पर्यटक 15 दिन और कर सकेंगे फूलों की घाटी के दीदार..
उत्तराखंड: विश्व धरोहर फूलों की घाटी अब 15 दिन बाद 31 अक्तूबर को पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाएगी। इस साल अभी तक घाटी में 19,425 पर्यटक पहुंच चुके हैं। घाटी में अभी तक सबसे अधिक पर्यटक पहुंचने का रिकाॅर्ड 2022 का है, जब यहां 20830 पर्यटक पहुंचे थे। फूलों की घाटी हर साल एक जून को पर्यटकों के लिए खोली जाती है और 31 अक्तूबर को बंद कर दी जाती है। पर्यटक यहां प्राकृतिक सुंदरता और फूलों को देखने के लिए आते हैं। घाटी में जुलाई और अगस्त माह में सबसे अधिक फूल खिलते हैं। इसी समय यहां सबसे अधिक पर्यटक भी पहुंचते हैं। इस बार यहां 327 विदेशी पर्यटक भी घाटी पहुंचे हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के बाद फूलों की घाटी में भी पर्यटकों की आवाजाही कम हो जाती है।
फूलों की घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल का कहना हैं कि पिछले साल की तुलना में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। अभी तक 19,425 पर्यटक घाटी पहुंचे हैं और विभाग को 31 लाख 73 हजार 400 रुपये की आय प्राप्त हुई है। 31 अक्तूबर तक पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होगा। घाटी में पिछले साल की तुलना में इस साल पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है। पिछले साल अभी तक 13161 पर्यटक ही घाटी में आए थे जिसमें 401 विदेशी पर्यटक शामिल थे। जबकि इस साल अभी तक 19 हजार से अधिक पर्यटक यहां पहुंच चुके हैं। अभी घाटी में आवाजाही के लिए दो सप्ताह का समय शेष है।
अब यह संस्था करेगी तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर का पुनरोद्धार..
उत्तराखंड: पंच केदार में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर का पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण का कार्य सीबीआरआई करेगा। संस्थान के विशेषज्ञ मंदिर का सर्वेक्षण कर चुके हैं। सीबीआरआई के विशेषज्ञ एक माह पूर्व मंदिर क्षेत्र का सर्वेक्षण कर चुके हैं। जल्द संस्थान रिपोर्ट श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को सौंपेगा।
हक-हकूकधारी लंबे समय से मंदिर के संरक्षण की मांग करते आ रहे हैं। समुद्रतल से 11942 फीट की ऊंचाई पर स्थित तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर, विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिवालय है। यहां भगवान आशुतोष के बाहु भाग की पूजा होती है। वर्ष 1991 में आए भूकंप से मंदिर पर व्यापक असर पड़ा है, जिससे यहां जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं। सभामंडप की स्थिति दयनीय है। बीकेटीसी के आग्रह पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के विशेषज्ञ, मंदिर का स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं।
इस संबंध में बीकेटीसी को रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है। इसके अध्ययन के बाद बीकेटीसी ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की से भी राय मांगी थी। एक माह पूर्व सीबीआरआई के विशेषज्ञ तुंगनाथ मंदिर सहित मंदिर से लगे पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। जल्द ही संस्थान अपनी रिपोर्ट बीकेटीसी को सौंपेगा। बीकेटीसी के अनुसार शासन ने सीबीआरआई को ही तृतीय केदार के पुनरुद्धार के लिए कार्ययोजना के साथ ही डीपीआर तैयार करने को कहा है। इसमें एएसआई व जीएसआई संस्थान को तकनीकी सहयोग करेंगे। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अनुसार, तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के गर्भगृह और सभामंडप का चरणबद्ध पुनरुद्धार किया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर और यहां मौजूद अन्य छोटे-छोटे मंदिरों को सुरक्षित कर सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
‘धर्म परिवर्तन, थूक जिहाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’- सीएम धामी..
उत्तराखंड: प्रदेश में थूक ज़िहाद के मामले में उत्तराखंड सरकार ने की बड़ी बैठक ली है। सीएम पुष्कर धामी ने थूक जिहाद को लेकर बैठक की है। बैठक में सचिव गृह , डीजीपी और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बीते दिनों राजधानी देहरादून में रोटी में थूक लगाने और मसूरी से चाय में थूकने का मामला सामने आने के बाद से प्रदेश में ये मामला गरमाया हुआ है। अब थूक जिहाद मामले में सीएम धामी ने बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक के बाद से प्रदेश में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
गृह विभाग से आज जारी हो सकता है बड़ा आदेश.,
इस बैठक को बेहद ही अहम माना जा रहा है। बैठक में सीएम धामी कहा कि कि सभी जिलाधिकारी ऐसे मामलों को गंभीरता से देखें। सूत्रों की मानें तो गृह विभाग से आज इसे लेकर कोई बड़ा आदेश जारी हो सकता है। बताया जा रहा है कि त्यौहारी सीजन को देखते हुए सख्त निगरानी को लेकर आदेश जारी होगा। बता दें कि दशहरे के दिन सीएम धामी ने देहरादून के परेड ग्राउंड से ये ऐलान किया था कि देवभूमि में क जिहाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद रूद्रपुर के किच्छा और चंपावत में भी सीएम धामी ने थूक जिहाद को लेकर बड़ी बात कही थी। सीएम धामी ने कहा था कि वो उत्तराखंड से लव, लैंड और थूक जिहाद का कलंक मिटाकर दम लेंगे।
पर्यटकों के लिए डे सफारी के लिए खुला जिम कॉर्बेट पार्क का बिजरानी जोन..
उत्तराखंड: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का बिजरानी जोन मंगलवार की सुबह पर्यटकों के लिए खोला गया। विधायक और कॉर्बेट उपनिदेशक ने विधि विधान से गेट का शुभारंभ कर और हरी झंडी दिखाकर जिप्सी में सवार पर्यटकों को जंगल सफारी के लिए रवाना किया। मानसून सीजन के चलते 30 जून को बंद हुआ कॉर्बेट पार्क का बिजरानी जोन मंगलवार की सुबह 6 बजे पर्यटकों के लिए खोल दिया। सुबह की पाली में 30 जिप्सियो में सवार होकर पर्यटक जंगल सफारी के लिए गए। इससे पहले रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक राहुल मिश्रा, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष मदन जोशी ने पूजा अर्चना करने के बाद विधि विधान से बिजरानी जोन के आमडंडा गेट को शुरू किया।
पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी का कहना हैं कि सुबह की पाली में 30 जिप्सी में सवार होकर पर्यटक जंगल सफारी को गए हैं। जंगल सफारी करने आए पर्यटक उत्साहित नजर आए। पार्क वार्डन के अनुसार जोन की एडवांस बुकिंग एक माह तक के लिए फुल है। पर्यटक इस दौरान जंगल की जैव विविधता के साथ ही वन्यजीवों के दर्शन करेंगे। इस दौरान बिजरानी जोन के रेंजर भानु प्रकाश हरबोला सहित वन कर्मियों और पर्यटन कारोबारी मौजूद रहे।
कुदरत रही मेहरबान तो राष्ट्रीय खेलों के बाद प्रदेश में होंगे विंटर गेम्स..
उत्तराखंड: अगर कुदरत मेहरबान रही तो उत्तराखंड विंटर गेम्स कराने वाला देश का पहला राज्य बनने वाला है। खेल सचिवालय में सोमवार को खेल अधिकारियों और उत्तराखंड ओलंपिक संघ के बीच बैठक में विंटर गेम्स कराने को लेकर चर्चा हुई। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह का कहना हैं कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के बाद उत्तराखंड विंटर गेम्स करवाने के लिए तैयार है, अगर औली में पर्याप्त बर्फ गिरी तो राज्य को राष्ट्रीय खेलों के साथ विंटर गेम्स के आयोजन का गौरव भी हासिल होगा।
इस सिलसिले में खेल अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है। फिलहाल प्राथमिकता पर राष्ट्रीय खेल हैं। खिलाड़ियों के चयन को लेकर मंगलवार को भी बैठक जारी रहेगी, जिसमें राज्य की सभी फेडरेशन को बुलाया गया है। वहीं दूसरी ओर सवाल उठ रहे हैं कि 28 जनवरी से 14 फरवरी के मध्य 38वें राष्ट्रीय खेल कराने की तारीख तय होने के बाद राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती बेहतर खिलाड़ियों के चयन की है, जिसके लिए अभी प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है।
चयन के बाद अभ्यास शिविर भी लगाए जाने हैं। उस लिहाज से समय कम है। इस बारे में खेल निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि जहां तक तैयारियों का विषय है, उसके लिए संभावित स्थान, स्टेडियम, मैदान व अन्य जगहों पर बाकी काम पूरे करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। खिलाड़ियों का चयन राज्य ओलंपिक संघ और सभी खेल फेडरेशन को करना है। इसके लिए सोमवार को उत्तराखंड ओलंपिक संघ के साथ बैठक हुई, जिसे विस्तार देने के लिए मंगलवार को सभी खेल फेडरेशन को बुलाया गया है।
इन 87 शिक्षक-कर्मचारियों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, नोटिस जारी..
उत्तराखंड: शिक्षा विभाग में 87 शिक्षक-कर्मचारी पिछले काफी समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। विभाग की ओर से सभी को नोटिस जारी किया गया है। मूल तैनाती पर न लौटने या फिर संतोषजनक जवाब न मिलने पर इन्हें बर्खास्त किया जा सकता है। शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने विभाग में अनुपस्थित चल रहे शिक्षकों की रिपोर्ट तलब की गई थी। महानिदेशक की ओर से निदेशक माध्यमिक शिक्षा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा और निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण समेत सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया था। निर्देश में कहा गया था कि अनुपस्थित चल रहे इन शिक्षकों और कर्मचारियों की वजह से इनके स्थान पर अन्य शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पा रही हैं।
इससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इस तरह के शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी आवश्यक है। शिक्षा महानिदेशक के निर्देश पर विभाग से मांगी रिपोर्ट के मुताबिक, 87 शिक्षक-कर्मचारी अनुपस्थित मिले हैं। इसमें नौ प्रवक्ता, 16 सहायक अध्यापक एलटी, 42 प्राथमिक शिक्षक, 13 मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी और सात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं।
विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि इन सभी को नोटिस जारी कर इनके खिलाफ नियुक्ति प्राधिकारी की ओर से कार्रवाई की जा रही है। प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का नियुक्ति प्राधिकारी जिला शिक्षाधिकारी बेसिक, सहायक अध्यापक एलटी का अपर निदेशक मंडल, प्रवक्ता व प्रधानाध्यापक का निदेशक व प्रधानाचार्य का शासन है। शिक्षा विभाग में पिछले काफी समय से अनुपस्थित चल रहे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है, इन्हें नोटिस दिए जा चुके हैं। मूल तैनाती पर न लौटने एवं संतोषजनक जवाब न मिलने पर तय प्रक्रिया अपनाने के बाद इनकी सेवा समाप्त की जाएगी।
साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में भविष्य बना रहे उत्तराखंड के युवा..
741 युवक-युवतियां ले रहे पैराग्लाइडिंग की ट्रेनिंग..
उत्तराखंड: राज्य की 124 युवतियों समेत 741 युवा पैराग्लाइडिंग का कोर्स कर आसमान की ऊंचाइयां छूने को तैयार हो रहे हैं। सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से प्रथम चरण में टिहरी में 15 बैच में युवाओं को बेसिक से लेकर गाइडेड पैराग्लाइडिंग के पांच अलग-अलग कोर्स कराए जा रहे हैं। इसमें विभाग की ओर से प्रशिक्षण, रहने, खाने आदि सुविधा निशुल्क दी जा रही हैं। उत्तराखंड का पर्यटन अब तक मुख्य तौर पर धार्मिक और सामान्य पर्यटन के लिए जाना जाता था, लेकिन अब सरकार इसमें साहसिक पर्यटन के जरिए नए आयाम जोड़ रही है। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल और देहरादून में मालदेवता जैसे कुछ स्थानों पर पैराग्लाइडिंग पर्यटन बढ़ रहा है। नई संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग नए स्पॉट तलाशने के साथ स्थानीय युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण भी दे रहा है।
प्रशिक्षणार्थियों ने बताए अपने अनुभव..
