चारधाम यात्रा को लेकर आज बद्रीनाथ धाम कूच करेंगे हक-हकूकधारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर तीर्थपुरोहितों का आंदोलन जारी है। इसी क्रम में आज सोमवार को हक-हकूकधारी बद्रीनाथ धाम कूच करेंगे। वहीं देवस्थानम बोर्ड के विरोध में 13 सितंबर को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में भी प्रदर्शन किया जाएगा। रोजाना की तरह सोमवार को भी बद्रीनाथ के साकेत तिराहे पर क्रमिक धरना स्थल पर हक-हकूकधारियों की सभा हुई।
इस दौरान तीर्थपुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने आज आंदोलनकारियों के साथ बद्रीनाथ कूच का एलान किया है। जिसे देखते हुए बद्रीनाथ पुल के समीप पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई है। आंदोलनकारी तीर्थपुरोहित बद्रीनाथ धाम के लिए कूच करेंगे।
कृष्णकांत कोठियाल ने मुंडन करवाकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया..
इसके पहले सरकार की हठधर्मिता को देखते हुए रविवार को साकेत तिराहे पर चल रहे धरनास्थल पर चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने मुंडन करवाकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। स्थानीय लोगों ने एलान किया कि जब तक यात्रा का संचालन शुरू नहीं किया जाता आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।
बद्रीश संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश मेहता का कहना हैं कि चारधाम यात्रा का संचालन न होने से यात्रा पड़ावों से लेकर धामों तक लोगों की आजीविका ठप पड़ गई है। सभी पर्यटन स्थल खोल दिए गए हैं, लेकिन चारधाम यात्रा का संचालन रोका गया है, जो कि गलत है।
जानिए क्या हट जाएगा अब चारों धामों से प्रतिबंध..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर लगा ग्रहण शायद अब हट जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले श्रीनगर में इस बात के संकेत दिए हैं। उनका कहना हैं कि मामला हाईकोर्ट में है, लेकिन सरकार इस दिशा में विचार कर रही है। कोरोना महामारी के कारण उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारों तीर्थस्थल बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा के दो सीजन बर्बाद हो गए।
जिसका खामियाजा अब तक यात्रा से जुड़े तमाम वर्ग के लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं। हरिद्वार से लेकर चारों धामों तक जिनकी आजीविका इस यात्रा पर निर्भर है वे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। साल 2020 में तो सरकार ने 1 जुलाई से कुछ प्रतिबंधों के साथ यात्रा को खोल दिया था। लेकिन इस साल शुरूआत से ही इस पर रोक है। केवल स्थानीय लोगों को ही वहां जाने की सीमित अनुमति मिली है। उसमें भी वह लोग मंदिरों में दर्शनों के लिए प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
यही कारण है कि पिछले कुछ महीनों से खासकर बद्रीनाथ और केदारनाथ में तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी, पंडा समाज और व्यापारी वर्ग आंदोलित है। चार दिन पहले ही बद्रीनाथ में संत धर्मराज भारती ‘मौनी बाबा’ ने यात्रा और मंदिर में प्रवेश से रोक हटाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। ऐसे वक्त में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का श्रीनगर में दिया गया बयान आम लोगों के लिए सुकून भरा है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जन आशीर्वाद रैली के दौरान कहा कि चारधाम यात्रा के रुकने से इन क्षेत्रों का जनजीवन प्रभावित है। मामला कोर्ट में होने से फैसला नहीं हो पा रहा है। लेकिन अब सरकार जल्द ही इसका रास्ता निकालेगी। जिसके बाद अब लोगों में चारधाम यात्रा को लेकर कुछ उम्मीद जगी है।
धारा-144 के बीच शुक्रवार को बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से सादगीपूर्वक केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान कर गई। डोली अपने पहले पड़ाव गौरीकुंड पहुंच गई है। वहां से डोली शनिवार को केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। केदारनाथ मंदिर के कपाट 17 मई को खोले जाएंगे।
