उत्तराखंड में पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतर जाएगी भाजपा..
उत्तराखंड: प्रदेश में भाजपा शुक्रवार से विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर जाएगी। पार्टी हर घर भाजपा, घर-घर भाजपा अभियान से अपने प्रचार का आगाज करेगी। कल पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, सह चुनाव प्रभारी आरपी सिंह व लॉकेट चटर्जी चुनाव प्रचार गरमाने के लिए विधानसभा क्षेत्रों में उतर जाएंगे। इन सभी केंद्रीय नेताओं को अनुसूचित जाति, ओबीसी, बंगाली और सिख मतदाताओं को साधने के उद्देश्य से जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम व रेखा वर्मा को टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून और हरिद्वार की विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। दोनों नेताओं को अनुसूचित जाति और ओबीसी मतदाताओं के प्रभाव वाली सीटों का जिम्मा सौंपा गया है। चुनाव सह प्रभारी लॉकेट चटर्जी यूएस नगर की बंगाली मतदाता प्रभाव वाली छह सीटों की जिम्मेदारी संभालेंगी।
पार्टी ने उन्हें बंगाली वोटरों को साधने के लिए दायित्व सौंपा है। इसके साथ ही वह अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व चंपावत जिले की विधानसभा सीटों को भी देखेंगी। सह चुनाव प्रभारी आरपी सिंह यूएसनगर की सिख प्रभाव वाली तीन सीटों के अलावा नैनीताल जिले की छह विधानसभा सीटों पर मोर्चा संभालेंगे।
देहरादून में 12 को बनेंगी प्रचार की रणनीति..
जानकारी के अनुसार 12 नवंबर को देहरादून प्रदेश पार्टी कार्यालय में बैठकों के दौर चलेंगे। पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी भी बैठक में शामिल होंगे। इसी दिन प्रदेश टोली की बैठक होगी, जिसमें पार्टी के आगामी कार्यक्रमों पर अंतिम मुहर लगेगी। इस बैठक में 15 दिसंबर तक के कार्यक्रम तय हो जाएंगे।
चुनाव प्रचार अभियान को धार देने के लिए भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक इस महीने के अंत में होगी। चुनावी बैठक होने की वजह से इसमें 200 से अधिक सदस्य भाग लेंगे। बैठक में 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार की रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष, मोर्चों के अध्यक्ष भाग लेंगे।
नड्डा का दौरा तय, मोदी-शाह जल्द आएंगे..
विधानसभा चुनाव प्रचार में जान फूंकने के लिए पार्टी ने केंद्रीय नेताओं के प्रस्तावित दौरे तकरीबन तय कर दिए गए हैं। टोली कमेटी की बैठक में इन दौरों पर अंतिम मुहर लगेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दौरा तय हो गया है। वह 15 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर आएंगे। वह कुमाऊं में प्रवास करेंगे। बता दे कि नड्डा कुमाऊं में अल्मोड़ा व रुद्रपुर में प्रवास कर सकते हैं। प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के दौरे भी प्रस्तावित हैं।
उत्तराखंड में 27112 कैंसर रोगियों को मिला निशुल्क इलाज का ‘आयुष्मान..
उत्तराखंड: प्रदेश में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को निशुल्क इलाज का ‘आयुष्मान’ मिला है। अटल आयुष्मान योजना में अब तक 27112 कैंसर मरीजों को मुफ्त उपचार की सुविधा मिली है। जिस पर सरकार ने 50 करोड़ की राशि व्यय की है। अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में अब तक 44 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बने हैं।
जिसमें 3.38 लाख को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। इसमें 27112 कैंसर ग्रसित मरीजों को इलाज कराया गया। इसके अलावा 1.33 लाख मरीजों की डायलिसिस की गई। कैंसर के इलाज पर 50 करोड़ की राशि सरकार ने व्यय की है।
आपको बता दे कि आयुष्मान योजना कैंसर रोगियों के लिए वरदान साबित हुई है। कैंसर का इलाज महंगा होने के बाद आम मरीज के लिए उपचार करना संभव नहीं हो पाता था। लेकिन आयुष्मान योजना में कैंसर का इलाज करना आसान हुआ है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि आयुष्मान योजना में 3.38 लाख से अधिक मरीजों का पंजीकृत अस्पतालों में इलाज कराया गया। जिस पर 497 करोड़ की खर्च की गई। इसमें कैंसर, डायलिसिस का उपचार लेने वाले मरीजों की संख्या अधिक है।
आयुष्मान में इलाज कराने वाले मरीज..
उपचार मरीज
डायलिसिस 133015
कैंसर 27112
सीटी स्कैन, एमआरआई 10043
मोतियाबिंद ऑपरेशन 9346
फेफड़ों का इलाज 5277
गुर्दों की बीमारी का इलाज 5426
दल-बदल करने वाले नेताओं को टिकट देने पर किया बड़ा एलान,यशपाल आर्य का भी विरोध..
उत्तराखंड: किसान, राजनैतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों की बैठक में दल-बदल करने वाले और बाहरी लोगों का विरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य का क्षेत्र में आने पर कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया गया। चीनी मिल अतिथि गृह में आयोजित बैठक में पूर्व कैबिनेट मंत्री आर्य पर दल-बदल करने पर कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया गया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किंदा, जिला पंचायत सदस्य अजीत पाल जाट, जनजाति नेता हीरा सिंह का कहना हैं कि यशपाल आर्य अपने हित के लिए जब चाहे दल-बदल कर लेते हैं। कहा कि जो भी पार्टी किसी बाहरी व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाएगी, उस पार्टी का विरोध किया जाएगा।
बैठक में सहमति पर बार-बार दल-बदल करने वाले यशपाल आर्य को न वोट देने और न ही कोई सहयोग करने, दल-बदलू नेताओं का बाजपुर में विरोध करने, उन्हें प्रोत्साहित करने वाले स्थानीय नेताओं का बहिष्कार करने, कोई भी पार्टी या दल किसी बाहरी व्यक्ति को बाजपुर विधानसभा में प्रत्याशी बनाता है तो उस दल का विरोध करने, बाजपुर बचाओ संघर्ष समिति बनाने सहित छह प्रस्ताव पारित किए गए।
इधर, कांग्रेस नगराध्यक्ष राजेंद्र बेदी का कहना हैं कि बैठक में जो निर्णय लिए गए हैं उन्हें पार्टी के उच्च पदाधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा। भाजपा में रहते आर्य बीस गांव की भूमि प्रकरण और किसान आंदोलन में चुप्पी साधे रहे। इसलिए विरोध स्वाभाविक है।
कांग्रेस गैरसैंण को ही बनाएंगे राजधानी- हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना हैं कि राजधानी स्थायी या अस्थायी नहीं होती है। राजधानी सिर्फ राजधानी ही होती है। कांग्रेस सत्ता में आयी तो गैरसैंण को ही राजधानी बनाया जाएगा। गौरापड़ाव में सांकेतिक उपवास के बाद पत्रकारों से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी तो घोषित किया, लेकिन वहां एक पत्थर तक आज तक नहीं लगा सकी है।
21 साल में उत्तराखंड को स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी है। चुनाव की तैयारी और एजेंडे पर पूछे गए सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि जनता बेतहाशा महंगाई से परेशान हैं। प्रदेश में बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गई है। बिजली, पानी, सड़कों का बुरा हाल है। इन सभी के लिए कांग्रेस शुरू से संघर्ष कर रही है। चुनाव के लिए इससे बड़ा और क्या मुद्दा हो सकता है। कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाएगी।
36 घंटे का निर्जला व्रत जारी, आज घाटों पर अस्तांचल गामी सूर्य को देंगे अर्घ्य..
उत्तराखंड: चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन बुधवार को महिलाओं का निर्जला व्रत जारी है। सूर्य उपासना के पर्व छठ के दूसरे दिन मंगलवार शाम को व्रतियों ने गुड़ और चावल से बनी खीर खाकर पूजा का संकल्प लिया। बुधवार की शाम को अस्तांचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। गुरुवार की सुबह व्रती उगते सूरज को अर्घ्य देकर ही जल और अन्न ग्रहण करेंगे।
सूर्य उपासना का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ मंगलवार से शुरू हो गया हैं। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व के पहले दिन लोगों ने घरों और घाटों की विशेष साफ-सफाई की। मंगलवार को खरना मनाया गया। राज्य के लगभग सभी जिलों के पूर्वा सांस्कृतिक मंच से जुड़े छठ व्रतियों ने छठी मईया से उत्तराखंड का कल्याण व सुख समृद्धि की कामना करते हुए पूजा-अर्चना की
खरना की खीर खाने के बाद अब छठ व्रत रखने वाले श्रद्धालु गुरुवार सुबह का अर्घ्य देकर ही पानी अन्न ग्रहण करेंगे। ठंड में पानी में एक घंटे तक खड़े होकर सूरज को अर्घ्य देना व्रतियों के कठिन घड़ी होगी। ऐसे में श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो इसे देखते हुए पूर्वा सांस्कृतिक मंच ने 15 घाटों पर चिकित्सकों की तैनाती का निर्णय लिया।
घाटों में व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग टीम गठित..
पूर्वा सांस्कृतिक मंच की ओर से बुधवार की संध्या अर्घ्य के लिए अपनी तैयारी को चाक चौबंद कर दिया गया है। मंच ने महिलाओं की प्रशिक्षित टीम ‘मंत्र वूमेन’ सूचनाओं व समन्वय के लिए ‘मंच इन्फर्मेशनल’ और विभिन्न घाटों की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए युवाओं की टीम ‘मंच ऑपरेशनल’ बनाई है। इसके अलावा आपातकालीन चिकित्सा सेवा के लिए मंच ने अपने सभी 178 चिकित्सकों को शाम 4 से 7 बजे तक तैनात रहने के लिए कहा है।
मंच के मेडिकल टीम प्रभारी व कोषाध्यक्ष डॉ. एएन पांडेय को सभी घाटों पर मंच के दो दो चिकित्सकों की तैनाती के लिए कहा गया है। साथ ही सभी टीमों में समन्वय के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में डॉ. जेपी यादव, डॉ. एक्यू अंसारी, डॉ. ज्योत्सना झा, डॉ. लालिमा बर्मा व संजय कुमार सिंह, अजीत कुमार झा, इंदल यादव को मौजूद रहेंगे। डॉ. सुभाष झा का कहना हैं कि पूजा व आरती में कहीं कोई त्रुटि न रहे इसके लिए डॉ. अनंतमणि त्रिवेदी को जिम्मा सौंपा गया है। मंच ने घाटों के अवलोकन के लिए सचल दस्ता भी बनाया है।
गाय के गोबर और गंगाजल से पवित्र किए छठ घाट..
गाय के गोबर और गंगोत्री से लाए गंगाजल से शहर के सभी घाटों पवित्र किया गया। इस दौरान मां गंगा को छठ समापन तक घाटों पर विराजमान रहने के लिए आह्वान कर पूजा अर्चना की गई। देहरादून में सेलाकुई, रायपुर, मालदेवता, नत्थनपुर, छह नंबर पुलिया, हरबंशवाला सहित 15 घाटों पर छठ पर्व मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी आज हल्द्वानी में हो रहे भव्य कार्यक्रम में करेंगे शिरकत..
उत्तराखंड: बुधवार यानि आज हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम में भव्य कार्यक्रम आयोजित होगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल होंगे। इस मौके आठ शहीदों के परिजनों, राज्य आंदोलकारियों और अन्य लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
ये होंगे कार्यक्रम-
- नैनीताल रोड स्थित शहीद स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
- आपदा के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
- रोजगार मेला और मंडल स्तर की विकास प्रदर्शनी लगेगी।
- खटीमा और नैनीताल जिले के आठ शहीदों के परिवार वालों को सम्मानित किया जाएगा।
- कुमाऊं के 3297 स्वयं सहायता समूह को चेक बांटे जाएंगे।
- राज्य आंदोलनकारियों को पुष्पवर्षा कर सम्मानित किया जाएगा।
- आपदा में सराहनीय काम करने वाले सेना की 14 डोगरा बटालियन, एनडीआरएफ और
- एसडीआरएफ के जवानों को सम्मानित किया जाएगा।
- आपदा में साहसिक काम करने वाली टीमों के टीम लीडरों को सम्मानित किया जाएगा।
आर्मी के हेलीपैड पर उतरेंगे मुख्यमंत्री..
डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना हैं कि मुख्यमंत्री दोपहर 12:15 बजे आर्मी के हेलीपेड पर उतरेंगे। यहां से वह कार से सीधे स्टेडियम पहुंचेंगे। दोपहर 2:50 बजे मुख्यमंत्री आर्मी हेलीपैड से खटीमा के लिए उड़ान भरेंगे।
15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खुलेगा टाइगर रिजर्व पार्क..
उत्तराखंड: सफारी के साथ ही हाथी, बाघ, तेंदुआ समेत वन्यजीवों को नजदीक से देखने के शौकीनों के लिए खबर खुश करने वाली है। टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से नए सिरे से पर्यटकों के लिए खोलने को लेकर टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आपको बता दें, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के निर्देश पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 15 नवंबर के बजाय पिछले एक अक्तूबर से ही राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला और मोतीचूर रेंज को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था। टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल हैबिटेट जोन में भी दो सफारी ट्रैक तैयार कर पर्यटकों को सफारी कराना भी शुरू किया गया।
अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की याचिका पर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से पहले खोले जाने को प्रावधानों के विपरीत बताते हुए टाइगर रिजर्व के दोनों गेट तत्काल पर्यटकों के लिए बंद करने के निर्देश दिए।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग का कहना हैं कि टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पर्यटक टाइगर रिजर्व के इतिहास व इसमें रहने वन्यजीवों, पक्षियों के बारे में जागरूक हो सकें, इसके लिए उन्हें एक पुस्तिका भी मुहैया करायी जाएगी।
टाइगर रिजर्व में स्तनधारी जीवों की 49 व पक्षियों की 328 प्रजातियां..
राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथी, बाघ, तेंदुआ, भालू, हिमालयन काला भालू, बार्किंग हिरण, कांकड़, घुरल, सांभर, जंगली सुअर समेत स्तनधारी जीवों की 49 प्रजातियों के वन्यजीव हैं। इसके अलावा किंगफिशर, कठफोड़वा, फायर टेल्ड सनबर्ड ग्रेट पाइड हार्नबिल, मटर मुर्गी, गिद्ध , तीतर, बारबेट, समेत पक्षियों की 328 प्रजातियां हैं।
1075 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला राजाजी टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। वन्यजीवों और पक्षियों के साथ ही राजाजी टाइगर रिजर्व में किंग कोबरा, अजगर, मगरमच्छ समेत सरीसृप की 20 प्रजातियों के जीव भी हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों, पक्षियों, सरीसृपों के अलावा 60 प्रकार की जड़ी बूटियां और पेड़ में 118 प्रजातियां पाई जाती हैं। साल 1983 में राजाजी टाइगर रिजर्व को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और स्वतंत्र भारत के दूसरे गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के नाम इसका नाम राजाजी टाइगर रिजर्व रखा गया।
उत्तराखंड स्थापना दिवस पर सीएम ने की कई घोषणायें,राज्य आंदोलनकारियों को भी दी सौगात..
उत्तराखंड: राज्य के 21 वें स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून पुलिस लाइन मैदान में रैतिक परेड कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंडवासियों के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल दिया हैं। वहीं, सीएम ने राज्य आंदोलनकारियों को भी बड़ी सौगात दी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य निर्माण में योगदान देने वाले शहीदों को नमन किया। उनका कहना हैं कि केंद्र से विकास कार्यों के लिए एक लाख करोड़ की मदद की गई है। योजना है कि प्रदेश के दूरस्त क्षेत्रों को 2025 तक लिंक मार्ग से जोड़ा जा सके। जिससे पहाड़ों में भी विकास की बयार बह सके। मुख्यमंत्री का कहना हैं कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि पहाड़ की जवानी और पानी दोनों पहाड़ के काम आए।
सीएम ने की ये घोषणाएं
- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन को बढ़ाने की घोषणा। जिन आंदोलनकारियों को 3100 रुपये पेंश्न मिलती थी। उसे बढ़ाकर 4500 किया गया। वहीं, जिन्हें 5000 मिलती थी उसे बढ़ाकर 6000 किया गया है।
- राज्य में खेल नीति 2021 जल्द लागू होगी।
- जनपद स्तर पर महिला छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
- गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए निशुल्क दवा की व्यवस्था की जाएगी।
- देहरादून और हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
- राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।
- 48 घंटे अस्पताल में रहने वाली जच्चा को 2000 रुपये उपहार राशि दी जाएगी।
- प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में किशोरियों के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगेगी।
- सेवा का अधिकार अधिनियम में 190 सेवाओं को शामिल किया जाएगा।
- राज्य को आयुष वैलनेस का हब बनाया जाएगा।
- पर्यटक गृहों में आयुष वैलनेस सेंटर खोले जाएंगे।
गैरसैंण राजधानी लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत का एलान,पढ़िए पूरी खबर..
उत्तराखंड: पूर्व सीएम और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना हैं कि वर्ष 2022 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर ढाई से तीन वर्ष में गैरसैंण में अवस्थापना विकास और ढांचागत सुविधाएं जुटाने के बाद राजधानी वहां शिफ्ट कर देंगे। गैरसैंण में विधानसभा भवन का निर्माण म्यूजियम बनाने के लिए नहीं किया गया है। उनका कहना हैं कि 29 नवंबर को सत्र के पहले दिन कांग्रेस गैरसैंण में भव्य रैली निकालकर सरकार को चेेताने का भी काम करेगी।
आपको बता दे कि हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने गैरसैंण के मुद्दे पर भाजपा को कठघरे में खड़ा किया। इस अवसर पर पूर्व सीएम रावत ने कहा कि गैरसैंण के नाम पर भाजपा प्रदेश की जनता के साथ छलावा कर रही है। ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के बावजूद वहां शीतकाल में सत्र आयोजित करना सरकार की नियत पर सवाल खड़े करता है। इससे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना हैं कि गैरसैंण के मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड स्पष्ट है। पार्टी की नियत पर किसी को भी शंका नहीं होनी चाहिए।
उनका कहना हैं कि नौ माह पूर्व भाजपा के ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सत्र के दौरान गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी, लेकिन तब से अब तक सीएम से लेकर सीएस तक और मंडलायुक्त से लेकर आयुक्त तक को तो छोड़ो एक कर्मचारी भी गैरसैंण नहीं गया। ऐसे में सरकार की घोषणा पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
आपको बता दे कि हरीश रावत ने लोकायुक्त के मुद्दे पर एक बार फिर भाजपा सरकार को घेरा है। उनका कहना हैं कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में सौ दिन में लोकायुक्त की नियुक्ति का वादा किया था, लेकिन आज भी लोकायुक्त बिल राज्यपाल के पास विचाराधीन पड़ा हुआ है। यह भी नहीं बताया जा रहा है कि उसे बाहर क्यों नहीं ला रहे हैं।
विजय संकल्प शंखनाद कार्यक्रम अब 11 को होगा..
वही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना हैं कि यशपाल आर्य के पार्टी छोडने से भाजपा बौखला गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 10 नवंबर को हल्द्वानी के रामलीला मैदान में यशपाल आर्य के स्वागत में विजय संकल्प शंखनाद कार्यक्रम की घोषणा की थी, भाजपा ने उसी दिन सौ मीटर की दूरी पर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम रख दिया। जो राजनीतिक शिष्टाचार के भी खिलाफ है। उनका कहना हैं कि कांग्रेस पार्टी का यह कार्यक्रम अब 11 नवंबर को आयोजित किया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस..
उत्तराखंड: देश के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया उत्तराखंड मंगलवार को अपना 21वां स्थापना दिवस मना रहा हैं। देवभूमि उत्तराखंड अपने 22वें साल में प्रवेश कर रहा हैं। 9 नवंबर यानी आज आयोजित होने वाले राज्य स्थापना दिवस समारोह ‘उत्तराखण्ड महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा हैं। ये आयोजन 9 नवंबर से 15 नवंबर तक चलेगा।इस दिवस पर गौरव पुस्कार की भी शुरुआत की जाएगी।
राज्य गठन के 21 साल बाद भी उत्तराखंड को स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी। देहरादून आज भी अस्थायी राजधानी है और गैरसैंण को भाजपा सरकार के कार्यकाल में ग्रीष्मकालीन राजधानी बन पाई है। जबकि राज्य आंदोलन से जुड़े लोग गैरसैंण को जनभावनाओं की स्थायी राजधानी के रूप में देखते हैं। राज्य गठन पर जब देहरादून को अस्थायी राजधानी बनाया गया था, तब शायद किसी ने सोचा होगा कि यह पर्वतीय राज्य स्थायी राजधानी को तरस जाएगा। सत्ता पर काबिज रही हर सरकार ने देहरादून पर ही फोकस किया, जबकि राज्य आंदोलनकारी राज्य गठन के पहले दिन से ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रहे थे।
पिछले दो दशक में देहरादून स्वयंभू स्थायी राजधानी के तौर पर विकसित हो चुका है। यह जनाकांक्षाओं का दबाव ही रहा कि राजनीतिक दल गैरसैंण को पूरी तरह से खारिज नहीं कर पाए। राजनीतिक दबाव के चलते पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानमंडल भवन बनाया तो भाजपा सरकार को उसे ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करना पड़ा।
भाजपा सरकार में गैरसैंण के लिए अगले 50 साल के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करने की घोषणा हुई, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। गैरसैंण में सचिवालय भवन के निर्माण के लिए बजटीय प्रावधान हो चुका है। लेकिन काम अभी तक भी शुरू नहीं हो पाया है।
गैरसैंण पर सियासत गर्म है। विपक्ष सवाल उठा रहा है कि गैरसैंण राजधानी के तौर पर कब विकसित होगा? सरकार कह रही है कि विपक्ष को चिंता छोड़ देनी चाहिए। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच छिड़ी इस सियासी जंग से जुदा न स्थायी राजधानी का सवाल नेपथ्य में है।
तमाम योजनाएं बनीं लेकिन नहीं रुकी पलायन की गति..
पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड में वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद पलायन के कारणों और इसकी रोकथाम के लिए सुझाव देने के लिए ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत पलायन आयोग का गठन किया गया। आयोग ने इस संबंध में प्रदेश के सभी गांवों का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। जिसमें मुख्य रूप पलायन के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार प्रमुख कारण उबरकर सामने आए।
सरकार ने इन कारकों को दूर करने के लिए अपने स्तर पर कई योजनाएं शुरू कीं, लेकिन स्थितियां आज भी नहीं बदली हैं। राज्य में पलायन का दौर अब भी जारी है। गत वर्ष कोरोनाकाल में तमाम प्रवासी लौटकर अपने गांव पहुंचे। कहा जा रहा था कि अब इनमें से अधिकतर लोग वापस नहीं जाएंगे, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ।
रोजगार की कमी के कारण इनमें से अधिकतर लोग वापस महानगरों का रुख कर गए हैं। अब उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग को संवैधानिक संस्था बनाने की तैयारी है। पिछले दिनों ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने इस सिलसिले में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
प्रदेश सरकार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने को हैं संकल्पबद्ध-मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। भाजपा राज्य के आखिरी व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाने की चुनौती पर विशेष रूप से कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान व स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है। उत्तराखंड को भी प्रधानमंत्री का विशेष सहयोग मिल रहा है। आने वाले 10 वर्ष उत्तराखंड के होंगे, इसे ध्यान में रखकर हम 2030 की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं।
भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में रविवार को मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। इस दौरान राजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सात साल के कार्यकाल में देश उन बुलंदियों पर पहुंचा है, जहां 70 वर्षों में नहीं पहुंच पाया था। देश में जो कार्य नामुमकिन प्रतीत होते थे, वे अब पूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं। राज्य में चल रही केंद्रीय परियोजनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।
उन्होंने कहा कि केंद्र के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत काम हुए हैं, जो नामुमकिन नजर आ रहे थे। केंद्र ने प्रदेश के लिए पांच वर्षों में तकरीबन एक लाख करोड़ की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तथा सामरिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। चारधाम आल वेदर रोड व भारत माला परियोजना पर भी काम चल रहा है।
ये परियोजनाएं चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देंगी और अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगी। उनका कहना हैं कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन अभियान चल रहा है। प्रदेश सरकार ने सफलतापूर्वक कोविड रोधी वैक्सीन की प्रथम डोज लगाने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। अनुमानित लाभार्थियों में से 50 प्रतिशत को दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है।
महामारी से प्रभावित पर्यटन व परिवहन क्षेत्रों में 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूती और इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन देने के लिए 205 करोड़ तथा महिला सशक्तीकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 118 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी जा रही है। उनका कहना हैं कि शिक्षा जनस्वास्थ्य, बिजली, पानी, संचार, रोजगार, महिला सशक्तीकरण, खेती किसानी व सिंचाई, हर क्षेत्र में उत्तराखंड ने पांच वर्ष में अभूतपूर्व तरक्की की है।