चारधाम होटल एसोसिएशन की मांग, यात्रियों की सीमित संख्या की बाध्यता समाप्त करे सरकार..
उत्तराखंड: चारधाम होटल एसोसिएशन ने सरकार से चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या पर लगी सीमा हटाने की मांग की है। एसोसिएशन ने सीएम धामी को ज्ञापन भेजकर यह अपील की है कि यात्रियों और होटल व्यवसायियों के हित में यह निर्णय लिया जाए। होटल एसोसिएशन का कहना हैं कि सीमित संख्या के कारण होटल, गेस्ट हाउस और रेस्तरां व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं। इससे यात्रा से जुड़े व्यवसायों जैसे ट्रांसपोर्ट, गाइड, दुकानें और स्थानीय सेवाओं पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है। एसोसिएशन का मानना है कि सुव्यवस्थित प्रबंधन के जरिए ज्यादा यात्रियों को समायोजित किया जा सकता है। कहा कि चारधाम यात्रा पर प्रतिदिन यात्रियों की संख्या सीमित करने से श्रद्धालुओं को असुविधा होती है। स्थानीय होटल, धर्मशालाओं एवं अन्य व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने यात्रा के लिए स्व: घोषणापत्र की अनिवार्यता भी खत्म करने की मांग की।
कहा कि अधिकांश यात्री एडवांस बुकिंग नहीं करते। ऐसे में यह बाध्यता यात्रियों और होटल व्यवसायियों के लिए परेशानी उत्पन्न हो जाती है। चारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता एवं यमुनोत्री घाटी यमुनोत्री धाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शोभन सिंह राणा ने बताया कि यात्रा सरल और सुगम हो, इसके लिए सभी लोगों को सामूहिक प्रयास करना होगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता और यमुनोत्री धाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शोभन सिंह राणा का कहना हैं कि यात्रा को सरल और सुगम बनाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। बता दे कि अधिकांश यात्री एडवांस बुकिंग नहीं करते, ऐसे में यह बाध्यता श्रद्धालुओं और होटल व्यवसायियों दोनों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। संख्या सीमा के कारण यात्री असुविधा महसूस कर रहे हैं, जिससे होटल, धर्मशालाओं और अन्य व्यवसायों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। कहा कि अन्य राज्यों के व्यावसायिक वाहन चालकों के लिए एंडोर्समेंट परीक्षा की बाध्यता समाप्त की जानी चाहिए। यह अनिवार्यता बाहरी राज्यों के वाहन चालकों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर रही है।