प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी
उत्तराखंड के 8.28 लाख किसानों को मिले 184.25 करोड़ रुपये
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के तहत देश के 09 करोड़ 71 लाख से अधिक किसानों के खातों में कुल 20 हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण किया। इसके तहत उत्तराखण्ड के 08 लाख 28 हजार 787 लाभार्थी किसान परिवारों को 184.25 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़ीकैंट, देहरादून से इस कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्नदाताओं की आय को दोगुना करने तथा उनके जीवन स्तर को उठाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। योजना की 20वीं किस्त जारी किए जाने के साथ ही उत्तराखंड के किसानों को करीब 3300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों के कल्याण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। प्रमुख फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, फसल रोगों और कीटों से होने वाले नुकसान के लिए सुरक्षा कवच भी प्रदान किया जा रहा है। ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना के द्वारा खेतों की मिट्टी की वैज्ञानिक जांच कर किसानों को पोषक तत्वों की कमी और आवश्यक उर्वरकों की जानकारी भी दी जा रही है, जिससे उनकी उपज की गुणवत्ता और भूमि की उर्वरता दोनों में सुधार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्थान एवं समृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि उपकरण खरीदने के लिए फार्म मशीनरी बैंक योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। किसानों के हित में नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त किया गया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए पॉलीहाउस के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान भी किया गया है। गेहूं खरीद पर किसानों को 20 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस प्रदान करने के साथ ही गन्ने के मूल्य में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, ‘स्टेट मिलेट मिशन’ और ‘ड्रैगन फ्रूट नीति’ जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया गया है। इन नीतियों के तहत बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। उत्तराखण्ड राज्य के युवाओं को रोजगार देने में भी प्रदेश अग्रणी बनकर उभरा है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाई गई। उत्तराखण्ड देश का सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” को लागू करने वाला राज्य बना। राज्य में प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू करने के बाद लगभग 24 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगारोधी कानूनों को लागू किया गया है। प्रदेश में लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया है। राज्य में ऑपरेशन कालनेमि भी प्रारंभ किया गया है, जिसके माध्यम से पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2023-24 में “मिलेट सेक्टर में सर्वश्रेष्ठ प्रदेश“ का पुरस्कार हैदराबाद में आयोजित इंटरनेशनल न्यूट्री-सीरियल कन्वेंशन में प्रदान किया गया। मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता योजना तथा जैविक कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य को भारत सरकार से राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि नैनीताल के ग्राम सुनकिया के कृषक हर्ष सिंह डंगवाल को “जैविक इंडिया अवार्ड” मिला, जबकि उत्तरकाशी को लाल धान के लिए “एक जिला-एक उत्पाद” में द्वितीय स्थान और हरिद्वार व टिहरी जनपद को पीएम फसल बीमा योजना में क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, बृज भूषण गैरोला, पूर्व सांसद बलराज पासी, सचिव एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान एवं प्रदेशभर से आए किसान उपस्थित थे।
कोटद्वार क्षेत्र की तीन प्रमुख परियोजनाओं को लेकर रखी मांग
देहरादून /नई दिल्ली। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष एवं कोटद्वार विधायक ऋतु खण्डूडी भूषण ने शनिवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र से जुड़े तीन महत्वपूर्ण विषयों—लालढांग-चिल्लरखाल रोड, जंगल सफारी और पक्षी अभ्यारण्य—को लेकर विस्तार से चर्चा की और केंद्रीय मंत्री को मांगपत्र सौंपा।
ऋतु खण्डूडी ने बताया कि प्रस्तावित जंगल सफारी और पक्षी अभ्यारण्य कोटद्वार की जैव विविधता और प्राकृतिक संपदा को देशभर में पहचान दिलाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देंगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और पर्यटन के नए अवसर भी सृजित करेंगी। उन्होंने पक्षी विशेषज्ञों, प्रकृति प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों को आकर्षित करने की दिशा में इस क्षेत्र की संभावनाएं भी रेखांकित कीं।
विधानसभा अध्यक्ष ने लालढांग-चिल्लरखाल रोड के निर्माण को भी प्राथमिकता से उठाया और इसे शीघ्र पूरा किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण से कोटद्वार से देहरादून और हरिद्वार जैसे शहरों तक आवागमन सहज होगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
ऋतु खण्डूडी भूषण ने कहा कि कोटद्वार को हरित, आत्मनिर्भर और पर्यटक-अनुकूल क्षेत्र के रूप में विकसित करना उनका संकल्प है, और यह योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सभी प्रस्तावों की गंभीरता से समीक्षा करते हुए इको-टूरिज्म को प्राथमिकता देने और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया।
