समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति के सदस्यों ने सुने राज्य स्तरीय सुझाव..
उत्तराखंड: राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति के सदस्यों ने जनपद चमोली के गोपेश्वर मुख्यालय और जनपद रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में लोगों से मिलकर उनके सुझाव सुने। चमोली जनपद के मुख्यालय गोपेश्वर में जनसामान्य के साथ बैठक का आयोजन महाविद्यालय परिसर में किया गया। इस बैठक में महिलाओं व युवाओं ने एक समान कानून पर अपने विचार व्यक्त किये। पहाड़ के सम्बन्ध में उनकी इस कानून से अपेक्षायें भी विशेषज्ञ समिति के सामने रखी गयी। माननीय सदस्यों द्वारा समान नागरिक संहिता के विषय में अधिक से अधिक लोगों तक जागरूक करने के लिए भी लोगों से अपील की। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकों, महिलाओं व आम जन उपस्थित रहे। माननीय सदस्य श्री शत्रुघ्न सिंह, श्री मनु गौड़ व डॉ सुरेखा डंगवाल ने अमूल्य सुझावों हेतु उपस्थित जनों को धन्यवाद किया।
जनपद रूद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में विशेषज्ञ समिति के सदस्यों ने क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता के बारे में जानकारी दी। अगस्त्यमुनि महाविद्यालय के परिसर में लोगों के सुझाव प्राप्त करते हुए यह आशा व्यक्त की गयी कि अधिक से अधिक सुझाव समान नागरिक संहिता बनाने में महत्तवपूर्ण योगदान देंगे। युवाओं द्वारा विवाह, तलाक जैसे सामाजिक मुद्दों पर समिति के सदस्यों से चर्चा की गयी, बैठक में बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं, शिक्षकों, युवाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। माननीय सदस्य श्री शत्रुघ्न सिंह, श्री मनु गौड़ व डॉ सुरेखा डंगवाल के द्वारा जानकारी दी गयी कि क्षेत्र भ्रमण कर राज्य के समस्त क्षेत्रों से प्राप्त होने वाले सुझाव, उन्हें रिपोर्ट तैयार करने में मद्दगार होंगे।
राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा नागरिकों का पक्ष सुनने के लिए क्षेत्र में भ्रमण का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इसका उद्देश्य राज्य के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता की जानकारी देकर उनके सुझाव प्राप्त करना है। विशेषतौर से महिलाओं व युवाओं को इसके बारे में बताते हुए विवाह, संरक्षण, तलाक, गोद लेना, सम्पत्ति का अधिकार, आदि पर सुझाव प्राप्त कर तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में शामिल करना है।
विजिलेंस टीम की बड़ी कार्रवाई, रिश्वत लेता कानूनगो रंगेहाथ गिरफ्तार..
उत्तराखंड: प्रदेश में धामी सरकार जीरो टोलरेंस की बाते कर रही है। इसी कड़ी में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। विजिलेंस टीम ने अल्मोड़ा में बड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि टीम ने आज अल्मोड़ा तहसील के सल्ट में तैनात रजिस्ट्रार कानूनगो को रंगेहाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। आपको बता दे कि बुधवार को विजिलेंस की टीम ने अपर पुलिस अधीक्षक विजिलेंस प्रहलाद मीणा के निर्देश पर अल्मोड़ा जनपद की सल्ट तहसील में छापेमारी की है।
बताया जा रहा है कि इस दौरान टीम ने तहसील के एक रजिस्ट्रार कानूनगो को 10 हज़ार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है । रिपोर्टस की माने तो विजिलेंस की टीम हिरासत में लिए गए आरोपी रजिस्ट्रार कानूनगो को आपने साथ हल्द्वानी ले जाने की तैयारी कर रही है। मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब है कि ये कानूनगो के रिश्वत लेने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी विजिलेंस ने हल्द्वानी में रजिस्टार कानूनगो को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
पौड़ी गढ़वाल के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान बने देश के दूसरे सीडीएस..
उत्तराखंड: देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ(सीडीएस) बनने का गौरव एक बार फिर उत्तराखंड के सपूत को प्राप्त हुआ। पौड़ी जिले के मूल निवासी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के दूसरे सीडीएस बने हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। इससे पहले उत्तराखंड के ही जनरल विपिन रावत देश के पहले सीडीएस बने थे।
इसी साल हेलीकॉप्टर हादसे में उनका निधन हो गया था। सीएम धामी ने ट्वीटर पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘उत्तराखंड के सपूत को सीडीएस नियुक्त होने से हर उत्तराखंडी गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना सदैव की भांति राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेगी’।
केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने भी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सीडीएस की जिम्मेदारी दिए जाने पर शुभकामनाएं दी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वह देश के दूसरे सीडीएस बनें। यह संयोग हैं कि जनरल विपिन रावत पहले सीडीएस बनें। वह भी इलेवन गोरखा राइफल से थे और लेफ्टिनेंट जनरल अनिल जनरल भी इलेवन गोरखा राइफल से हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया कि उन्होंने उत्तराखंड को यह सौभाग्य दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने भी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सीडीएस बनाए जाने पर शुभकामनाएं दीं। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत ने भी लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को बधाई दी।
अंकिता के परिवार को दिया जाएगा 25 लाख का मुआवजा- सीएम धामी..
उत्तराखंड: अंकिता मर्डर केस को लेकर जहां प्रदेश में उबाल है। वहीं लोग अंकिता के परिजनों के लिए मदद का हाथ बढ़ा रहे है। मामले में सीएम धामी फुल एक्शन में है। बुधवार को सीएम ने अंकिता के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। साथ ही अपराधियों को सख्त सजा दिलाने की बात कही। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।
आपको बता बता दे कि सीएम धामी का कहना हैं कि दिवंगत अंकिता भंडारी के स्वजन को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी।
मामले की एसआइटी जांच की जा रही है। पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी।बताया जा रहा है कि सीएम ने कहा कि मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने। पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध किया गया है।
उत्तराखंड वन विभाग में हुए बंपर प्रमोशन..
उत्तराखंड़: वन विभाग में लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे वन कर्मियों को आखिरकार विभाग ने प्रमोशन का तोहफा दे दिया है। साथ ही प्रमोशन और ट्रांसफर लिस्ट जारी कर दी है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड वन विभाग में अलग-अलग वन प्रभागों में तैनात 39 वन आरक्षी पदोन्नत हुए हैं।
जिसके आदेश और सूची जारी की गई है।मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक विभाग उत्तराखंड ने आज राज्य में वन आरक्षी को तत्काल प्रभाव से वन दरोगा पद पर 39 लोगों को पदोन्नति दी है। बताया जा रहा है कि विभाग द्वारा पदोन्नति की सूची आज जारी हो गई है।
बताया जा रहा है कि 27 जून को समिति द्वारा लिए गए निर्णय के बाद सूची जारी की गई है। जारी आदेश में लिखा है कि वर्ष 2022-23 में उपलब्ध रिक्तियों के सापेक्ष निम्नलिखित वन आरक्षी ( वतनमान लेवल 3 रू 0 21700-69100 ) के कार्मिकों की वन दरोगा ( वेतनमान लेवल 5 रू 0 29,200-92,300 ) के पद पर तत्काल प्रभाव से प्रोन्नति की जाती है।
उत्तराखंड में IPS अधिकारियों के तबादले, इन्हे मिली ये जिम्मेदारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में तबादलों का दौर जारी है। उत्तराखंड शासन ने 2 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए है। जिसके आदेश जारी किए गए है।जानकारी के अनुसार शासन द्वारा जारी आदेश के तहत आईपीएस विम्मी सचदेवा और अनंत शंकर ताकवाले को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि आईपीएस विमी सचदेवा को पुलिस महानिरीक्षक पीएम के पद पर तैनात किया गया है। जबकि प्रतिनियुक्ति से उत्तराखंड लौटे अनंत शंकर ताकवाले को डीआईजी कार्मिक बनाया गया। जारी आदेश में तत्काल प्रभाव से नई तैनाती ज्वाईन करने की बात कही गई है।
जिला उद्योग केंद्र की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन..
उत्तराखंड: स्वरोजगार कर उद्यमी बनने का सपना देख रहे युवाओं का मार्ग-दर्शन और सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी देने के लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सोमवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में आयोजित कार्यशाला में स्टार्ट अप उत्तराखंड के प्रतिनिधियों ने युवाओं को केंद्र व राज्य सरकार की स्टार्ट अप नीति की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पाॅलीटेक्निक, महाविद्यालय सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने औद्योगिक इकाई शुरू करने के गुर सीखे।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कार्यशाला में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि जिला उद्योग केंद्र की अगुवाई में डिस्ट्रिक्ट रिसर्च स्टार्ट अप एंड इनोवेशन काउंसिल ’’दृष्टि’’ स्थापित की गई है। दृष्टि जिले की सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर काम कर रहा है, जिसकी मदद से जिले में उद्योग स्थापित करने की चाह रखने वाले लोगों को संबंधित विभागों, बैंक या अन्य संस्थानों से जुड़ी औपचारिकताओं को प्राथमिकता से पूर्ण करवाया जा रहा है। टीम लीडर स्टार्ट अप उत्तराखंड सिद्धार्थ शुक्ला ने कार्यशाला में स्टार्ट अप या उद्यम स्थापित करने का सपना देख रहे लोगों को स्टार्ट अप नीतियों की चरणबद्ध जानकारी दी। उन्होंने कहा कि व्यवसाय शुरू करने के लिए कोई उम्र या शिक्षा मायने नहीं रखती।
अगर आपके पास एक बेहतर आइडिया है तो आप कभी भी अपना सफल व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। शुक्ला ने बताया कि राज्य सरकार स्टार्ट अप उत्तराखंड कार्यक्रम के तहत प्रति वर्ष सभी जिलों में बूस्ट कैंप आयोजित करती है, जहां से सबसे बेहतर स्टार्ट अप आइडिया को राज्य स्तर पर पेश किया जाता है। राज्य के सर्वश्रेष्ठ दस आइडिया को राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करती है। बताया कि राज्य सरकार की ओर से गठित समितियां व्यवसाय स्थापित करने के लिए हर स्तर पर सहायता उपलब्ध करवाती हैं।
कार्यशाला के समापन पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में ’’इंक्यूबेटर सेल’’ स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव दिया ताकि जिले के युवाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए नियमित मार्गदर्शन मिल सके। साथ ही उद्योग स्थापित करने के लिए हर संभव मदद भी प्राप्त हो सके। उन्होंने जिला उद्योग केंद्र के साथ मिलकर समय-समय पर बूस्ट कैंप आयोजित करने के निर्देश भी दिए।
जिलाधिकारी ने उद्योग संबंधी कार्यशालाओं में जिले में सफल व्यवसाय कर रहे उद्यमियों व महिला समूहों को शामिल करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एचसी हटवाल, लीड बैंक अधिकारी विवेक कुमार, परियोजना निदेशक रमेश चंद्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि प्रो. पुष्पा नेगी सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
अंकिता हत्याकांड के बाद अब सीएम धामी ने दिए ये कड़े निर्देश..
उत्तराखंड: अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद धामी सरकार प्रदेश में बदलते हालातों और कानून व्यवस्था को लेकर अलर्ट हो गई है। सीएम धामी ने ऐसे हालातों को देखते हुए एक सीनियर अधिकारियों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की है। जिसमें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक के साथ सभी जिलों के अधिकारी भी ऑनलाइन जुड़े। इस मीटिंग में सीएम ने सख्त निर्देश दिए है। सीएम ने मीटिंग में प्रदेश में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही प्रदेश में माहौल खराब करने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए। बताया जा रहा है कि उन्होंने अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले हर बाहरी व्यक्ति पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने अपराधियों और असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। छवि को ठीक करने के लिए धामी सरकार लगातार एक्शन में भी है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर सभी संबंधित बिन्दुओं का कलैण्डर तैयार कर पाक्षिक या मासिक समीक्षा कर उसकी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई कुछ घटनाओं से राज्य की छवि खराब हुई है। इस दिशा में सभी अधिकारी सावधानी और जिम्मेदारी से काम करें ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उनका कहना हैं कि देवभूमि हमारा राज्य है, यहां शांति, अमन चैन हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि जो भी अपराधी है उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। ईमानदारी से काम करने वालों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। बाहरी राज्यों से आने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में राज्य के जनसंख्या घनत्व के कारण कोई समस्या न हो।
सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों में तत्काल एक्शन लेने को कहा है। सीएम धामी का कहना है कि देवभूमि में शांति बनाए रखमे के लिए जिम्मेदार होना जरूरी है। बाहर से आने वालों पर खासतौर से नजर रखी जाएगी। असामाजिक प्रवृत्ति के लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अब वन और अन्य क्षेत्रों में होटल, रिजॉर्ट या धार्मिक गतिविधियों के लिए हो रहे अतिक्रमण से सख्ती से निपटा जाएगा।
आज से घरों में विराजेंगी मां दुर्गा,जानें कलश स्थापना का मुहूर्त..
देश-विदेश: नवरात्रि वर्ष में चार बार पड़ती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. इसमें चैत्र और आश्विन मास में आने वाली नवरात्रि का विशेष महत्व होता हैं। आश्विन मास मे आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना से जीवन की हर समस्या को दूर किया जा सकता है इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर यानी आज से शुरू होने जा रहे हैं। नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना के साथ होती है।घटस्थापना में मां दुर्गा को समर्पित पवित्र कलश की स्थापना की जाती है।
कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है..
शारदीय नवरात्रि पर कलश की स्थापना आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। इस बार प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर को पड़ रही है।इसलिए कलश की स्थापना इस दिन शुभ मुहूर्त में की जाएगी। घटस्थापना का सबसे अच्छा समय सुबह 06 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, आप अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापित कर सकते हैं। प्रतिपदा तिथि पर सुबह 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 36 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापित कर सकते हैं। प्रतिपदा तिथि पर सुबह 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 36 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।
कलश का मुंह खुला न रखें- शारदीय नवरात्रि पर अगर आप कलश की स्थापना करने वाले हैं तो ध्यान रखें कि कलश का मुंह खुला ना रहे. इसे किसी ढक्कन से ढककर ही ही रखें. ढक्कन को चावलों से भर दें और उसके ठीक बीचोबीच नारियल रखें।
गलत दिशा में कलश न रखें- कलश को गलत दिशा में स्थापित करने से बचें. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) देवताओं की दिशा होती है. इस दिशा में ही कलश को स्थापित किया जाना चाहिए।
कलश स्थापना से पहले करें ये काम- कलश को स्थापित करने से पहले देवी मां के सामने अखंड ज्योति प्रज्वलित करें. इस दिशा को आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में रखें. कलश स्थापित करते वक्त साधक को अपना चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए।
साफ-सफाई का रखें ध्यान- घर में आप जिस जगह पर कलश स्थापित करने वाले हैं या देवी की चौकी लगाने वाले हैं, वहां स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. घटस्थापना चंदन की लकड़ी पर करें तो शुभ होगा।
इन जगहों पर ना करें घटस्थापना- घटस्थापना का स्थल बाथरूम या किचन के आस-पास नहीं होना चाहिए. अगर पूजा स्थल के ऊपर कोई आलमारी या सामान रखने की जगह है तो उसे भी अच्छी तरह साफ कर लें।
कलश स्थापना की विधि
कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए. नित्य कर्म और स्नान के बाद ही कलश स्थापित करें. शारदीय नवरात्रि पर अगर आप घर में कलश स्थापना करने जा रहे हैं तो सबसे पहले कलश पर स्वास्तिक बनाएं. इस पर एक कलावा बांधें और उसे जल से भर दें. कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र, अक्षत, पंचरत्न और सिक्का डालना ना भूलें।
इसके बाद पूजा स्थल से अलग एक चौकी पर लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं. इस पर अक्षत से अष्टदल बनाएं और जल से भरे कलश को यहां स्थापित कर दें. इस कलश में शतावरी जड़ी, हलकुंड, कमल गट्टे और चांदी का सिक्का डालें। फिर दीप प्रज्वलित कर इष्ट देवों का ध्यान करें. इसके बाद देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करें.कलश स्थापना के साथ ही मिट्टी के एक बर्तन में ज्वार बोने की परंपरा होती है
उत्तराखंड । श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में पहली बार बड़े स्तर पर अधिकारियों/ कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए हैं। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अनुमोदन के पश्चात नवनियुक्त मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने स्थानांतरण आदेश निर्गत किए हैं। बीकेटीसी के देहरादून स्थित कैंप कार्यालय और ऋषिकेश स्थित प्रचार कार्यालय को बंद कर वहां तैनात कार्मिको को भी अन्यत्र भेज दिया गया है। पहली बार हो रहे स्थानांतरणों से बीकेटीसी में हड़कंप मच गया है।
बीकेटीसी में अब तक स्थानांतरण अथवा कार्मिकों के पटल बदलने की प्रक्रिया अपवादस्वरूप ही रही है। लगभग सात सौ कार्मिकों वाली बीकेटीसी में कभी कभार ही इक्का दुक्का स्थानांतरण होते रहे हैं। बताया जाता है कि अधिकांश कर्मचारी जहां नियुक्त हुए वहीं से ही रिटायर हो जाते हैं। कई कर्मचारी महत्वपूर्ण व मलाईदार पटल पर वर्षो से कब्जा जमाए बैठे हुए थे। इस कारण अन्य कार्मिकों में आक्रोश भी व्याप्त था।
इस वर्ष जनवरी में अजेंद्र अजय द्वारा अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद से उन्होंने बीकेटीसी में व्यवस्थाओं में आमूल चूल परिवर्तन लाने का प्रयास शुरू किया।
अजेंद्र ने सबसे पहले सवा सौ से अधिक अस्थाई कार्मिकों की वेतन विसंगति को दूर करते हुए उनकी वेतन वृद्धि की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया। इसके साथ ही वर्षों से पदोन्नति की उम्मीद लगाए अधिकारियों व कर्मचारियों मंशा को पूरा किया।
अधिकारियों व कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के बाद बीकेटीसी अध्यक्ष ने उनके स्थानांतरण व पटल परिवर्तन की योजना बनाई। इसके लिए बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर सिंह पंवार की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन किया। उप समिति ने अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण व पटल परिवर्तन के लिए नीति तैयार की और वर्षों से एक स्थान पर जमे कार्मिकों के स्थानांतरण व पटल परिवर्तन की संस्तुति की।
उप समिति की संस्तुति पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने सत्तर अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण व पटल परिवर्तन के निर्देश दिए। अध्यक्ष के निर्देशों के क्रम में बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि विगत अगस्त माह में बोर्ड की बैठक में मितव्यता को देखते हुए बीकेटीसी के देहरादून स्थित कैंप कार्यालय और ऋषिकेश स्थित प्रचार कार्यालय को समाप्त कर जोशीमठ शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कैंप कार्यालय और प्रचार कार्यालय के नाम पर कई अधिकारी वर्षो से देहरादून व ऋषिकेश में अड्डा जमाए बैठे हुए थे। शुक्रवार को जारी स्थानान्तरण सूची में देहरादून व ऋषिकेश स्थित कार्यालयों में जमे अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अन्यत्र भेज दिया गया है।
इधर, पहली बार अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानान्तरण व पटल बदलने के फैसले की व्यापक सराहना हो रही है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संगठन ने भी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की इस पहल का स्वागत किया है। कर्मचारी संगठन का मानना है कि स्थानान्तरण प्रक्रिया शुरू होने से समिति की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा।