उत्तराखंड की बेटी मानसी नेगी ने लगाई नौकरी की गुहार..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड की गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर मानसी नेगी ने हाल ही में अपनी एक पोस्ट में सरकार से नौकरी की गुहार लगाई हैं। बता दे की मानसी नेगी ने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में नेशनल यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में गोल्ड मेडल हासिल किया तो खुशी के साथ उनका दर्द भी छलक आया। आपको बता दे कि मानसी नेगी ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद जहां एक तरफ अपने सारे प्रशंसकों और चाहने वालों का आभार व्यक्त किया है
और गोल्ड मेडल जीतने की खुशी जाहिर की तो वहीं एक ऐसा ट्वीट किया जो सोचने को मजबूर कर रहा है कि खिलाड़ी कितने उपेक्षित है, उन्होंने उत्तराखंड सरकार से नौकरी की मांग की है मानसी का कहना हैं कि एक बार नौकरी के सिलसिले में सरकारी लोगों से मुलाकात की है, लेकिन अभी तक उनकी नौकरी को लेकर कोई ठोस जवाब सरकार की तरफ से उन्हें नहीं मिल पाया हैं।
उत्तराखंड के चमोली जिले की रहने वाले मानसी नेगी के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी मां गांव में रहती हैं।मानसी का भाई भी एक छोटी-मोटी नौकरी देहरादून में करता हैं। मानसी ने अपने शानदार प्रदर्शन की चलते देहरादून के रायपुर स्पोर्ट्स स्कूल से ग्रेजुएशन किया। उत्तराखंड के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में रहते हुए मानसी नेगी ने कई उपलब्धियां हासिल कीं।
लेकिन जब वह स्कूल से पास आउट हुईं तो उच्च शिक्षा के साथ-साथ उसे खेल में भी सपोर्ट उत्तराखंड में नहीं मिला। मानसी गरीब परिवार से आती हैं, लिहाजा उसके एथलेटिक्स में उज्ज्वल भविष्य के नाते उत्तराखंड सरकार या फिर उत्तराखंड के किसी शिक्षण संस्थान को मानसी की मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए था। लेकिन मानसी का कहना है कि उत्तराखंड में उसे किसी का सपोर्ट नहीं मिला।
पंजाब की यूनिवर्सिटी से पढ़ रही हैं मानसी
आपको बता दे कि पंजाब की लवली यूनिवर्सिटी ने मानसी की शिक्षा का जिम्मा उठाया। मानसी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि पंजाब की लवली यूनिवर्सिटी उन्हें फ्री शिक्षा देती है। बदले में वह पंजाब की यूनिवर्सिटी के लिए एथलेटिक्स में प्रतिभाग करती हैं। यूनिवर्सिटी के लिए खेलती हैं। मानसी नेगी भले ही पंजाब की लवली यूनिवर्सिटी के लिए खेलती हैं, लेकिन उसका लगाव आज भी उत्तराखंड से है। लिहाजा वह चाहती हैं कि वह अपना कैरियर उत्तराखंड में सेट करें, जिसके लिए वह उत्तराखंड सरकार से सरकारी नौकरी की मांग कर रही हैं। वही मानसी का कहना हैं कि वह 3 बार इस दौरान मुख्यमंत्री से मिल से भी चुकी हैं। उसने तीनों बार मुख्यमंत्री से नौकरी के संबंध में बातचीत की। वह चाहती हैं कि वह उत्तराखंड में सेटल होकर उत्तराखंड के खिलाड़ियों को सपोर्ट करें।
इसके साथ ही मानसी का कहना हैं कि खेल मंत्री के माध्यम से भी उनके लिए ना तो कभी कोई सहयोग दिया गया और ना ही मुलाकात की गई। मानसी ने कहा कि सिर्फ एक कार्यक्रम के दौरान खेल मंत्री रेखा आर्य ने उन्हें कुछ पुरस्कार दिया था। उसके बाद खेल मंत्री द्वारा उनसे कोई भी बातचीत नहीं की गई। मानसी का कहना हैं कि वह गरीब परिवार से हैं और अपने परिवार के लिए उत्तराखंड में रहकर ही कुछ करना चाहती हैं।
लिहाजा उत्तराखंड सरकार से मानसी ने गुहार लगाई है कि उत्तराखंड में खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य और उत्तराखंड का राष्ट्रीय खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड सरकार उन्हें उत्तराखंड में ही नौकरी दे। ताकि वह उत्तराखंड में रहकर ही अपने प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।