उत्तराखंड में 24 घंटे में 814 नए मामले आये सामने..
उत्तराखंड: प्रदेश में कोरोना तेजी से हावी होने लगा है। आये दिन कोरोना के नए आंकड़े डरा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना हैं कि राज्य में संक्रमण दर बढ़कर 5.59 प्रतिशत पहुंच गई है, जबकि रिकवरी दर 95.40 प्रतिशत है। प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 2022 पहुंच गई है। वहीं हल्द्वानी के एक कॉलेज में भी कोरोना विस्फोट हो गया। यहां 93 छात्र एक साथ पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शुक्रवार को कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है। 147 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। वहीं 2022 प्रदेश में सक्रिय मामले हैं। दूसरी ओर कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक न्यायिक कार्य वर्चुअल मोड में करने का आदेश दिया है।
आपको बता दे कि पाल नर्सिंग कॉलेज हल्द्वानी के 93 विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद सभी संक्रमितों को सूचित करते हुए होम आइसोलेट कर दिया गया। उनके सम्पर्क में आए लोगों की सैंपलिंग की तैयारी की जा रही है। वहीं कॉलेज को माइक्रो कंटेनमेंट जोन में बदल दिया गया है। एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत का कहना हैं कि बीते बुधवार को कॉलेज के करीब 450 विद्यार्थियों के सैंपल आरटीपीसीआर जांच को लिए गए थे।
शुक्रवार शाम रिपोर्ट आने पर सभी संक्रमितों को सूचित कर दिया गया है। उनका कहना हैं कि किसी भी छात्र में कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं हैं। कॉलेज के प्रशासक सुंदरम भंडारी का कहना हैं कि दो-तीन विद्यार्थियों ने जुकाम और बुखार की शिकायत बताई थी। जिसके बाद सभी विद्यार्थियों की जांच करवाई गई। उसके बाद कॉलेज में शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया। अभी सभी विद्यार्थियों की रिपोर्ट नहीं मिली है। जो छात्र हॉस्टल में हैं, उन्हें वहीं पर आइसोलेट कर दिया गया है।
भाजपा सरकार का मेगा इवेंट आज,हर विस के लिए 12 लाख रुपये की व्यवस्था..
उत्तराखंड: आचार संहिता लागू होने से पहले शुक्रवार को राज्य की भाजपा सरकार का मेगा इवेंट होगा। राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें राज्य सरकार की उपलब्धियों को पांच साल तक साझा किया जाएगा। साथ ही हर विधानसभा विकास कार्य का शिलान्यास व उद्घाटन भी होगा।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा के कार्यक्रम में होंगे, जबकि हर विधानसभा में कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के विधायक करेंगे। जहां पार्टी का कोई विधायक नहीं है, वहां जिलाधिकारी अपने विवेक से एक जन प्रतिनिधि से कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इस मेगा इवेंट के आयोजन के लिए राज्य सरकार ने 8.40 करोड़ रुपये का बजट भी प्रावधान किया है।
इसके साथ ही प्रत्येक विधानसभा के कार्यक्रम पर 12 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। कार्यक्रम के आयोजन के लिए सरकार की ओर से सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री के लाइव संबोधन की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री खटीमा से संबोधित करेंगे। जो कि सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सुना जाएगा। प्रत्येक विधानसभा में आयोजन स्थल पर एलईडी लगाई जाएगी।
विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री की बढ़ी मुश्किलें..
उत्तराखंड: राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और हाई कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को नोटिस थमा दिया है। ऐसे में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट ने एक गंभीर मामले में उन्हें नोटिस थमा दिया है। आपको बता दे कि पांच साल पहले हुए शक्तिमान घोड़े की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए जोशी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
कोर्ट ने जोशी के साथ ही उत्तराखंड सरकार के गृह सचिव समेत सह आरोपियों को भी नोटिस थमाए हैं और चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है इससे पहले इस मामले में सितंबर 2021 में निचली अदालत ने जोशी को क्लीन चिट दे दी थी। पांच साल पहले शक्तिमान की मौत मामले में करीब साढ़े तीन महीने पहले जब अदालत ने जोशी को बरी किया था तब भावुक होकर उन्होंने कहा था कि वह लगातार कहते रहे हैं कि वह निर्दोष हैं हालांकि अब निचली अदालत के फैसले पर हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है और इस मामले में हाई कोर्ट ने जवाब तलब किए हैं जबकि उत्तराखंड में चुनाव की सरगर्मियां हैं ऐसे में इस केस ने जोशी के लिए नया सिरदर्द खड़ा कर दिया है।
क्या है पूरी कहानी..
आपकों बता दें कि साल 2016 में बजट सत्र के दौरान भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक रैली निकाली थी, इस दौरान पुलिसकर्मियों व भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई थी, आरोप था कि इस दौरान भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीनकर उन्हीं पर बरसाना शुरू कर दिया था, लाठी की कुछ चोटें पुलिस के घोड़े शक्तिमान को भी आई थीं जिसके चलते वह घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई इस मामले में तीन महीने पहले जोशी को सीजेएम कोर्ट ने बरी कर दिया था।
इस मामले में 1971 की जंग के घायल सैनिक ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सीजेएम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है और जोशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है हालांकि इससे पहले जोशी के साथ ही अन्य 4 आरोपियों को न्यायालय ने दोष मुक्त करार दिया था। जोशी के खिलाफ मारपीट, बलवे और पशुओं के खिलाफ क्रूरता संबंधी मामले दर्ज किए गए थे जिनमें सबूतों की कमी के आधार पर कोर्ट ने उन्हें पांच साल पुराने मामले में बरी कर दिया था।
बुल्ली बाई एप की मास्टरमाइंड के लिए जावेद अख्तर ने कहा कुछ ऐसा..
देश-विदेश: बुल्ली बाई एप विवाद के सिलसिले में मुंबई पुलिस द्वारा एक 18 वर्षीय युवती को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के कुछ समय बाद ही दिग्गत गीतकार जावेद अख्तर ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लोगों से युवती को माफ करने का आग्रह किया है।
जावेद अख्तर ने किया यह ट्वीट..
जावेद अख्तर ने बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल पर नेटिज़न्स से दया दिखाने और लड़की को माफ़ करने के लिए कहा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “अगर “बुली बाई” वास्तव में एक 18 वर्षीय लड़की द्वारा सोचा और बनाया गया था, जिसने हाल ही में अपने माता-पिता को कैंसर और कोरोना से खो दिया है, तो मुझे लगता है कि महिलाएं को उससे मिलना चाहिए और बड़ों की तरह उसे समझाना चाहिए हैं कि जो भी उसने किया गलत किया। उसे दया दिखाओ और उसे माफ कर दो।
प्रधानमंत्री ने साधी चुप्पी..
उस समय उसकी इंजीनियरिंग करने की योजना थी। उसका परिवार लगभग 13,000 रुपये प्रति माह कमाता है, और उसकी दो बहनें हैं। वात्सल्य योजना के हिस्से के रूप में, जो कि COVID-19 अनाथों के लिए उत्तराखंड सरकार की एक योजना है, उन्हें 3,000 रुपये मिलते हैं। उसके पिता एक निर्माण कंपनी में काम करते थे जो परिवार को हर महीने 10,000 रुपये का भुगतान करती थी। इससे पहले जावेद अख्तर ने अपने परदादा फजल-ए-हक खैराबादी के सम्मान पर सवाल उठाने वाले सोशल मीडिया यूजर्स की खिंचाई की थी। अख्तर ने सोमवार को चल रहे ‘बुली बाई’ विवाद के खिलाफ अपनी बात रखी। अख्तर ने अपने ट्वीट में कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी की चुप्पी से हैरान हैं। उन्होंने लिखा सौ महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी होती है, तथाकथित धर्म संसद हैं, जो सेना को पुलिस और लोगों को लगभग 200 एमएलएन भारतीयों के नरसंहार के लिए जाने की सलाह देते हैं।
नेटिज़न्स ने किया ट्रोल
वही अख्तरका कहना हैं कि मैं खासकर प्रधानमंत्री की चुप्पी से हर किसी की चुप्पी से हैरान हूं। हालांकि, कई नेटिज़न्स अख्तर के ट्वीट से खुश नहीं थे। नेटिज़न्स ने बातचीत के दौरान उन्हें ट्रोल किया और यहां तक कि उनके पूर्वजों के ऊपर निशाना साधा। एक प्रतिक्रिया के रूप में, अख्तर ने मंगलवार को ट्वीट किया, “जिस क्षण मैंने महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी के खिलाफ आवाज उठाई, जो गोडसे का महिमामंडन कर रहे थे और सेना पुलिस को नरसंहार का उपदेश दे रहे थे, कुछ बड़े लोग मेरे महान दादा, एक स्वतंत्रता सेनानी को गाली देने लगे थे, जिनकी मृत्यु हो गई। अब आप ऐसे बेवकूफों को क्या कहते हैं।
24 घंटे में उत्तराखंड में मिले 505 नए कोरोना संक्रमित..
उत्तराखंड: प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 505 नए संक्रमित मिले हैं। वहीं एक भी संक्रमित की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में अब तक 346468 लोग संक्रमित हो चुके हैं। आज 119 लोग ठीक हुए हैं। राज्य में अब एक्टिव केस 1000 हो गए हैं। आपको बता दे कि बुधवार को देहरादून जिले में 253 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। हरिद्वार में 64, नैनीताल में 55, पौड़ी में 60, टिहरी, अल्मोड़ा व चमोली में पांच, बागेश्वर में नौ, चंपावत में तीन, ऊधमसिंह नगर में 37, पिथौरागढ़ में छह, रुद्रप्रयाग में एक, उत्तरकाशी जिले में दो संक्रमित मिले हैं।
बता दे कि राजधानी देहरादून समेत जिले भर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिलाधिकारी ने बिना मास्क के घूमने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में सघन जांच अभियान चलाएं और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जो बिना मास्क के सड़कों पर घूम रहे हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा हैं कि भीड़-भाड़ भरे बाजारों और सार्वजनिक स्थानों में भी सघन जांच की जाए और जो भी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके लिए जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश के आदेश दिए है कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना गाइडलाइन के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें। यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क के घूमता पाया गया उसके खिलाफ मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी और निर्धारित जुर्माना वसूला जाएगा।
उत्तराखंड में पीआरडी जवानों का सचिवालय कूच आज..
उत्तराखंड: विभिन्न मांगों को लेकर बीते लंबे समय से धरने पर बैठे प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवान बुधवार यानि आज सचिवालय कूच करेंगे। मंगलवार को पीआरडी जवानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ कैंडल मार्च निकाल प्रदर्शन किया। जबकि बुधवार को पीआरडी जवानों ने सचिवालय कूच करने का फैसला लिया है। मंगलवार को गांधी पार्क से कैंडल मार्च निकालते हुए पीआरडी जवान घंटाघर पहुंचे और परेड ग्राउंड से होते हुए गांधी पार्क पर कैंडल मार्च संपन्न हुआ।
आपको बता दे कि पीआरडी जवानोंका कहना हैं कि वह अपनी जायज मांगों को लेकर लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करने का काम कर रही है। पीआरडी जवानों ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीआरडी जवानों को साल के 300 दिन रोजगार देने की घोषणा की थी।
लेकिन अभी तक उसका भी शासनादेश जारी नहीं किया गया है। जबकि अन्य मांगों के संबंध में भी सरकार की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे पीआरडी जवानों में भारी रोष है और इसी के चलते पीआरडी जवानों ने पांच जनवरी यानि आज सचिवालय कूच करने का फैसला लिया है।
उत्तराखंड: प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के आगामी विधानसभा चुनाव में केदारनाथ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच भाजपा में ही विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र से स्थानीय भाजपा नेताओं को ही टिकट देने की मांग पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उठाई है।
विधानसभा चुनाव में बूथ मैनेजमेंट व चुनाव प्रबंधन को लेकर केदारनाथ विधानसभा की बैठक अगस्त्यमुनि में आयोजित की गई थी। बैठक में मुख्य वक्ता के तौर पर हिमाचल प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष पुरुषोत्तम गुलेरिया उपस्थित थे। इसके अलावा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, प्रदेश सरकार द्वारा भू – कानून में संशोधन के लिए गठित समिति के सदस्य अजेंद्र अजय, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष शकुन्तला जंगवान, केदारनाथ विधान सभा प्रभारी वाचस्पति सेमवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, पूर्व दर्जा धारी अशोक खत्री, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष कुंवरी बर्तवाल, जिला महामंत्री अनूप सेमवाल, बीर सिंह बुड़ेरा, ममता नौटियाल, जयंती प्रसाद कुर्मंचली समेत अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में मुख्य वक्ता द्वारा जैसे ही कार्यकर्ताओं का परिचय लिया गया, उसी दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने बाहरी प्रत्याशी के केदारनाथ से चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर आपत्ति जताते हुए स्थानीय कार्यकर्ताओं में से ही किसी को टिकेट देने की मांग रखी। इस पर बैठक में मौजूद अधिकांश पार्टी नेताओं ने ताली बजा कर समर्थन किया।
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की कोटद्वार के अलावा डोईवाला और यमकेश्वर सीट पर दावेदारी की चर्चाएं काफी समय से गर्म हैं। मगर इस बीच अचानक से केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र से हरक सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। इन चर्चाओं के जोर पकड़ते ही केदारनाथ सीट से तैयारी कर रहे भाजपा नेताओं में खलबली मच गई है। पार्टी नेताओं में इस मुद्दे पर अब तक अंदर खाने सुगबुगाहट थी और विरोध के स्वर भी सुनाई दे रहे थे।
मगर बूथ प्रबन्धन को लेकर आयोजित बैठक में पार्टी नेताओं का मन का गुबार बाहर निकल ही गया। हालांकि, बैठक में हरक सिंह रावत का नाम नहीं लिया गया। मगर पार्टी नेताओं का इशारा उनकी ओर था।
बैठक में मौजूद भाजपा नेता अजेंद्र अजय से इस संबंध में प्रतिक्रिया पूछने पर उन्होंने कहा कि पार्टी फोरम पर अगर किसी कार्यकर्ता ने अपनी भावनाएं व्यक्त की है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। टिकट जिसको भी मिलेगा सभी कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए काम करेंगे।
आपको बताते चलें कि वर्तमान में केदारनाथ सीट से कांग्रेस के विधायक मनोज रावत हैं। 2017 के विधान सभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद भाजपा प्रत्याशी शैलारानी रावत चौथे स्थान पर रही थीं। वर्तमान में केदारनाथ सीट से भाजपा के दावेदारों में शैलारानी रावत के अलावा आशा नौटियाल, अजेंद्र अजय, चंडी प्रसाद भट्ट, दिनेश उनियाल, अशोक खत्री आदि प्रमुख हैं।
केदारनाथ सीट भाजपा के लिए ख़ास महत्व रखती है। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। मोदी बतौर प्रधानमंत्री अब तक केदारनाथ की पांच बार यात्रा कर चुके हैं। मगर इतना सब कुछ होने के बावजूद यह सीट पिछले दस वर्षों से कांग्रेस के खाते में है। इसके लिए स्थानीय भाजपा नेता पार्टी प्रत्याशी के चयन में गलती को जिम्मेदार मानते हैं। बहरहाल, बाबा केदार की नगरी में आगामी विधानसभा चुनाव में किसको नेतृत्व करने का मौका मिलेगा, यह भविष्य ही बताएगा।
सूर्य नमस्कार का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया विरोध..
देश-विदेश: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने देश भर के सभी स्कूलों में एक सप्ताह तक चलने वाले योग सूर्य नमस्कार सत्र आयोजित करने के केंद्र सरकार के आदेश का विरोध किया है। मुस्लिम कानून बोर्ड का कहना है कि सूर्य नमस्कार सूर्य पूजा का एक रूप है और इस्लाम इसकी अनुमति नहीं देता है। केंद्र ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में सूर्य नमस्कार पहल शुरू की है। 75 करोड़ की सूर्यनमस्कार परियोजना भी भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर एक श्रद्धांजलि है।
आपको बता दे कि सूर्य नमस्कार का योग अभ्यास जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘सूर्य नमस्कार’ 21 दिनों के लिए दिन में 13 बार किया जाता है। यह परियोजना 1 जनवरी को शुरू हुई और 20 फरवरी, 2022 तक चलेगी। आयुष मंत्रालय ने 3 जनवरी को सूचित किया कि 30 प्रतिभागी राज्यों, 21,814 भाग लेने वाले संस्थानों, 10,05,429 पंजीकृत छात्रों के साथ, सूर्य नमस्कार की संख्या पहले से ही 97 होने की उम्मीद है। ,25,560 और संख्या बढ़ रही है।
बोर्ड के महासचिव सैफुल्ला रहमानी का कहना हैं कि वर्तमान सरकार संविधान के सिद्धांतों से भटक रही है और बहुसंख्यक समुदाय की सोच और परंपरा को थोपने की कोशिश कर रही है। सचिव, भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 30 राज्यों में ‘सूर्य नमस्कार’ की एक परियोजना चलाने का निर्णय लिया है, जिसमें 30 हजार स्कूलों को शामिल किया जाएगा। बोर्ड ने सरकारी आदेश के खिलाफ कहा कि ‘सूर्य नमस्कार’ सूर्य की पूजा का एक रूप है, इस्लाम और देश के अन्य अल्पसंख्यक न तो सूर्य को देवता मानते हैं और न ही उसकी पूजा को सही मानते हैं। इसलिए सरकार का यह कर्तव्य है कि वह ऐसे निर्देशों को वापस ले और देश की धर्मनिरपेक्ष भावना का सम्मान करे।
देहरादून में रैली के बाद कोरोना संक्रमित हुए अरविंद केजरीवाल..
उत्तराखंड: दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। देहरादून स्थित बीजापुर राज्य अतिथि गृह के मुख्य व्यवस्था अधिकारी ने जिला अधिकारी को पत्र लिखा है। उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल सोमवार को परेड ग्राउंड में चुनावी जनसभा को संबोधित करने से पहले बीजापुर गेस्ट हाउस में भी रुके थे।
देहरादून जिले के सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती का कहना हैं कि बीजापुर गेस्ट हाउस में ड्यूटी पर तैनात सभी स्टाफ का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही जो भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संपर्क में आए हों उन्हें भी ट्रेस किया जाएगा। ऐसे लोगों को सलाह दी गई है कि वह खुद ही आइसोलेट हो जाएं। ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके।
लोगों को किया जा रहा ट्रेस..
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित का कहना हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संपर्क में बीजापुर गेस्ट हाउस, परेड ग्राउंड कार्यक्रम स्थल, वहां मंच पर उनके नजदीक संपर्क में आए और जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी करने के लिए कुछ लोगों के संपर्क में आने का पता लगा है। इन लोगों को ट्रेस किया जा रहा है और उनका कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा।
क्या बीजेपी देगी उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका?
उत्तराखंड: प्रदेश में चुनाव से पहले पार्टियों के बीच आने और जाने का सिलसिला लगातार जारी है। आने और जाने के इन सिलसिलों के बीच कुछ वक्त से एक खबर राजनीतिक हलकों में तैर रही थी। जो कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्य़ाय को लेकर थी। आपको बता दे कि काफी दिनों से चर्चाएं सामने आ रही थी कि किशोर उपाध्य़ाय बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। बता दे कि इन बातों को बल तब मिला जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय बीजेपी के नेताओं के साथ रेसकोर्स स्थित बीजेपी के महामंत्री संगठन अजय कुमार के फ्लैट में दिखाई दिए।
किशोर उपाध्याय काफी देर तक यहां बैठे नजर आए। इस दौरान उनके साथ चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी भी मौजूद रहे। जिसे देखते हुए चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो गया हैं। अब देखना यहां होगा कि क्या भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में कांग्रेस को जल्द ही बड़ा झटका देगी ? सूत्रों का कहना हैं कि किशोर उपाध्याय लगातार बीजेपी आलाकमान के संपर्क में है। बताया जा रहा था कि कुछ ही वक्त में किशोर उपाध्याय बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
बीजेपी में जाने की खबरों के बीच किशोर उपाध्याय का बयान भी सामने आया है उनका कहना कि यह सब अफवाह है। वो वनाअधिकार आंदोलन के मुद्दों को लेकर सभी से मिल रहे हैं। किशोर उपाध्याय ने यह भी कहा कि विघ्न संतोषी ही इस मुलाकात को दूसरे रूप में ले रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने पहले भी कहा है कि उन मुद्दों पर लड़ने या स्वीकार करने वालों के साथ वार्तालाप में मुझे कोई हर्ज नहीं लगता इसलिए अफवाहों पर ध्यान ना दें।