प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी..
देश-विदेश: चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके घर पर यानी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे हैं। पीएम आवास में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात जारी हैं। बताया जा रहा है कि सीएम चन्नी ने प्रधानमंत्री के समक्ष किसानों की समस्या संबंधी कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उठा सकते हैं।
आपको बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफे के बाद कांग्रेस आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया है। चन्नी पंजाब में कांग्रेस का दलित चेहरा हैं। इसके साथ ही चन्नी के रूप में पंजाब को अब तक का पहला दलित मुख्यमंत्री मिला है।
बर्फीले तूफान की चपेट में वायुसेना के दस पर्वतारोही लापता, निम से रेस्क्यू टीम रवाना..
उत्तराखंड: माउंट त्रिशूल के आरोहण के लिए गया वायुसेना का दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया है। जिसमें करीब 10 पर्वतारोही लापता बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार माउंट त्रिशूल के आरोहण के दौरान हिमस्खलन आने से वायुसेना का पर्वतारोही दल इसकी चपेट में आ गया है। हिमस्खलन की चपेट में आने से दस पर्वतारोही लापता बताए जा रहे हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से राहत-बचाव टीम कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हो गई है।
शुक्रवार सुबह दल चोटी के समिट के लिए आगे बढ़ा
वायुसेना का दल करीब 15 दिन पहले 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए गया था। शुक्रवार सुबह दल समिट के लिए आगे बढ़ा तो इसी दौरान हिमस्खलन हो गया। जिसकी चपेट में वायु सेना के पर्वतारोही आ गए। इस बारे में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया यह घटना शुक्रवार सुबह पांच बजे के करीब हुई है।
वायुसेना के करीब 10 पर्वतारोही हिमस्खलन की चपेट में आए हैं और लापता चल रहे हैं। त्रिशूल चोटी की ऊंचाई 7,120 मीटर है। इस चोटी के आरोहण के लिए चमोली जनपद के जोशीमठ और घाट के लिए पर्वतारोही टीमें जाती हैं। वायु सेना के पर्वतारोहियों की टीम भी घाट होते हुए त्रिशूल के लिए गई थी। तीन चोटियों का समूह होने के कारण इसे त्रिशूल कहते हैं।
द कपिल शर्मा शो में सिद्धू के लौटने की चर्चा पर अर्चना ने कहा कुछ ऐसा..
देश-विदेश: बॉलीवुड का राजनीति से भी कुछ ऐसा जुड़ाव रहा है कि अगर राजनीति में कुछ विवाद हो तो उसका असर मनोरंजन जगत में भी देखने को मिलता है। इन दिनों नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के इस्तीफे के बाद से टीवी जगत में ऐसे ही हलचल मची हुई है। आपको बता दे कि सिद्धू ‘द कपिल शर्मा शो’ में जज की कुर्सी संभाल रहे थे लेकिन जब उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने का मौका मिला तो उन्होंने शो छोड़ दिया। इसके बाद अर्चना पूरन सिंह को शो में जज बनाया गया।
आपको बता दे कि कपिल शर्मा अक्सर मजाक करते हैं कि अर्चना ने यहां से एक मंत्री तक निकलवा दिया साथ ही ये भी कि अर्चना का पहला प्यार उनके पति परमीत नहीं बल्कि कुर्सी है। अब जैसे ही सिद्धू के इस्तीफे की खबर सामने आई सोशल मीडिया पर अर्चना को लेकर मीम बनने लगे कि उनकी नौकरी संकट में है। वहीं अर्चना ने एक इंटरव्यू में इस बारे में अपनी राय साफ कर दी है। साथ ही उन्होंने कह दिया कि अगर सिद्धू शो पर लौटते हैं तो वो क्या करेंगी।
इस पर अर्चना का कहना हैं कि ये एक ऐसा मजाक है जो सालों से होता आया है और सच तो ये है कि मुझे फर्क ही नहीं पड़ता है, ना ही मैं इसे बहुत गंभीरता से लेती हूं। अगर सिद्धू सच में फिर से शो में एंट्री लेते हैं और मेरी जगह आते हैं तो मेरे पास और भी दूसरे काम हैं जो मैं कर सकती हूं। मैं काफी सालों से कुछ और करना चाहती थी।
अर्चना पूरन सिंह लंबे समय से कॉमेडी शोज को जज करती आईं हैं। कॉमेडी सर्कस के दौरान अर्चना जज की कुर्सी पर विराजमान थी और उनके जबरदस्त हंसने का अंदाज फैंस को काफी पसंद आता है। ऐसे में जब सिद्धू शो से बाहर हुए तो कपिल के पास अर्चना से बेहतर कोई रिप्लेसमेंट ही नहीं था।
बता दें कि अर्चना ने खुलासा किया कि जब सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे तो मेरे घर पर लोगों ने खूब फूल भेजे थे। उन्होंने कहा कि लोगों ने फूलों के साथ संदेश भेजा था कि, अर्चना मैम मुबारक हो क्योंकि वो वहां पर बन गए हैं। दरअसल लोगों का ये कहना था कि अब सिद्धू पार्टी को लेकर अपना फर्ज पूरा करेंगे तो शो पर लौटेंगे नहीं। ऐसे में अर्चना की कुर्सी को कई नुकसान नहीं होगा।
आपको बता दे कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन उनका कहना है कि वे कांग्रेस में बने रहेंगे। सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे खत में कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे। 23 जुलाई को उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था।
कर्मकार कल्याण बोर्ड से शमशेर सिंह सत्याल की छुट्टी..
उत्तराखंड: भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की बोर्ड से छुट्टी कर दी गई है। इसके साथ ही शासन ने बोर्ड का पुनर्गठन भी कर दिया है। सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ को बोर्ड के अध्यक्ष और पीसीएस डा अभिषेक त्रिपाठी को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही बोर्ड को लेकर सत्याल और श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत के मध्य छिड़ी रार के अब खत्म होने के आसार हैं।
आपको बता दे कि कर्मकार कल्याण बोर्ड पिछले साल अक्टूबर में तब सुर्खियों में आया, जब तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत से यह जिम्मा वापस ले लिया था। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी माने जाने वाले शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष बना दिया गया। इस पर श्रम मंत्री ने सख्त नाराजगी जताई थी, लेकिन तब सरकार के निर्णय के अनुरूप शासन ने बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया था।
बोर्ड के सचिव की जिम्मेदारी देख रही दमयंती रावत को भी उनके मूल विभाग में भेज दिया गया था। जिसके बाद सत्याल की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने पिछले बोर्ड के सभी फैसले पलट दिए थे। साथ ही बोर्ड के तमाम कार्यों में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसका स्पेशल आडिट कराने का निर्णय लिया था। लेकिन तब इसे टाल दिया गया था।
सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद तीरथ सरकार के कार्यकाल में बोर्ड की सचिव को हटाकर हरिद्वार की उपश्रमायुक्त को यह जिम्मा सौंपा गया। इस पर बोर्ड अध्यक्ष सत्याल ने आपत्ति जताई और तभी से दोनों के मध्य तलवारें खिंची थी।
इतना ही नहीं, इसके बाद बोर्ड को लेकर सत्याल और श्रम मंत्री भी एक-दूसरे के खिलाफ मुखर थे। इस बीच बोर्ड का मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच गया। इन सबके चलते सरकार की किरकिरी हो रही थी। जिसके बाद धामी सरकार ने बोर्ड से सत्याल को हटाने का निर्णय लिया। श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने सत्याल को हटाए जाने की पुष्टि की।
खुशखबरी- दरोगा के पदों पर भर्ती को मिली मंजूरी..
उत्तराखंड: पुलिस सिपाही भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही अब दरोगा भर्ती का भी रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने दरोगा सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी हैं। इसके साथ पुलिस मुख्यालय ने 150 पदों पर भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस मुख्यालय ने इसी सप्ताह 1521 कांस्टेबल के रिक्त पदों पर भर्ती का अधिचयन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेज दिया है।
अब मुख्यालय दूसरे चरण में दरोगा के 150 पदों पर भर्ती की तैयारी कर रहा है। इसके लिए मुख्यालय उप निरीक्षक सेवा नियमावली में बदलाव का इंतजार कर रहा था। अब कैबिनेट से नई नियमावली को हरी झंडी मिल गई है। नई नियमावली के तहत अब सिविल पुलिस का कोटा 50 प्रतिशत हो गया है।
जो पहले 34 प्रतिशत ही था। शेष 50 प्रतिशत पद इंटेलीजेंस और पीएससी के बीच बटेंगे। इसी के साथ गृह विभाग ने वर्तमान में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास लंबित दरोगा रैंकर्स भर्ती का परिणाम जारी करने को हरी झंडी दे दी है।
उक्त परिणाम अब नई नियमावली के अधीन ही जारी होगा। इसी के साथ रैंकर्स भर्ती अब हमेशा के लिए समाप्त कर दी गई है। जिसके बाद अब पुलिस में कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल में पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर होंगे। दरोगा भर्ती के लिए नियमावली संशोधन का इंतजार किया जा रहा था। अब नई नियमावली के तहत अक्तूबर में भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
उत्तराखंड में पुलिस विभाग में जल्द होगी 1521पदों पर भर्ती..
उत्तराखंड: प्रदेश में पुलिस भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही सिपाहियों के 1521 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने वाली है। पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को प्रस्ताव भेज दिया है। आपको बता दें कि युवा लंबे समय से भर्ती का इंतजार कर रहे थे। बीते छह साल में पुलिस विभाग में सिपाहियों की नई भर्तियां नहीं हुई थीं। पिछले दिनों बेरोजगार युवाओं ने सोशल मीडिया पर उम्र बढ़ाओ अभियान नाम देकर सेल्फी अभियान भी चलाया था। इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय ने यह राहत भरी खबर दी है।
जानकारी के अनुसार विभाग में कांस्टेबल संवर्ग के अंतर्गत सीधी भर्ती से जनपदीय पुलिस (पुरुष) के 785 पद, पीएसी आईआरबी के 291 और फायरमैन के 291 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके साथ ही महिलाओं के लिए 133 पद अनुमन्य करते हुए कुल 445 पदों पर भर्ती होगी। कुल मिलाकर 1521 सिपाहियों की भर्ती के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई मुख्यालय के अधिकारियों की बैठक में भी यह प्रमुख मुद्दा रहा था। इसमें भी सितंबर माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस लाईन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों, सैन्य और अर्धसैन्य बलों के जवानों को नमन करते हुए उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और आंदोलनकारियों को भी श्रद्धापूर्वक नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम जिस खुली हवा में सांस ले रहे हैं, वह महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का प्रतिफल है। इसी त्याग एवं बलिदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और देश को एक नये संकल्प के साथ आगे बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का आह्वान किया है। हम सभी 130 करोड़ भारतवासियों को अपना हाथ बढ़ाना होगा, तभी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का उद्देश्य पूर्ण होगा।
सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने उद्बोधन में अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदर लाल बहुगुणा जी का प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी स्मृति में हम 2 लाख रूपए राशि का ‘‘सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार’’ प्रारम्भ करने जा रहे हैं।
राज्य भाषा एवं संस्कृति अकादमी की स्थापना
राज्य की स्थानीय संस्कृति और भाषाओं के अध्ययन एवं शोध के लिए राज्य भाषा एवं संस्कृति अकादमी की स्थापना की जाएगी।
प्रदेश के राजकीय स्कूलों के कक्षा 10 और 12 के छात्र-छात्राओं को निशुल्क मोबाईल टैबलेट
ऑनलाईन पढ़ाई को और सुगम बनाने के लिए राज्य के राजकीय स्कूलों के कक्षा 10 और 12 के छात्र-छात्राओं को निशुल्क मोबाईल टैबलेट प्रदान करेंगे। इन मोबाईल टैबों में सभी शिक्षण सामग्री पहले से लोड रहेंगी। यही नही कोरोना की तीसरी लहर से अपने बच्चों को बचाने के लिये हमने यह निर्णय लिया है कि हम बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य सामग्री का वितरण करेंगे।
बड़े शहरों में ट्रैफिक समस्या के निस्तारण के लिए आउटर रिंग रोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, रूद्रपुर शहरों की ट्रैफिक समस्या के निराकरण के लिए आउटर रिंगरोड का निर्माण कराया जाएगा। स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में राज्य के नगरीय क्षेत्रों में बेघर लोगों के लगभग 25 हजार घर बनाएंगे।
पर्वतीय क्षेत्रों में वेरिफिकेशन ड्राइव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मे पलायन और भूमि की अनाधिकृत खरीद-फरोख्त के सम्बन्ध में जनता द्वारा चिंता प्रकट की जा रही है, इस विषय में हमारी सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में वेरिफिकेशन ड्राइव शूरू करने जा रही है। इस वेरिफिकेशन के माध्यम से हम ये सुनिश्चित करेंगे कि पहाड़ की संस्कृति एवं सामाजिक परिवेश को सुरक्षित रखा जा सके।
हिम प्रहरी योजना, भू-कानून पर उच्च स्तरीय समिति
पलायन की समस्या की रोकथाम के लिये हम शीघ्र ही उत्तराखण्ड के नौजवानों एवं पूर्व सैनिको की सहायता से केन्द्र सरकार के साथ मिलकर हिम प्रहरी योजना लागू करेंगे। भू-कानून को लेकर जो आशंकायें व्यक्त की गई हैं, उन पर समग्र रूप से विचार के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जायेगा, जो एक ओर उत्तराखण्ड की भूमि के संरक्षण का ध्यान रखेगी वहीं दूसरी ओर रोजगार एवं निवेश सम्बन्धी विषयों का भी ध्यान रखेगी।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रभावी कानून हेतु उच्च स्तरीय समिति
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व, पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज की चुनौती के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और जनसंख्या वृद्धि इस समस्या को और अधिक बढा रही है। प्रदेश की जनता भी इसको लेकर विशेष रूप से चिंतित है। हमारी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिये एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर एक प्रभावी कानून लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठायेगी।
अल्मोड़ा और पौड़ी को परस्पर रेलमार्ग से जोड़ने की सम्भावना तलाशी जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी ने हमारी लोक संस्कृति और सामाजिक सरोकारों को अपने गीत-संगीत के माध्यम से देश दुनिया तक पहुंचाने का काम किया है। नरेंद्र सिंह नेगी को पद्म पुरस्कार दिए जाने की संस्तुति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा और पौड़ी को परस्पर रेलमार्ग से जोड़ने की सम्भावना तलाशी जाएगी।
प्रदेश में युवाओं को रोजगार के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने युवाओं को रोजगार के सर्वश्रेष्ठ अवसर उपलब्ध कराने की प्रतिज्ञा की है और इस दिशा में मजबूत कदम भी उठाये हैं। विभिन्न विभागों में लगभग 22 से 24 हजार रिक्त पदों और बैकलॉग की रिक्तियों पर भर्ती करने का निर्णय लिया है। सिर्फ सरकारी नौकरी ही नहीं हम युवाओं को स्वरोजगार के लिये भी प्रेरित कर रहे हैं। हमारा मानना है कि हमारे युवा साथी रोजगार मांगने वाले के स्थान पर रोजगार देने वाले बनें। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो उद्यम योजना भी प्रारम्भ की गई है।
हिंदुओं के विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 18 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। मंगलवार को बसंत पंचमी के अवसर पर विधि-विधान के साथ कपाट खोलने की तिथि निर्धारित की गई।
उत्तराखंड के चमोली जनपद में लगभग 3,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि हर वर्ष बसंत पंचमी को तय की जाती है। प्राचीन परंपरा के अनुसार नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजदरबार में महाराजा मनुजयेन्द्र शाह की उपस्थिति में आयोजित एक समारोह में कपाट खुलने की तिथि तय की गई। पंडित कृष्ण प्रसाद उनियाल एवं विपिन उनियाल ने पूजा-अर्चना व पंचाग गणना की और परंपरानुसार महाराजा ने कपाट खुलने की तिथि घोषित की। इस वर्ष मंगलवार, 18 मई को प्रातः 4 :15 बजे विधि-विधान के साथ बद्रीनाथ के कपाट खोले जाएंगे।
इस अवसर पर बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, टिहरी सांसद महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत , पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह गांववासी, चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिवप्रसाद ममगाईं, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, डा. हरीश गौड़ सहित डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत पदाधिकारी हरीश डिमरी, पंकज डिमरी, विनोद डिमरी, सुरेश डिमरी, आशुतोष डिमरी आदि मौजूद रहे।
देहरादून। राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार परिषद के नवनियुक्त उपाध्यक्ष संजय सहगल ने बुधवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में कार्यभार ग्रहण किया। सहगल ने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही राष्ट्रीय हेल्थ मिशन (NHM) व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और NHM के कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए प्रगति की समीक्षा की।
स्वास्थ्य महानिदेशालय पहुंचने पर नवनियुक्त उपाध्यक्ष सहगल का कार्यवाहक स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा व NHM के अपर निदेशक डॉ अभिषेक त्रिपाठी द्वारा स्वागत किया गया।
इस अवसर पर सहगल ने NHM द्वारा संचालित कार्यक्रम को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए योजनाओं को आमजन तक ले जाने के लिए विभागीय रणनीति को अधिक व्यापक बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि आमजन भी योजनाओं का लाभ उठा सके।
उन्होंने कोविड-19 के कारण राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति का संज्ञान लिया और निर्देश दिए कि इसमें तेजी लाई जाए।
कार्यवाहक महानिदेशक डॉ बहुगुणा ने सहगल को विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। NHM निदेशक डॉ अंजलि नौटियाल ने विभागीय कार्यक्रमों के बारे प्रजेंटेशन दिया।
NHM के अपर निदेशक डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने कोविड-19 महामारी के नियंत्रण व बचाव हेतु किए गए प्रयासों और आने वाले दिनों में कोविड-19 हेतु वैक्सीन लगाए जाने के लिए विभाग की ओर से की जा रही तैयारियों के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में घोषित गैरसैंण में स्थापित होने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह सेंटर स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार एवं कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक बैठक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को लेकर अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण दिया। यह सेंटर यूएनडीपी के सहयोग से संचालित किया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवा परिश्रमी एवं ईमानदार हैं। उनके हुनर को कौशल विकास से और अधिक निखारा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमें क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनानी होगी। कृषि में मंडूआ, झंगोरा, मसूर, चौलाई के साथ ही अन्य क्षेत्रीय उत्पादों को ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के माध्यम से राजस्व सृजन का बेहतर श्रोत बनाना होगा। स्थानीय उत्पादों को और अधिक डिजीटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराना होगा।
सीएम ने कहा कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड़-बकरी पालन के साथ ही स्थानीय उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग आदि की आधुनिक तकनीकि दक्षता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त होने से लोगों को इन व्यवसायों से जुड़ने में मदद मिलेगी तथा अधिक से अधिक लोग इन क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिये आगे आएंगे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने एवं लोगों की आर्थिकी में सुधार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में स्थापित किए जा रहे विभिन्न रूरल ग्रोथ सेंटर भी लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस. नेगी ने बताया कि सेंटर की स्थापना के संबंध में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं योजनाओं के विषयगत प्रशिक्षण आदि की रूप रेखा निर्धारित करने हेतु गठित समिति के सदस्यों ने जनपद चमोली के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से सम्पर्क कर उनके सुझाव व विचार जाने। इसके साथ ही चमोली के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से डेयरी विकास, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, हेल्थ एण्ड वेलनेस, पर्यटन व हैण्डीक्राफ्ट सेक्टर में सामने आ रही चुनौतियों के सम्बन्ध में भी चर्चा की।
प्रस्तुतीकरण में निदेशक कौशल विकास डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि इस सेंटर में लोगों को उद्यमिता विकास एवं आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जायेंगे। यूएनडीपी द्वारा सेंटर के संचालन हेतु तकनीकी, परामर्शीय एवं कॉरपोरेट स्पान्सर्स के माध्यम से वित्तीय सहयोग दिया जायेगा। आरंभ में सेंटर राजकीय पॉलिटेक्नीक, गैरसैंण से संचालित किया जायेगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव झरना कमठान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।