अस्पताल से बिना जांच एवं दवाइयों के बैरंग लौटे मरीज..
उत्तराखंड: गुरूवार रात्रि को सीएचसी अगस्त्यमुनि में लिपिक द्वारा शराब के नशे में महिला चिकित्सक के साथ किए गये अभद्र व्यवहार के बाद आरोपी लिपिक के खिलाफ कार्यवाही करने को लेकर चिकित्सकों ने शुक्रवार को इमरजंेसी के अलावा सभी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया। जिससे दूर-दराज से आये मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और अस्पताल से बिना जांच एवं दवाइयों के बैरंग ही वापस होना पड़ा।
महिला चिकित्सक की ओर से थाना अगस्त्यमुनि में दी गई तहरीर में कहा गया कि गुरूवार रात्रि लगभग दस बजे के आस-पास सीएचसी अगस्त्यमुनि में तैनात लिपिक शराब के नशे में धुत होकर अस्पताल के इमरजंेसी वार्ड में आकर ड्यूटी में मौजूद महिला चिकित्सक से अभद्रता करने लगा। चिकित्सक द्वारा उसे अनदेखा किए जाने से और भी नाराज हो गया तथा चिकित्सक को अपने सम्मान में कुर्सी से उठने को कहने लगा।
तुम कल के बच्चे हो मेरे सामने कुर्सी पर बैठने के हकदार नहीं हो। इसके साथ ही गाली गलौज भी करने लगा। यही नहीं वह वहां मौजूद नर्स एवं अन्य स्टाफ को भी धमकाने लगा। जिसके बाद चिकित्सक ने अपने साथियों से बात की और ऐसी स्थिति में ड्यूटी करने में असमर्थता जाहिर की। चिकित्सकों ने जब लिपिक से बात करने की कोशिश की तो वह उल्टा उन्हें ही दोषी करार करने लगा।
जिसके बाद महिला चिकित्सक ने पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र शिकायत लिखकर थाना अगस्त्यमुनि में जमा करवाई। पुलिस द्वारा आरोपी लिपिक को थाने में लाया गया। उसका मेडिकल कराया गया। वहीं चिकित्सकों ने महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना के विरोध में शुक्रवार सुबह से ही इमरजेंसी सेवाओं के अलावा सभी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया। उनका कहना था कि लिपिक के खिलाफ पूर्व में भी कई शिकायतें थी पर अब पानी सर से ऊपर आ गया है। ऐसे माहौल में रहकर उनसे चिकित्सा कार्य नहीं हो पायेगा।
वहीं कई विभागीय कर्मचारी इसे परिवार के बीच की घटना बताकर समझौते के लिए चिकित्सकों पर दबाव भी बना रहे हैं। थानाध्यक्ष योगम्बर गुसाईं ने कहा कि महिला चिकित्सक द्वारा लिपिक के खिलाफ तहरीर मिली है। पुलिस इसमें जो भी उचित कार्यवाही होगी, करेगी। वहीं आरोपित लिपिक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की मांग को लेकर सभी चिकित्सक सीएमओ से भी मिलेग।
प्रान्तीय चिकित्सा संघ के जिलाध्यक्ष डॉ राजीव गैरोला ने इस प्रकार की घटना का पुरजोर विरोध करते हुए पुलिस अधीक्षक से कार्यस्थल पर चिकित्सकों की सुरक्षा के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है, जबकि मुख्य चिकित्साधिकारी से आरोपी लिपिक को तत्काल अगस्त्यमुनि से हटाने की मांग की है।