राष्ट्रीय खेल- लम्बे इंतजार के बाद खिलाड़ी चमकने को तैयार, हर किसी की निगाहें टिकीं..
उत्तराखंड: छह साल के इंतजार के बाद 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ी जलवा बिखेरने को तैयार हैं। खेलों के उद्घाटन पर दूसरे राज्यों से आने वाले खिलाड़ियों का भव्य स्वागत किया जाएगा। उत्तराखंड की नजर खास तौर पर अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर रहेगी, जिसमें विश्व चैंपियनशिप में कांस्य और यूथ ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले ओलंपियन लक्ष्य सेन, अंकिता ध्यानी, सूरज पंवार, परमजीत सिंह शामिल हैं।
बता दे कि उत्तराखंड को 2018 में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी करनी थी। राज्य को 2014 में ही आयोजन स्थल आवंटित कर दिया गया था, लेकिन विभिन्न कारणों से खेल स्थगित होते रहे। उस दौरान भारतीय ओलंपिक संघ ने 34 खेल विधाओं का प्रस्ताव रखा था। खेलों के आयोजन के लिए दो मुख्य और छह सैटेलाइट स्थलों का चयन किया गया था। इसमें देहरादून और हल्द्वानी को मुख्य स्थल के रूप में चुना गया था और हरिद्वार, ऋषिकेश, गूलरभोज, रुद्रपुर, नैनीताल और पिथौरागढ़ को सैटेलाइट स्थल के रूप में चुना गया था।
तब खेल अवस्थापना सुविधाओं का नहीं हुआ विकास..
उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने के बावजूद खेलों का आयोजन न होने की एक वजह तब खेल अवस्थापना सुविधाओं का विकास न हो पाना भी रहा है। वहीं, खेल संघों के बीच समन्वय की कमी के चलते भी इसमें देरी हुई है। राष्ट्रीय खेलों में राज्य के खिलाड़ी छा जाने को तैयार हैं। बॉक्सिंग, बैडमिंटन, कैनोइंग एवं कयाकिंग, वुशु सहित कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग के लिए राज्य के खिलाड़ी पिछले काफी समय से अभ्यास कर रहे हैं। राष्ट्रीय खेलों में टेबल टेनिस में 136, फेंसिंग में 264, रेसलिंग में 288, मलखंब में 192, हैंडबॉल में 416, कबड्डी में 288, वॉलीबाल में 256, बास्केटबॉल में 256 सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में कई खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे।