इन ग्लेशियर झीलों का होगा सर्वे, अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की दिशा में होगा कार्य..
उत्तराखंड: इस साल राज्य में पिथौरागढ़ जिले में स्थित श्रेणी-ए की चार झीलों का सर्वे-2025 में करने का लक्ष्य तय किया गया। अभी तक राज्य में चिह्नित 13 ग्लेशियर झील में एक का सर्वे का काम हो चुका है। यह निर्णय सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में लिया गया। सुमन ने कहा कि राज्य में चिह्नित ग्लेशियर झीलें में पांच श्रेणी-ए में हैं। पिछले साल एक दल ने चमोली जिले के धौली गंगा बेसिन स्थित वसुधारा झील का सर्वे कर लिया है। अब पिथौरागढ़ जिले में स्थित श्रेणी-ए की शेष चार झीलों का सर्वे-2025 में करने का लक्ष्य तय किया गया है। ग्लेशियर झीलों की निगरानी के लिए कई संस्थानों के साथ मिलकर एक फूलप्रूफ सिस्टम विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। ग्लेशियर झीलों के अध्ययन के लिए कई वैज्ञानिक संस्थानों को जो भी सहयोग की जरूरत होगी, वह यूएसडीएमए उपलब्ध कराएगा।
विनोद कुमार सुमन का कहना हैं कि यूएसडीएमए कई वैज्ञानिक संस्थानों को एक मंच पर लाना चाहता है, ताकि ग्लेशियर झीलों पर व्यापक अध्ययन किया जा सके। ग्लेशियर झीलों के सर्वे के लिए वाटर लेवल सेंसर, ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, थर्मल इमेजिंग आदि अन्य आवश्यक उपकरणों को स्थापित किया जाएगा।
वाडिया हिमालयन भूविज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने कहा, ग्लेशियर झीलों के स्वरूप व प्रकृति का अध्ययन करना जरूरी है। बैठक में वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि इन झीलों में सेडिमेंट डिपॉजिट कितना है, इसका भी अध्ययन जरूरी है। बैठक में आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद आदि मौजूद थे।
अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की दिशा में कार्य होगा
यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने कहा कि प्रथम चरण में ग्लेशियर झील की गहराई, चौड़ाई, जल निकासी मार्ग तथा आयतन का अध्ययन जा रहा है। इसके बाद अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। साथ ही ऐसे यंत्र भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे पता चल सके कि ग्लेशियर झीलों के स्वरूप में क्या-क्या बदलाव आ रहा है।
राज्य में 13 ग्लेशियर झीलें चिन्हित
एनडीएमए ने राज्य में 13 ग्लेशियर झीलें चिह्नित की हैं। इनमें बागेश्वर में एक, चमोली में चार, पिथौरागढ़ में छह, टिहरी में एक और उत्तरकाशी जिले में एक ग्लेशियर झील है। इनमें से पांच झीलें ए-श्रेणी की हैं। सर्वप्रथम ए-श्रेणी की झीलों का अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद बी तथा सी श्रेणी की झीलों का सर्वे होगा।
इस वन अग्नि सीजन से पहले सात नई पिरूल ब्रिकेट इकाइयां तैयार हो जाएंगी..
उत्तराखंड: हर साल उत्तराखंड में फायर सीजन में जंगलों में आग लगने के कारण करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक हो जाती है। इसके साथ ही कई लोगों की मौत भी हो जाती है। इस से निपटने के लिए सरकार ने नया प्लान बनाया है। इस फायर सीजन से पहले सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार होंगी।वन विभाग आगामी वनाग्नि सत्र से पहले प्रदेश में सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार कर देगा। इससे पिरुल एकत्रितकरण के जरिए वनाग्नि रोकथाम में मदद मिलेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वन विभाग ने वनाग्नि रोकथाम के लिए पांच साल की योजना तैयार करते हुए, केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजी है।
अब तक 38299.48 कुंतल पिरूल किया गया इकट्ठा..
प्रदेश में वनाग्नि का मुख्य कारण, जंगलों में चीड़ वन की अधिकता है। वन विभाग के नियंत्रणाधीन वनाच्छादित क्षेत्र में लगभग, 15.25 प्रतिशत चीड़ वन है। इसलिए वन विभाग चीड़ पिरुल को एकत्रित करते हुए, इसका प्रयोग पैलेट्स, ब्रिकेट्स बनाने में कर रहा है। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जा रही है। वर्तमान में विभाग इन समूहों को प्रति किलो तीन रुपए की दर से चीड़ एकत्रित करने का भुगतान करता है। जिसे सीएम की घोषणा के क्रम में बढ़ाए जाने की तैयारी है। गत वर्ष विभाग ने स्वयं सहायता समूहों के जरिए 38299.48 कुंतल चीड़ पिरुल एकत्रित किया। जिसके बदले समूहों को 1.13 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया।
यहां की जाएंगी नई यूनिट स्थापित..
अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक पिरुल एकत्रितकरण से वनाग्नि रोकथाम में प्रभावी कमी आती है। इसलिए वर्तमान में चल रही ब्रेकेटस यूनिट की संख्या बढ़ाकर 12 किए जाने की तैयारी है। सीएम धामी के निर्देश पर जल्द ही अल्मोड़ा, चम्पावत, गढ़वाल और नरेंद्र नगर वन प्रभाग में सात नई यूनिट स्थापित हो जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी हो सकेगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि वनाग्नि रोकथाम के लिए विभागों को समय से तैयारी करने को कहा गया है। प्रदेश में सात जगह नई ब्रेकेटस यूनिट बनने से ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही पिरुल से लगने वाली वनाग्नि में भी प्रभावी कमी आएगी। इसके साथ ही वनाग्नि रोकथाम के लिए भारत सरकार के पास पांच साल की कार्ययोजना तैयार करके भेजी गई है।
राष्ट्रीय खेल एंथम- मोबाइल की रिंग टोन व नगर निगम कूड़ा वाहनों में गूंजेगा..
उत्तराखंड: 38वें राष्ट्रीय खेलों का एंथम जल्द ही आपके मोबाइल की रिंगटोन बनेगा। खेल सचिवालय ने इसके लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को पत्र भेजा है। National games इस महीने की 28 तारीख से शुरू होने हैं। खेल मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि ये नेशनल गेम्स सिर्फ सरकार का आयोजन न बनकर जन-जन का उत्सव बने। भव्य मशाल यात्रा के साथ भी खेलों से जनता को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रचार के लिए होगा 30 सेकेंड के चंक का इस्तेमाल..
राष्ट्रीय खेल के एंथम का लोकार्पण 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। खेल मंत्री का कहना हैं कि राष्ट्रीय खेल का एंथम काफी लंबा है लेकिन प्रचार की दृष्टि से एंथम के सिर्फ 30 सेकेंड के हिस्से का इस्तेमाल किया जाएगा। राष्ट्रीय खेल सचिवालय अपने पत्र पर बीएसएनएल के जवाब का इंतजार कर रहा है।
गली गली में गूंजेगा एंथम..
नगर निकाय क्षेत्रों में रोजाना कूड़ा उठाने वाले वाहनों से भी राष्ट्रीय खेलों का एंथम जिंगल के रूप में सुनाई देगा। एफएम समेत अन्य सभी प्रचार माध्यमों के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है। कोशिश ये ही है कि जिन जिलों में राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी हैं, वहां पर सफाई वाहनों और एफएम से ज्यादा प्रचार किया जाए। रेखा आर्या ने कहा कि मोबाइल रिंग टोन में राष्ट्रीय खेलों का एंथम सुनाई दे, इसके लिए हमने बीएसएनएल को पत्र भेजनें के साथ ही नगर निगम के कूड़ा सफाई वाहन व रेडियो के जरिये भी राष्ट्रीय खेलों का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए है, इसके जरिए आम लोग खासतौर से युवा भी राष्ट्रीय खेलों के एम्बेसडर बन सकेंगे। मंत्री ने युवाओं से अपील की है कि वे अपने सोशल मीडिया एकाउंट से भी नेशनल गेम्स के एंथम और अन्य प्रतीकों को दुनियाभर में फैलाएं।
उत्तराखंड में यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लागू करने का ऐलान..
उत्तराखंड: प्रदेश में जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर इसके संकेत दिए हैं। नए साल के पहले दिन उन्होंने एक्स पर इस बाबत पोस्ट लिखी है। सीएम धामी ने लिखा, देवभूमि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से हम प्रदेश में नागरिकों को समान अधिकार देने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड जल्द लागू करने जा रहे हैं, यह कानून न केवल समानता को बढ़ावा देगा बल्कि देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने 2024 में समान नागरिक संहिता के लिए कानून पारित किया था। सीएम धानी ने यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति ने पिछले साल फरवरी में राज्य सरकार को चार खंडों में यूसीसी का एक व्यापक मसौदा प्रस्तुत किया था। धामी सरकार ने कुछ दिनों बाद विधानसभा में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया और इसे 7 फरवरी को पारित कर दिया गया।
पर्यटन विभाग और आईटीबीपी मिलकर पर्यटन को देंगे बढ़ावा, मुख्य सचिव ने किया MOU साइन..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में अब एक और कदम आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार ने एक फैसला किया है, जिसके तहत इमरजेंसी सेवाओं के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार भारत सरकार के गृह मंत्रालय से मदद लेगी। इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के साथ एक एमओयू साइन किया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के अधिकारियों की मौजूदगी में मुख्य सचिव राजा रतूड़ी ने एमओयू साइन किया है। राज्य सरकार यह चाहती है कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जितने भी हेलीपैड हैं, उनका इस्तेमाल भी राज्य में इमरजेंसी सेवाओं और यात्रियों की सुविधा के लिए किया जाए। सरकार का यह उद्देश्य है कि वाइब्रेट विलेज योजना के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रम के तहत अगर जरूरत पड़ती है, तो आईटीबीपी को भी इसके साथ जोड़ा जा सकता है।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा सीमांत क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीमांत क्षेत्र में हैली सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र में प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल जैसे कि ओम पर्वत, टिम्मरसैंण महादेव और आदि कैलाश स्थित हैं, जहां पर दुर्गम रास्तों के कारण पर्यटकों को पहुंचंने में असुविधा होती है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा पर्यटकों को हैली सुविधा उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के कार्यक्षेत्र में उपलब्ध हेलीपैडों का उपयोग किया जाएगा। इसके अतिरिक्त वाईब्रेंट विलेज में रहने वाले ग्रामीणों को आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर दवाइयां उपलब्ध करवाने और हैली द्वारा हायर सेंटर ले जाने हेतु भी इन हेलीपैड का उपयोग किया जाएगा।उत्तराखंड में तीन सीमांत जनपदों (चमोली, पिथौरागढ़,उत्तरकाशी ) में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की अग्रिम चौकियों में तैनाती है।
नए साल पर नृसिंह मंदिर में उमड़ी रही श्रद्धालुओं की भीड़..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम के प्रथम पड़ाव नृसिंह मंदिर में नए साल के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी दिखी। बता दें शीतकालीन यात्रा शुरू होने के बाद से करीब छह हजार श्रद्धालु नृसिंह मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। नव वर्ष के पहले दिन जोशीमठ स्थित भगवान नृसिंह मंदिर और शंकाराचार्य गद्दी स्थल दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। लगभग तीन सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने नृसिंह भगवान मंदिर में दर्शन किए। जानकारी के लिए बता दें शीतकालीन यात्रा शुरू होने के बाद से करीब छह हजार श्रद्धालु नृसिंह मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।
छह हजार श्रद्धालुओं ने किये नृसिंह मंदिर के दर्शन..
बद्री-केदार मंदिर समिति के प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट ने कहा कि शीतकालीन यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक करीब छह हजार श्रद्धालु नृसिंह मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। बीते दिनों औली में बर्फबारी के बाद पर्यटकों की भीड़ बढ़ी है। औली आने वाले पर्यटक भी नृसिंह मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
योगध्यान बद्री मंदिर के दर्शन करने के लिए भी पहुंच रहे श्रद्धालु..
कुलदीप भट्ट ने कहा कि कुछ लोग पांडुकेश्वर में स्थित योग ध्यान बद्री के दर्शन करने भी पहुंच रहे हैं। इस तरह शीतकाल में लोग पर्यटक स्थलों के नजारे लेने के साथ ही मंदिरों के भी दर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए रहने खाने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शीतकालीन यात्रा को लेकर देश भर के लोगों में उत्साह दिख रहा है। इस कारण सभी जगह शीतकालीन गद्दी स्थलों पर अच्छी खासी संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो।
नव वर्ष पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर, जारी की SOP..
उत्तराखंड: नए साल को लेकर उत्तराखंड में पर्यटकों की भीड़ उमड़ चुकी है। कई बार नए साल का जश्न मनाने के दौरान कई घटनाएं भी हो जाती हैं। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने नये साल के जश्न के दौरान सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिये हैं। उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिये हैं कि आपातकालीन चिकित्सा प्रबंधन को और अधिक दुरस्त किया जाएं। आपातकालीन प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन (एसओपी) जारी की है। सभी अस्पतालों को इस गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिये हैं।
इमरजेंसी मैनेजमेंट की व्यवस्था बनायीं जाए बेहतर..
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने नये साल और शीतकालीन यात्रा के दौरान सभी अस्पतालों को इमरजेंसी मैनेजमेंट की व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश में आपातकालीन प्रबंधन को लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों की एक बैैठक हुई। बैठक में आपातकालीन प्रबंधन को लेकर मंथन हुआ। इस संबंध में राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के साथ इमरजेंसी मैनेजमेंट को लेकर विचार विमर्श किया गया।
मरीजों को 10 मिनट के अंदर ईलाज देने के दिए निर्देश..
स्वास्थ्य सचिव ने कहा आपातकालीन प्रबंधन के ट्राइएज के तहत मरीजों की जांच तेजी से की जाती है। इसके साथ ही क्लीनिकल प्रोटोकॉल, डॉक्यूमेंटेशन और क्वालिटी एश्योरेंस को लेकर भी दिशा-निर्देश बनाए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गंभीर मरीजों को 10 मिनट के भीतर इलाज मिल जाए। लापरवाही की स्थिति में संबंधित मेडिकल कॉलेज के एम.एस या प्राचार्य को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का शानदार प्रदर्शन, किंग कप इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपिनशिप में जीता पदक..
उत्तराखंड: लक्ष्य सेन ने किंग कप इंटरनेशनल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। लक्ष्य की इस उपलब्धि के बाद से प्रदेश के खेल जगत में खुशी की लहर है।बैडमिंटन खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक चैंपियन लिन डैन द्वारा चीन में किंग कप इंटरनेशनल स्पर्धा का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तराखंड के लक्ष्य सेन ने कांस्य पदक जीता है। जिसके बाद से उत्तराखंड खेल जगत में खुशी की लहर है। बता दें कि जल्द ही लक्ष्य 38 नेशनल गेम्स के शिविर में भी प्रतिभाग करेंगे।लक्ष्य सेन के कांस्य पदक जीतने पर उत्तरांचल ओलंपिक संघ के महासचिव डॉ. डीके सिंह का कहना है कि लक्ष्य ने एक बार फिर से देश और उत्तराखंड को गौरव के पल महसूस कराया है। अब लक्ष्य 38वें राष्ट्रीय खेलों में भी प्रतिभाग करेंगे और फिर से प्रदेश के लोगों को गौरवान्वित करेंगे।
शीतकालीन चारधाम यात्रा में अब तक 14,406 श्रद्धालुओं ने किये दर्शन..
उत्तराखंड: ग्रीष्मकालीन चारधाम यात्रा के बाद शीतकालीन चारधाम को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिख रहा हैं। यहीं कारण है कि शीतकालीन में अभी तक 14,406 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके है। हालांकि बारिश और बर्फबारी के कारण श्रद्धालुओं को थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के संबंध में विस्तृत एडवाइजरी जारी की है।
आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि उत्तराखंड शीतकालीन चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को क्या करना है और क्या नहीं। ताकि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े. सरकार की तरफ से जो आंकड़ा जारी किया गया, अभी तक शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान 14,406 श्रद्धालु धामों के दर्शन कर चुके हैं। वही पिछले 24 घंटे के भीतर 767 श्रद्धालु दर्शन कर चुके है। जिसमें पांडुकेश्वर में 357 श्रद्धालु, ओंकारेश्वर में 395 श्रद्धालु, मुखवा में 13 श्रद्धालु और खरसाली में 2 श्रद्धालु दर्शन कर चुके है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार 4 नवंबर से यमुनोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू हो गई थी, जिसके बाद से अभी तक 606 श्रद्धालु खरसाली के दर्शन कर चुके है। चार नवंबर से ही गंगोत्री धाम के प्रवास स्थल मुखवा के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू हो गई थी, जिसके बाद से अभी तक 3096 श्रद्धालु मुखवा के दर्शन कर चुके है।
इसी तरह 24 नवंबर से केदारनाथ धाम के प्रवास स्थल ओंकारेश्वर के लिए यात्रा शुरू हो गई थी, जिसके बाद से अभी तक 5964 श्रद्धालु ओंकारेश्वर के दर्शन कर चुके है। इसके साथ ही नौ दिसंबर से बद्रीनाथ धाम के प्रवास स्थल पांडुकेश्वर के लिए यात्रा शुरू हो गई थी, जिसके बाद से अभी तक 4770 श्रद्धालु पांडुकेश्वर के दर्शन कर चुके है।
हाई एल्टीट्यूड सिकनेस जैसी हो सकती है समस्या..
उत्तराखंड में बदलते मौसम के बीच शीतकालीन यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए एडवाइजरी जारी कर दी है। आपदा विभाग ने स्वास्थ्य संबंधित सावधानियां को लेकर कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान ऊंचाई पर जाने से हाई एल्टीट्यूड सिकनेस जैसी समस्याएं हो सकती है। इसलिए यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच करवाना और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। ठंडे मौसम में सर्दी जुकाम जैसी समस्याएं आम होती हैं। ऐसे में गर्म कपड़े, खांसी-जुकाम की दवाइयां और गर्म पानी की बोतल लेकर यात्रा करें। ठंड में लोग कम पानी पीते हैं, लेकिन शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है।खासकर जब उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर यात्रा कर रहे हो। सीने में दर्द, सांस फूलना, चक्कर आना, भ्रम की स्थिति और उल्टी जैसी स्थिति बनने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें।
मौसम देखकर ही यात्रा पर निकले..
एडवाइजरी जारी कर आपदा विभाग ने यात्रियों से मौसम की जानकारी के आधार पर यात्रा करने की बात कही है। क्योंकि बर्फबारी के कारण मार्गों में फिसलन हो सकती है और कई रास्ते अवरुद्ध हो सकते हैं। इसलिए यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान अवश्य लें। बर्फबारी और भूस्खलन के कारण मार्गों पर रुकावटें हो सकती हैं। स्थानीय प्रशासन से मार्ग की स्थिति और मौसम की जानकारी प्राप्त करें। बर्फबारी या खराब मौसम के दौरान आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए यात्रा से पहले एक आपातकालीन संपर्क योजना तैयार करें। मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा की योजना बनाएं और यदि मौसम अधिक खराब होने का अनुमान हो तो यात्रा को स्थगित करना बेहतर हो सकता है। यात्रा के दौरान मौसम में तेजी से बदलाव हो सकता है, इसलिए आपको मोबाइल पर मौसम अपडेट लेते रहना चाहिए।
रजिस्ट्रेशन जरूर कराए..
एडवाइजरी में आपदा विभाग ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन पर भी जोर दिया है। जारी एडवाइजरी के अनुसार शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए अपना और अपने वाहन का पंजीकरण अनिवार्य है। इससे यात्रियों के ट्रैक पर निगरानी रखने और किसी भी आपातकालीन स्थिति में सहायता प्रदान करने में मदद मिलती है। यात्रा के दौरान सुरक्षा के सभी उपायों का पालन करें। यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। ऊंचाई पर और ठंडे मौसम में शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता अधिक होती है। हल्का, गर्म और पोषक भोजन लें। यात्रा के दौरान उचित विश्राम और आराम की व्यवस्था का ध्यान रखें। रुकने की व्यवस्था पूर्व में ही करा लेना बेहतर रहता है। थकान और ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी से शरीर को आराम देने की जरूरत होती है।
बीजेपी निकाय चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक आज, चुनावी रणनीति पर होगा विचार-विमर्श..
उत्तराखंड: निकाय चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमर कस ली है। नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को प्रत्याशियों ने पूरे दमखम के साथ नामांकन किया। अब चुनाव की तैयारियों के लिए आज उत्तराखंड बीजेपी निकाय चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक होने जा रही है। निकाय चुनावों को लेकर बीजेपी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यही कारण है कि बीजेपी एक बार फिर से चुनावी मोड में आ गई है। आज उत्तराखंड बीजेपी निकाय चुनाव प्रबंधन समिति की आज बैठक होगी। दोपहर 12 बजे बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में बैठक होगी। आज होने वाली उत्तराखंड बीजेपी निकाय चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में निकाय चुनावों के लिए चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक में प्रदेश महेंद्र भट्ट, प्रदेश महामंत्री संगठन अजय कुमार दिशा-निर्देश देंगे। इसके साथ ही बैठक में चुनाव प्रबंधन और चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श भी किया जाएगा।