मुख्यमंत्री धामी आज हल्द्वानी में हो रहे भव्य कार्यक्रम में करेंगे शिरकत..
उत्तराखंड: बुधवार यानि आज हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम में भव्य कार्यक्रम आयोजित होगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल होंगे। इस मौके आठ शहीदों के परिजनों, राज्य आंदोलकारियों और अन्य लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
ये होंगे कार्यक्रम-
- नैनीताल रोड स्थित शहीद स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
- आपदा के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
- रोजगार मेला और मंडल स्तर की विकास प्रदर्शनी लगेगी।
- खटीमा और नैनीताल जिले के आठ शहीदों के परिवार वालों को सम्मानित किया जाएगा।
- कुमाऊं के 3297 स्वयं सहायता समूह को चेक बांटे जाएंगे।
- राज्य आंदोलनकारियों को पुष्पवर्षा कर सम्मानित किया जाएगा।
- आपदा में सराहनीय काम करने वाले सेना की 14 डोगरा बटालियन, एनडीआरएफ और
- एसडीआरएफ के जवानों को सम्मानित किया जाएगा।
- आपदा में साहसिक काम करने वाली टीमों के टीम लीडरों को सम्मानित किया जाएगा।
आर्मी के हेलीपैड पर उतरेंगे मुख्यमंत्री..
डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना हैं कि मुख्यमंत्री दोपहर 12:15 बजे आर्मी के हेलीपेड पर उतरेंगे। यहां से वह कार से सीधे स्टेडियम पहुंचेंगे। दोपहर 2:50 बजे मुख्यमंत्री आर्मी हेलीपैड से खटीमा के लिए उड़ान भरेंगे।
15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खुलेगा टाइगर रिजर्व पार्क..
उत्तराखंड: सफारी के साथ ही हाथी, बाघ, तेंदुआ समेत वन्यजीवों को नजदीक से देखने के शौकीनों के लिए खबर खुश करने वाली है। टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से नए सिरे से पर्यटकों के लिए खोलने को लेकर टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आपको बता दें, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के निर्देश पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 15 नवंबर के बजाय पिछले एक अक्तूबर से ही राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला और मोतीचूर रेंज को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था। टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल हैबिटेट जोन में भी दो सफारी ट्रैक तैयार कर पर्यटकों को सफारी कराना भी शुरू किया गया।
अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की याचिका पर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से पहले खोले जाने को प्रावधानों के विपरीत बताते हुए टाइगर रिजर्व के दोनों गेट तत्काल पर्यटकों के लिए बंद करने के निर्देश दिए।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग का कहना हैं कि टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पर्यटक टाइगर रिजर्व के इतिहास व इसमें रहने वन्यजीवों, पक्षियों के बारे में जागरूक हो सकें, इसके लिए उन्हें एक पुस्तिका भी मुहैया करायी जाएगी।
टाइगर रिजर्व में स्तनधारी जीवों की 49 व पक्षियों की 328 प्रजातियां..
राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथी, बाघ, तेंदुआ, भालू, हिमालयन काला भालू, बार्किंग हिरण, कांकड़, घुरल, सांभर, जंगली सुअर समेत स्तनधारी जीवों की 49 प्रजातियों के वन्यजीव हैं। इसके अलावा किंगफिशर, कठफोड़वा, फायर टेल्ड सनबर्ड ग्रेट पाइड हार्नबिल, मटर मुर्गी, गिद्ध , तीतर, बारबेट, समेत पक्षियों की 328 प्रजातियां हैं।
1075 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला राजाजी टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। वन्यजीवों और पक्षियों के साथ ही राजाजी टाइगर रिजर्व में किंग कोबरा, अजगर, मगरमच्छ समेत सरीसृप की 20 प्रजातियों के जीव भी हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों, पक्षियों, सरीसृपों के अलावा 60 प्रकार की जड़ी बूटियां और पेड़ में 118 प्रजातियां पाई जाती हैं। साल 1983 में राजाजी टाइगर रिजर्व को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और स्वतंत्र भारत के दूसरे गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के नाम इसका नाम राजाजी टाइगर रिजर्व रखा गया।
उत्तराखंड स्थापना दिवस पर सीएम ने की कई घोषणायें,राज्य आंदोलनकारियों को भी दी सौगात..
उत्तराखंड: राज्य के 21 वें स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून पुलिस लाइन मैदान में रैतिक परेड कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंडवासियों के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल दिया हैं। वहीं, सीएम ने राज्य आंदोलनकारियों को भी बड़ी सौगात दी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य निर्माण में योगदान देने वाले शहीदों को नमन किया। उनका कहना हैं कि केंद्र से विकास कार्यों के लिए एक लाख करोड़ की मदद की गई है। योजना है कि प्रदेश के दूरस्त क्षेत्रों को 2025 तक लिंक मार्ग से जोड़ा जा सके। जिससे पहाड़ों में भी विकास की बयार बह सके। मुख्यमंत्री का कहना हैं कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि पहाड़ की जवानी और पानी दोनों पहाड़ के काम आए।
सीएम ने की ये घोषणाएं
- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन को बढ़ाने की घोषणा। जिन आंदोलनकारियों को 3100 रुपये पेंश्न मिलती थी। उसे बढ़ाकर 4500 किया गया। वहीं, जिन्हें 5000 मिलती थी उसे बढ़ाकर 6000 किया गया है।
- राज्य में खेल नीति 2021 जल्द लागू होगी।
- जनपद स्तर पर महिला छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
- गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए निशुल्क दवा की व्यवस्था की जाएगी।
- देहरादून और हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
- राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।
- 48 घंटे अस्पताल में रहने वाली जच्चा को 2000 रुपये उपहार राशि दी जाएगी।
- प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में किशोरियों के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगेगी।
- सेवा का अधिकार अधिनियम में 190 सेवाओं को शामिल किया जाएगा।
- राज्य को आयुष वैलनेस का हब बनाया जाएगा।
- पर्यटक गृहों में आयुष वैलनेस सेंटर खोले जाएंगे।
गैरसैंण राजधानी लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत का एलान,पढ़िए पूरी खबर..
उत्तराखंड: पूर्व सीएम और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना हैं कि वर्ष 2022 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर ढाई से तीन वर्ष में गैरसैंण में अवस्थापना विकास और ढांचागत सुविधाएं जुटाने के बाद राजधानी वहां शिफ्ट कर देंगे। गैरसैंण में विधानसभा भवन का निर्माण म्यूजियम बनाने के लिए नहीं किया गया है। उनका कहना हैं कि 29 नवंबर को सत्र के पहले दिन कांग्रेस गैरसैंण में भव्य रैली निकालकर सरकार को चेेताने का भी काम करेगी।
आपको बता दे कि हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने गैरसैंण के मुद्दे पर भाजपा को कठघरे में खड़ा किया। इस अवसर पर पूर्व सीएम रावत ने कहा कि गैरसैंण के नाम पर भाजपा प्रदेश की जनता के साथ छलावा कर रही है। ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के बावजूद वहां शीतकाल में सत्र आयोजित करना सरकार की नियत पर सवाल खड़े करता है। इससे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना हैं कि गैरसैंण के मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड स्पष्ट है। पार्टी की नियत पर किसी को भी शंका नहीं होनी चाहिए।
उनका कहना हैं कि नौ माह पूर्व भाजपा के ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सत्र के दौरान गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी, लेकिन तब से अब तक सीएम से लेकर सीएस तक और मंडलायुक्त से लेकर आयुक्त तक को तो छोड़ो एक कर्मचारी भी गैरसैंण नहीं गया। ऐसे में सरकार की घोषणा पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
आपको बता दे कि हरीश रावत ने लोकायुक्त के मुद्दे पर एक बार फिर भाजपा सरकार को घेरा है। उनका कहना हैं कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में सौ दिन में लोकायुक्त की नियुक्ति का वादा किया था, लेकिन आज भी लोकायुक्त बिल राज्यपाल के पास विचाराधीन पड़ा हुआ है। यह भी नहीं बताया जा रहा है कि उसे बाहर क्यों नहीं ला रहे हैं।
विजय संकल्प शंखनाद कार्यक्रम अब 11 को होगा..
वही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना हैं कि यशपाल आर्य के पार्टी छोडने से भाजपा बौखला गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 10 नवंबर को हल्द्वानी के रामलीला मैदान में यशपाल आर्य के स्वागत में विजय संकल्प शंखनाद कार्यक्रम की घोषणा की थी, भाजपा ने उसी दिन सौ मीटर की दूरी पर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम रख दिया। जो राजनीतिक शिष्टाचार के भी खिलाफ है। उनका कहना हैं कि कांग्रेस पार्टी का यह कार्यक्रम अब 11 नवंबर को आयोजित किया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस..
उत्तराखंड: देश के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया उत्तराखंड मंगलवार को अपना 21वां स्थापना दिवस मना रहा हैं। देवभूमि उत्तराखंड अपने 22वें साल में प्रवेश कर रहा हैं। 9 नवंबर यानी आज आयोजित होने वाले राज्य स्थापना दिवस समारोह ‘उत्तराखण्ड महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा हैं। ये आयोजन 9 नवंबर से 15 नवंबर तक चलेगा।इस दिवस पर गौरव पुस्कार की भी शुरुआत की जाएगी।
राज्य गठन के 21 साल बाद भी उत्तराखंड को स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी। देहरादून आज भी अस्थायी राजधानी है और गैरसैंण को भाजपा सरकार के कार्यकाल में ग्रीष्मकालीन राजधानी बन पाई है। जबकि राज्य आंदोलन से जुड़े लोग गैरसैंण को जनभावनाओं की स्थायी राजधानी के रूप में देखते हैं। राज्य गठन पर जब देहरादून को अस्थायी राजधानी बनाया गया था, तब शायद किसी ने सोचा होगा कि यह पर्वतीय राज्य स्थायी राजधानी को तरस जाएगा। सत्ता पर काबिज रही हर सरकार ने देहरादून पर ही फोकस किया, जबकि राज्य आंदोलनकारी राज्य गठन के पहले दिन से ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रहे थे।
पिछले दो दशक में देहरादून स्वयंभू स्थायी राजधानी के तौर पर विकसित हो चुका है। यह जनाकांक्षाओं का दबाव ही रहा कि राजनीतिक दल गैरसैंण को पूरी तरह से खारिज नहीं कर पाए। राजनीतिक दबाव के चलते पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानमंडल भवन बनाया तो भाजपा सरकार को उसे ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करना पड़ा।
भाजपा सरकार में गैरसैंण के लिए अगले 50 साल के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करने की घोषणा हुई, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। गैरसैंण में सचिवालय भवन के निर्माण के लिए बजटीय प्रावधान हो चुका है। लेकिन काम अभी तक भी शुरू नहीं हो पाया है।
गैरसैंण पर सियासत गर्म है। विपक्ष सवाल उठा रहा है कि गैरसैंण राजधानी के तौर पर कब विकसित होगा? सरकार कह रही है कि विपक्ष को चिंता छोड़ देनी चाहिए। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच छिड़ी इस सियासी जंग से जुदा न स्थायी राजधानी का सवाल नेपथ्य में है।
तमाम योजनाएं बनीं लेकिन नहीं रुकी पलायन की गति..
पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड में वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद पलायन के कारणों और इसकी रोकथाम के लिए सुझाव देने के लिए ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत पलायन आयोग का गठन किया गया। आयोग ने इस संबंध में प्रदेश के सभी गांवों का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। जिसमें मुख्य रूप पलायन के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार प्रमुख कारण उबरकर सामने आए।
सरकार ने इन कारकों को दूर करने के लिए अपने स्तर पर कई योजनाएं शुरू कीं, लेकिन स्थितियां आज भी नहीं बदली हैं। राज्य में पलायन का दौर अब भी जारी है। गत वर्ष कोरोनाकाल में तमाम प्रवासी लौटकर अपने गांव पहुंचे। कहा जा रहा था कि अब इनमें से अधिकतर लोग वापस नहीं जाएंगे, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ।
रोजगार की कमी के कारण इनमें से अधिकतर लोग वापस महानगरों का रुख कर गए हैं। अब उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग को संवैधानिक संस्था बनाने की तैयारी है। पिछले दिनों ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने इस सिलसिले में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
प्रदेश सरकार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने को हैं संकल्पबद्ध-मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। भाजपा राज्य के आखिरी व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाने की चुनौती पर विशेष रूप से कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान व स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है। उत्तराखंड को भी प्रधानमंत्री का विशेष सहयोग मिल रहा है। आने वाले 10 वर्ष उत्तराखंड के होंगे, इसे ध्यान में रखकर हम 2030 की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं।
भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में रविवार को मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। इस दौरान राजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सात साल के कार्यकाल में देश उन बुलंदियों पर पहुंचा है, जहां 70 वर्षों में नहीं पहुंच पाया था। देश में जो कार्य नामुमकिन प्रतीत होते थे, वे अब पूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं। राज्य में चल रही केंद्रीय परियोजनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।
उन्होंने कहा कि केंद्र के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत काम हुए हैं, जो नामुमकिन नजर आ रहे थे। केंद्र ने प्रदेश के लिए पांच वर्षों में तकरीबन एक लाख करोड़ की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तथा सामरिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। चारधाम आल वेदर रोड व भारत माला परियोजना पर भी काम चल रहा है।
ये परियोजनाएं चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देंगी और अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगी। उनका कहना हैं कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन अभियान चल रहा है। प्रदेश सरकार ने सफलतापूर्वक कोविड रोधी वैक्सीन की प्रथम डोज लगाने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। अनुमानित लाभार्थियों में से 50 प्रतिशत को दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है।
महामारी से प्रभावित पर्यटन व परिवहन क्षेत्रों में 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूती और इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन देने के लिए 205 करोड़ तथा महिला सशक्तीकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 118 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी जा रही है। उनका कहना हैं कि शिक्षा जनस्वास्थ्य, बिजली, पानी, संचार, रोजगार, महिला सशक्तीकरण, खेती किसानी व सिंचाई, हर क्षेत्र में उत्तराखंड ने पांच वर्ष में अभूतपूर्व तरक्की की है।
देवस्थानम बोर्ड को लेकर सीएम धामी का बड़ा फैसला..
उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड की स्थापना के बाद से ही चारों धाम के तीर्थपुरोहित और पुजारी बोर्ड का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहित बोर्ड के विरोध में 2019 से ही आंदोलन चल रहा है। आपको बता दे कि इन दिनों चारों धामों में जबरदस्त विरोध हो रहा है जो कि भाजपा के लिए चिंताजनक है।
सरकार के खिलाफ सभी हकहकूकधारियों एवं तीर्थपुरोहितों ने हुंकार भर ली है जिससे सरकार की चिंता भी बढ़ गई हैं। चुनावी वर्ष होने के कारण अगर बीजेपी ने इसको प्राथमिकता नहीं दी तो भाजपा को आगामी चुनावों में गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
बद्रीनाथ से लेकर यमुनोत्री तक हर जगह देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी तीर्थ पुरोहितों से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का वचन दिया था मगर बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से वार्तालाप नहीं की गई जिस वजह से चारों धामों में देवस्थानम बोर्ड और सरकार का पुरजोर विरोध किया जा रहा है।
कृष्णकांत कोटियाल का कहना है कि पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत व वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होने से तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारी आंदोलन करने के लिए बाध्य हैं।
इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया है। उनका कहना हैं कि सरकार देवस्थानम बोर्ड को लेकर इसी माह अपना निर्णय लेगी। अगले कुछ ही दिनों में कमेटी की रिपोर्ट मिलते ही सरकार अपना फैसला सुना देगी। सीएम धामी ने कहा कि मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है।
कुछ लोगों का कहना था कि बोर्ड बनाए जाने से पहले उनका पक्ष सुना नहीं गया था। इसलिए सरकार ने एक कमेटी बनाई जो सभी पक्षों को सुन रही है। कमेटी सभी की भावनाओं के अनुरूप काम कर रही है। मुख्यमंत्री का कहना हैं कि सरकार सबकी भावनाओं को मध्यनजर रखकर ही देवस्थानम बोर्ड पर कोई निर्णय लेगी।
नहाय-खाय के आठ आज से शुरू चार दिवसीय छठ पर्व..
देश-विदेश: लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ आज (सोमवार) से शुरू हो गया है। छठ महापर्व के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। महापर्व छठ के अनुष्ठान पर ग्रह गोचरों का शुभ संयोग बन रहा है।
शुभ फल प्रदान करने वाले कई योग..
आपको बता दे कि नहाय खाय से लेकर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक कई योग बन रहे हैं। जो शुभ फल प्रदान करने वाले हैं। नहाय खाय के दिन सूर्य से तीसरे भाव में चंद्रमा होने से वरिष्ठ योग एवं सूर्य व बुध साथ होने से बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में व्रती नहाय खाय पर गंगा स्नान करने के बाद अरवा चावल चने की दाल व कद्दू की सब्जी का प्रसाद ग्रहण करते हैं।
इसके साथ ही नौ नवंबर को खरना के दिन रस केसरी योग बना रहा है। 10 नवंबर को गज केसरी योग में व्रती सायंकालीन अर्घ्य देंगे। वहीं उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पराक्रम योग बन रहा है। जिसमें व्रती अपने व्रत का समापन करेंगे।
सादगी व पवित्रता छठ पूजा की पहचान..
छठ पूजा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी, पवित्रता, भक्ति एवं आध्यात्म है। इसकी उपासना पद्धति सरल है। इसमें किसी आचार्य की आवश्यकता नहीं है। यह लौकिक रीति-रिवाज एवं ग्रामीण जीवन पर आधारित है।
महाभारत काल से प्रचलित है व्रत..
हिंदू धर्म के अधिकांश व्रत महिलाएं ही करती हैं, पर छठ पर्व में पूरा परिवार शामिल हो जाता है। छठ पर्व की शुरूआत महाभारत काल से मानी जाती है। पांडव जब वनवास काट रहे थे तो द्रोपदी ने कुल पुरोहित की आज्ञा प्राप्त होने पर युधिष्ठिर के साथ छठ व्रत पूजन किया था। सूर्यदेव ने प्रसन्न होकर युधिष्ठिर को अछूत ताम्रपात्र प्रदान किया। जिससे मुधर स्वादिष्ट भोजन हमेशा उपलब्ध रहता था। आपको बता दे कि द्रोपदी के व्रत पूजन से प्रसन्न होकर भगवान सूर्य (छठ माता) ने युधिष्ठिर को को राजपाट, धन दौलत, वैभव मान सम्मान, यश कीर्ति पुन: प्रदान किया।
छह पूजा कार्यक्रम पर एक नजर..
नहाय-खाय: छठ पर्व का प्रथम दिन नहाए खाय से शुरू होता है। नहाए-खाय आठ नवंबर को है।
खरना : छठ व्रत का दूसरा दिन खरना नौ नवंबर को हैं। इस दिन पंचमी तिथि है। इसके बाद षष्ठी शुरू होगी।
सायंकालीन अर्घ्य : छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल पष्ठी को पूर्ण उपवास होता है। यह व्रत दस नवंबर को है।
प्रात कालीन अर्घ्य : पष्ठी व्रत की पूर्णाहुति चतुर्थ दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होती है। 11 नवंबर को प्रातकालीन अर्घ्य दिया जाता है।
पीएम मोदी के सपने के अनुरूप बद्रीनाथ धाम भी सवंरेगा..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी के बाद अब बद्रीशपुरी भी संवरेगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ से जिस तरह देवभूमि की ब्रांडिंग की, उससे अब देश के चारधामों में से एक बद्रीनाथ पर राज्य सरकार ध्यान केंद्रित करने जा रही है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही बद्रीनाथ धाम के लिए चार सौ करोड़ से अधिक लागत की महायोजना तैयार की गई है। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी तीन चरणों में सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। अब सरकार की मंशा बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने की है।
प्रधानमंत्री के निर्देश पर बद्रीनाथ धाम के लिए चार सौ करोड़ से ज्यादा की लागत की महायोजना तैयार की गई है। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ यात्रा के दौरान देवभूमि की जमकर ब्रांडिंग की। इससे प्रभावित होकर राज्य सरकार अब बद्रीनाथ पर भी ध्यान केंद्रित करने जा रही है। केदारनाथ की तरह यहां भी तीन चरणों में सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा।
बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने की योजना है। केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान पीएम मोदी ने बद्रीनाथ धाम के लिए भी महायोजना बनाने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार का मास्टर प्लान बनकर तैयार है। पीएम कार्यालय में इसका प्रजेंटेशन हो चुका है। धाम में सुविधाएं विकसित करने के लिए विभिन्न कंपनियों के सीएसआर फंड से दो सौ करोड़ से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है। प्रस्तावित कामों को धरातल पर उतारने के लिए प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट की तैनाती कर दी गई है।
प्रोजेक्ट के तहत धाम में केदारनाथ की तरह ही मंदिर के चारों तरफ जगह खुली रखी जाएगी। यात्रियों के लिए वन-वे सिस्टम बनेगा। बद्री व शेषनेत्र झील का सौंदर्यीकरण, अस्पताल का विस्तारीकरण, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, मंदिर व घाट का सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट स्कैपिंग और पार्किंग जैसे काम मास्टर प्लान का हिस्सा हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना हैं कि बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रथम चरण के कार्य निर्धारित कर दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर बने दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता..
देश-विदेश: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए हैं. अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म द मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एप्रूवल रेटिंग अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन से भी ज्यादा है. इस सर्वे में पीएम मोदी की एप्रूवल रेटिंग 70% है. दुनिया के 13 राष्ट्रप्रमुखों की लिस्ट में पीएम मोदी पहले नंबर पर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति छटवें और बोरिस जॉनसन 10वें नंबर पर हैं.
द मॉर्निंग कंसल्ट सर्वे के मुताबिक, मैक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मैन्युअल लोपेज ओब्राडोर हैं. उनकी एप्रूवल रेटिंग 66% है. तीसरे नंबर पर इटली के पीएम मारिया द्रागी, चौथे पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और 5वें पर ऑस्ट्रलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन हैं.
दुनिया के 10 सबसे लोकप्रिय नेता
नेता एप्रूवल रेटिंग
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत 70%
लोपेज ओब्राडोर, राष्ट्रपति, मैक्सिको 66%
मारिया द्रागी, पीएम, इटली 58%
एंजेला मार्केल, चांसलर, जर्मनी 54%
स्कॉट मॉरिसन, पीएम, ऑस्ट्रलिया 47%
जो बाइडेन, राष्ट्रपति, अमेरिका 44%
जस्टिन ट्रूड्यू, पीएम, कनाडा 43%
फुमियो किशिदा, पीएम, जापान 42%
मून जे-इन, राष्ट्रपति, साउथ कोरिया 41%
बोरिस जॉनसन, पीएम, ब्रिटेन 40%