ऐतिहासिक ओंकारेश्वर मंदिर में परम्पराओं व वैदिक विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद बाबा केदार की डोली ने आज पूर्वाह्न केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया। कोरोना महामारी के चलते डोली के दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ ना जुटने पाए, इसके लिए रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन ने कर्फ्यू के साथ-साथ ऊखीमठ समेत पूरे यात्रा मार्ग पर धारा-144 लागू की हुई है।
डोली के साथ केदारनाथ जाने के लिए प्रशासन ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के 14 अधिकारी/ कर्मचारी और 14 हक़-हकूकधारियों को ही अनुमति दी गई है। इस अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग, उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, पुजारी बागेश लिंग, डोली प्रभारी युद्धवीर पुष्पवान आदि उपस्थित थे।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि 17 मई को प्रात:पांच बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। प्रदेश सरकार ने कोरोना के चलते फिलहाल के लिए चारधाम यात्रा को स्थगित रखा है। लिहाजा, केवल मंदिर के कपाट खोले जाएंगे और मंदिर के पुजारी ही नियमित पूजा- अर्चना करेंगे।
यमुनोत्री के कपाट खुले
अक्षय तृतीया के अवसर पर शुक्रवार को ही अभिजीत मुहुर्त 12 बजकर 15 मिनट पर श्री यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। आज प्रात: श्री यमुनोत्री जी की चलविग्रह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल खरशाली( खुशीमठ) से प्रस्थान किया। उनको विदा करने छोटे भाई शनिदेव महाराज यमुनोत्री धाम पहुंचे।
यमुनोत्री धाम के कपाट भी चुनिंदा तीर्थ पुरोहितो व पुलिस -प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में खुले। इस अवसर पर मंदिर समिति अध्यक्ष व बड़कोट के उपजिलाधिकारी चतरसिंह चौहान, सचिव सुरेश उनियाल, पवन उनियाल, कृतेश्वर उनियाल आदि मौजूद रहे।
कल खुलेंगे गंगोत्री के कपाट
मां गंगा की चलविग्रह डोली ने आज दोपहर शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा (मुखीमठ) से गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान किया। डोली आज रात्रि प्रवास हेतु भैरव घाटी पहुंचेगी और कल सुबह गंगोत्री धाम पहुंचेगी। शनिवार 15 मई को प्रात: 7 बजकर 31 मिनट पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। इस अवसर पर भटवाड़ी के उप जिलाधिकारी देवेन्द्र सिंह नेगी, देवस्थानम बोर्ड के विशेष कार्याधिकारी राकेश सेमवाल, गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, सचिव दीपक सेमवाल आदि उपस्थित थे।
18 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
हिन्दुओं के एक अन्य विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार १८ मई को प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे। इससे पहले 16 मई को आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ बद्रीनाथ के रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी पांडुकेश्वर स्थित श्री योगध्यान बदरी मंदिर पहुंचेगे और वहां से 17 मई की शाम को श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचेगे।
घर बैठे दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा पर रोक लगायी गयी है। स्थिति सामान्य होते ही चारधाम यात्रा शुरू हो सकेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द स्थितियां सामान्य होंगी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को चारों धामों के वर्चुअल दर्शन कराने हेतु देवस्थानम बोर्ड को कहा गया है। देवस्थानम बोर्ड शीघ्र ही वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था करेगा।
,… श्री केदारनाथ तथा श्री बद्रीनाथ धाम के वर्चुअल दर्शन कराएंगे। जहां तक अनुमति होती है, भक्तगण वहां तक इन धामों के दर्शनों का लाभ घर बैठे ही प्राप्त कर सकेंगे। वर्तमान समय में सच्ची देशभक्ति यही है कि आप सभी वैक्सीन अवश्य लगाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। 2/3
— Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) May 13, 2021
उत्तराखंड में कोविड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि धामों के कपाट निर्धारित समय पर ही खुलेंगे और तीर्थ-पुरोहित मंदिरों में नियमित रूप से पूजा-पाठ करेंगे। लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर चारधाम यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है की प्रदेश में स्थित चारधामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा अगले माह 14 मई से शुरू होनी थी। परंपरानुसार 14 मई को गंगोत्री व यमुनोत्री, 17 मई को केदारनाथ तथा 18 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। मगर इस बार कोविड की परिस्थितियों के मद्देनजर राज्य सरकार ने चारधामों के कपाट निर्धारित तिथियों पर खोलने की घोषणा के साथ यात्रा पर आम श्रद्धालुओं के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भी लगातार कोविड के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से लड़ाई के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) April 29, 2021
गुरूवार को अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा की किसी को अनुमति नहीं होगी। केवल तीर्थ पुरोहितों को ही नियमित पूजा-पाठ की अनुमति होगी। स्थानीय लोग भी मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए नहीं जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि चारधाम के पट नियमित समय पर ही खुलेंगे और तीर्थ-पुरोहित ही पूजा करेंगे। बाकी देश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा अभी बंद है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस समय कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखण्ड में भी लगातार कोविड के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे समय में सरकार पूरी तरह से सजग है और इसी क्रम में तय हुआ है कि अभी चारधाम यात्रा को स्थगित रखा जाए। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से लड़ाई में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान गडकरी ने बताया कि रुद्रप्रयाग में राष्ट्रीय राजमार्ग पर टनल निर्माण के लिए 225 करोड़ की स्वीकृति दे दी गई है।
गडकरी से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में रोड़ कनेक्टविटी के विकास में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने आईएसबीटी, देहरादून की सड़क परियोजना के लिए 48 करोड़ रूपए की स्वीकृति पर सहमति दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रूद्रप्रयाग में टनल निर्माण के लिए लगभग 225 करोड़ रूपए स्वीकृत हो गए हैं। इस पर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड में नए राष्ट्रीय राजमार्ग में बाईपास की गई पुरानी सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी 69 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने हरिद्वार-देहरादून एनएच पर जोगीवाला में जाम की समस्या को दूर करने पर सहमति व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से इसका प्रस्ताव जल्द भेजने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-भानियावाला मोटर मार्ग चारधाम यात्रा में शोर्ट लिक मार्ग है। जौलीग्राट एयरपोर्ट भी ऋषिकेश भानियावाला के मध्य स्थित है । वर्तमान में यह केवल दो लेन मार्ग है। इस मार्ग के व्यापक महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय सड़क व अवस्थापना निधि के अंतर्गत मंत्रालय को प्रेषित 219 करोड़ रूपए के प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड में 6 राजमार्गो (कुल लम्बाई 524 किमी) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडाडा-मोहन- रानीखेत(274किमी), पाण्डुआखाल -नागचूलाखाल उफरैखाल-बैजरो (64 किमी), खैरना-रानीखेत (34 किमी), बुआखाल-देवप्रयाग (49 किमी), देवप्रयाग-गजा-खाड़ी (70 किमी), बिहारीगढ़-रोशनाबाद (33 किमी) शामिल है। मुख्यमत्री ने केंद्रीय मंत्री से इन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव राधिका झा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डा.पराग मधुकर धकाते व केंद्र सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।
वर्ष 2013 की भीषण आपदा में बुरी तरह से तहस-नहस हुए विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य तेजी पर हैं। धाम में लगभग 180 करोड़ रूपये के काम पूरे होने को हैं। केदारनाथ में द्धितीय चरण में 128 करोड़ रूपये के निर्माण कार्य भी जल्द शुरू किए जाएंगे। केदार पुरी में आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनकर तैयार हो गई है और शंकराचार्य की समाधि का कार्य भी जल्द पूर्ण हो जाएगा। धाम में श्रद्धालुओं को ध्यान लगाने के लिए तीन गुफाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा सरस्वती घाट भी बन कर तैयार हो चुका है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा राजधानी देहरादून में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ व बद्रीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली को निर्देश दिए कि कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि बर्फवारी के कारण जो कार्य बाधित हुए उन कार्यों में तेजी लाएं।
मुख्यमंत्री ने आगामी समय में केदारनाथ व बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण करने को कहा। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए बैठने, पेयजल एवं शेड की भी उचित व्यवस्था हो। जन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मन्दिर के आस-पास सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाय।
प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने जानकारी दी कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में प्रथम चरण में मंडप से संबधित कार्य 85 प्रतिशत काम हो चुके हैं। आगामी15 अप्रैल तक यह कार्य पूर्ण हो जाएंगे। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि बद्रीनाथ धाम में प्रथम चरण में 245 करोड़ रूपये के कार्यों का प्लान तैयार हो चुका है। यात्रा सीजन को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण प्रकृति के कार्यों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, अपर सचिव आशीष चौहान, आर. राजेश कुमार एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
डोबराचांटी पुल के बाद त्रिवेन्द्र सरकार ने एक और ऐसे प्रोजेक्ट का काम पूरा कर लिया है जो बीते ढाई दशकों से अटका हुआ था। बद्रीनाथ धाम की यात्रा में नासूर बने ‘लामबगड़ स्लाइड जोन’ का स्थायी ट्रीटमेंट कर लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की इच्छाशक्ति और सख्ती की बदौलत यह प्रोजेक्ट महज दो वर्ष में ही पूरा हो गया। तकरीबन 500 मीटर लम्बे स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट 107 करोड़ की लागत से किया गया। अब बद्रीनाथ धाम की यात्रा निर्बाध हो सकेगी, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानियों से निजात मिलेगी।
सीमांत जनपद चमोली में 26 साल पहले ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर पाण्डुकेश्वर के पास लामबगड़ में पहाड़ के दरकने से स्लाड जोन बन गया। हल्की सी बारिश में ही पहाड़ से भारी मलवा सड़क पर आ जाने से हर साल बद्रीनाथ धाम की यात्रा अक्सर बाधित होने लगी। लगभग 500 मीटर लम्बा यह जोन यात्रा के लिए नासूर बन गया। पिछले ढाई दशकों में इस स्थान पर खासकर बरसात के दिनों मे कई वाहनों के मलवे में दबने के साथ ही कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
हमारी सरकार चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए तत्पर है। लामबगड़ स्लाइड जोन बद्रीनाथ यात्रा में बड़ी बाधा थी। हमने इसके ट्रीटमेंट को ईमानदारी से पूरी कोशिश की। इसका परिणाम सभी के सामने हैं। लगातार प्रभावी मानिटरिंग से वर्षों से अटकी परियोजना को पूरा किया है।
– त्रिवेंद्र सिंह रावत
करोड़ों खर्च होने पर भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था। पूर्व मे जब लामबगड़ में बैराज का निर्माण किया जा रहा था, तब जेपी कंपनी ने इस स्थान सुरंग निर्माण का प्रस्ताव रखा, लेकिन उस वक्त यह सड़क सीमा सड़क संगठन (BRO) के अधीन थी। बीआरओ ने भी सुरंग बनाने के लिए हामी भर दी थी। दोनों के एस्टीमेट कास्ट मे बड़ा अंतर होने के कारण मामला अधर मे लटक गया था।
वर्ष 2013 की भीषण आपदा में लामबगड स्लाइड जोन में हाईवे का नामोनिशां मिट गया। तब सडक परिवहन मंत्रालय ने लामबगड स्लाइड जोन के स्थाई ट्रीटमेंट की जिम्मेदारी एनएच पीडब्लूडी को दी। एनएच से विदेशी कम्पनी मैकाफेरी नामक कंपनी ने यह कार्य लिया। फॉरेस्ट क्लीयरेंस समेत तमाम अड़चनों की वजह से ट्रीटमेंट का यह काम धीमा पड़ता गया।
वर्ष 2017 में त्रिवेन्द्र सरकार के सत्ता में आते ही ये तमाम अड़चनें मिशन मोड में दूर की गईं और दिसम्बर 2018 में प्रोजेक्ट का काम युद्धस्तर पर शुरू हुआ। महज दो वर्ष में अब यह ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है। अगले 10 दिन के भीतर इसे जनता के लिए समर्पित कर दिया जाएगा। इसे त्रिवेन्द्र सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जा रहा है।
प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट गुरुवार को वैदिक विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए। गुरुवार को ही हिमालय में स्थित द्वितीय केदार के रूप में पूजे जाने वाले भगवान मद्महेश्वर के कपाट भी बंद हो गए।
कपाट बंद होने के मौके पर बद्रीनाथ मंदिर को फूलों से भव्य सजाया गया था। ब्रह्म मुहुर्त में मंदिर को पूजा के लिए खोला दिया गया था। इसके बाद नित्य भोग लगा कर अपराह्न में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
परंपरा के अनुसार बद्रीनाथ के निकट स्थित माणा गांव की महिलाओं द्वारा बुना गया घृत कंबल भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया गया। इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक रस्मों का निर्वहन करते हुए अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिए गए।
इस अवसर पर उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, धर्माधिकारी भुवन उनियाल सहित प्रशासन, पुलिस व सेना के अधिकारी मौजूद रहे।
उधर, मद्महेश्वर में मुख्य पुजारी टी.गंगाधर लिंग ने स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा कर कपाट बंद होने की प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद बाबा मद्महेश्वर की डोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए रवाना हुई। शीतकाल में भगवान मद्महेश्वर की पूजा- अर्चना उखीमठ में ही होती है।
योगी सरकार उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बद्रीनाथ धाम में एक पर्यटक आवास गृह का निर्माण करेगी। उत्तराखंड दौरे के तीसरे दिन मंगलवार को बद्रीनाथ पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ पर्यटक आवास गृह का भूमि पूजन व शिलान्यास किया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के माध्यम से एक पर्यटक आवास गृह का निर्माण प्रस्तावित किया है। इसकी लागत लगभग 11 करोड़ रूपये है और यह बद्रीनाथ हेलीपैड के निकट 4 हजार वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा। आवास गृह का निर्माण पहाड़ी शैली में होगा।
यहां बता दें कि, आवास गृह का शिलान्यास सोमवार को प्रस्तावित था। मगर केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान दोनों मुख्यमंत्री भारी बर्फबारी के कारण दिनभर वहीं फंसे रहे। सोमवार शाम को मौसम खुलने पर दोनों नेता रात्रि विश्राम के लिए चमोली जिले के गौचर पहुंचे और मंगलवार सुबह वहां से बद्रीनाथ रवाना हुए।। बद्रीनाथ में उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास किया। इस दौरान उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
यहां बता दें कि, आवास गृह का शिलान्यास सोमवार को प्रस्तावित था। मगर केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान दोनों मुख्यमंत्री भारी बर्फबारी के कारण दिनभर वहीं फंसे रहे। सोमवार शाम को मौसम खुलने पर दोनों नेता रात्रि विश्राम के लिए चमोली जिले के गौचर पहुंचे और मंगलवार सुबह वहां से बद्रीनाथ रवाना हुए।। बद्रीनाथ में उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास किया। इस दौरान उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज मुझे कई वर्षों के बाद भगवान श्री बद्री विशाल के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। उत्तराखण्ड के चारों धाम पर्यटन के विकास एवं श्रद्धालुओं की श्रद्धा व आस्था के सम्मान को ध्यान में रखते हुए आज की आवश्यकता के अनुरूप विकास की जिन नई ऊंचाईयों को छूते हुए दिखाई दे रहे हैं, वह अत्यंत सराहनीय एवं अभिनंदनीय है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के नेतृत्व में हो रहे इन कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों के लिए हृदय से उनका अभिनन्दन करता हूं।
योगी ने कहा कि उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के बीच पिछले 18-20 वर्षों से बहुत से विवाद चले आ रहे थे। ये विवाद उत्तराखण्ड के नये राज्य बनने के बाद से ही चल रहे थे। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने रचनात्मक और सकारात्मक पहल से इन सभी समस्याओं का समाधान करने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड मेरी जन्म भूमि भी है। मैंने अपना बचपन यहीं बिताया है। पिछले तीन दिनों से यहां के तीर्थ स्थलों के दर्शन करने करने का सौभाग्य मिला है।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष यात्रा प्रारम्भ होने पर बद्रीनाथ में पर्यटक आवास गृह का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। प्रयास किया जाएगा कि एक वर्ष के अन्दर यह कार्य पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि अनेक संतों व योगियों ने अपनी साधना, योग व तप से इस धरती को पवित्र किया है। योगराज सुन्दरनाथ जी की तपस्थली भी श्री बदरीनाथ में है। यहां पर योगराज सुन्दरनाथ जी की गुफा भी है। उन्होंने इच्छा जताई कि उत्तराखण्ड सरकार उनकी गुफा का पुनरूद्धार करे तो बहुत अच्छा कार्य होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले तीन दिनों से योगी आदित्यनाथ के साथ केदारनाथ एवं बद्रीनाथ के दर्शन करने का अवसर मिला। बद्रीनाथ में उत्तर प्रदेश के पर्यटक आवास का भूमि पूजन व शिलान्यास हुआ, यह एक बड़ी उपलब्धि है। देशभर से श्रद्धालु एवं पर्यटक यहां आते हैं, इस पर्यटक आवास गृह बनने से उनके लिए एक और सुविधा बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि योगी जी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश जैसा विशाल राज्य आज विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक उत्तम प्रदेश बने इसके लिए कामना करता हूं।
शिलान्यास कार्यक्रम के बाद दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने बद्रीनाथ से कुछ दूरी पर स्थित देश के अंतिम गांव माणा, भीम पुल एवं सरस्वती पुल का भ्रमण भी किया। दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्री आईटीबीपी, सेना एवं बीआरओ के जवानों से मिले व उनका हौंसला बढ़ाया। इससे पूर्व, बद्रीनाथ पहुंचने पर योगी आदित्यनाथ व त्रिवेन्द्र सिंह रावत का देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने स्वागत किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिन के उत्तराखंड के दौरे पर रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ केदारनाथ पहुंचे। केदारनाथ में हैलीपैड पर उतरने के तुरंत बाद दोनों मुख्यमंत्रियों ने वर्ष 2013 की आपदा के बाद वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। शाम को दोनों मुख्यमंत्री केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर रात्रि विश्राम भी वहीं करेंगे।
इससे पूर्व, योगी आदित्यनाथ दोपहर में राजकीय वायुयान से गोरखपुर से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। एयरपोर्ट पर योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री त्रिवेंद, प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत व मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी हैं।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट से वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के लिए रवाना हुए। 16 नवंबर की प्रातः शीतकाल के लिए केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हो रहे हैं। दोनों मुख्यमंत्री प्रातः केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर कपाट बंद होने के कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। इसके बाद दोनों प्रातः 7:30 बजे बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। बद्रीनाथ में प्रातः 8 से 9 बजे तक उनका पूजा-अर्चना का कार्यक्रम है।
पूजा-अर्चना के बाद वे बद्रीनाथ में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के पर्यटक आवास गृह के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां बता दें कि बद्रीनाथ में हेलीपैड के समीप उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटक आवास गृह का निर्माण प्रस्तावित है।