“हमारा प्रयास है कि यह मुहिम हर जिले, हर विद्यालय तक पहुँचे और एक जनांदोलन का रूप ले” – डॉ. आर. राजेश कुमार
देहरादून के नेहरूग्राम स्थित इंडियन अकैडमी पब्लिक स्कूल में किया गया विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में ‘नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान’ प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों को सक्रिय रूप से जोड़ा जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही नशे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जा सके और समाज में दीर्घकालिक बदलाव की नींव रखी जा सके। सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेशभर में स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की मंशा स्पष्ट है हम एक ऐसा उत्तराखंड बनाना चाहते हैं, जहाँ युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो। स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर शुरू किया गया यह जागरूकता अभियान इस दिशा में एक मजबूत कदम है।
इंडियन अकैडमी स्कूल में छात्रों के लिए विशेष व्याख्यान सत्र
इसी क्रम में देहरादून के नेहरूग्राम स्थित इंडियन अकैडमी पब्लिक स्कूल में विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड के सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों, लत लगने के जोखिमों तथा इससे बचाव के व्यावहारिक तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था एक संवेदनशील दौर होता है और इस उम्र में नशे की ओर झुकाव जल्दी होता है। ऐसे में छात्रों को समय रहते जागरूक करना बेहद जरूरी है। डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि नशे की लत केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर भी गंभीर असर डालती है।
छात्रों से ‘ह्यूमन चेन’ बनाने का आग्रह
डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों से आह्वान किया कि वे इस जानकारी को अपने मित्रों, परिवारजनों और समुदाय के अन्य लोगों तक भी पहुँचाएं, ताकि यह एक “ह्यूमन चेन” की तरह समाज में सकारात्मक संदेश फैला सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक निरंतर चलने वाली पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाकर एक नशामुक्त उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करना है।
विद्यालय की भूमिका और छात्रों की सहभागिता
इस कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय की निदेशक मुनेन्द्र खंडूरी की अहम भूमिका रही। प्रधानाचार्य नीलम शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री की पहल से अब ज़मीनी बदलाव दिखाई देने लगे हैं। यदि स्कूलों से यह मुहिम शुरू होती है, तो इसका प्रभाव हर घर तक पहुंचेगा। हमारे छात्र ही समाज को नई दिशा दे सकते हैं।
छात्रों की प्रतिक्रियाएं
शिव थपलियाल (छात्र) ने कहा इस मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल सराहनीय है। हमें नशे से दूर रहना चाहिए ताकि भविष्य सुरक्षित रह सके।
नियती उनियाल (छात्रा) ने कहा इस कार्यशाला से बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं। हमें इस अभियान से जुड़कर अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।
युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस अवसर पर कहा हमारा प्रयास रहेगा कि यह मुहिम हर जिले, हर विद्यालय तक पहुँचे और एक जनांदोलन का रूप ले। उन्होंने आगे कहा इस अभियान में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षकों और अभिभावकों की सहभागिता से ही दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित किए जा सकते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों में संवेदनशीलता एवं आत्मबल बढ़ाने वाले संवादों को प्रोत्साहित करें।
उत्तराखंड में सैन्य और नागरिक प्रशासन के बीच समन्वय बढ़ाने पर हुआ विचार-विमर्श
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भारतीय सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता (UYSM, AVSM, YSM) ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य एवं नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने को लेकर विचार-विमर्श हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सेना न केवल देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि नागरिक समाज के साथ समन्वय स्थापित कर विकासात्मक कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य उत्तराखंड में सेना द्वारा स्थानीय समुदायों की सहायता हेतु विभिन्न सामाजिक उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। इसके साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं के समय सेना द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में जो सराहनीय सहयोग प्रदान किया जाता है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के योगदान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार, सेना की सभी महत्वपूर्ण पहलों में पूर्ण सहयोग प्रदान करती रहेगी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने मुख्यमंत्री को सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु मध्य कमान द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक विकास हेतु भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, सामुदायिक सहभागिता, युवाओं के साथ संवाद और अग्रिम क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव दीपेंद्र चौधरी, विनोद कुमार सुमन और अन्य सैन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
