सुदूर इलाके में भी काम करेगा रेस्क्यू मोबाइल सिस्टम, कंपनी ने किए ये दावा..
उत्तराखंड: किसी भी आपदा की स्थिति में जब सारी संचार व्यवस्थाएं ध्वस्त हो जाएं, तब ‘रेस्क्यू मोबाइल सिस्टम’ कारगर सिद्ध हो सकता है। से इजाद करने वाली कंपनी का दावा है कि यह सिस्टम हिमालय के सुदूर इलाके में भी काम करेगा। इस तकनीक की सहायता से न केवल आपदा प्रबंधन पर काम करने वाली टीम की सहायता की जाएगी, बल्कि आपदा प्रभावित व्यक्तियों को खोज कर उन्हें समय रहते रेस्क्यू कर अस्पताल या सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया जा सकेगा।
मसूरी रोड स्थित एक होटल में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में हरियाणा गुड़गांव की एक कंपनी विहान नेटवर्क लिमिटेड (वीएनएल) की ओर से इस यंत्र का प्रस्तुतीकरण दिया गया है। लगभग 50 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया यह प्रोटेबल सिस्टम 20 मिनट में कहीं भी ले जाकर इंस्टाल किया जा सकता है।
कंपनी के प्रबंधक राहुल दूबे और टेक्निकल मैनेजर फुलविंदर सिंह का कहना हैं कि यह सिस्टम अपनी तरह का एक मोबाइल नेटवर्क तैयार करता है, जो 500 मीटर से 10 किमी के दायरे में काम करता है। आपदाग्रस्त क्षेत्र में इस सिस्टम को इंस्टाल करने के साथ ही यह मौके पर मौजूद आपदा प्रबंधन तंत्र को एक नेटवर्क के जरिए आपस में जोड़ देता है। इस नेटवर्क से सभी लोग आपस में बातचीत करने के साथ ही वीडियो कॉलिंग और एसएमएस के जरिए भी बात कर सकते हैं। जहां यह सिस्टम इंस्टाल किया जाता है, सेटअप पर लगा कैमरा वहां कि 360 डिग्री का लाइव वीडियो भी जिला मुख्यालय के अलावा नेटवर्क से जुड़े मोबाइल पर भेजता है।
ऐसे काम करता है सिस्टम
उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा के दृश्य लोगों के जेहन मेें आज भी ताजा हैं। जलप्रलय ने केदारघाटी को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया था और सारे संपर्क टूट गए थे। ऐसे में यदि ‘रेस्क्यू मोबाइल सिस्टम’ होता तो सबसे पहले सभी रेस्क्यू टीमें एक नेटवर्क के जरिए आपस में जुड़ जातीं। केदारनाथ की लाइव तस्वीरें सेटेलाइट के माध्यम से जिला मुख्यालय पर दिखाई देती। जो लोग मलबे में दब गए थे या आसपास के जंगलों में भटक गए थे, यदि उनके पास मोबाइल होता तो सिग्नल नहीं होने की स्थिति में भी उन्हें ढूंढ़ा जा सकता था।
मलबे में दबे लोगों को ऐसे ढूंढता है सिस्टम..
यदि कोई बिल्डिंग गिर जाए, भूस्खलन में बहुत सारे लोग दब जाएं, तब यह सिस्टम उस एरिया के सभी मोबाइल को डिटेक्ट कर लेता है। इसके बाद सभी मोबाइल में एक मैसेज भेजता है, जिसमें तीन ऑप्शन होते हैं। पहले ऑप्शन में मलबे में दबा व्यक्ति एक नंबर दबाता है, जिसका मतलब होता है मैं ठीक हूं। दो नंबर दबाने का मतलब है मदद चाहिए और यदि कोई रिस्पांस नहीं मिले तो समझो व्यक्ति या तो बेहोश है या मर चुका है।
ये खिलाड़ी होंगे द्रोणाचार्य, खेल रत्न सहित इस अवॉर्ड से सम्मानित..
उत्तराखंड: प्रदेश के खिलाड़ी देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा के दम पर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। इन खिलाड़ियों की हौसला अफ्जाई के लिए प्रदेश सरकार इन्हें सम्मानित करने जा रही है। बताया जा रहा है कि सीएम धामी खेल विभाग की ओर से 24 मार्च को परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में करीब 74 से अधिक खिलाड़ियों और 15 प्रशिक्षकों को सम्मानित करेंगे और नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा। इसकी लिस्ट तैयार कर ली गई है।
आपको बता दे कि अनुसार राज्य में कोविड एवं अन्य वजहों से पिछले चार वर्षों से खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षकों को पुरस्कृत नहीं किया जा सका था, लेकिन अब पुरस्कारों की घोषणा के बाद इन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के होनहार खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस संबंध में खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों की सूची भी जारी कर दी गई है। लिस्ट में मानसी नेगी, परमजीत बिष्ट सहित कई खिलाड़ियों के नाम शामिल है।
बताया जा रहा है कि द्रोणाचार्य अवाॅर्ड के लिए विभाग को आठ और खेल रत्न पुरस्कार के लिए 11 आवेदन मिले, जबकि लाइफ टाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड के लिए छह आवेदन मिले हैं। हल्द्वानी निवासी ममता जोशी पाठक, अर्जुन सिंह महर, जानकी कार्की और ज्योती जोशी और बागेश्वर के कमलेश तिवारी को 24 मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा साथ ही नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में किया जाएगा।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन तय हुई गंगोत्री धाम कपाट खुलने की तिथि..
उत्तराखंड: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आज बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई। श्रद्धालुओं के लिए 22 अप्रैल को गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। 21 तारीख को मां गंगा की भोग मूर्ति गंगोत्री के लिए प्रस्थान करेगी। बता दे कि इस बार चारधाम यात्रा की शुरुआत 22 अप्रैल से होगी। देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए सरकार तैयारियों में जुटी है। सरकार को उम्मीद है कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकॉर्ड बनाएगी।
आपको बता दें कि अब श्रद्धालु घर बैठे गंगोत्री धाम की आरती देख सकेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग प्रसाद योजना के तहत मंदिर में उच्च स्तर के कैमरे लगाने जा रहा है जिससे चार धाम यात्रा के दौरान हर दिन उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर आरती का सीधा प्रसारण होगा। केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत चारों धामों में सौंदर्यीकरण सहित कई अन्य विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसी योजना के तहत चारों धामों में पर्यटन विभाग उच्च स्तर के कैमरे भी लगाने जा रहा है जिससे धामों में होने वाली आरती व अन्य धार्मिक अनुष्ठान श्रद्धालु घर बैठे देख सकें।
पर्यटन विभाग की ओर से उत्तरकाशी जिले में पहले चरण में यह कार्य गंगोत्री धाम में किया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने प्रसाद योजना की कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल को कैमरे लगाने के कार्य का इस्टीमेट भेजने को कहा है। कैमरे लगाए जाने के बाद गंगोत्री धाम परिसर में होने वाले धार्मिक अनुष्ठान व आरती का सीधा प्रसारण उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर होगा। यहां से श्रद्धालु गंगोत्री धाम की आरती देख सकेंगे।
उत्तराखंड में जल्द लागू हो सकती है ये नई नियमावली..
कैदियों को मिलेगी ये सुविधा..
उत्तराखंड: प्रदेश में जेल के वर्षों पुराने कानून के स्थान पर नया मॉडल जेल मैन्युअल (नियमावली) लागू होने वाला है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में जल्द ही नई जेल नियमावली को लागू किया जाएगा। इसके लिए अगली कैबिनेट बैठक में ये प्रस्ताव लाया जा सकता है। कैबिनेट से पास होने पर जेल की काया बदली हुई नजर आएगी। जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य व रहने की सुविधाओं और रोजगार को देखते हुए नई नियमावली बनाई गई है।
आपको बता दे कि देश भर की जेलों में कैदियों की समस्याओं को देखते हुए वर्ष 2016 में माडल जेल मैन्युअल बनाया गया था। केंद्र के मैन्युअल में कैदियों की सुविधाओं पर विशेष फोकस है। यह भी बताया गया है कि एक बैरक में अधिकतम कितने कैदी रहेंगे और इन्हेंं क्या सुविधा दी जाएगी।
इसमें कैदियों की पढ़ाई के साथ ही स्वरोजगारपरक शिक्षा पर भी जोर दिया गया है। इसके बाद सभी राज्यों से इसी को आधार बनाते हुए अपने स्तर पर मैन्युअल बनाने को कहा गया। उत्तराखंड में भी इसकी तैयारी शुरू की गई थी।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में जेलों के लिए नई नियमावली का इंतजार काफी लंबा हो चला है। हालांकि विशेष सचिव गृह ने ये बात कही है कि अगली कैबिनेट में ये प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भी एक नई जेल करीब-करीब तैयार हो चुकी है और संभावना है कि अगले 6 महीने के भीतर इसमें भी कैदियों को रखने की स्थिति बना दी जाएगी।
24 घंटे पहले टिकट रद्द किया तो वापस नहीं होगा किराया..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में केदारनाथ हेली सेवा से जाने वाले तीर्थयात्रियों को 24 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर किराया वापस नहीं होगा। जबकि 72 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर 75 प्रतिशत किराया वापस हो सकता है। हेली सर्विस टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) द्वारा नई व्यवस्था लागू की जाएगी।
केदारनाथ हेली सेवा की यात्री सुविधाओं और टिकट खरीद के लिए सरकार इस बार नई व्यवस्था कर रही है। आईआरसीटीसी को हेली सेवाओं के लिए ऑनलाइनबुकिंग का काम दिया जा रहा है। इससे टिकटों की कालाबाजारी की संभावना नहीं रहेगी। इसके लिए आईआरसीटीसी के साथ जल्द ही एक अनुबंध किया जाएगा।
गुप्तकाशी से हेली सेवा के लिए आज खुलेंगे टेंडर..
बता दे कि यूकाडा ने अब तक फाटा, सिरसी से हेली सेवा सचांलन के लिए पवन हंस, हिमालयन हेली, कैट्रल एविएशन को तीन साल के लिए कार्य दे दिया है। जबकि गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए हेली सेवा के टेंडर 21 मार्च को खुलेंगे।
मौसम की सूचना के लिए केदारघाटी में लगेंगे कैमरे..
आपको बता दे कि केदारघाटी में पिछले साल मौसम खराब होने के कारण एक हेलिकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। इस बार हेली सेवा का सफर सुरक्षित करने के लिए केदारघाटी में जगह-जगह कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे कंट्रोल रूम से कनेक्ट होंगे। कैमरों के माध्यम से घाटी में बादल आने या मौसम खराब का पता लगेगा। इस पर कंट्रोल रूम से हेली सेवा के पायलट और क्रू मेंबर को सूचना दी जाएगी।
बद्री – केदार मंदिर समिति में नियम विरुद्ध लगभग एक दशक से अधिक समय तक मुख्य कार्याधिकारी के रूप में नियुक्त रहे चर्चित वन सेवा के अधिकारी बीडी सिंह के जलवे अब भी बरक़रार हैं। तमाम आरोप प्रत्यारोपों के बीच सरकारी सेवा से आनन फानन में सवैच्छिक सेवा निवृति लेकर अम्बानी की रिलायंस कम्पनी में नौकरी कर रहे बीडी सिंह मंदिर समिति के एक्ट के प्रावधानों को ठेंगे पर रख कर समिति में सलाहकार के रूप में नियुक्त हो गए हैं।
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम 1939 में प्राविधान है की समिति में मुख्य कार्याधिकारी पद पर नियुक्ति भी प्रदेश सरकार मंदिर समिति की राय पर करेगी। समिति में सरकार की ओर से नियुक्त किये जाने वाले पदों के बारे में स्पष्ट प्राविधान है। लेकिन यह पहली बार हुआ है की मंदिर एक्ट के प्राविधानों के विपरीत सलाहकार की नियुक्ति की गयी है। मंदिर समिति के एक्ट में सलाहकार जैसे पद का कोई प्रावधान नहीं है। हालंकि आदेश में कहा गया है की वो अवैतनिक रूप से सलाहकार होंगे। लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है सलाहकार को कार्यालय और वाहन की सुविधा मंदिर समिति उपलब्ध कराएगी।
कांग्रेस हो या भाजपा सरकार सभी में बीडी सिंह लगातार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी के पद पर कब्ज़ा जमाये बैठे रहे। नियमानुसार कोई अधिकारी किसी विभाग में डेपुटेशन पर जाता है तो अधिकतम तीन वर्ष से अधिक का कार्यकाल नहीं हो सकता है। लेकिन बीडी सिंह सारे नियम कानूनों को ताक पर रख कर मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी के पद पर 11 वर्ष के करीब रहे। एक दशक से अधिक समय तक मंदिर समिति के कार्याधिकारी के रूप में कार्यरत रहने के कारण मंदिर समिति के प्रशासन और व्यवस्थाओं को उन्होंने अपने मन मुताबिक चलाया। मंदिर समिति में यह प्रचलित था की ना खाता – ना बही , जो बीडी सिंह कहे वो सही।
बीडी सिंह मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी रहने के दौरान हमेशा विवादों में रहे। उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे। उनके कार्यकाल के दौरान की जांच अभी लंबित है। उनके कार्यकाल में नियुक्तियों से लेकर कार्मिकों के विनियमतीकरण और पदोन्नति तक के कई प्रकरण विवादों में हैं। बताया जाता है की उन्होंने मंदिर समिति में अपने कुछ ख़ास कर्मचारियों की एक टीम बनायीं थी जो उनके कहे अनुसार आँख मूँद कर काम करती थी। इस कारण मंदिर समिति के प्रति निष्ठावान कर्मचारियों का मनोबल टूट गया था। बीडी सिंह के मुहँबोले कर्मचारी सब पर हावी रहते थे।
बीडी सिंह के बारे में यह भी कहा जाता है कि उन्होंने मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी रहते हुए बड़े बड़े लोगों से अपने अच्छे रिश्ते बना दिए थे। यही कारण है कि किसी की भी सरकार आये उनके प्रभाव में कोई फर्क नहीं पड़ा। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेताओं को उन्होंने मैनेज करके रखा था। विगत विधान सभा चुनाव के बाद कई भाजपा नेताओं ने बीडी सिंह पर चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में काम करने का आरोप भी लगाया था। समय समय पर उठने वाली जांच की मांग को बीडी सिंह ने अपने प्रभाव से ठन्डे बस्ते में डलवा दिया।
गत वर्ष मंदिर समिति में अध्यक्ष पद पर अजेंद्र अजय की नियुक्ति के बाद बीडी सिंह का वर्चस्व समाप्त हुआ। अजेंद्र ने मंदिर समिति में अपनी पसंद के अनुरूप प्रदेश सिविल सेवा के अधिकारी योगेंद्र सिंह को मुख्य कार्याधिकारी के रूप में नियुक्त कराया। सूत्रों के मुताबिक मंदिर समिति से ट्रांसफर होने के बावजूद बीडी सिंह ने फिर से मुख्य कार्याधिकारी के पद पर तैनाती के लिए काफी प्रयास किये। इसके साथ ही उन्होंने बद्री नाथ और केदारनाथ में चल रहे मास्टर प्लान के कार्यों में अपनी नियुक्ति के लिए भी प्रयास किये। मगर तब उनके ये प्रयास सफल नहीं हो पाए। बीडी सिंह को मुख्य कार्याधिकारी पद से हटाने के धामी सरकार के निर्णय की तब काफी सराहना भी हुयी थी। सोशल मीडिया में धामी सरकार की जमकर वह वही हुयी थी।
बद्री केदार मंदिर समिति में बहाली नहीं होने पर बीडी सिंह ने सरकारी सेवा से आनन् फानन में स्वेच्छिक सेवा निवृति ले ली। सूत्रों के अनुसार स्वेछिक सेवा निवृति लेने में में विवादित अधिकारी के मामले में नियमों का पालन भी नहीं किया गया। सेवा निवृति के बाद बीडी सिंह ने प्रसिद्ध उद्योगपति अम्बानी की रिलायंस कम्पनी में जॉब शुरू कर दी। मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी रहते हुए उनके द्वारा अंबानी के साथ रिश्तों की चर्चा जग जाहिर है।
सांस्कृतिक कला मंच ने किया फूलदेई महोत्सव का आयोजन..
रुद्रप्रयाग। सांस्कृतिक कला मंच तिलवाड़ा की ओर से बाल पर्व फूलदेई महोत्सव को भव्य रूप से मनाया गया। प्रातःकाल नगर पंचायत तिलवाड़ा क्षेत्र में फुलारी बच्चों ने झांकी निकाली, जिसमें नगर क्षेत्र की दस टीमों ने प्रतिभाग किया। फूलदेई की इस प्रभात फेरी झांकी में टीमों ने शिक्षिका और साहित्यकार व मंच की संयोजक विमला राणा की गढ़वाली कविता बसंत ऐगे पुगड़ियों मा फुलार एग्ये को गाकर पथ चलन को मधुरिम बना दिया।
विमला राणा की इस कविता को स्वर देने में शान्ति पंवार, कश्मीरा, हिमानी और संगीता नेगी ने सहयोग दिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी जनपद रुद्रप्रयाग विनोद प्रसाद सिमल्टी ने अपना संबोधन गढ़वाली भाषा में करते हुए इस पर्व के मनाने के उद्देश्यों और लाभों पर बात करते हुए नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से परिचित कराने के लिए जन-जन और बच्चों को बताने पर जोर दिया।
प्रधानाचार्य राइंका तिलकनगर डीएस राणा ने कहा कि आज के दौर में इस प्रकार के कार्यक्रमों की परम आवश्यकता है। नगर पंचायत अध्यक्ष संजू जगवाण ने फुलारी पर्व पर चर्चा करते हुए कहा कि इस सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और संवर्धन करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। कार्यक्रम में शशिकांत सेमवाल और वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने भी अपने विचार रखे।
फुलारी कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में तिलवाड़ा के युवा व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता अंशुल जगवाण और हैप्पी असवाल का विशेष सहयोग रहा। सह संयोजक संगीता गौड़ ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी के साथ सभी अतिथियों व बच्चों का आभार व्यक्त कर बच्चों को शुभकामनाएं दी।
केदारनाथ यात्रा के दौरान कुंड से गुप्तकाशी के बीच लगता है घंटो का जाम..
डीएम मयूर दीक्षित ने अधिकारियों के साथ किया हाईवे का निरीक्षण..
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी और केदारनाथ यात्रा की लाइफलाइन कहे जाने वाले रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम यात्रा के दौरान जाम की स्थिति से तीर्थयात्री बेहद ही परेशान रहते हैं। ऐसे में यात्रा मार्ग के कुंड से गुप्तकाशी के जिन स्थानों में जाम की स्थिति बनी रहती है, उन स्थानों का जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग राजबीर सिंह चैहान एवं संबंधित ठेकेदार को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग के सेमी से गुप्तकाशी तक जिन स्थानों पर रोड़ संकरा है और जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे स्थानों को यात्रा शुरू होने से पूर्व दुरूस्त किया जाए। उन्होंने सेमी के पास चल रहे रोड कटिंग के कार्यों को तीव्र गति से करने के निर्देश दिए, जिसके लिए उन्होंने श्रमिकों की संख्या बढ़ाने को कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर भू-धंसाव की स्थिति हो रही है, उन पर तत्परता से पुश्ता लगाया जाए तथा पानी की निकासी के लिए नाली निर्माण कार्य भी किया जाए। डीएम ने रोड कटिंग के कार्य को तत्परता से करने को कहा। साथ ही साफ तौर पर निर्देश दिए कि किसी की सूरत में यात्रा के दौरान जाम की स्थिति पैदा न हो और ट्रैफिक निरंतर संचालित होता रहे।
चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर पुलिस महानिदेशक ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश..
यात्रा ड्यूटी में तैनात कार्मिक पूरे मनोयोग से दायित्वों का करें निर्वहन..
रुद्रप्रयाग। आगामी चारधाम को सकुशल संपंन कराए जाने को लेकर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने रुद्रप्रयाग पहुंचकर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व सभी क्षेत्राधिकारियों के साथ यात्रा तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही पुलिस कार्मिकों के साथ संवाद कर समस्यायें भी पूछी।
डीजीपी ने कहा कि आगामी दिनों में चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। जनपद में स्थित केदारनाथ धाम में पिछले कुछ सालों से अत्यधिक संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। ऐसे में यात्रा ड्यूटी में तैनात होने वाले पुलिस बल को अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण मनोयोग से करना है। पुलिस महानिदेशक ने केदारनाथ धाम परिसर के अन्तर्गत भीड़ नियन्त्रण व श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराये जाने के लिए सेक्टरों में विभाजित कर अनुभवी निरीक्षकों को नियुक्त करने के निर्देश दिए।
साथ ही पैदल मार्ग पर लैंड स्लाइड स्थलों का चयन कर एसडीआरएफ की तैनाती सहित आवश्यक पुलिस बल तैनात किये जाने को कहा। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के निकट पर्याप्त संख्या में जेसीबी, पोकलैण्ड मशीन सहित आवश्यक पुलिस बल तैनात करने की बात भी कही।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ विशाखा भदाणे ने डीजीपी को बताया कि यात्रा संबंधी प्रशासनिक तैयारियों के साथ ही प्रशासन व पुलिस के नियुक्त होने वाले कार्मिकों की आवासीय व्यवस्था की जा रही है। पैदल मार्ग पर बर्फ हटाये जाने तथा राष्ट्रीय राजमार्ग सहित राज्य मार्गों को दुरुस्त किया जा रहा है। सोनप्रयाग व सीतापुर की स्थायी पार्किंगों के अलावा अन्य स्थानों पर भी अस्थायी पार्किंग व्यवस्थित की जा रही हैं।
डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि यात्रा के सफल संचालन के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती की जा चुकी है। यात्रा व्यवस्थाओं के सफल संचालन व भीड़ नियन्त्रण के लिए पुलिस स्तर से नियुक्त होने वाले सेक्टर पुलिस अधिकारियों की तर्ज पर प्रशासन के स्तर से सेक्टर अधिकारी तैनात किये जा रहे हैं। भीड़ नियन्त्रण के लिए केदारनाथ धाम परिसर में बैरिकेडिंग करायी जा रही है। इस वर्ष धाम के लिए संचालित होने वाली हेली सेवा प्रदाता कम्पनियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये जाने के लिए यूकाडा से अनुरोध किया जा चुका है।
सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ हेलीपैड पर बैरिकेडिंग कर सेक्टर में विभाजित किया जाएगा और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही पुलिस बल तैनात कर भीड़ पर नियन्त्रण किया जाएगा। निर्धारित क्षमता से अधिक की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की दशा में उनकी सुरक्षा व बुनियादी सुविधाओं के दृष्टिगत ऋषिकेश व आस-पास के क्षेत्र में ही अस्थायी रूप से रोके जाने का सुझाव दिया गया।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस संबंध में उनके स्तर से भी सक्षम पुलिस अधिकारी की तैनाती ऋषिकेश में करने के निर्देश दिए जायेंगे। इस अवसर पर डीएम मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक डाॅ विशाखा अशोक भदाणे, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, सीओ गुप्तकाशी विमल रावत, सीओ आपरेशन्स हर्षवर्द्धनी सुमन, प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइन, यातायात निरीक्षक, थाना प्रभारी, चैकी प्रभारी सहित अधीनस्थ पुलिस बल उपस्थित था।
पुलिस कार्मिकों के कल्याण को लेकर निरन्तर किये जायेंगे कार्य: डीपीजी
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस कार्मिकों के वेलफेयर और मनोबल को बढ़ाये जाने के लिए निरन्तर कार्य किये जा रहे हैं। हाल ही में पुलिस विभाग के सभी संवर्गों में पदोन्नति प्रदान की गई है। कुछ पदों पर पदोन्नति के लिए आ रही दिक्कतों के चलते शासन स्तर पर समन्वय स्थापित कर शिथिलीकरण प्राप्त कर पदोन्नति प्रदान की गयी है। निकट भविष्य में भी पुलिस कार्मिकों के कल्याण को लेकर निरन्तर कार्य किये जायेंगे।
पुलिस बल के आधुनिकीकरण की दिशा में भी कार्य किये जा रहे हैं। राज्य के अधिकांश जनपदों में हाल ही में कुल 6 थाने व 20 पुलिस चैकियां सृजित कर अधिक से अधिक क्षेत्र को पुलिस के अधीन सम्मिलित किया गया है। डीजीपी ने रुद्रप्रयाग के अन्तर्गत सृजित 2 रिपोर्टिंग पुलिस चैकियों के गांवों में निरन्तर भ्रमण कर जनता के बीच पहुंचकर संवाद स्थापित किये जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि ऊखीमठ क्षेत्रान्तर्गत खुली पुलिस चैकी चोपता का पर्यटन की दृष्टि से एवं तुंगनाथ धाम के चलते अत्यधिक महत्व है। अभी से तुंगनाथ क्षेत्र में पुलिस पेट्रोलिंग की जाए। बद्रीनाथ-केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालु इस मार्ग का भी भरपूर उपयोग करते हैं। ऐसे में इस मार्ग पर प्रभावी यातायात व्यवस्था बनाई जाए।
इस दिन उत्तराखंड आ सकते है पीएम मोदी और जेपी नड्डा..
उत्तराखंड: प्रदेश में धामी सरकार का 23 मार्च को एक साल पूर्ण होने वाला है। इस मौके पर कहा जा रहा है कि पीएम मोदी और जेपी नड्डा विधायकों की क्लास लेने आ सकते है। बताया जा रहा हैकि उत्तराखंड बीजेपी अपने तमाम कार्यक्रमों की तैयारी कर रही है। तो वहीं खबर है कि इसके लिए विधायकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। आपको बता दे कि प्रदेश में भाजपा के दूसरे कार्यकाल का पहला साल 23 मार्च को पूरा होगा।
जिसके लिए बीजेपी ने भव्य स्तर पर जश्न मनाने की कवायद शुरू की है। इसके लिए विधायकों को तैयार किया जा रहा। इस प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। इसके समापन समारोह पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रह सकते है। साथ ही आगामी 23 मार्च को भाजपा सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर संगठन व्यापक रूप से कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है। जिसमें केन्द्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुँचाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे।
आगामी पखवाड़ा में व्यापक रूप से विभिन्न जनसहभागिता कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। इसके उपरांत प्रदेश एवं केंद्र सरकार की उपलब्धियों व योजनाओं की जानकारी देने वाले 15 लाख से अधिक पत्रकों को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना हैं कि इन कार्यक्रमों में बहुउद्देश्यीय शिविरों में सहभागिता और प्रदेश व केंद्र सरकार की उपलब्धियों व योजनाओं की जानकारी पत्रकों के माध्यम से घर घर पहुंचाई जाएगी। इसी क्रम में सभी शक्ति केंद्रों की इकाइयों का गठन किया जा रहा है इसके बाद आगामी 31 मार्च तक बूथ टोली का गठन और पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति कर दी जाएगी।