मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हाॅल में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत आँंचल बद्री गाय घी, पहाड़ी घी, आर्गेनिक घी, पनीर, डेरी ग्रोथ सेंटर एवं दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्रों का ई-लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुपोषित बच्चों को दुग्ध उत्पादों से निर्मित पौष्टिक आहार का भी वितरण किया।
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि दुग्ध सहकारी समितियों की मजबूती के लिए और प्रयास करने होंगे। दुग्ध और उससे बनने वाले उत्पादों की ब्रान्डिंग, पैकेजिंग और उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाय। स्थानीय स्तर पर दुग्ध एवं उससे सबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही, लोगों की आय में वृद्धि के लिए क्या प्रयास किये जा सकते हैं, इस ओर ध्यान दिया जाय। दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन दुग्ध उत्पादों का लोकार्पण किया गया, ये उत्पाद उत्तराखण्ड की विशेष पहचान है। इन उत्पादों का व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाय।
आज मा.मुख्यमंत्री आवास के जनता हॉल में "राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत आँचल बद्री गाय घी,पहाड़ी घी,ऑर्गेनिक घी और चीज़ का शुभारंभ व अटल ग्रोथ सेंटर एवं दूध उत्पादन केंद्रों का माननीय मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत जी के साथ लोकार्पण किया। @TIRATHSRAWAT pic.twitter.com/OKrYQ3FzsZ
— Rekha Arya (@rekhaaryaoffice) April 10, 2021
डेरी विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि दुग्ध उत्पादन स्वरोजगार का बड़ा माध्यम है। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घी में अनेक औषधीय एवं आध्यात्मिक गुण हैं। उत्तराखण्ड के बद्री गाय के घी, पहाड़ी एवं आर्गेनिक घी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। दुग्ध उत्पादन और उससे निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर देहरादून दुग्ध संघ के अध्यक्ष विजय रमोला, निदेशक डेरी विकास जीवन सिंह नगन्याल एवं विभिन्न जनपदों के दुग्ध संघ के अध्यक्ष उपस्थित थे।
कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को राजधानी देहरादून से लेकर कुंभनगरी हरिद्वार तक ताबड़तोड़ कई कार्यक्रमों में भाग लिया। मुख्यमंत्री तीरथ की 22 मार्च को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। इसके बाद वे होम आइसोलेशन में चले गए थे।
जनता की सुनी समस्याएं
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बीजापुर सेफ हाउस में विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंचे लोगों से मुलाकात की और उनके निस्तारण के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता सर्वोपरि है। जनता की समस्याओं को दूर करना सरकार का दायित्व है। कोशिश की जा रही है कि लोगो की शिकायतों और समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर ही हो जाए। वर्चुअल रात्रि चौपाल इसी क्रम में आयोजित की जा रही हैं। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गए हैं कि लोगों को अपने काम के लिए अनावश्यक चक्कर न काटने पड़ें। जनता और प्रशासन के बीच संवाद कायम किया जा रहा है।
भाजपा स्थापना दिवस के कार्यक्रम में हुए सम्मिलित
मुख्यमंत्री तीरथ बीजापुर सेफ हाउस से प्रदेश भाजपा के मुख्यालय पहुंचे। पार्टी मुख्यालय में उन्होंने भाजपा के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने भाजपा के क्रमिक विकास पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अटल जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। अटल जी ने कहा था – अंधेरा छंटेगा, सूरज उगेगा, कमल खिलेगा। आज भाजपा का कमल पूरे देश में खिल रहा है और भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत समेत कई नेता उपस्थित थे।
विस अध्यक्ष का 4 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग
मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के अध्यक्ष के रूप में 04 साल पूर्ण होने पर रायवाला में आयोजित कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 04 साल से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अग्रवाल का कुशल नेतृत्व राज्य को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल के अलावा कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम आदि उपस्थित थे।
कुंभनगरी में गंगा महापूजन में लिया भाग
कार्यक्रमों की श्रृंखला में मुख्यमंत्री तीरथ कुंभनगरी हरिद्वार भी पहुंचे। वहां उन्होंने हर की पैड़ी में श्री गंगा सभा द्वारा आयोजित गंगा महापूजन कार्यक्रम में भाग लिया। महापूजन का आयोजन कुंभ मेले के सफल आयोजन के उद्देश्य से किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्य और भव्य के साथ ही सुरक्षित कुंभ का आयोजन करने के लिए सरकार संकल्पित है। हरिद्वार के तीन संस्कृत महाविद्यालयों से आए 151 आचार्यों ने महापूजन के दौरान चारों ओर से मंत्रोच्चारण और शंखनाद किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत पुलिस–प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की और विभागीय अधिकारियों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक समय पर पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों के अभी भवन नहीं बने हैं, उनके निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल एवं विद्युत की सुचारू आपूर्ति हो।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं एवं बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार ससमय पहुंचाने को कहा। योजनाओं का जनता को समय पर लाभ मिल सके, इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की उपस्थिति की भी नियमित मोनेटरिंग की जाय। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा आई.सी.डी.एस के अन्तर्गत दिये जाने वाले बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि टेक होम राशन का वितरण समय पर हो। महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया की समस्या को नियंत्रित करने के लिए क्या प्रयास हो सकते हैं, इसके लिए योजना बनाई जाय। उन्होंने कहा कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट शीघ्र आंवटित किया जाएगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 20 हजार 33 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। बाल पोषाहार योजना के तहत कोविड-19 के कारण अभी हाॅट कुक्ड मील के स्थान पर टेक होम राशन का वितरण किया जा रहा है। 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रत्येक माह की 05 तारीख को टेक होम राशन का वितरण किया जाता है।
मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान के तहत 03 से 06 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में दो दिन केला व 02 दिन अण्डा दिया जा रहा है। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को आईसीडीएस के अन्तर्गत प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषाहार दिया जा रहा है। नंदा-गौरा योजना के तहत जिन परिवारों की वार्षिक आय 72 हजार रूपये से कम है, उनको बालिका के जन्म पर 11 हजार रूपये एवं 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। यह लाभ परिवार की प्रथम दो बालिकाओं को दिया जा रहा है।
बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, सचिव/निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग एच.सी. सेमवाल एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड की सल्ट विधानसभा में 17 अप्रैल को होने वाले उप चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी महेश जीना ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के कारण इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है। उप चुनाव में भाजपा ने सुरेंद्र जीना के भाई महेश जीना को प्रत्याशी बनाया है।
मंगलवार को महेश जीना के नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व विशन सिंह चुफाल, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट व अजय टम्टा , प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय, प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट, जिलाध्यक्ष रवि रौतेला आदि अन्य कई अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता उपस्थित रहे।
नामांकन के बाद स्याल्दे छनिया बगड़ में आयोजित जनसभा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि स्व.सुरेंद्र जीना ने क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कार्य किए हैं। इन विकास कार्यों की गति निरंतर बनी रहे, इसके लिए भाजपा ने उनके भाई को उनके प्रतिनिधि के रूप में प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र जीना क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित थे।
सभा को कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, विशन सिंह चुफाल, सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा व अन्य भाजपा नेताओं ने भी संबोधित कर जनता से स्व. जीना के सपनों को पूरा करने के लिए महेश जीना को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट एवं वैक्सीनेशन में तेजी लाई जाए। हरिद्वार कुंभ स्नानों के दृष्टिगत हरिद्वार में वैक्सीनेशन और आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री तीरथ ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों के साथ प्रदेश में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारीयों को निर्देश दिए कि राज्य में जिन स्थानों पर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उन स्थानों पर कंटेनमेंट एवं माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। साथ ही टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जाय।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे राज्यों के जिन स्थानों पर अधिक मामले मिल रहे हैं, जो भी लोग उत्तराखंड आ रहे हैं, उनको कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लाने पर ही प्रवेश दिया जाए। इसके लिए शीघ्र गाइडलाइन जारी की जाए।
एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश में खराब व्यवस्थाओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए की व्यवस्थाओं को जल्द सुधारा जाए और कार्य के प्रति लापरवाही दिखाने वालों पर सख्त कारवाई की जाय। हरिद्वार कुंभ एवं आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय।
बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, एस ए मुरुगेशन आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत सभी तैयारियां जल्द पूर्ण कर ली जाय। उन्होंने कहा कि चमोली के तपोवन रैणी क्षेत्री में आयी आपदा में लापता लोगों के डेथ सर्टिफिकेट की कारवाई में तेजी लाई जाए, जिससे प्रभावित परिवारों को राहत राशि का भुगतान जल्द किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से उत्तराखण्ड में शोध संस्थान खोला जायेगा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर कार्यशालाएं आयोजित कर लोगों में जागरूकता लाई जाय। न्याय पंचायत स्तर तक टीमें गठित कर आपदा प्रबंधन से संबधित सभी महत्वपूर्ण उपकरणों की किट उपलब्ध करायी जाय। सभी जिलाधिकारी ग्राम स्तर तक सम्पर्क सूत्र बनाये रखें। ग्राम स्तर तक के जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों की लिस्ट पूरी अपडेट रखी जाय।
मुख्यमंत्री तीरथ ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आपदा प्रबन्धन विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सुरकण्डा में बने डाॅप्लर रडार को जल्द चालू किया जाय एवं लैंसडाउन में लगने वाले डाॅप्लर रडार की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी लाई जाय। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से दूर-दराज के क्षेत्रों में और क्या प्रयास किये जा सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। भूकम्परोधी मकान बनाने के लिए राज मिस्त्रियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत एयर एम्बुलेंस के लिए केन्द्र सरकार को जल्द प्रस्ताव भेजा जायेगा।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही देहरादून में ‘आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास’ विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जायेगा। जिसमें अनेक विषय विशेषज्ञ रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में आपदा प्रबंधन से संबधित एक चैप्टर शुरू किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विषय पर 06 माह के सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किये जा रहे हैं। महिला मंगल दल, युवक मंगल दलों एवं ग्राम प्रहरियों के भी आपदा प्रबंधन से संबधित गढवाल एवं कुमायूं मण्डल में सम्मेलन किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि लेखपालों को मोटर बाईक एम्बुलेंस देने की योजना पर भी कार्ययोजना बनाई जा रही है।
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एस.ए. मुरूगेशन, सचिव वित्त सौजन्या, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आपदा प्रबंधन रिद्धिम अग्रवाल, आनन्द श्रीवास्तव एवं वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कहा कि प्रदेश विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर सरकार का फोकस है। कहा कि प्रदेश में रूद्रपुर, हरिद्वार व पिथोरागढ़ में मेडिकल कालेज पर जल्द काम शुरू हो जाएगा।
शुक्रवार को पत्रकारों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात, पेयजल जैसी सुविधाओं की बेहतरी के साथ ही पलायन पर कैसे रोक लगाई जाए, इस दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है। नई संभावनाएं तलाशने के लिए हर विभाग से फीडबैक लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के कारण मैं आजकल आइसोलेशन में हूं। लेकिन प्रदेश के कामकाज में कहीं अवरोध नहीं हैं। आइसोलेशन में भी वर्चुअली मीटिंग लेने के साथ ही दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुदूर गांवों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता में है। प्रदेश में 108 स्वास्थ्य सेवा के लिए 138 नए वाहन दिए जा रहे हैं।
साथ ही प्रदेश में जल्द ही 403 डाक्टरों व 2600 नर्सेज की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके अलावा मेडिकल कालेज में प्रोफेसर, असिसटेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर्स की तैनाती भी शीघ्र हो जाएगी। कहा कि कोविड को देखते हुए स्वास्थ्य इंतजामों को मजबूत किया गया है। जनपद स्तर तक अस्पतालों में वैंटिलेटर, बेड व आइसीयू तक की व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश में पलायन रोकने की दिशा में भी कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए पर्यटन और तीर्थाटन पर फोकस किया जा रहा है।
कुंभ मेले को लेकर सरकार की क्या नई गाइड लाइन है, इस सवाल के जबाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ को भव्य, दिव्य और सुरक्षित बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। कुंभ में संतों से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। लेकिन कोविड 19 को लेकर जो गाइड लाइन भारत सरकार ने जारी की हैं उनका अक्षरशः पालन करना जरूरी है।
गैरसैण कमिश्नरी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर हमारी सरकार जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय लेगी। जो जनमानस चाहेगा वही होगा।
पीडब्लूडी में अभियंताओं के निलंबन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास योजनाओं मेें किसी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जायेगी। गलत के लिए हमारी सरकार में कोई स्थान नहीं है। गड़बड़ी पर किसी को बख्शा नहीं जायेगा। काम की गुणवत्ता और समयबद्धता के लिए जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है। को
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में सुराज व सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से मुख्य उपलब्धियों एवं भविष्य की कार्य योजना पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन को सरकारी सेवाएं समय से और गुणवत्ता पूर्वक मिल सकें इसके लिए तेजी से प्रयास किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नागरिक केंद्रित सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर ऑनलाइन किया जाए।
उन्होंने कहा कि अनुभागों के निरीक्षण की भी व्यवस्था की जाए। विभागों एवं अनुभागों से फीडबैक लेते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से कार्य में पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही कार्यों की गति भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस, ई-कैबिनेट आदि का कार्य सुचारू रूप से किया जा सके इसके लिए मंत्रीगणों के स्टाफ को भी ट्रेनिंग उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाईल कनेक्टिविटी एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने डार्क विलेजेज में मोबाईल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने हेतु तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाईल कनेक्टिविटी बढ़ने से युवाओं को आई.टी. के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
बैठक में सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि आईटीडीए, जिलाधिकारी देहरादून कार्यालय, शहरी विकास एवं वन विभाग के पीसीसीएफ ऑफिस ने 100 प्रतिशत ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर लिया है। बाकी विभाग भी तेजी से ई-ऑफिस पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय में इस सम्बन्ध में लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है।
इस अवसर पर आईटी मंत्री बंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अमित नेगी, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, एन.आई.सी. के के. नारायणन सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाए। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
मुख्यमंत्री तीरथ सोमवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि समय-समय पर अपने विभागों की कार्य प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करें। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शीघ्र अवगत कराया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था का प्रमुख केंद्र है। चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सड़कों के सुधारीकरण का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाय।
उन्होंने कहा कि यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर पेयजल, स्वच्छता, साइनेज एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि यात्रा सीजन के दृष्टिगत यात्रा मार्गों एवं धामों में स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाय। हेली ऐबुंलेंस सेवा एवं 108 एबुंलेंस की समुचित व्यवस्था हो। केदारनाथ एवं यमुनोत्री में ईसीजी एवं कार्डियोलॉजिस्ट की समय पर तैनाती की व्यवस्था की जाय। ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।
उन्होंने कहा कि सीजन में पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था की जाय। यात्रा मार्गों पर जो भी वाहन भेजे जायेंगे, उनका फिटनेस टेस्ट जरूर हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि यात्रा के दौरान वाहनों एवं यात्रा मार्गों पर होटल में रेट लिस्ट जरूरी लगी हो। ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाये। आपदा से सबंधित संवेदनशील स्थानों पर संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था हो। आपदा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाय। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाय।
बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर, नितेश झा, राधिका झा, पंकज पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल रविनाथ रमन, डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गढ़वाल मंडल के सभी जिलाधिकारी एवं संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि जीरो टोलरेंस ऑन करप्शन एंड क्राइम सरकार की प्राथमिकता है। अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद रहना चाहिए। जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिले। उन्होंने बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि लोगों को वास्तव में लाभ मिले और उनकी समस्याएं दूर हों। जनता की सरकार जनता के द्वार की परिकल्पना साकार होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री रविवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग के द्वारा जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी गर्मियों के सीज़न को देखते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। ज़रूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं। सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा हमारे लिए उच्च प्राथमिकता पर है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले 6 माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली आदि की सुविधाएं हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेस का प्रभावी क्रियान्वयन हो। लोगों को वास्तव मे इसका लाभ मिले। छोटी-छोटी सेवाओं के लिए जनता परेशान न हो। जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को जरूर अवगत कराएं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वनाग्नि को रोकने का कुशल प्रबंधन हो। इसके लिए अभी से तैयारी कर ली जाए। फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों की लगातार मानिटरिंग की जाए। आगामी चार धाम यात्रा और पर्यटन के सीज़न को देखते हुए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कर लिया जाएं। पार्किग की व्यवस्था के लिए प्लान कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से मनरेगा और स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड काल में लाकडाऊन के समय कोविड-19 के दिशा-निर्देश के उल्लंघन पर लोगों पर हुए मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। मुख्यमंत्री ने चमोली जिलाधिकारी से तपोवन आपदा से प्रभावित गांवों में पुनः कनेक्टीवीटी सुचारू करने के बारे में जानकारी ली।