था श्वेत पत्र ला सकती है। आमतौर पर कंपनियां इसके जरिए अपनी स्थिति के बारे में बताती है। इससे कंपनी के ग्राहकों और उत्पादों के बारे में विस्तृत जानकारी भी मिलती है। रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1922 में ब्रिटेन में पहली बार श्वेत पत्र लाया गया था। अंतरिम बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया था कि साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली, तब भारतीय अर्थव्यवस्था क्राइसिस में थी। इस स्थिति के लिए उन्होनें मनमोहन सरकार के मिस मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया।
2045 में भारत की ऊर्जा जरूरतें दोगुनी होंगी- पीएम मोदी..
देश-विदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में इंडिया एनर्जी वीक 2024 का उद्घाटन कर दिया। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘दुनियाभर के विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ऊर्जा क्षेत्र देश के विकास में बेहद अहम है। भारत पहले से ही तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है। साथ ही तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता, तीसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता देश है। हम दुनिया में चौथा सबसे बड़ा एलपीजी आयात करते हैं। चौथा सबसे बड़ा रिफाइनरी मार्केट हमारा है और ऑटोमोबाइल सेक्टर भी हमारा ही चौथा सबसे बड़ा है। आज देश में दोपहिया वाहनों और कारों की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है। ईवी की मांग भी बढ़ रही है। ऐसा अनुमान है कि भारत में 2045 तक ऊर्जा की मांग दोगुनी हो जाएगी।
भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था’..
प्रधानमंत्री का कहना हैं कि ‘इंडिया एनर्जी वीक का आयोजन बेहद अहम समय में हो रहा है। इस वित्तीय वर्ष के बीते छह महीने में भारत की जीडीपी दर 7.5 फीसदी की दर से बढ़ रही है। यह दर वैश्विक अनुमान से भी ज्यादा है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और हाल ही में आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि हम इसी रफ्तार से आगे बढ़ेंगे।
ओएनजीसी के सी सर्वाइवल सेंटर का किया उद्घाटन..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले गोवा में ओएनजीसी के सी सर्वाइवल सेंटर का उद्घाटन किया। ओएनजीसी सी सर्वाइवल इको-सिस्टम सेंटर को ग्लोबल स्टैंडर्ड के साथ तैयार किया गया है। यहां हर साल 10-15 हजार कर्मियों को समुद्र में काम करने के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। अपने दौरे पर पीएम मोदी गोवा को कुल 1330 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री गोवा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नए स्थायी कैंपस को भी देश को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री विकसित भारत, विकसित गोवा 2047 कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे।
6-9 फरवरी तक गोवा में आयोजित हो रहा है इंडिया एनर्जी वीक..
इंडिया एनर्जी वीक 2024, 6 फरवरी से 9 फरवरी तक गोवा में आयोजित किया जा रहा है। इंडिया एनर्जी वीक 2024 भारत का सबसे बड़ा एनर्जी एग्जीबिशन और सम्मेलन है। जिसमें पूरी एनर्जी वैल्यू चेन साथ आएगी। प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक तेल और गैस कंपनियों के सीईओ और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे। इंडिया एनर्जी वीक में विभिन्न देशों के 17 ऊर्जा मंत्री और 35 हजार से ज्यादा दर्शक और 900 से ज्यादा प्रदर्शनी लगाई जाएंगी। एनर्जी वीक में कनाडा, जर्मनी, नीदरलैंड, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के पैवेलियन हैं। एक विशेष भारत पैवेलियन भी होगा, जिसमें भारतीय एमएसएमई और ऊर्जा सेक्टर की प्रमुख कंपनियों के इनोवेटिव सॉल्यूशन को प्रदर्शित किया जाएगा।
लोकसभा में पीएम मोदी ने कसा विपक्ष पर तंज..
देश-विदेश: पीएम मोदी ने आज सोमवार को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने विपक्ष पर परिवारवार से लेकर कई अन्य मुद्दों पर हमला बोला। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा।
पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि एक ही प्रोडक्ट बार-बार लांट करने के चक्कर में कांग्रेस फेल हो गई। कांग्रेस की दुकान पर ताला लगाने की नौबत आ गई। बीजेपी एक परिवार की पार्टी नहीं है। लेकिन कांग्रेस की पार्टी है। कांग्रेस एक परिवार में उलझी है। एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करने की कोशिश की जा रही है। पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि जो मैंने 10 साल में किया, कांग्रेस को 100 साल लगते। 5 पीढ़िया गुजर जाती। हमने 80 लाख पक्के मकान शहरी गरीबों के लिए बनाएं। हमने 17 करोड़ गैस कनेक्शन दिए। कांग्रेस की चाल से इस काम में 60 साल लगते। कांग्रेस ने हमेशा खुद को शासक और जनता को छोटा माना।
अग्निपथ योजना पर बवाल के बीच राहुल ने पीएम मोदी पर कसा तंज..
देश-विदेश: अग्निपथ योजना को लेकर हिंसा की आग 11 राज्यों में फैली चुकी है। यूपी-बिहार व हरियाणा से लेकर तेलंगाना में भी छात्र सड़क पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर ट्रेनों में आग लगा दी गई है, वहीं रेलवे स्टेशनों पर जमकर तोड़फोड़ की गई है। इस बीच देश के गृहमंत्री व रक्षा मंत्री ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है, तो वही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर योजना को लेकर तंज कसा है।
राजनाथ बोले-तैयारी शुरू करें युवा
आपको बता दे कि अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे भारी बवाल के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि युवा शांति बनाए रखें और अपनी तैयारी शुरू करें। उनका कहना है कि सेना में भर्ती की प्रक्रिया कुछ ही दिनों में प्रारंभ होने जा रही है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को युवाओं के भविष्य की चिंता करने और उनके प्रति संवेदनशीलता के लिए हृदय से धन्यवाद करता हूं। पिछले दो वर्षों से सेना में भर्ती की प्रक्रिया नहीं होने के कारण बहुत से युवाओं को सेना में भर्ती होने का अवसर नहीं मिल सका था। इसलिए युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर सरकार ने अग्निवीरों की भर्ती की आयु सीमा को इस बार 21 वर्ष से बढ़ा कर 23 वर्ष कर दी है। इससे बहुत सारे युवाओं को अग्निवीर बनने की पात्रता प्राप्त हो जाएगी।
अग्निपथ योजना पर बढ़ते बवाल के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बयान भी सामने आया है। उनका कहना हैं कि इस योजना से बड़ी संख्या में युवा लाभान्वित होंगे देश सेवा व अपने उज्ज्वल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ेंगे। पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण सेना में भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हुई थी, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अग्निपथ योजना’ में उन युवाओं की चिंता करते हुए पहले वर्ष उम्र सीमा में दो वर्ष की रियायत देकर उसे 21 साल से 23 साल करने का संवेदनशील निर्णय लिया है।
जनता क्या चाहती है, प्रधानमंत्री नहीं समझते- राहुल गांधी..
वही अग्निपथ योजना पर तीसरे दिन बवाल के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि “अग्निपथ – नौजवानों ने नकारा, कृषि कानून – किसानों ने नकारा, नोटबंदी – अर्थशास्त्रियों ने नकारा, GST – व्यापारियों ने नकारा।” देश की जनता क्या चाहती है, ये बात प्रधानमंत्री नहीं समझते। क्योंकि,उन्हें अपने ‘मित्रों’ की आवाज़ के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता।
2030 तक भारत बनेगा ड्रोन हब-पीएम मोदी..
देश-विदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिवसीय ड्रोन महोत्सव 2022 का दिल्ली के प्रगति मैदान में शुक्रवार को उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री का कहना हैं कि मैं ड्रोन प्रदर्शनी से प्रभावित हूं। 2030 तक भारत ड्रोन हब बनेगा। यह उत्सव सिर्फ ड्रोन का नहीं, यह नए भारत-नई गवर्नेंस का उत्सव है। ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है। ये जो ऊर्जा नजर आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। पीएम ने कहा, यह ऊर्जा भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है। उनका कहना हैं कि आठ वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी।
कांग्रेस को झटका- वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने दिया इस्तीफा..
देश-विदेश: कपिल सिब्बल ने चुपचाप कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को घोषणा की कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के समर्थन से उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने के कुछ ही मिनटों बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले आज, सिब्बल ने राज्यसभा नामांकन दाखिल करने से पहले लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। मैंने 16 मई को कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया था, “उन्होंने लखनऊ में सपा प्रमुख की उपस्थिति में राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के बाद कहा। मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। मैं हमेशा देश में एक स्वतंत्र आवाज बनना चाहता हूं। एक स्वतंत्र आवाज बनना महत्वपूर्ण है।
विपक्ष में रहते हुए हम एक गठबंधन बनाना चाहते हैं ताकि हम मोदी सरकार का विरोध कर सकें। सिब्बल के नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए सपा प्रमुख का कहना हैं कि ”आज कपिल सिब्बल ने नामांकन दाखिल किया। सिब्बल सपा के समर्थन से राजयसभा जा रहे है और भी दो लोग जा सकते है। कपिल सिब्बल वरिष्ठ वकील हैं. संसद में अच्छी तरह से राय रखते हैं। हमें उम्मीद है कि वह सपा के साथ-साथ खुद दोनों की राय पेश करेंगे।। विशेष रूप से, सिब्बल ने धोखाधड़ी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का प्रतिनिधित्व किया था।