1- उत्तरकाशी जिले में सांकरी के पास सौड़ गांव निवासी संगीता रावत एक एडवेंचर टूरिज्म कंपनी चलाती हैं, अब वो पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण लेने के बाद अपने काम को नई ऊंचाई देना चाहती हैं। संगीता अपनी बैच की अकेली महिला प्रशिक्षु हैं।
2- नैनीताल में भीमताल निवासी भरत जोशी डिप्लोमा करने के बाद दिल्ली में प्राइवेट जॉब कर रहे हैं। जोशी बताते हैं कि वो वापस अपने घर लौटना चाहते हैं, इसलिए जैसे ही सरकार की तरफ से निशुल्क पैराग्लाइडिंग कोर्स की जानकारी मिली तो रजिस्ट्रेशन करवा लिया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वो भी वापस भीमताल लौट आएंगे।
3- सीमांत जिला चमोली के कुनौल गांव निवासी दिनेश सिंह
साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। युवाओं को पैराग्लाइडिंग, वाइट वाटर राफ्टिंग, माउंटेनियरिंग जैसे खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रयास है कि अगले कुछ सालों में उत्तराखंड के पास इस क्षेत्र में पर्याप्त प्रशिक्षित मानव संसाधन हों, ताकि राज्य में साहसिक पर्यटन न सिर्फ फूले फले बले, बल्कि सुरक्षित भी हो।
केंद्र ने उत्तराखंड के दस नगर निकायों को अभिनव प्रयासों में किया शामिल..
उत्तराखंड: प्रदेश के 10 नगर निकायों के कार्यों को आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल पूरे होने पर देश के 75 अभिनव प्रयासों में शामिल किया है। सचिव शहरी विकास नितेश झा का कहना हैं कि विभिन्न निकायों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो कार्य हुए हैं, उन्हें सरकार ने सराहनीय माना है। मंत्रालय ने नगर पालिका बागेश्वर में सखी एरिया लेवल फेडरेशन महिला स्वयं सहायता समूह के डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, नगर निगम हल्द्वानी की अपशिष्ट प्रबंधन की क्रांतिकारी बैणी सेना पहल, नगर निगम रुद्रपुर में वेस्ट टू वंडर्स के तहत जिला प्रशासन एवं अन्य पार्टनर के सहयोग से 30 साल पुराने पहाड़गंज का कायाकल्प कर ट्रेंचिंग ग्राउंड को सुंदर बनाने, नगर पालिका ज्योर्तिमठ के वेस्ट टू वेल्थ के तहत स्थापित मैटेरियल रिकवरी सेंटर में प्लास्टिक अपशिष्टों को 35 श्रेणियों में छंटनी व एक करोड़ की कमाई।
नगर पंचायत केदारनाथ में निजी सहभागिता के माध्यम से डिजिटल रिफंड सिस्टम से प्लास्टिक कचरे का निस्तारण, नगर निगम हरिद्वार में प्रदेश के पहले स्मार्ट सार्वजनिक शौचालय की पहल, नगर पंचायत कीर्तिनगर में स्थापित ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण और निपटान सुविधा केंद्र, नगर पंचायत गंगोत्री गीले अपशिष्टों का प्रबंधन कर कंपोस्ट तैयार करने की पहल, नगर पंचायत नौगांव उत्तरकाशी में मैटेरियल रिकवरी सेंटर के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन और नगर निगम देहरादून के नथुवावाला वार्ड में 2019 में स्थापित देहरादून का सैनिटेशन पार्क टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन शामिल है।
SSP ने किया विकासनगर क्षेत्र के होटलों और रेस्टोरेंट का औचक निरीक्षण..
उत्तराखंड: देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने शुक्रवार देर रात को विकासनगर क्षेत्र के होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों का औचक निरीक्षण किया। एसपी को लगातार इन प्रतिष्ठानों में देह व्यापार और अनैतिक कार्य को बढ़ावा देने की शिकायत मिल रही थी। पुलिस ने 16 प्रतिष्ठानों को चिन्हित भी किया था। एसएसपी ने निरीक्षण के दौरान होटल, रेस्टोरेंट और ढाबा संचालकों को परिसर में बनाए गए सिंगल केबिन का अनैतिक कार्य के प्रयोग करने को लेकर चेताया। वहीं शिकायत या छापा मारने के दौरान पकड़े जाने पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
एसएसपी ने हरबर्टपुर में बाजार का निरीक्षण करते हुए व्यापारियों से बातचीत की। उन्होंने त्योहारी सीजन के दौरान यातायात व्यवस्था बनाने के लिए व्यापारियों से सहयोग की अपील की। कहां की व्यापारी फुटपाथ और सड़क पर दुकानों में सामान न रखें। एसपी ने पटाखा बेचने वाले व्यापारियों को बाजार क्षेत्र से अलग स्थान पर दुकान लगाने की बात कही। साथ ही कहा कि दुकानों और गोदाम में पटाखों के भंडारण को वह लाइसेंस के लिए आवेदन करें। बिना लाइसेंस पटाखे बेचने उनका भंडारण करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने जानकारी देते हुए कहा कि क्षेत्र में यातायात व्यवस्था में सुधारीकरण के लिए 15 पीआरडी कर्मी ड्यूटी पर लगाए गए हैं। साथ ही सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों को उठाने के लिए तहसील क्षेत्र में तीन क्रेन भी दी गई है। एसएसपी ने सभी कोतवाली थाना और चौकी प्रभारी को अपने क्षेत्र में गश्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस सड़कों पर उतरेगी तो अपराध पर अंकुश लगेगा।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में बड़ी उपलब्धि,इंजीनीयरों में खुशी..
उत्तराखंड: ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना पैकेज 8 में सुरंग-15 की सफल सफलता के साथ एक प्रमुख मील के पत्थर पर पहुंच गई है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के तहत कार्यरत मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) और इटाल्फेर-लोम्बार्डी जेवी के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई है। सुरंग-15, जिसकी कुल लंबाई 7055 मीटर है, ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग का एक महत्वपूर्ण घटक है। इस खंड को पूरा करना भौगोलिक दृष्टि से बड़ी चुनौती थी। टीम ने गौचर नाले पर शून्य ओवरबर्डन से लेकर गौचर शहर के आवासीय क्षेत्र के नीचे से गुजरने तक की सभी चुनौतियों को पार कर लिया। MT-05 और MT-06 के बीच कुल 2700 मीटर की ड्राइव लंबाई पूरी होने के बाद सफलता मिली।
एमटी-05 के लिए 2130 मीटर की दूरी तय करने का अभियान 6 जनवरी, 2022 को शुरू हुआ, जबकि एमटी-06 के लिए 570 मीटर की दूरी तय करने का अभियान 6 जून, 2022 को शुरू हुआ। कुल अभियान 1008 दिनों में पूरा हुआ, जो जमीनी स्तर पर टीमों के समन्वित प्रयासों को दर्शाता है। परियोजना की सभी प्रमुख टीमों के संयुक्त प्रयासों से सफलता हासिल हुई। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना एक प्रमुख बुनियादी ढांचा पहल है जिसका उद्देश्य उत्तराखंड में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। यह सफलता एक बड़ी उपलब्धि है, जो परियोजना को पूरा होने के करीब लाएगी और क्षेत्र में परिवहन नेटवर्क को बढ़ाएगी।