छात्राओं की सुरक्षा और डिजिटल शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने विकासखंड कालसी के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कोरूबा का निरीक्षण कर शैक्षिक एवं आवासीय व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय प्रबंधन से समस्याओं की जानकारी ली। विद्यालय में 150 की क्षमता के सापेक्ष वर्तमान में 143 बालिकाएं अध्ययनरत हैं।
विद्यालय में योग प्रशिक्षक, कंप्यूटर शिक्षक, सुरक्षा गार्ड और सफाई कर्मियों की आवश्यकता पर डीएम ने निर्देश दिए कि इन पदों पर स्थानीय महिलाओं की तैनाती की जाए। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित होगा। इन कार्मिकों का मानदेय जिला योजना से दिया जाएगा। छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालय परिसर की बाउंड्री बार्बेड वायर से कराने, 10 सीसीटीवी कैमरे लगाने और खेल मैदान के समतलीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लास रूम, वाई-फाई, 10 कंप्यूटर, इन्वर्टर और 150 स्टडी टेबल की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।
आवासीय सुविधा के अंतर्गत 7 वाटर गीजर, 4 वाशिंग मशीन, 1 फ्रीजर, 150 डाइनिंग फर्नीचर और एक रोटी मेकर मशीन क्रय करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिए गए। पेयजल की समस्या के समाधान के लिए जल संस्थान को नई पेयजल लाइन का आगणन तैयार करने को कहा गया है। डीएम ने सभी 143 छात्राओं के लिए ट्रैक सूट और स्पोर्ट्स शूज़ उपलब्ध कराने, आरबीएसके टीम को हर माह स्वास्थ्य परीक्षण हेतु विद्यालय भ्रमण और स्वास्थ्य विभाग को नियमित स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश भी दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कक्षाएं, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, छात्रावास, रसोई व शौचालय आदि का निरीक्षण किया और छात्राओं द्वारा तैयार आजीविका उत्पादों की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एम.के. शर्मा, प्रधानाचार्य उर्मिला धीमान समेत लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने किया भूमि पूजन, कहा—ग्रामीण योजनाएं अब एक ही परिसर में संचालित होंगी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डांडा नूरीवाला सहस्रधारा रोड, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹58.32 करोड़ की लागत से बनने वाले ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने परिसर में पौधारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीण विकास विभाग के एकीकृत भवन के शिलान्यास पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह भवन ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 58 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस भवन में विभाग की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाएं एक ही परिसर में संचालित होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा देने के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से अपने पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही है। उन्होंने बताया कि विश्व के प्रमुख देशों में भी राज्य के उत्पादों के निर्यात की योजना पर कार्य किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 25 करोड़ रुपये के कारोबार को प्राप्त करना है, जिससे राज्य के हज़ारों युवाओं, महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों को स्थायी आजीविका से जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे, वेड इन उत्तराखंड और सौर स्वरोजगार योजना जैसी पहलों के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। होम स्टे योजना के माध्यम से राज्य के दूरस्थ गांव भी अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। लखपति दीदी योजना से प्रदेश की लाखों महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर योजना द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित किया है। उन्होंने बताया कि राज्य को योग की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के लिए देश की पहली योग नीति शुरू की गई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से राज्य के चार गांवों — जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी — को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ग्रामीण विकास क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता अभियान जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सारकोट गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था, जिसमें राज्य सरकार सफल हुई है। सारकोट के लोग पशुपालन, मशरूम उत्पादन, होम स्टे, मिलेट उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों के परिणामों में राज्य की सबसे युवा प्रतिनिधि के रूप में सारकोट की 21 वर्षीय प्रियंका नेगी प्रधान चुनी गई हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही वे प्रियंका नेगी को आमंत्रित करेंगे और सारकोट सहित प्रदेश के अन्य गांवों के विकास के संबंध में चर्चा करेंगे।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार जिन योजनाओं का शिलान्यास करती है, उनका लोकार्पण भी करती है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही जल्द इस भवन का लोकार्पण भी कर लिया जाएगा। यह भवन पहाड़ी शैली में बन रहा है। साथ ही इस नए भवन में सौर ऊर्जा की संपूर्ण व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि लखपति दीदी योजना में अब तक राज्य में 1 लाख 65 हजार लखपति दीदी बनाई गई हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना अंतर्गत 30,678 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से करीब 19,600 लोगों को रोजगार मिला है।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव राधिका झा, अपर सचिव अभिषेक रोहेला, अनुराधा पाल, सुश्री झरना कमठान एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
12 में से 6 सीटें महिलाओं के नाम, हरिद्वार को छोड़ बाकी जिलों में लागू होगा आदेश, 6 अगस्त तक आपत्तियाँ आमंत्रित
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण व्यवस्था का प्रथम चक्र जारी कर दिया है। हरिद्वार को छोड़ प्रदेश के शेष 12 जिलों में यह व्यवस्था लागू होगी। आदेश में कहा गया है कि यह आरक्षण भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 D एवं उत्तराखंड पंचायतराज अधिनियम 2016 के तहत निर्धारित किया गया है।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
प्रथम चक्र में कुल 12 में से 6 जिलों में अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इनमें Almora, Bageshwar (SC), Dehradun, Pauri Garhwal, Rudraprayag और Tehri Garhwal शामिल हैं।
अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग को भी मिला प्रतिनिधित्व
Pithoragarh जिला SC वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि Udhamsingh Nagar में अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा।
आरक्षण स्थिति का जिलेवार विवरण
जनपद आरक्षण स्थिति
अल्मोड़ा महिला
बागेश्वर महिला (अनुसूचित जाति)
चम्पावत अनारक्षित
चमोली अनारक्षित
देहरादून महिला
नैनीताल अनारक्षित
पौड़ी गढ़वाल महिला
पिथौरागढ़ अनुसूचित जाति
रुद्रप्रयाग महिला
टिहरी गढ़वाल महिला
ऊधमसिंह नगर पिछड़ा वर्ग
उत्तरकाशी अनारक्षित
आपत्तियाँ आमंत्रित
यदि कोई व्यक्ति इस प्रस्ताव के विरुद्ध आपत्ति दर्ज कराना चाहता है तो वह 2 अगस्त से 4 अगस्त तक लिखित रूप में सचिव, पंचायतीराज विभाग, देहरादून कार्यालय में प्रस्तुत कर सकता है। आपत्तियों का निस्तारण 5 अगस्त को किया जाएगा। अंतिम आरक्षण सूची 6 अगस्त को जारी की जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश का पालन
यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट द्वारा स्थानीय निकायों में आरक्षण निर्धारण हेतु ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के निर्देशों के अनुपालन में की गई है। शासन द्वारा एक सदस्यीय समिति की अनुशंसा के अनुसार यह आरक्षण तय किया गया है। यह आरक्षण केवल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए है। ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत के आरक्षण की अलग प्रक्रिया जारी रहेगी।
समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से नियमित संवाद करें- मुख्यमंत्री धामी
देहरादून। विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें। विधायकगणों द्वारा दिए गए शीर्ष प्राथमिकताओं के कार्यों में तेजी लाई जाए। यदि किसी कार्य में कोई समस्या आ रही है, तो संबंधित क्षेत्र के विधायकगणों से सचिव एवं विभागाध्यक्ष वार्ता कर समस्या का समाधान करें। राज्य की सभी 70 विधानसभाओं के अंतर्गत की गई घोषणाओं और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी जल्द दी जाए। हर विधानसभा में अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को उजागर करते हुए कुछ नवाचार किए जाएं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरिद्वार में जल भराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। इसका सर्वे कर जल्द पूरा कर प्रस्ताव बनाया जाए। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में स्थायी पानी की व्यवस्था के लिए एक माह में डीपीआर तैयार की जाए। संजय झील को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान लोगों को आवागमन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए परेशानी न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए। शहरी क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। पार्कों के निर्माण और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एम्स ऋषिकेश और किच्छा में बनने वाले एम्स के सेटेलाइट सेंटर के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। हर जिले में दो-दो गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित किए जाएं।
बैठक के दौरान विधायकगणों द्वारा जलभराव की समस्या, पार्किंग और सौंदर्यीकरण के कार्यों, ड्रेनेज व सीवरेज की समस्या, नालों के निर्माण कार्य, यातायात प्रबंधन एवं अन्य समस्याएं रखी गईं। मुख्यमंत्री ने विधायकगणों द्वारा रखी गई समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में विधायक विनोद चमोली, प्रेमचंद अग्रवाल, मदन कौशिक, बृज भूषण गैरोला, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल.एल. फैनई, डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, अपर सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।
कहा, आध्यात्मिक एवं दार्शनिक परम्पराओं के विश्लेषण व संरक्षण को बनेगा महत्वपूर्ण मंच
वेद, पुराण का अध्ययन कराने वाला बीएचयू के बाद देश का दूसरा विश्वविद्यालय बनेगा दून
