गांव से ज्यादा शहरों में हो रहे बाल विवाह..
एनएफएचएस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे..
उत्तराखंड : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में औसतन 16 फीसदी लड़के और 10 फीसदी लड़कियों की शादी तय उम्र से पहले की जा रही है। इसमें भी चौंकाने वाली बात यह है कि गांवों के मुकाबले शहरों में यह अनदेखी ज्यादा हो रही है। गांवों में जहां 9.8 फीसदी लड़कियों और 13.8 फीसदी लड़कों की शादी कम उम्र में की जा रही है।
वहीं शहरों में यह आंकड़ा क्रमश: 10 और 21 फीसदी है। उत्तराखंड में लड़कियों के विवाह की उम्र फिलहाल 18 वर्ष है, जबकि लड़के 21 साल के बाद ही शादी कर सकते हैं। ऐसे में सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा हैरान करने वाला है। जिस उम्र में युवाओं को पढ़-लिखकर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।
उसी उम्र में अभिभावक उन्हें शादी के बंधन में बांध रहे हैं। इससे युवाओं के सामने बेरोजगारी का संकट भी पैदा होने लगता है। जल्द शादी की वजह से लड़कियां कम उम्र में ही मां भी बन रही हैं। ग्रामीण इलाकों में 15 से 19 वर्ष आयु वर्ग की 2.6 फीसदी लड़कियां मां बन चुकी हैं, जबकि शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 2.1 फीसदी है।
सोशल मीडिया का बढ़ रहा प्रभाव: हल्द्वानी स्थित एमबीपीजी कॉलेज में समाज शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. कमरूद्दीन का मानना है कि बाल विवाह का मुख्य कारण सोशल मीडिया का बढ़ता असर है। जागरूक अभिभावक इस तरह से बाल विवाह कराने में झिझकते हैं। हालांकि कई परिवार गरीबी के कारण भी बाल विवाह कराने को मजबूर होते हैं।
सामाजिक बदलाव व सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के चलते किशोर व किशोरियों के जल्द विवाह के मामले बढ़ रहे हैं। हर जिले में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। बाल कल्याण विभाग को इन्हें गंभीरता से लेते हुए जनजागरूकता व काउंसलिंग के कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
इस तरह के मामलों को रोकने के लिए बाल विकास विभाग लगातार सक्रिय है। जगह-जगह हमने वॉलेंटियर भी रखे हैं। कुछ समय पहले रामनगर में इस तरह का मामला रोका भी गया है। कानूनी सख्ती और जागरूकता दोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि ये संख्या कम हो।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना-अंत्योदय योजना के तहत जानिए पात्रता की पूरी शर्तें..
उत्तराखंड : अपात्र होने के बावजूद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना और अंत्योदय योजना के तहत रियायती राशन ले रहे लोगों के खिलाफ सरकार अभियान चला रही है। 31 मई तक लोगों को स्वत: कार्ड सरेंडर कराने को कहा गया है। अब तक 1618 लोगों ने अपने राशन कार्ड जमा करवा दिए हैं।
लेकिन जितने लोगों ने राशन कार्ड जमा करवाए हैं, उनसे छह गुना ज्यादा लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए कतार में खड़े हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने शुक्रवार को प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने की स्थिति की पड़ताल की तो यह तस्वीर सामने आई। एक मई से राज्य में राशन कार्ड का स्वैच्छिक सत्यापन कार्य जारी है। एक जून से सरकारी स्तर पर सत्यापन अभियान चलाया जाना है।
इसमें अपात्र के खिलाफ एफआईआर और रिकवरी का प्रावधान किया गया है। अब तक आई तस्वीर के अनुसार लोग राशन कार्ड तो सरेंडर करवा रहे हैं, लेकिन साथ ही नए कार्ड बनवाने के आवेदनों का अंबार भी लग रहा है। सरकार के सामने पुराने राशन कार्ड को निरस्त करने से ज्यादा नए कार्ड बनाने की चुनौती होगी।
अब तक सबसे ज्यादा राशन कार्ड यूएसनगर, देहरादून, पिथाौरागढ़, अल्मोड़ा और चंपावत में सरेंडर कराए गए हैं। नए राशन कार्ड के लिए देहरादून, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं।
गढ़वाल मंडल
जिला सरेंडर नए आवेदन
देहरादून 203 851
पौड़ी 77 00
रुद्रप्रयाग 25 1200
हरिद्वार 25 00
टिहरी 12 98
उत्तरकाशी 29 00
कुमाऊं मंडल
जिला सरेंडर नए आवेदन
नैनीताल 155 6000
पिथौरागढ़ 209 00
चंपावत 23 00
बागेश्वर 16 00
अल्मोड़ा 250 1400
यूएसनगर 594 00
जो लोग अंत्योदय और एनएफएसए योजना से अपात्र होंगे, उन्हें राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के दायरे में लाया जाएगा। राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सालाना पांच लाख रुपये तक की आमदनी वाले लोग पात्र हैं। एक जून से सत्यापन अभियान कड़ाई से चलाया जाएगा।
ये हैं पात्रता की शर्तें..
1. ऐसा परिवार जिसका संचालन मुखिया के तौर पर विधवा महिला या अकेली महिला करती हो तथा परिवार की कुल मासिक आय रुपये 15,000 से कम हो।
2. ऐसा परिवार जिसका संचालन मुखिया के तौर पर असाध्य रोगों से पीड़ित / 60 वर्ष से अधिक आयु वाला बुजुर्ग व्यक्ति करता हो तथा परिवार की कुल मासिक आय रुपये 15,000 से कम हो।
3. आदिम आदिवासी तथा सीमान्त क्षेत्रों में निवासरत आदिवासी परिवार।
4. ऐसा परिवार जिसके पास राजस्व अभिलेखों में दर्ज सिंचित भूमि का कुल क्षेत्रफल 2 हेक्टेयर से कम हो अथवा 1 हेक्टेयर सिंचित अथवा 2 हेक्टेयर असिंचित से कम हो अथवा कुल क्षेत्रफल 4 हेक्टेयर असिंचित भूमि से कम हो।
5. शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ी में उत्तराखंड राज्य की स्थापना के पूर्व से निवासित परिवार।
6. विधवा आश्रम, बाल महिला सुधार गृह, भिक्षुक गृह, कुष्ठ आश्रम, अनाथ आश्रम, मानसिक रोग, आश्रम, विकलांग आश्रम एवं वृद्धा आश्रम में निवासरत व्यक्ति।
प्राइवेट विश्वविद्यालयों-कालेजों में फीस बढ़ाने की तैयारी..
मेडिकल सहित इन कोर्सेज की पढ़ाई होगी महंगी..
उत्तराखंड : उत्तराखंड के सभी प्राइवेट विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में पढ़ाई महंगी होने जा रही है। शुल्क निर्धारण कमेटी ने सभी शिक्षण संस्थानों से आगामी तीन शैक्षणिक सत्र के लिए फीस स्ट्रक्चर का प्रस्ताव मांग लिया है। जुलाई में एडमिशन शुरू होने से पहले नई फीस तय हो जाएगी। प्रदेश के सभी निजी शिक्षण संस्थानों की फीस तय करने के लिए शुल्क निर्धारण कमेटी कॉलेजों से फीस का प्रस्ताव मांगती है।
कॉलेज की तीन साल की बैलेंस सीट और अन्य सुविधाओं के आधार पर फीस तय की जाती है। कमेटी एक बार में तीन साल के लिए फीस तय करती है। इस बार शैक्षिक सत्र 2022-23, 2023-24, 2024-25 के लिए फीस तय की जानी है। इसमें टेक्नीकल, मेडिकल, नर्सिंग, पैरामेडिकल, आयुष, मैनेजमेंट, लॉ सहित सभी तरह के निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय शामिल हैं।
दो साल बाद बनी कमेटी : बीते दो साल से प्रदेश में कमेटी का गठन लटका हुआ था। इस कारण शिक्षण संस्थानों में फीस को लेकर विवाद बढ़ रहे थे। अब उच्च शिक्षा विभाग ने जस्टिस महबूब अली की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, कृषि, न्याय विभाग के सचिवों के साथ ही एक सीए और दो शिक्षाविद भी नामित किए जाते हैं।
इस कमेटी के निर्णय के खिलाफ अपील के लिए अपीलीय कमेटी का भी प्रावधान है। इस कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस लोकपाल सिंह बनाए गए हैं।
संस्थानों से अगले तीन साल के लिए प्रस्तावित फीस का विवरण मांगा गया है। कॉलेजों के प्रस्तावों पर कमेटी विचार कर, फीस का अंतिम निर्धारण करेगी। प्रदेश के सभी निजी शिक्षण संस्थान इसमें शामिल होंगे। कमेटी द्वारा तय फीस सभी के लिए बाध्यकारी होगी।
तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य पर सरकार सख्त चारधाम जाने से पहले यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग..
उत्तराखंड : चार धाम यात्रा में अभी तक 29 तीर्थ यात्रियों की मौत पर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। अब यात्रा शुरू होने से पहले ही तीर्थ यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। जांच में स्वास्थ्य सही न पाए जाने पर यात्रियों को आराम के साथ ही ठीक होने के बाद ही यात्रा की सलाह दी जा रही है।
यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा के प्रवेश एवं पंजीकरण स्थल पर ही हेल्थ स्क्रीनिंग की सुविधा शुरू कर दी है। महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ शैलजा भट्ट ने बताया कि अब ऋषिकेश आईएसबीटी रजिस्ट्रेशन स्थल पर यात्रियों की हैल्थ स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। यहां पर डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टॉफ को हैल्थ स्क्रीनिंग के लिए तैनात कर दिया गया है।
हैल्थ स्क्रीनिंग के बाद जिन यात्रियों में किसी भी प्रकार की शारीरिक अस्वस्थता पायी जा रही है, उन्हें विश्राम करने या स्वास्थ्य के सही होने के बाद ही यात्रा पर जाने की सलाह दी जा रही है। बताया की अभी तक 650 यात्रियों की हैल्थ स्क्रीनिंग ऋषिकेश में की जा चुकी है। यमुनोत्री, गंगोत्री के यात्रा मार्ग पर भी दोबाटा और हिना में भी हैल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। बदरीनाथ धाम के यात्रियों के लिए हैल्थ स्क्रीनिंग शिविर पाण्डुकेश्वर में लगाया गया है।
आपात हालात को हेली सेवा की सुविधा..
महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया कि आपातकालीन स्थितियों में प्रभावित यात्रियों के लिए 24 घंटे हैली एम्बुलेंस की सुविधा रखी गयी है। यात्रा के शुरू होने से अभी तक केदारनाथ यात्रा के 11 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया है। इसमें चोट लगने के पांच मामले शामिल हैं। उत्तरकाशी में गंगोत्री यमुनोत्री धाम की यात्रा के दौरान गंभीर रूप से बीमार 12 मरीजों को मेडिकल टीम ने जरूरी इलाज बचाया।
दो सगे भाइयों की भीषण सड़क हादसे में मौत..
उत्तराखंड: हरिद्वार के ज्वालापुर के दो सगे भाइयों की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई है। दोनों भाई ज्वालापुर से हरियाणा के यमुनानगर में बारात में शामिल होने गए थे। इस घटना के बाद से शादी में मातम पसर गया। बता दे कि दोनों भाई उत्साह के साथ शादी में सम्मिलित होने गए थे मगर उनके परिजनों ने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके जिगर के दोनों टुकड़े इस तरह हादसे का शिकार हो जाएंगे। घटना से शादी की खुशियां चीख पुकार में बदल गई हैं। इस खबर से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस का कहना हैं कि सराय गांव में रेलवे फाटक के पास बस्ती में रहने वाले राजू प्रधान के बेटे की बारात यमुनानगर गई थी। यमुनानगर के पास ढेहा बस्ती में बारात पहुंचने के बाद दोनों भाई सन्नी 25 वर्ष और ऋषि 22 वर्ष अपनी बाइक से आस-पास घूमने निकल गए। कि तभी पांसरा इलाके में एक तेज रफ्तार ट्रक ने दोनों भाइयों को कुचल दिया। हादसे में दोनों की मौके पर मौत हो गई। वहीं हादसे के बाद चालक अपना ट्रक छोड़कर फरार हो गया। हादसे की खबर मिलने के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है और मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रखा है।
अप्रैल के अंत तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आ सकते हैं भारत..
देश-विदेश: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस महीने के अंत तक भारत का दौरा कर सकते हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत हो सकती है। बता दे कि जॉनसन की यह पहली भारत यात्रा होगी। इससे पहले दो बार उनकी भारत यात्रा की योजना बनी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे रद्द करना पड़ा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री 22 अप्रैल के आसपास भारत की यात्रा कर सकते हैं। आपको बता दे कि गणतंत्र दिवस पर जॉनसन मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे, लेकिन मौजूदा कोरोना महामारी के कारण उनकी यात्रा रद्द कर दी गई थी। इसके बाद अप्रैल, 2021 में भी उनकी भारत यात्रा प्रस्तावित थी। हालांकि, दूसरी लहर के कारण इसे रद्द करना पड़ा था।
बता दे कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इस दौरान ही व्यक्तिगत बैठक की भी चर्चा हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच व्यापार, सुरक्षा और संबंधों को बढ़ावा देने पर सहमति बनी थी। हालांकि, अभी तक डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से अभी तक प्रधानमंत्री जॉनसन की भारत यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। जॉनसन की भारत यात्रा के दौरान यूक्रेन संकट पर भी बातचीत हो सकती है। अमेरिका के बाद ब्रिटेन ही है, जिसने रूस पर कड़े प्रतिबंध लागू किए हैं। पिछले दिनों ब्रिटेन की विदेश सचिव ने भी भारत यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन संप्रभु देशों के निर्णयों में कोई दखल नहीं देगा।
चीन ने कोविड से पहले ही आधी दुनिया को गुलाम बनाने की रची थी यह साजिश..
देश-विदेश: चीन ने कोविड से पहले ही आधी दुनिया को गुलाम बनाने की बड़ी साजिश रच ली थी। ताकि गरीब और विकासशील देश आर्थिक रूप से टूट जाएं और उसके गुलाम हो जाएं। आपको बता दे कि चीन ने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ से दुनिया के सभी छोटे और कुछ बड़े देशों को अपने चंगुल में फंसा लिया है। इन देशों को कोविड से पहले चीन ने निवेश के नाम पर इतना कर्ज दिया कि वहां की अब अर्थव्यवस्था चौपट होने लगी। कोविड ने अर्थव्यवस्था चौपट की तो ये कर्जदार देश चीन की ग़ुलामी को बढ़ चले। श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश तो चीन किसी कुटिल चाल में फंस कर राजनीतक और आर्थिक स्तर पर पूरी तरीके से बर्बाद हो चुके हैं। विदेशी मामलों के जानकार कहते हैं कि अब चीनी कर्ज से लदे देशों को उसकी कुटिल चाल से बचने के लिए सोचना होगा।
बीआरआई को बनाया हथियार
एशिया की राजनीति को बहुत करीब से समझने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अभिषेक सिंह का कहना हैं कि चीन ने कोविड के पहले दुनिया के अलग-अलग छोटे बड़े और विकासशील समेत गरीब मुल्कों मे ऐसी साजिश रची कि आधी दुनिया उसके झांसे में आ गई। वे कहते हैं कि दरअसल चीन में बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के माध्यम से ऐसा जाल फेंका। प्रोफेसर अभिषेक के अनुसार चीन ने 2013-14 में पूरी दुनिया में व्यापार को सड़कों और समुद्री मार्गों से सुगम बनाने का खाका तैयार किया। जिसका नाम बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव रखा। इस रोडमैप के के लिए चीन ने जो मॉडल प्रस्तुत किया, उसमें पूरी दुनिया के देशों को एक रास्ते से जोड़ने का पूरा प्लान था। यह बिजनेस कॉरिडोर दुनिया के उन सभी देशों के बीच से होकर गुजरना था, जो इस प्रोग्राम के हिस्सेदार होंगे। छोटे देश और गरीब देश समेत कई विकासशील देश इस योजना के भागीदार बनने को राजी हो गए।
यूरेशियन इकोनॉमिक ट्रेड चेंबर के सलील अरोड़ा कहते हैं कि चीन ने इसी योजना के तहत ऐसे देशों में जमकर निवेश किया। यह निवेश चीन ने इन देशों में बराबर की भागीदारी के तहत क़िया। चीन की इस बराबर भागीदारी का मतलब यह था कि जितना निवेश चीन उस देश में कर रहा है, वह उसे कर्ज के तौर पर माना जाए। जिसे एक तय सीमा के भीतर उस देश को चीन को वापस करना होगा। विदेशी मामलों के जानकार और पूर्व भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे एसपी सिन्हा कहते हैं कि चीन ने यही दांव खेलकर दुनिया के कई देशों को अपने रोड जाल में फंसा लिया। इसमें फंसने वाले देशों में सबसे बुरा हाल श्रीलंका और पाकिस्तान का हुआ। जबकि एशिया के कई मुल्क अभी भी चीन की इस खतरनाक साजिश के शिकार होने की कगार पर हैं। दरअसल चीन ने एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के माध्यम से दुनिया के कई मुल्कों को इस रोड जाल के माध्यम से कर्ज दिलवाया। इसके अलावा बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव से संबंधित दस्तावेजों पर दस्तखत भी करवाए। इसमें श्रीलंका, मालदीव, मलेशिया, सिंगापुर समेत दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के देशों समेत अफ्रीकी महाद्वीप के कई देश शामिल हैं।
इन राज्यों में तेज आंधी और भारी बारिश के आसार, टूटा गर्मी का रिकॉर्ड..
देश-विदेश: मौसम विभाग ने अप्रैल के शुरुआती सप्ताह के लिए पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग का कहना हैं कि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों, अरुणाचल प्रदेश और असम-मेघालय क्षेत्र में अगले दो दिनों तक भारी बारिश होगी और इस दौरान तेज आंधी एवं बिजली गिरने की भी संभावना है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लू चलने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से तेज दक्षिण-पश्चिमी हवाएं अगले पांच दिनों तक अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश और तेज आंधी का कारण बनेंगी। आज पश्चिम बंगाल के उत्तरी इलाके और सिक्किम में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में भी 5 अप्रैल को भी भारी बारिश होगी। वहीं अगले 5 दिनों के दौरान तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी हल्की बारिश होने की संभावना है।
इन राज्यों में चलेगी भीषण लू..
बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और हिमाचल प्रदेश सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में लू चलने की संभावना है। विदर्भ और गुजरात में भी पारा ऊपर चढ़ेगा। दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान के कुछ हिस्सों, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति बनी रहेगी।
राजस्थान में टूटा गर्मी का रिकॉर्ड..
वही राजस्थान में गर्मी के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। लू के कारण कई लोगों की तबीयत खराब हो गई है। आलम ये है कि बाड़मेर में तो अधिकतम तापमान 45.5 डिग्री तक पहुंच गया है जो कि अब तक सबसे अधिक है। वहीं, शेखावाटी में पारा चढ़कर 40 डिग्री के ऊपर पहुंच गया है। कोटा, बाड़मेर, वनस्थली, पिलानी, सीकर, जैसलमेर, जोधपुर, फलोदी, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू में लू चलेगी।
नवरात्रि के पहले दिन सीएम धामी ने किए पूर्णागिरि धाम के दर्शन..
उत्तराखंड: चैत्र नवरात्रि आज यानी दो अप्रैल से शुरू हो गए हैं। शहर भर के मंदिरों में माता की आराधना के लिए नौ दिन अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। वहीं शहर के प्रमुख मंदिर भव्य तरीके से सजाए गए है। अब प्रत्येक दिन मां के विभिन्न रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, श्रीनगर, उत्तरकाशी सहित कुमाऊं में अल्मोड़ा, नैनीताल सभी जिलों में सुबह से मां के दरबार में भक्तों का तांता लगा हुआ है।
वही नवरात्रि के पहले दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूर्णागिरि धाम पहुंचे। यहां उन्होंने माता के दर्शन किए। पूर्णागिरि पहुंचे सीएम धामी का पुजारियों ने भव्य स्वागत किया। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत के दो दिवसीय दौरे पर हैं। वह शुक्रवार को चंपावत के दौरे के लिए निकले थे। सबसे पहले वह बागपत पहुंचे जहां उन्होंने जनसभा की। इसके बाद वह पूर्णागिरि धाम दर्शन के लिए पहुंचे। धामी के साथ उनकी पत्नी भी माता के दरबार में मत्था टेकने पहुंचीं।
उगादी, नवरेह, गुड़ी पड़वा समेत कई त्योहार आज..
देश-विदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देशवासियों को नवरात्री से लेकर नवरेह, उगादी, गुड़ी पड़वा समेत कई त्योहारों की शुभकामनाएं दी हैं। ट्विटर हैंडल के जरिए पीएम ने भारतीयों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। पीएम के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट के जरिए भारतीयों को त्योहारों की बधाई दी। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुभकामनाएं दी थी।
बता दे कि पीएम मोदी ने नवरात्र की बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘सभी देशवासियों को नवरात्रि की बधाई। शक्ति की उपासना का यह पर्व हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करे।’ वहीं, उगादी समृद्धि की कामना की। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस दिन को नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इस दिन कई आयोजन होते हैं। गुड़ी पाड़वा की शुभकामनाएं देते हुए पीएम मोदी मराठी में ट्वीट किया। साथ ही कश्मीरी नव वर्ष माने जाने वाले नवरेह भी पीएम ने दी देशवासियों को बधाई दी।