बिजली उपभोक्ताओं के लिए सुविधा,UPCL के टोल फ्री नंबर पर भी मिलेगी स्मार्ट मीटर जानकारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। यूपीसीएल के टोल फ्री नंबर 1912 पर उपभोक्ता आपूर्ति संबंधी जानकारियों सहित स्मार्ट मीटर की जानकारी भी ले सकते हैं। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने कहा कि 24 घंटे का केंद्रीयकृत कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है, जिस पर उपभोक्ताओं की बिजली संबंधी शिकायतों के साथ ही स्मार्ट मीटर से जुड़ी जानकारियां भी दी जा रही हैं। 63 पुरुष और 42 महिला कर्मचारी तीन पालियों में सेवाएं दे रहे हैं। टोल फ्री नंबर पर बिजली संबंधी शिकायतों को संबंधित विभागों को भेजा जाता है, जिनका निवारण आसान होता है। उपभोक्ता की ओर से शिकायत दर्ज कराने के साथ ही शिकायत संख्या जारी कर दी जाती है। उपभोक्ता स्वयं सेवा मोबाइल एप्लीकेशन से अपनी शिकायत को ट्रैक कर जानकारी भी ले सकते हैं। कॉल सेंटर से रोजाना 500 से अधिक समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। शिकायतों का त्वरित समाधान न होने पर उपभोक्ता यूपीसीएल के स्थानीय शिकायत केंद्रों पर जाकर भी अपनी दर्ज करा सकते हैं।
सीएम धामी ने ’50वें खलंगा मेले’ में भाग लिया, आयोजन समिति को 5 लाख अनुदान की घोषणा की..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर धामी ने देहरादून के सागरताल में बलभद्र खलंगा विकास समिति की ओर से आयोजित ’50वां खलंगा मेला’ में प्रतिभाग किया। इस मौके पर सीएम धामी ने खलंगा मेला आयोजन समिति को ₹5 लाख दिए जाने की घोषणा की। साथ ही ’50वां खलंगा मेला स्मारिका’ का विमोचन भी किया। वहीं सीएम धामी ने कहा कि खलंगा मेला पूर्वजों की वीरता और अदम्य साहस को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने वीर सपूत सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर साथियों के साथ वीरांगनाओं को भी नमन किया। सीएम पुष्कर धामी का कहना हैं कि खलंगा की वीर भूमि में साल 1814 के एंग्लो-गोरखा युद्ध में सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस युद्ध में कुंवर बलभद्र थापा ने अपने वीर सैनिकों के साथ ब्रिटिश सैनिकों की विशाल सेना का सामना किया था। उन्होंने अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया था।
सीएम धामी ने कहा कि ये युद्ध हमारे वीर गोरखा योद्धाओं के अदम्य साहस और मातृभूमि के प्रति उनके असीम प्रेम का प्रतीक है, जो हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। खलंगा की गाथा पूर्वजों के अप्रतिम साहस एवं गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ये मेला समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक माध्यम भी है। देश की ऐतिहासिक धरोहरें गौरवमयी अतीत की पहचान होने के साथ हमारे संस्कृति रूपी वट वृक्ष की मजबूत जड़ें भी हैं। खलंगा युद्ध स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में रखना इसका बड़ा उदाहरण है। राज्य सरकार गोरखा समाज के उत्थान को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उनके विकास और कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से निश्चित ही नई पीढ़ी को इन गोरखा समाज की परंपराओं को संजोए रखने और अपने पूर्वजों की वीरता व बलिदान को याद रखने में सहायक सिद्ध होंगे।
उत्तराखंड सरकार ने इन लोगों से की आयुष्मान योजना छोड़ने की अपील..
उत्तराखंड: प्रदेश में आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना छोड़ने का आग्रह करेगी। वर्तमान में राज्य आयुष्मान योजना के तहत अमीर से लेकर गरीब तक सबको पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है। योजना में अब तक 12.32 लाख लोगों के इलाज पर 2289 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। आयुष्मान योजना का सालाना बजट 1200 करोड़ तक पहुंचने वाला है। वित्त विभाग ने बढ़ते बजट पर चिंता जताई है। 2018 में केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों के लिए अटल आयुष्मान योजना शुरू की थी। इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्तराखंड के 5.37 लाख परिवार ही पात्र थे। लेकिन प्रदेश सरकार ने 23 लाख परिवारों के लिए पांच लाख नि:शुल्क इलाज की सुविधा शुरू की।
शुरुआत में योजना का बजट 100 से 200 करोड़ सालाना था। जो बढ़ कर 600 करोड़ तक पहुंच गया है। अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 तक योजना का बजट 1200 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। इस पर वित्त विभाग ने प्रदेश के सीमित संसाधनों का हवाला दिया है। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश सरकार आयुष्मान कार्ड पर प्रदेश के सभी लोगाें को पांच लाख मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है। लेकिन जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं और इलाज कराने में समर्थ हैं, उन लोगों से आयुष्मान कार्ड छोड़ने का आग्रह करेगी।
58 लाख से अधिक लोगों के बने आयुष्मान कार्ड..
प्रदेश में 23.89 लाख राशन कार्ड धारक परिवार हैं। इन परिवारों के 97.11 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। अब तक 58 लाख लाभार्थियों के कार्ड बन चुके हैं। इनमें 4.73 लाख कर्मचारियों व पेंशनरों के गोल्डन कार्ड भी शामिल हैं।
उत्तराखंड में लो वोल्टेज और लाइन लॉस पर UPCL ने उठाया कदम, स्थापित होंगे कैपेसिटर बैंक..
उत्तराखंड: प्रदेश की भौगोलिक संरचना और मौसम की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल समय-समय पर आधुनिक तकनीक पर आधारित उपकरणों का उपयोग करता हैं। ताकि विद्युत वितरण तंत्र को और अधिक मजबूत किया जा सके। सीएम धामी के निर्देशों पर ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक मजबूत बनाने के लिए यूपीसीएल हर संभव प्रयास कर रहा है। वहीं प्रदेशवासियों को लो वोल्टेज की समस्या से निजात दिलाने के लिए कैपेसिटर बैंक की स्थापना की जा रही है।
आपको बता दे कि प्रदेश भर में कुछ स्थानों पर खराब पावर फैक्टर और मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में लंबी लाइन के स्पान्स के कारण काम वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। जिससे विद्युत आपूर्ति की स्थिति खराब होने की आशंका रहती है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए यूपीसीएल ने प्रदेश भर में 61 नग 33/11 केवी उपसंस्थानों में 101 नग परिवर्तकों के लिए कैपेसिटर बैं की स्थापना की जा रही है।
प्रबन्ध निदेशक के अनुसार पावर सिस्टम नेटवर्क में कैपेसिटर बैंक की स्थापना एक Game Changer Project साबित होगा। यूपीसीएल द्वारा प्रदेश भर में कैपेसिटर बैंक की स्थापना का कार्य मार्च 2025 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है। योजना के सफल क्रियान्वयन होने से उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में और सुधार आयेगा। इसके साथ ही वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार होने से प्रदेश में सिंचाई और पेयजल परियोजना की दक्षता में भी वृद्धि होगी।
कैपेसिटर बैंक लगाने के फायदे..
कैपेसिटर बैंक (Capacitor Bank) की स्थापना से उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी। इसके साथ ही पावर फैक्टर बेहतर होगा। वहीं Technical Losses कम करने में भी मदद मिलेगी। प्रबन्ध निदेशक की माने तो वितरण तंत्र और अधिक मजबूत होगा। इसके साथ ही आउटेज में कमी आयेगी। कैपेसिटर बैंक की स्थापना के बाद लाइनों में फॉल्ट की समस्या से निजात मिलेगी और परिवर्तकों के दबाव को कम किया जा सकेगा।
उत्तराखंड के नगर निकायों में छह महीने में मतदाताओं की संख्या पहुंची 30.58 लाख..
उत्तराखंड: प्रदेश के नगर निकायों में छह माह में मतदाताओं की संख्या में तीन लाख से अधिक की बढ़ोतरी हो गई है। मई माह में प्रदेश में कुल मतदाता 27 लाख 28 हजार 907 थे, जिनकी संख्या नवंबर में बढ़कर 30 लाख 58 हजार 299 पर पहुंच गई है। देहरादून नगर निगम में विवाद के बाद परिसीमन के हिसाब से मतदाता सूची अपग्रेड की गई है। 11 नगर निकाय ऐसे थे, जिनके अपग्रेडेशन या परिसीमन के बाद वोटर लिस्ट बनाने का काम पूरा हो चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल का कहना हैं कि 2018 के निकाय चुनाव में प्रदेश में 25 लाख 22 हजार 656 मतदाता थे। इस बार के चुनाव में यह आंकड़ा 30 लाख 58 हजार 299 पर पहुंच गया है। मई माह में राज्य में रुद्रप्रयाग को छोड़कर 12 जिलों में मतदाताओं की संख्या 27 लाख 28 हजार 907 थी, जो रुद्रप्रयाग के 18,130 मतदाता जोड़कर वर्तमान में 30 लाख 58 हजार 299 पर पहुंच गई है।
सीएम धामी ने प्रदेश में शीतलहर से बचाव को स्वीकृत की 1.35 करोड की धनराशि..
उत्तराखंड: प्रदेश में दिन पर दिन शाम के समय पारे में गिरावट दर्ज की जा रही है। जिसे देखते हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 13 जिलों के लिए 1.35 करोड़ की स्वीकृति दी हैं। सीएम पुष्कर धामी ने शीतलहर से बचाव के लिए अलाव जलाने और कम्बल वितरण के लिए 2024-25 वित्तीय वर्ष में 13 जनपदों के लिए 1.35 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। इसमें पौड़ी गढ़वाल के लिए 15 लाख और शेष 12 जिलों को 10 लाख प्रति जनपद दिए जाने की स्वीकृति दी है। जिससे शीतलहर के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही सीएम धामी ने पिथौरागढ़ जिले के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI), अस्कोट का नाम शहीद नायक सैनिक खुशाल सिंह अधिकारी (सेना मेडल) के नाम पर रखने की स्वीकृति दी है. यह निर्णय शहीद सैनिक की वीरता और बलिदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने तेजपत्ता और तिमूर को फसल घोषित करने का किया अनुरोध..
उत्तराखंड: कृषि मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान कृषि मंत्री ने केंद्रीय आयुष मंत्री से तेजपत्ता व तिमूर को फसल घोषित करने का अनुरोध किया। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से मुलाकात की। दिल्ली में कृषि मंत्री ने केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से मुलाकात कर कई समसामयिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय आयुष मंत्री को पहाड़ी टोपी भेंट कर उत्तराखण्ड आने का निमंत्रण भी दिया। मुलाकात के दौरान सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय आयुष मंत्री से उत्तराखंड में अधिक मात्रा में उत्पादित होने वाले तेजपत्ता और तिमूर को फसल घोषित करने का अनुरोध किया।
उनका कहना हैं कि केंद्र सरकार के सहयोग से चंदन को भी फसल घोषित किया जाए। ताकि ये राज्य के किसानों के लिए केंद्र की ओर से एक विशेष सहयोग हो सके। कृषि मंत्री ने कहा कि इन उत्पादों को फसल घोषित होने के बाद कृषि और उद्यान के माध्यम से प्रदेश के किसानों को अत्यधिक लाभ होगा। इस दौरान दोनों मंत्रियों के बीच मेडिसिनल प्लांट्स के संबंध में भी चर्चा हुई। कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रमुख रूप से सतावर, सर्पगंधा, कुटकी, तुलसी और कूट जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल प्लांट पाए जाते हैं। इनका उपयोग कई महत्वपूर्ण दवाइयां के निर्माण में किया जा सकता है।
उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को GMVN के गेस्ट हाउस में मिलेगी 10 प्रतिशत की छूट..
उत्तराखंड: अगर आप उत्तराखंड के श्री केदारनाथ, श्री बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा करते हैं और यहां जीएमवीएन के होटलों में रूकते हैं तो आपको 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। शासकीय आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए श्री केदारनाथ, श्री बद्रीनाथ, श्री यमुनोत्री और श्री गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू करने और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि इन शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक यदि जीएमवीएन के होटलों में रुकते हैं तो उन्हें किराए में 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाए।
आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में स्थित उखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर भगवान केदारनाथ (भगवान शिव) का शीतकालीन निवास स्थान है। शांति और आध्यात्मिकता पसंद लोगों के लिए ये अति उत्तम स्थान है। सर्दियों के दौरान जब बद्रीशपुरी बर्फ की चादर ओढ़ लेती है तो तब भगवान बद्रीनारायण पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बद्री मंदिर और जोशीमठ स्थित नृसिंह बद्री मंदिर में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।
यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद रहने के दौरान मां यमुना स्थानीय रूप से खुशीमठ के नाम से प्रसिद्ध खरसाली गांव में अपने भक्तों को दर्शन देती है। बता दें कि खरसाली अत्यंत ही सुंदर मनोरंजन स्थल है और यहां घुमावदार घास के मैदान और ओक और शंकुधारी के जंगल हैं। सर्दियों में गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो जाने के बाद मां गंगा हर्षिल के पास भागीरथी नदी के तट पर एक छोटे से गाँव मुखबा में विराजमान होती हैं और अपने भक्तों को दर्शन देती हैं।
बैठक में सीएम धामी ने रजतोत्सव सशक्त उत्तराखण्ड योजना की अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं की समीक्षा के साथ ही अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को ड्रग्स के मामलों में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने और प्रदेश में चल रहे बाहरी लोगों के सत्यापन अभियान को और अधिक प्रभावी एवं व्यापक बनाने के लिए निर्देशित किया।
नगर निकायों में स्वीकृत पदों से अलग भर्ती आउटसोर्स, शासन ने मांगी रिपोर्ट..
उत्तराखंड: नगर निकायों में स्वीकृत पदों के अलग भर्ती आउटसोर्स, संविदाकर्मी, दैनिक वेतन कर्मी हटाए जाएंगे। शहरी विकास विभाग ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है। शासन ने एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट मांगी है। सचिव शहरी विकास नितेश झा की ओर से जारी आदेश के अनुसार शहरी विकास विभाग के 12 जून 2015 को पुनर्गठित ढांचे के स्वीकृत पदों से इतर किसी भी प्रकार की नियुक्ति नहीं की जा सकती। अगर किसी निकाय में स्वीकृत पदों से इतर शासन की अनुमति के बिना नियुक्ति की गई है तो यह अनियमित मानी जाएगी।
इसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व के शासनादेश के अनुसार अगर कार्मिकों की नियुक्ति निकायों ने अपने स्तर पर करते हुए अनियमित वेतन जारी किया है तो उसकी वसूली संबंधित शहरी निकाय के नियंत्रक या सक्षम प्राधिकारी से की जाएगी। सचिव शहरी विकास का कहना हैं कि कार्मिक विभाग के 27 अप्रैल 2018 को जारी शासनादेश और शहरी विकास विभाग के आदेश के तहत निकायों में की गई अनियमित नियुक्तियां अवैध समझी जाएंगी। उन्होंने निदेशक शहरी विकास से सभी निकायों में इस पर कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
चेयरमैन के स्तर से भर्ती किए गए कर्मचारी
कई निकायों में चेयरमैन के स्तर से कर्मचारियों को दैनिक वेतन, आउटसोर्स या संविदा पर भर्ती किया गया है। इन सभी की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाएंगी। वेतन जारी करने वाले अफसरों से वसूली भी होगी।
पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार ने दी 100 करोड़ की मंजूरी, 66 करोड़ की पहली किश्त जारी..
उत्तराखंड: ऋषिकेश में पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। विशेष वित्तीय सहायता के लिए सीएम धामी ने केंद्र सरकार का आभार जताया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के प्रयास से 66 करोड़ रुपए की पहली किश्त जारी कर दी गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को ‘स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट 2024 – 25 योजना‘ के तहत 66 करोड़ रुपए का विशेष लोन (सहायता) जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।
सीएम धामी ने केंद्र का जताया आभार..
केंद्रीय वित्त मंत्रालय में तीर्थनगरी ऋषिकेश में पयर्टन विभाग के अधीन विभिन्न परियोजनाओं के लिए योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 66 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। जबकि दूसरी किश्त के 34 करोड़ रुपए, प्रथम चरण की सहायता 75 प्रतिशत तक खर्च करने पर जारी की जाएगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी लंबे समय से इस विशेष वित्तीय सहायता के लिए प्रयासरत थे। उनकी इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात भी हो चुकी थी। सीएम धामी ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। प्राप्त वित्तीय सहायता से सरकार ऋषिकेश को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करेगी।