एक ही दिन में फुल हुई केदारनाथ के लिये 10 दिन की हेली टिकटें..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में केदारनाथ हेली सेवा के लिए एक दिन में 18 से 27 मई तक की टिकट बुकिंग फुल हो गई है। शुक्रवार को आईआरसीटीसी के पोर्टल को ऑनलाइन बुकिंग के लिए खोला गया था, जिसमें 5937 टिकटों की बुकिंग की गई। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के सीईओ सी. रविशंकर का कहना हैं कि केदारनाथ हेली सेवा के लिए बुकिंग 27 मई तक फुल हो चुकी है।
आपको बता दे कि वर्तमान में गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा हेलिपैड से सात कंपनियों के माध्यम से हेली सेवा का संचालन किया जा रहा है। 12 मई को हेली टिकटों की बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी का पोर्टल खोला गया था। एक दिन में 18 से 27 मई तक 5937 टिकटों की बुकिंग की गई। जल्द ही आगे की यात्रा के लिए बुकिंग स्लॉट तय किया जाएगा।
केदारनाथ हेली सेवा की बुकिंग के लिए चारधाम यात्रा का पंजीकरण अनिवार्य है, जिसके बाद ही आईआरसीटीसी पोर्टल पर हेली टिकटों की बुकिंग की जा सकती है। हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम जाने के लिए हेली सेवा की मांग ज्यादा है। सात अलग-अलग कंपनियों की ओर से अब तक 2000 से अधिक शटल संचालित की गयी हैं। केदारनाथ धाम में बारिश और हिमपात से हेली सेवा उड़ानें प्रभावित रही। जिन यात्रियों का टिकट रद्द किया गया, उन्हें पूरा किराया वापस किया गया है।
इन पदों पर निकली सीधी भर्ती, 20 मई को यहां होगा साक्षात्कार..
उत्तराखंड: प्रदेश में मेडिकल के क्षेत्र में भर्ती निकली है। बताया जा रहा है कि हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एक बार फिर फैकल्टी के रिक्त पदों पर रिक्तियां निकाली है। इन पदों पर भर्ती के लिए 20 मई को विभिन्न पदों पर डॉक्टरों के साक्षात्कार लिये जायेंगे। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज लंबे समय से 40 प्रतिशत से ज्यादा फैकल्टी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। क्लीनिकल विभागों में सबसे ज्यादा इसका सीधा असर पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि एमएस – एमडी के सीटों के साथ ही एसटीएच के मरीजों पर भी इसका असर पड़ रहा है । कॉलेज प्रबंधन पद भरने के लिए कई बार रिक्तियां निकाल चुका है, लेकिन अभी तक इनमें भर्तियां नहीं हो सकी हैं। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर के 10 , एसोसिएट प्रोफेसर के 38 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 46 पदों पर रिक्तियां निकाली गई हैं । इसके लिए 20 मई शनिवार को सुबह 10.30 बजे से प्राचार्य कक्ष में डॉक्टरों के इंटरव्यू लिये जायेंगे ।
धामी सरकार ने इन कर्मियों के लिए लिया बड़ा फैसला..
उत्तराखंड: धामी सरकार लगातार एक्शन में है। पेंशनधारियों को राहत देने के बात अब उपनल कर्मियों को बड़ी सौगात दी गई है। बताया जा रहा है कि उपनल कर्मियों को अब हर माह प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। जिसके शासनादेश जारी कर दिए गए है। जिससे 25 हजार से ज्यादा कर्मी लाभ उठा सकेंगे।
उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल) कर्मियों को हर तीन माह में दिए जाने वाला प्रोत्साहन भत्ता अब हर माह दिया जाएगा। इसके आदेश जारी किए गए है। बताया जा रहा है कि 10 वर्ष तक के अनुभव वाले कर्मियों को अब तक त्रैमासिक चार हजार 956 रुपये और 10 साल से अधिक अनुभव वाले 989 रुपये त्रैमासिक प्रोत्साहन भत्ते के रूप में दिए जाते।
जो अब हर माह के अनुसार दिए जाएंगा। गौरतलब है कि उपनल कर्मचारी संगठन की ओर से लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी। जिसको शासन ने मान लिया है। अब कर्मियों की मांग को पूरा करते हुए शासनादेश जारी कर दिए गए है। इससे पहले धामी सरकार ने पेंशनधारको को हर माह पेशन देने का फैसला लिया था। जो पहले हर चार माह में दी जाती थी।
प्लास्टिक कचरे से मुक्त होंगे उत्तराखंड के सभी गांव..
उत्तराखंड: राज्य की 7791 ग्राम पंचायतें प्लास्टिक मुक्त हो जाएंगी। धामी सरकार ने एक कार्ययोजना बनाई है, जिसे धरातल पर उतारने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। इसके तहत त्रिस्तरीय पंचायतें मिलकर हर घर से प्लास्टिक कचरा एकत्र कर उसका निस्तारण करने का कार्य करेंगी। केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए 15वें वित्त आयोग की टाइड निधि में धन की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में उत्तराखंड प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2013 प्रभावी है। गांव-गांव में प्लास्टिक पहुंच चुका है, लेकिन एक्ट में दी गई व्यवस्थाओं के तहत गांवों में इसका निस्तारण नहीं किया जा रहा था। तैयार कार्ययोजना के तहत वर्तमान में ग्राम पंचायत स्तर पर प्लास्टिक कचरे को घर-घर से एकत्रित कर रोड हेड तक पहुंचाया जाएगा।
इसके बाद क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक) स्तर पर कूड़ा गाड़ियों के माध्यम से इस कचरे को कांपैक्टर तक पहुंचाया जाएगा। अगला काम जिला पंचायतों का होगा, जो कांपैक्ट किए गए कूड़े को निस्तारण के लिए प्लास्टिक वेस्ट प्लांट तक पहुंचाएंगी। यह पूरी शृंख्ला एक क्लस्टर के तहत काम करेगी।
कूड़ा उठान के लिए 95 ब्लॉक को मिलेंगी गाड़ियां..
इस योजना के तहत प्लास्टिक कचरे को उठाकर कांपैक्टर तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के 95 ब्लॉकों को 95 गाड़ियां (पिकअप वाहन) उपलब्ध कराई जाएंगी। जब तक गाड़ियों की खरीद नहीं हो जाती, तब वह किराये पर गाड़ियां लेकर इस काम को किया जाता रहेगा।
95 में से अब तक लग चुके 69 कांपैक्टर..
आपको बता दे कि इस योजना के तहत प्रदेश के सभी 95 ब्लाक कांपैक्टर लगाए जाने हैं। अभी तक 69 ब्लॉक में लगाए जा चुके हैं। गाड़ियों की खरीद के लिए शासन से वित्तीय अनुमति मिल चुकी है। इसके साथ ही हरिद्वार में बंद पड़े रिसाइकिलिंग प्लांट को भी पुन: शुरू कर दिया गया है, जहां कांपैक्टर किए गए प्लास्टिक कूड़े का निस्तारण किया जाएगा।
एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश..
वर्ष 2022 में सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र यादव की एक जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को गांवों को प्लास्टिक से मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराने के भी निर्देश दिए थे। इसके तहत 19 मई को निदेशक पंचायतीराज हाईकोर्ट में उपस्थित होकर शपथपत्र दाखिल करेंगे।
अब इस नदी में भी उठा सकते है राफ्टिंग का लुत्फ..
उत्तराखंड: अगर आप एडवेंचर और रिवर राफ्टिंग के शौकीन हैं तो आपके लिए खुशखबरी है।अब ऋषिकेश के साथ ही आप भागीरथी नदी में भी रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग का लुत्फ उठा सकते है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड पर्यटक विभाग ने इसकी अनुमति दे दी है आपको बता दे कि रिवर राफ्टिंग कम्पनी भागीरथी नदी में हर्षिल से रिवर राफ्टिंग क्याकिंग गतिविधियों को आरंभ करने के लिए लाइसेंस दे दिया है।
लाइसेंसधारी कम्पनी ने सफलता पूर्वक पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को रिवर राफ्टिंग करायी है। उनका कहना हैं कि जल्द ही स्थानीय युवकों को रिवर राफ्टिंग को व्यवसाय के रूप आरंभ करने के लिए प्रेरित कर उन्हें लाइसेंस देकर भागीरथी नदी में साहसिक पर्यटन से रोजगार शुरू किया जाएगा।
इससे अब पर्यटक गंगोत्री हर्षिल घाटी में राफ्टिंग का लुफ्त उठा सकेंगे। बताया जा रहा है कि इस साल गंगोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भागीरथी नदी के किनारे मौजूद विश्व विख्यात खूबसूरत पर्यटक स्थल हर्षिल में रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। जोकि यात्रा के दौरान एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र बनेगा।
वहीं राज्य की अन्य नदियों को भी तकनीकी समिति की जांच के बाद रिवर राफ्टिंग के खुलने की राह आसान हो गई है। बताया जा रहा है कि गंगा नदी के साथ अब अन्य नदियों को रिवर राफ्टिंग खोल कर राज्य भर में पर्यटन के माध्यम से रोजगार के द्वार खोले जाऐंगें।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के ऋषिकेश में दुनिया भर से लोग रिवर राफ्टिंग करने आते हैं। इसी के चलते उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) ने पिछले माह यानी अप्रैल में भागीरथी नदी में हर्षिल से आगे 15 किमी की दूरी तक के नदी क्षेत्र को रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग एक्टिविटी के लिए मुफीद पाया था। जिसके बाद अब यहां राफ्टिंग का शुभारंभ किया गया है।
इसी महीने आ सकता है सीबीएसई और उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट..
उत्तराखंड: सीबीएसई और उत्तराखंड बोर्ड के रिजल्ट इसी माह आ जाएंगे। रिजल्ट को लेकर छात्रों में काफी उत्सुकता बनी हुई है। छात्र परीक्षाफल के इंतजार में टकटकी लगाए हैं। उत्तराखंड बोर्ड की सचिव नीता तिवारी का कहना हैं कि परीक्षाफल मई के अंतिम सप्ताह में जारी होगा।
उत्तराखंड बोर्ड में इस वर्ष हाईस्कूल में 130027 संस्थागत, 2088 व्यक्तिगत और इंटर में 123511 संस्थागत, 3813 व्यक्तिगत परीक्षार्थी पंजीकृत थे। परीक्षा के लिए 1253 केंद्र बनाए गए थे। 132115 छात्रों ने हाईस्कूल और 127324 छात्र-छात्राओं ने इंटर की परीक्षा दी है।
परीक्षाएं 16 मार्च से 6 अप्रैल तक हुईं थीं। 29 अप्रैल को मूल्यांकन कार्य भी संपन्न हो चुका है। इधर, सीबीएसई में हाईस्कूल और इंटर की उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य पूरा हो चुका है। अब रिजल्ट की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक सीबीएसई का रिजल्ट भी इसी माह जारी हो सकता है। फिलहाल इसकी कोई अधिकृत सूचना नहीं है।
उत्तराखंड के इन इलाकों में ओलावृष्टि का येलो अलर्ट..
उत्तराखंड: आज राजधानी दून समेत प्रदेशभर में दिन की शुरुआत चटख धूप के साथ हुई। वहीं, मौसम विभाग ने पर्वतीय इलाकों में आज ओलावृष्टि की आशंका जताई है। साथ ही कहीं-कहीं तेज गर्जना के साथ बिजली चमकेगी। मौसम विभाग की ओर से इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानी इलाकों में भी कहीं-कहीं बारिश और तेज गर्जना होने की आशंका है। जबकि मंगलवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और गर्जना हो सकती है।मौसम विभाग ने उक्त आशंकाओं को देखते हुए लोगों से सुरक्षा बरतने की अपील की है।
केदारनाथ में अगले कुछ दिन मौसम रहेगा खराब, 15 मई तक पंजीकरण पर लगी रोक..
उत्तराखंड: 15 मई तक केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण पर अब रोक रहेगी। संयुक्त निदेशक पर्यटन योगेंद्र गंगवार का कहना हैं कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। 15 तक नए पंजीकरण पर रोक रहेगी लेकिन जो यात्री पहले पंजीकरण कर चुके हैं वे यात्रा कर सकेंगे। बता दें कि 13 मई तक केदारनाथ के लिए 1.45 लाख यात्री पंजीकरण करा चुके है।
आपको बता दे कि चारधाम यात्रा में अब तक दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा पांच लाख पार हो गया है। केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 1.75 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। पर्यटन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 22 अप्रैल से 7 मई तक केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 505286 लाख से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए हैं। इसमें केदारनाथ धाम में 1.75 लाख, बद्रीनाथ में 1,18,116, गंगोत्री में 1.13 लाख, यमुनोत्री मंदिर में एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
चारधाम यात्रा के लिए https://www.tripsofindia.com/ यहां बुकिंग करें।
केदारनाथ हेली सेवा के लिए http://heliyatra.irctc.co.in यहां बुकिंग करें।
केदारनाथ यात्रा के लिए https://www.travelingkedarnath.com/ यहां बुकिंग करें।
कर्नाटक चुनाव के बाद बंट सकते हैं धामी सरकार में दायित्व..
मंत्रिमंडल का विस्तार भी प्रस्तावित..
उत्तराखंड: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद धामी सरकार में दायित्वों का आवंटन हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ये संकेत दिए हैं। कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार भी प्रस्तावित है। उनके निधन से खाली हुई बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के बाद इसकी संभावना प्रबल है। मुख्यमंत्री ने इस संभावना से इंकार नहीं किया है। मंत्रिमंडल में चार पद खाली हैं।
कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होना है। 13 मई को वहां चुनाव परिणाम भी घोषित हो जाएंगे। 15 मई तक भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी कर्नाटक चुनाव के प्रचार की व्यस्तता से मुक्त हो जाएगा। माना जा रहा है कि इसके बाद मुख्यमंत्री केंद्रीय नेताओं से दायित्वों और मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में चर्चा कर सकते हैं।
कैबिनेट में विस्तार जल्द होने की कम संभावना..
इससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार के लिए क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों के हिसाब से सरकार और संगठन के स्तर पर होमवर्क शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि 15 मई के बाद प्रदेश सरकार में दायित्व का आवंटन हो सकता है।मुख्यमंत्री ने भी इसके संकेत दिए हैं। उनका कहना हैं कि कर्नाटक चुनाव के बाद दायित्व देने पर विचार हो सकता है। लेकिन कैबिनेट में विस्तार जल्द होने की कम संभावना है। सरकार पहले बागेश्वर विस उपचुनाव में जाएगी और उसके बाद कैबिनेट विस्तार करेगी। बागेश्वर उपचुनाव सीट रिक्त होने के छह माह के भीतर होगा। मुख्यमंत्री ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं।
कैबिनेट में ये है जिलों के प्रतिनिधित्व स्थिति..
धामी मंत्रिमंडल में अभी टिहरी, देहरादून, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, पौड़ी व चंपावत जिले का प्रतिनिधित्व है। हरिद्वार, नैनीताल, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों का कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं हैं। सांगठनिक जिम्मेदारी के हिसाब से चमोली जिले से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बड़े चेहरे के तौर पर हैं। नए मंत्रिमंडल विस्तार में हरिद्वार, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिले को प्रतिनिधित्व दिए जाने की संभावनाएं हैं। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों की वरिष्ठता, अनुभव के साथ जातीय समीकरणों का भी खास ख्याल रखा जाना है।
निकाय व लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तय होंगे मंत्री पद..
सीएम धामी इस साल होने वाले निकायों के चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही चेहरों को चुनेंगे। पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से थे। उनकी जगह पार्टी एससी चेहरे या एससी महिला चेहरे से भर सकती है। इसी तरह हरिद्वार जिले से ब्राह्मण या ओबीसी चेहरे को जगह देने पर विचार हो सकता है। नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले में दो पूर्व कैबिनेट मंत्री के रूप में अनुभवी चेहरे हैं। बहरहाल, कैबिनेट विस्तार के साथ ही मुख्यमंत्री दायित्व का भी आवंटन कर सकते हैं। दायित्वों की सूची भी केंद्रीय नेतृत्व की ओर से फाइनल होनी है।
उत्तराखंड में अब जमीन खरीदना होगा मुश्किल..
उत्तराखड: प्रदेश में अब जमीन लेना आसान नहीं रहेगा। इसके लिए धामी सरकार बड़े प्लान पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश में अब जमीनों के खरीदने को लेकर भी सख्त नियम बनाने जा रहा है। जिससे आपराधिक व असामाजिक तत्वों के लिए भूमि खरीदना संभव नहीं हो पाएगा। आपको बता दे कि प्रदेश में अब जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले खरीदने वालों को पहला अपना बैकग्राउंड बताना पड़ेगा और वह जमीन क्यों खरीदना चाहते हैं इसकी जानकारी देनी पड़ेगी।
बताया जा रहा है कि बायर्स के वेरिफिकेशन के बाद ही जमीन खरीदने को अनुमति दी जाएगी। यदि यह जमीन धार्मिक गतिविधियों के लिए खरीदी जा रही है तो रजिस्ट्री अधिकारी अपने विवेक के आधार पर बैनामे से इंकार कर सकता है। इसी के साथ यदि किसी व्यक्ति का इंटेशन गलत पाया जाता है तो भी बैनामा रोका जा सकता हैं।
बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव ने राज्य के सभी विभागों खासतौर पर वन विभागों को अपनी जमीनों का सत्यापन करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद अवैध तरीके से जमीन खरीदने वालों को निशाने पर लिया जाएगा। रिपोर्टस की माने तो बिना पहचान उजागर किए बड़ी मात्रा में जमीन खरीदे जाने का मामला सामने आया है। इन मामलों के सामने आने के बाद तय किया गया है कि जमीन खरीदने से पहले बायर्स की पहचान की जाएगी।