देहरादून। युवाओं में भारतीय ज्ञान परम्परा की गहरी समझ विकसित करने के दृष्टिगत दून विश्वविद्यालय में शीघ्र ही ‘हिन्दू अध्ययन केन्द्र’ स्थापित किया जायेगा। इस केन्द्र में भारतीय दर्शन, इतिहास, साहित्य, समाजशास्त्र, कला, वास्तुकला सहित विभिन्न विषयों पर अध्ययन, शोध और प्रशिक्षण की बहुविषयक व्यवस्था विकसित की जायेगी। बीएचयू के बाद दून विश्वविद्यालय भारतीय दर्शन और वेद-पुराण अध्ययन का दूसरा प्रमुख केन्द्र बनेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में दून विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति को एनईपी-2020 के अनुरूप ‘हिन्दू अध्ययन केन्द्र’ स्थापना को सभी आवश्यक औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि हिन्दू अध्ययन केन्द्र भारतीय आध्यात्मिक एवं दार्शनिक परम्पराओं को संरक्षित करने, विश्लेषण करने व प्रसारित करने के लिये एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा। डॉ. रावत ने कहा कि अध्ययन केन्द्र में हिन्दू परम्पराओं, ग्रंथों और दर्शन की समझ को प्रोत्साहित किया जायेगा और शिक्षण व अनुसंधान हेतु भारतीय अनुसंधान पद्धति को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके अलावा भारतीय ज्ञान परम्परा में निहित बहुविषयक शिक्षा प्रदान कर शिक्षार्थियों में नैतिकता, विश्लेषणात्मक दृष्टि और सांस्कृतिक समझ भी विकसित की जायेगी। इसके लिये विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम संचालित किया जायेगा, जिसमें छात्र-छात्राओं को तत्त्व विमर्श, धर्म एवं कर्म विमर्श, वाद-परंपरा, रामायण, महाभारत व नेतृत्व एवं संगठनात्मक व्यवहार जैसे विषय पढ़ाये जायेंगे जबकि परास्नातक स्तर पर हिंदू दर्शन, समाज, साहित्य, धर्म और नेतृत्व क्षमता आदि विषयों का गहन अध्ययन कराया जायेगा।
डॉ. रावत ने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के बाद दून विश्वविद्यालय देश का दूसरा विश्वविद्यालय होगा, जहां वेद, पुराण और भारतीय दर्शन सहित भारतीय ज्ञान परम्पराओं से संबंधित विषयों का विधिवत अध्ययन कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र आधुनिकता एवं परम्पराओं के बीच सेतु का काम करते हुये नैतिक मूल्यों, विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक चेतना से युक्त जागरूक नागरिक और नेतृत्व तैयार करेगा।
बैठक में विभागीय मंत्री ने डॉ. नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र तथा एमएससी अर्बन डेवलपमेंट मैनेजमेंट की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने शोध केन्द्र को और अधिक छात्रोपयोगी बनाने और विश्वविद्यालय को सेंटर फॉर एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने हेतु ठोस प्रयास करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को दिये।
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा डॉ. रणजीत सिन्हा, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, उप सचिव ब्योमकेश दुबे, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी, वित्त नियंत्रक (दून विवि) स्मृति खंडूडी, अनुभाग अधिकारी उच्च शिक्षा भवानी राम आर्य, उप निदेशक उच्च शिक्षा दीपक पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार, मनोज बिष्ट सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
आदर्श ग्राम सारकोट का अध्ययन करने आएंगे सभी मुख्य विकास अधिकारी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले में गैरसैंण के निकट सारकोट ग्राम पंचायत की नवनिर्वाचित प्रधान 21 वर्षीय प्रियंका नेगी को बधाई दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है, अन्य जिलों में भी इसी तरह आदर्श ग्राम बनाए जाएंगे। जल्द ही सभी मुख्य विकास अधिकारी सारकोट का अध्ययन करने के लिए आएंगे।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को फोन पर प्रियंका नेगी को बधाई देते हुए कहा कि, जिस तरह सारकोट के ग्रामीणों ने एक पढ़ी लिखी युवा लड़की को अपना प्रधान चुना है, उसके लिए सभी ग्रामीण बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रियंका से कहा कि अब हमें सारकोट को और विकसित करना है, गांव में कृषि, पशुपालन के साथ ही महिला स्वरोजगार से जुड़े सभी कार्य तेजी से आगे बढ़ाए जाएंगे। सरकार सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है। इसी की तर्ज पर अन्य जिलों में भी आदर्श ग्राम विकसित किए जाएंगे। जल्द सभी सीडीओ सारकोट के दौरे पर आएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रियंका को देहरादून आने का भी निमंत्रण देते हुए, गांव के विकास पर मंथन करने का भी आश्वासन दिया। प्रियंका नेगी ने सारकोट को गोद लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, आदर्श ग्राम सारकोट में पहले के मुकाबले अब सभी जनसुविधाएं उपलब्ध हैं, गांव में कई विकास कार्य सम्पन्न हुए हैं। वो सरकार के सहयोग से गांव के विकास में योगदान देंगी।
सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। हम सभी जिलों में ऐसे आदर्श ग्राम विकसित करेंगे। जहां रोजगार, स्वरोजगार के अवसरों साथ ही सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों। इस बार के पंचायत चुनाव में कई युवा और पढ़े लिखे प्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं, जो त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए एक शुभ संकेत है, सरकार पंचायतों को पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड