एयर एंबुलेंस सेवा के लिए एम्स और पिनाकल कंपनी में हुआ एमओयू..
उत्तराखंड: एयर एंबुलेंस सेवा शुरू करने के लिए एम्स ऋषिकेश और पिनाकल कंपनी के बीच एमओयू किया गया है। आपातकालीन और ट्रामा सेवाओं के लिए मई में एम्स से एयर एंबुलेंस सेवा संचालित होगी। पवन हंस की ओर से मेरठ में एयर एंबुलेंस को तैयार किया जा रहा है। हेलीकॉप्ट मिलते ही एम्स प्रशासन सेवा शुरू करने के लिए पूरी तैयारियां कर ली है।
आपातकालीन व ट्रामा सेवा के लिए गंभीर मरीजों को तत्काल एम्स पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से पहली बार एयर एंबुलेंस सेवा शुरू की जाएगी। गुरुवार को एम्स ऋषिकेश और पिनाकल कंपनी के बीच एयर एंबुलेंस संचालित करने के लिए एमओयू किया है। इसके बाद पिनाकल कंपनी की ओर से उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ सी. रविशंकर से भी एमओयू पर हस्ताक्षर कराए गए।
एम्स ऋषिकेश की निदेशक डॉ. मीनू सिंह का कहना हैं कि एयर एंबुलेंस के लिए पिनाकल कंपनी की ओर से सेवा दी जाएगी जबकि पवन हंस एयर एंबुलेंस के लिए हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराएगा। इसके लिए पवन हंस ने हेलीकॉप्ट खरीदा है। इसे मेरठ में एयर एंबुलेंस के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। हेलीकॉप्टर उपलब्ध होते ही सेवा शुरू की जाएगी। इसके लिए एम्स प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। मई महीने में एयर एंबुलेंस का संचालन शुरू हो जाएगा।
एक महीने में 50 ट्रिप निर्धारित..
एयर एंबुलेंस सेवा के लिए एक महीने में 50 ट्रिप निर्धारित किए गए हैं। आपात और ट्रामा सेवा के लिए किसी मरीज को तत्काल एयर एंबुलेंस की जरूरत है। यह एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों की टीम तय करेगी। टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीज की स्थिति को देखा जाएगा।
भारी बर्फबारी के बीच खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, जयकारों के बीच नाचने लगे श्रद्धालु..
उत्तराखंड: बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के बीच भू-बैकुंठ बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आज गुरुवार सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के इस पावन मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु धाम पहुंचे तो यात्रा पड़ावों पर चहल-पहल भी शुरू हो गई है।
कपाट खुलने के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा हुई तो वहीं परिसर में सेना की मधुर धुन पर यात्री भी थिरके। बद्रीनाथ के सिंह द्वार से यात्रियों के दर्शन शुरू हो गए हैं। कपाट खुलने के दौरान धाम में करीब 20 हजार तीर्थयात्री पहुंचे। कपाटोद्घाटन के लिए टिहरी राजा के प्रतिनिधि के रूप में माधव प्रसाद नौटियाल भी धाम में मौजूद रहे।
वहीं बद्रीनाथ यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में भी उत्साह और उल्लास का माहौल है। यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। बद्रीनाथ में तीर्थयात्रियों और स्थानीय श्रद्धालुओं के करीब 400 वाहन पहुंच गए हैं। बद्रीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को भी गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
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माणा में ग्रामीणों की चहल-पहल शुरू..
इस बार बद्रीनाथ हाईवे पर कंचन गंगा और रड़ांग बैंड में हिमखंड पिघल गए हैं। यहां अलकनंदा के किनारे कुछ जगहों पर ही बर्फ जमी है। बद्रीनाथ धाम के आंतरिक मार्गों पर अभी भी बर्फ है, जिसे नगर पंचायत बद्रीनाथ के पर्यावरण मित्रों की ओर से साफ किया जा रहा है।
वर्ष 2013 की आपदा में बह चुके लामबगड़ बाजार में भी दुकानें खुलने लगी हैं। देश के प्रथम गांव माणा में भी ग्रामीणों की चहल-पहल होने लगी है। बुधवार को बद्रीनाथ धाम पहुंंचे अधिकांश श्रद्धालु माणा गांव पहुंचे। बद्रीनाथ में आर्मी हेलीपैड से मंदिर परिसर तक साफ-सफाई का काम भी पूरा हो गया है।
अब काम की स्कीमें छांटेगी प्रदेश सरकार, एक तरह की स्कीमें होंगी मर्ज..
उत्तराखंड: राज्य के विकास की गति को नियोजित ढंग से गति देने के लिए प्रदेश सरकार अब अपनी उन योजनाओं को बंद करेगी, जो किसी काम की नहीं हैं या अव्यावहारिक हैं। एक ही तरह की योजनाओं को मर्ज कर उन्हें ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा। काम की योजनाएं छांटने का यह बीड़ा नियोजन विभाग ने उठाया है।
विभाग ने इस कार्य के लिए केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय की स्वायत्त संस्था राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान का सहयोग लिया है। अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा के नेतृत्व में एक टीम इस कार्य को अंजाम देगी। सोमवार को सचिवालय में संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक में इसकी रूपरेखा तैयार की गई। इस कवायद के बाद योजनाओं की निगरानी, अनुश्रवण और उनके प्रभावी क्रियान्वयन में आसानी होगी और पात्रों को इनका अधिकतम लाभ मिल सकेगा।
विभागों में 2500 छोटी बड़ी योजनाएं..
आपको राज्य सरकार के विभागों व संस्थाओं में करीब 2500 छोटी-बड़ी योजनाएं संचालित हो रही हैं। इनमें कुछ योजनाएं एक ही तरह की हैं। मिसाल के लिए कृषि व उद्यान विभाग में बड़ा मशरूम व छोटा मशरूम की योजनाएं हैं। शहद उत्पादन की योजना उद्यान में भी है और सहकारिता विभाग में भी। इसी तरह की योजनाओं को छांटा जा रहा है।
छांटने के बाद कम हो जाएंगी स्कीमें..
ढाई हजार बड़ी-छोटी योजनाओं में से काम की योजनाएं छांटकर प्रदेश सरकार इनके लिए बजटीय प्रावधान बढ़ाने की सोच रही है। इससे योजनाओं के ज्यादा पात्रों को लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही केंद्र पोषित व केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं से मेल खाने वाली योजनाओं को चुनकर उन्हें ज्यादा बजटीय प्रावधान के जरिये और प्रभावी बनाया जाएगा।
योजनाओं की एक श्रेणी बनेगी..
योजनाओं की श्रेणी वार छंटनी होगी। मसलन सभी विभागों में ऐसी योजनाओं की सूची तैयार होगी, जो रोजगार, स्वरोजगार और आजीविका बढ़ाने में सहयोग करती हैं। उन योजनाओं काे एक जगह रखा जाएगा, जो ऋण और अनुदान वाली हैं। गरीब, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग, महिला, बाल कल्याण से जुड़ी अलग-अलग विभागों में संचालित हो रही योजनाओं की भी पहचान होगी। इन योजनाओं में उनको छांटा जाएगा जिन्हें एक-दूसरे के साथ मिलाया जा सकता है।
हर विभाग में बनेंगे नोडल अधिकारी..
नियोजन विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान के विशेषज्ञ सभी योजनाओं की समीक्षा करेंगे। हर विभाग से योजनाओं के संबंध में जानकारी के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। नोडल अधिकारी अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की सूचनाएं एकत्रित करेंगे और उन्हें उपलब्ध कराएंगे।
विभागों में सैकड़ों की संख्या में छोटी-बड़ी योजनाएं हैं। पिछले कुछ वर्षों में नई योजनाएं बनीं हैं और जो पहले से बनी योजनाओं जैसी ही हैं। कुछ योजनाएं अब अप्रासंगिक और अव्यावहारिक हो गई हैं। इनकी समीक्षा की जा रही है। अपर सचिव रोहित मीणा के नेतृत्व में यह काम हो रहा है। इससे योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को इनका फायदा मिलेगा।
27 अप्रैल को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाओं के तहत आज मंगलवार को जोशीमठ नृसिंह मंदिर से बद्रीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के साथ योगबद्री मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुए। बुधवार को पांडुकेश्वर से कुबेर जी और उद्घव जी की उत्सव डोली रावल, और शंकराचार्य की गद्दी बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होगी। जिसके बाद 27 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर विधि-विधान से भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट खोल दिए जाएंगे।
उत्तराखंड में तीन जिलों में एवलांच की चेतावनी..
उत्तराखंड: प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम खराब रहने की संभावना जताई जा रही है। पिछले कई दिनों से लोग गरमी और लू से लोग परेशान थे। जिसके चलते सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा छाया रहता था। लोग घरों से निकलने से बचते थे। लेकिन आज राजधानी देहरादून में भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप के बाद खुशनुमा हुए मौसम से लोगों ने राहत की सांस ली है।
उत्तराखंड में अगले 5,7 दिन खराब मौसम होने की बात सामने आई है। इसके साथ ही डीजीआरई चंडीगढ़ की ओर तीन जिलों में एवलांच की चेतावनी जारी की गई है। इसके बाद उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भी जिलाें को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की से हल्की बारिश/आंधी/बर्फबारी होने की संभावना जताई है। इसके साथ ही आज प्रदेश के शेष जिलों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने आगे पूर्वानुमान लगाया है कि 3,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात होने की संभावना है। मौसम विभाग ने 25 अप्रैल को भी यलो अलर्ट जारी करते हुए उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय जनपदों में बिजली चमकने और गरज के साथ बरसात होने की भी संभावना व्यक्त की है तथा उन्होंने लोगों से अपील की है कि बिजली गिरने से जनहानि भी हो सकती है इसलिए बेहद सतर्कता बरतें।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच का खतरा- अगले 24 घंटे उत्तराखंड में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच का खतरा है। रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। NDMA ने 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच के खतरे की चेतावनी जारी की है।
केदारनाथ धाम में बर्फबारी का अलर्ट- केदारनाथ धाम में अगले कुछ दिनों में बर्फबारी के अलर्ट के मद्देनजर भी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए है। प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावनाओं की बीच सचिव आपदा प्रबंधन ने संबंधित विभागों को भी निर्देश जारी किए हैं।
डीजीपी अशोक कुमार का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में अगले छह से सात दिन तक बर्फबारी की संभावना जताई गई है। इसके लिए रुद्रप्रयाग पुलिस को जिला प्रशासन व संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। बर्फबारी के संबंध में सोशल मीडिया, न्यूज चैनलों, समाचार पत्रों से प्रचार-प्रसार कराने को कहा गया है।
केदारनाथ धाम में बर्फबारी अलर्ट के चलते रोका गया पंजीकरण..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में अगले कुछ दिनों में बर्फबारी के अलर्ट के मद्देनजर भी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए है। प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावनाओं की बीच सचिव आपदा प्रबंधन ने संबंधित विभागों को भी निर्देश जारी किए हैं। बता दे कि केदारनाथ धाम में बर्फबारी और खराब मौसम को देखते हुए रविवार की सुबह 10:00 से केदारनाथ धाम के लिए तीर्थ यात्रियों का पंजीकरण अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
अपर आयुक्त गढ़वाल मंडल नरेंद्र सिंह क्वीराल का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में बर्फबारी और खराब मौसम के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए यहां पंजीकरण अगले आदेश तक रोका गया है शेष धामों के लिए ऑनलाइन और भौतिक पंजीकरण दोनों सुविधा जारी है।
उनका कहना हैं कि ऋषिकेश और हरिद्वार पंजीकरण केंद्र में अगले आदेश तक श्रद्धालुओं के पंजीकरण रोके गए हैं। पंजीकरण करने वाली एजेंसी एथिक्स इंडिया के स्थानीय प्रभारी प्रेम ने कहा कि आयुक्त गढ़वाल मंडल व अध्यक्ष यात्रा प्रशासन संगठन के आदेश पर रविवार की सुबह 10:00 बजे से पंजीकरण रोका गया है।
अक्षय तृतीय पर हुआ चारधाम यात्रा का आगाज, पुष्प वर्षा के साथ गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों का हुआ स्वागत..
उत्तराखंड: अक्षय तृतीय के अवसर पर आज शनिवार को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। गंगोत्री के कपाट 12:35 मिनट पर जबकि यमुनोत्री के कपाट 12:41 मिनट पर खुले। मां गंगा की भोगमूर्ति और छड़ी गंगोत्री धाम में विराजमान हुई। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी इस मौके पर धाम पहुंचे और गंगा पूजन किया। पूजा-अर्चना के बाद विधिवत रूप से सीएम की मौजूद में गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। इसके बाद यमुनोत्री धाम के कपाट खुले। पुष्प वर्षा के साथ तीर्थयात्रियों का स्वागत किया गया।
गंगोत्री के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई थी। इसके तहत शुक्रवार को मुखबा से मां गंगा की डोली आर्मी बैंड की धुनों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। मां गंगा की विदाई के दौरान मुखबा गांव के ग्रामीण भावुक हो गए। शुक्रवार को चारधाम यात्रा औपचारिक रूप से शुरू हुई जबकि यात्रा का विधिवत आगाज शनिवार दोपहर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ। इससे पूर्व शुक्रवार को मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया और मुखबा गांव से डोली को जयकारों के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आर्मी बैंड, ढोल दमाऊं और रणसिंगे के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया।
राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने आज अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के सुगम, सुखद और मंगलमय चारधाम यात्रा की कामना की है।
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आज अक्षय तृतीया पर खुल गए गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट..
उत्तराखंड: अक्षय तृतीय के अवसर पर आज शनिवार को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। गंगोत्री के कपाट 12:35 मिनट पर खोल दिए गए। जबकि यमुनोत्री के कपाट 12:41 मिनट पर खुले।मां गंगा की भोगमूर्ति और छड़ी गंगोत्री धाम में विराजमान हुई।
गंगोत्री के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई थी। इसके तहत शुक्रवार को मुखबा से मां गंगा की डोली आर्मी बैंड की धुनों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। मां गंगा की विदाई के दौरान मुखबा गांव के ग्रामीण भावुक हो गए। शुक्रवार को चारधाम यात्रा औपचारिक रूप से शुरू हुई जबकि यात्रा का विधिवत आगाज शनिवार दोपहर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ। इससे पूर्व शुक्रवार को मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया और मुखबा गांव से डोली को जयकारों के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आर्मी बैंड, ढोल दमाऊं और रणसिंगे के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया।
7 किमी तक पैदल चलकर गंगोत्री हाईवे पहुंचे
मुखबा गांव की महिलाओं ने फूल बरसाकर मां गंगा की डोली को विदा किया। इसके बाद तीर्थपुरोहित व श्रद्धालु मां गंगा की डोली के साथ मुखबा से जांगला तक पगडंडी से 7 किमी तक पैदल चलकर गंगोत्री हाईवे पहुंचे। उसके बाद सड़क मार्ग से पैदल भैरो घाटी पहुंचे।
यहां भैरो मंदिर में मां गंगा की डोली ने रात्रि विश्राम किया। आज शनिवार सुबह मां गंगा की डोली 8 बजे गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई और अक्षय तृतीया पर दोपहर 12:13 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
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बाबा केदार के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू, भैरवनाथ का किया आह्वान..
उत्तराखंड: भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भगवान केदारनाथ की निर्विघ्न यात्रा के लिए क्षेत्रपाल के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ की आराधना की गई। साथ ही देवता की पूरी-पकौड़ी से बनी मालाओं से श्रृंगार कर अष्टादश आरती उतारी गई।
गुरूवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ स्थित भैरवनाथ मंदिर में बाबा केदार की डोली के धाम प्रस्थान की पूर्व संध्या पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। धाम के लिए नियुक्त पुजारी शिव लिंग द्वारा भगवान भैरवनाथ का पंच ब्रह्म मंत्र से अभिषेक किया गया।
साथ ही पंचामृत अभिषेक रुद्राभिषेक के साथ पूरी-पकौड़ी की माला से श्रृंगार किया गया। बाल भोग के बाद भगवान भैरवनाथ को महाभोग लगाया गया। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की अगुवाई में शिवाचार्य महास्वामी केदार लिंग, पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग द्वारा अष्टादश आरती उतारी गई। वहीं, मंदिर के वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी, मृत्युंजय हीरेमठ, आशाराम नौटियाल के वेद मंत्रोच्चारण के बीच सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया।
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छह माह पूजा-अर्चना का संकल्प कराया
रावल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ के लिए नियुक्त मुख्य पुजारी शिव लिंग को भगवान भैरवनाथ के समक्ष धाम की छह माह पूजा-अर्चना का संकल्प कराते हुए आशीर्वाद दिया। इसके बाद भगवान भैरवनाथ की पूजा में शामिल हुए सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा गया। इस मौके पर बीकेटीसी के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, भाजपा की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कार्याधिकारी रमेश तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल आदि मौजूद थे।
पॉलीहाउस बनेंगे राज्य के कृषकों के लिए आय का बड़ा जरिया..
धामी सरकार ने 304 करोड़ रुपये को दी मंजूरी..
उत्तराखंड: राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार सृजन की दिशा में राज्य की धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत राज्य में पॉलीहाउस के माध्यम से एक लाख से अधिक कृषकों को रोजगार प्रदान करने की योजना है। विगत दिवस हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में पॉलीहाउस के लिए धामी सरकार ने 304 करोड़ की योजना को मंजूरी प्रदान कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
आपको बता दे कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में किस तरह रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं, इस हेतु सीएम मंत्री धामी लगातार गंभीरता से काम कर रहे हैं। तमाम सार्वजनिक मंचों से भी वे ये प्रतिबद्धता दर्शा चुके हैं कि हिमाचल की तर्ज पर राज्य के पर्वतीय जिलों में भी खेती-बागवानी को रोजगार का जरिया बनाया जाए। अब इसी कड़ी में राज्य सरकार ने पॉली हाउस को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
इसके अन्तर्गत राज्य में क्लस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस (Naturally Ventilated) में सब्जी एवं फूलों की खेती की योजना का निर्णय लिया है। नाबार्ड की योजनान्तर्गत क्लस्टर आधारित 100 वर्गमीटर आकार के 17648 पॉलीहाउस स्थापना हेतु रू0 304 करोड़ रुपये राज्य कैबिनेट द्वारा स्वीकृत किये गये है, जिसमें कृषकों को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
इसके साथ ही राज्य के लगभग 01 लाख कृषकों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से स्वरोजगार के साधन प्राप्त होने के साथ-साथ उनकी आय में भी वृद्धि हो सकेगी, जिससे सामाजिक एवं आर्थिक स्तर मे सुधार होगा तथा पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाले पलायन में भी कमी आयेगी। साथ ही सब्जियों के उत्पादन में 15 प्रतिशत व फूलों के उत्पादन में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी।