भारत कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों रोगियों की संख्या में वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष पर बना हुआ है। कुल स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा सोमवार को 75,44,798 को पार कर गया। देश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस से 53,285 लोग स्वस्थ हुए हैं। सक्रिय मामलों में भी लगातार कमी दर्ज की जा रही है। वर्तमान में देश में कोविड-19 के सक्रिय मरीजों की संख्या 5,61,908 है। देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 45,321 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 496 मरीजों की मौत हुई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के सक्रिय मामले कुल पॉजिटिव मामलों के सिर्फ 6.83 प्रतिशत ही हैं। सिर्फ दो महीने की अवधि के दौरान, सक्रिय मामलों के प्रतिशत में 3 गुना से अधिक की कमी देखी गई है। 3 सितंबर को सक्रिय मामलों का प्रतिशत 21.16 था।
भारत ने जनवरी 2020 से कोविड-19 के संचयी परीक्षणों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की है। इस विस्तारित परीक्षण से शीघ्र पहचान और फिर उचित उपचार करने में मदद मिलती है। इसके बाद कुल परीक्षणों की संख्या सोमवार को 11 करोड़ (11,07,43,103) का आंकड़ा पार कर गया है। देश की परीक्षण क्षमता 2037 प्रयोगशालाओं के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है

पिछले 24 घंटे के दौरान 78 प्रतिशत स्वस्थ होने वाले सिर्फ 10 राज्यों से हैं। केरल और कर्नाटक में सबसे ज्यादा 8000-8000 से ज्यादा मरीज एक दिन में स्वस्थ हुए हैं, जबकि इसके बाद दिल्ली तथा पश्चिम बंगाल में 4000-4000 से अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं।
देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 45,321 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 80 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों में ही सामने आए हैं। केरल में एक दिन में सबसे अधिक 7,025 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि उसके बाद दिल्ली और महाराष्ट्र में 5000-5000 से अधिक नए मामले सामने आए।
पिछले 24 घंटे के दौरान हुई 496 मौतों में से 82 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों से संबद्ध हैं। 113 मरीजों यानि 22 प्रतिशत की मौत के साथ महाराष्ट्र में सबसे अधिक एक दिन में मौत दर्ज की गई। वहीं पश्चिम बंगाल में 59 मरीजों की मौत हुई है।
अपने आक्रामक बयानों के लिए चर्चित हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने लव जेहाद के बहाने राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा पर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल व प्रियंका का नाम लिए बगैर कहा की बंटी-बबली राजनीती करने के लिए हाथरस तो चले जाते हैं। मगर बल्लभगढ़ नहीं जाते हैं।
साध्वी प्राची ने यह बयान हरिद्वार में हिंदूवादी संगठनों द्वारा फरीदाबाद की निकिता हत्याकांड के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर आयोजित प्रदर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिया। साध्वी प्राची ने लव जिहाद को लेकर कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि लव जिहादियों को चौराहे पर फांसी दी जानी चाहिए। उनकी न कोई अपील हो और न ही सुनवाई। उन्होंने कहा कि देश में बेटियों पर पहले बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता था। अब जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
उत्तराखंड (Uttarakhand) भाजपा (BJP) के प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय ने पार्टी के भीतर एक नई पहल शुरु की है। विगत दिवस कुमायूं मंडल के विस्तृत भ्रमण के दौरान उन्होंने तमाम स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें लीं। मगर ये बैठकें रुटीन में आयोजित होने वाली बैठकों से अलग थीं। इन बैठकों में कई स्थानों पर भावुक कर देने वाले दृश्य भी देखने को मिले। ऐसे दृश्यों के पीछे बड़ा और स्वाभाविक कारण था।
संगठन मंत्री अजेय ने बैठकों में वर्तमान पदाधिकारियों के साथ-साथ पार्टी के पुराने और बुजुर्ग कार्यकर्ताओं भी आमंत्रित किया था। आमतौर पर पुराने व पद पर न रहने वाले कार्यकर्ताओं को भुला दिया जाता है। उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं मिल पाता है और वे पार्टी में अपने को उपेक्षित महसूस करते हैं। कई बार ऐसे कार्यकर्त्ता व नेता अपनी पीड़ा जाहिर भी करते हैं। उनकी अपेक्षा मात्र इतनी रहती है कि उनके क्षेत्र अथवा नगर में आ रहे वरिष्ठ नेताओं, निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के आगमन की सूचना उन तक भी पहुंचा दी जाए। ताकि, वो भी उनको मिलने पहुंच सकें और अपनी बात उन तक पहुंचा सके।

अजेय द्वारा वरिष्ठ और पुराने कार्यकर्ताओं को बैठक में बुलाने और उनके हाल-चाल जानने से कई कार्यकर्ता भावुक हो गए। ऐसे कार्यकर्ताओं ने संगठन मंत्री के सामने अपने मन की बात रखी। पुराने अनुभव व संस्मरण भी सुनाए। इस दौरान संगठन मंत्री ने उनके योगदान की चर्चा की और कहा की पार्टी आज जिन ऊंचाइयों तक पहुंची है, उसमें उनके महत्वपूर्ण योगदान को नहीं नकारा जा सकता है। अजेय ने पुराने व बुजुर्ग कार्यकर्ताओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। यही नहीं वे कई बुजुर्ग और अस्वस्थ चल रहे कार्यकर्ताओं के घर गए और उनकी कुशल क्षेम भी पूछी। प्रदेश संगठन मंत्री की इस पहल का पार्टी कार्यकर्त्ता सराहना कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि संगठन मंत्री के रुप में अजेय का उत्तराखंड में अभी मात्र एक वर्ष का कार्यकाल हुआ है। वो इससे पूर्व कई वर्षों तक संघ के प्रचारक बतौर उत्तराखंड में ही कार्य कर चुके हैं। उत्तराखंड आने से पहले वे भाजपा की पश्चिम उत्तर प्रदेश इकाई के संगठन मंत्री के पद पर कार्यरत रहे हैं।
नाबालिग बच्ची के उत्पीड़न के आरोप में निलंबित चल रही हरिद्वार (Haridwar) की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) दीपाली शर्मा को नैनीताल हाई कोर्ट (High Court of Uttarakhand) के आदेश पर उत्तराखंड सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। प्रदेश की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।
शासन ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ द्वारा 14 अक्टूबर को पारित संकल्प के आधार पर शासन को प्रेषित संस्तुति के क्रम में निलंबित सिविल जज (सीनियर डिवीजन) दीपाली शर्मा की उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील), 2003 के प्रावधानों के तहत सेवा समाप्त की है।
यह था मामला
वर्ष 2018 को नैनीताल हाईकोर्ट को एक पत्र मिला था। पत्र के आधार पर हाई कोर्ट ने हरिद्वार के तत्कालीन जिला जज राजेंद्र सिंह चौहान और एसएसपी कृष्ण कुमार वीके को जज दीपाली शर्मा आवास पर छापा मारने के आदेश दिए थे। इस टीम ने दीपाली शर्मा के जजेज कॉलोनी स्थित आवास में छापा मारकर एक किशोरी को मुक्त कराया था।
जिला जज की मौजूदगी में जिला अस्पताल में किशोरी का मेडिकल कराया गया था। इस दौरान किशोरी के शरीर पर चोट के 20 निशान पाए गए थे। हाई कोर्ट के निर्देश पर दीपाली शर्मा के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज किया गया था और बाद में उन्हें निलंबित कर दिया था। दीपाली शर्मा ने इस मामले में राहत पाने के लिए न्यायालय की शरण भी ली थी। मगर उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
आयकर विभाग (Income Tax) ने फर्जी बिल बनाकर बड़े पैमाने पर पैसों की हेरा-फेरी करने वाले एक बड़े नेटवर्क का भांडाफोड़ करते हुए छापे मारी और जब्ती (Search and Seizure) की कार्रवाई की। इस सिलसिले में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 42 स्थानों पर छापे मारे गए और तलाशी ली गई।
इस दौरान फर्जी बिल के आधार पर पैसों की हेरा-फेरी करने वाले एंट्री ऑपरेटरों, बिचौलियों, लाभार्थियों और कंपनियों के खिलाफ कई सबूत जब्त किए गए। अब तक, इस मामले में नकली बिलों के आधार पर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेरा-फेरी के सबूत मिले हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
तलाशी के दौरान कई ऐसे सबूत हाथ लगे हैं जिनसे पता चला है कि एंट्री ऑपरेटरों ने फर्जी बिल के आधार पर बेहिसाब धन की निकासी और असुरक्षित ऋण देने के लिए कई फर्जी कंपनियों के नाम का इस्तेमाल किया। इसमें ऐसे ऑपरेटरों, उनके नकली भागीदारों / कर्मचारियों के साथ-साथ लाभार्थियों के विवरण भी स्पष्ट रूप से दर्ज हैं।
जिन लोगों के खिलाफ तलाशी की गई है उनके परिजनों और उनके करीबी कर्मचारियों के नाम पर कई बैंक खाते और लॉकर तथा फर्जी कंपनियां खोले जाने की जानकारी भी मिली है। ये सारे काम बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए हैं।
इस फर्जी धंधे से लाभ उठाने वाले लोगों ने कई बड़े शहरों में रियल एस्टेट कारोबार में निवेश किया है और करोड़ों रुपये बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट किए हैं।
तलाशी के दौरान 2.37 करोड़ रुपये नकद और 2.89 करोड़ रुपये मूल्य के जवाहरात बरामद हुए हैं। इसके साथ ही ऐसे 17 बैंक लॉकरों का भी पता चला है जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है।
आयकर विभाग इस मामले में आगे और जांच कर रहा है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आए दिन लोगों पर भालुओं (Bear) के हमले को देखते हुए प्रदेश सरकार दो रेस्क्यू सेंटर बनाएगी। इसके साथ ही किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए जंगलों में फलदार पेड़ लगाए जाएंगे।
यह जानकारी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजधानी देहरादून में वन मुख्यालय में ई-ऑफिस कार्यप्रणाली के शुभारम्भ के लिए आयोजित कार्यक्रम में दी। उन्होंने घोषणा की कि चमोली एवं पिथौरागढ़ में भालुओं के लिए एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा बंदरों के लिए चार रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अगले वर्ष हरेला पर्व पर एक करोड़ फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं। फलदार वृक्ष जंगलों में भी लगाए जाएंगे, जिससे जंगली जानवरों को आहार की उपलब्धता जंगलों में ही पूरी हो और वह किसानों की फसलों को नुकसान ना पहुंचा सकें।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि ई-ऑफिस प्रणाली को जल्द ही जिला एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में भी विस्तारित किया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल इंडिया की जो शुरूआत की उसके बेहतर परिणाम आज सबके सम्मुख हैं। राज्य में ई-कैबिनेट की शुरूआत की गई है। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। 37 कार्यालय ई-ऑफिस प्रणाली से जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल कार्यप्रणाली की ओर हम जितने तेजी से बढ़ेंगे, उतनी तेजी से जन समस्याओं का निदान होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में पिरूल पर जो कार्य हो रहा है, इसे और विस्तार देने की जरूरत है। पिरूल एकत्रीकरण पर राज्य सरकार द्वारा 02 रूपये प्रति किग्रा एवं विकासकर्ता द्वारा 1.5 रूपये प्रति किग्रा एकत्रकर्ता को दिया जा रहा है। इसका उपयोग ऊर्जा के लिए तो किया ही जायेगा, लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा वन विभाग को होगा। वनाग्नि और जंगली जानवरों की क्षति को रोकने में यह नीति बहुत कारगर साबित होगी। स्थानीय स्तर पर गरीबों के लिए स्वरोजगार के लिए पिरूल एकत्रीकरण का कार्य एक अच्छा माध्यम बन रहा है।
इस अवसर पर वन विभाग के सलाहकार व ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ. एस.एस.नेगी, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवींद्र दत्त, वन पंचायत सलाहकार समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह बिष्ट, मुख्य वन संरक्षक जयराज, पीसीसीएफ रंजना काला, विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन संरक्षक आईटी नरेश कुमार एवं वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
भाजपा (BJP) ने नवम्बर माह में रिक्त होने वाली उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 10 में से 8 और उत्तराखंड (Uttarakhand) की 1 राज्यसभा (Rajyasabha) सीट के लिए सोमवार को अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। भाजपा ने उत्तर प्रदेश से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर को दुबारा प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा हरिद्वार दुबे, बृज लाल, गीता शाक्य, बी एल वर्मा व सीमा द्विवेदी को प्रत्याशी घोषित किया है। उत्तराखंड की एक मात्र सीट के लिए नरेश बंसल को प्रत्याशी बनाया गया है।
उत्तराखंड से प्रत्याशी बनाए गए नरेश बंसल प्रदेश भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुके हैं। बंसल पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) के अलावा विगत लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में वे प्रदेश सरकार में बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि 25 नवम्बर को उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से राज्य सभा के 11 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, समाजवादी पार्टी के राम रामगोपाल यादव जैसे दिग्गज नेता उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तराखंड से फिल्म अभिनेता व कांग्रेस नेता राज बब्बर सेवानिवृत हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश से सेवानिवृत होने वाले अन्य सदस्यों में डॉ चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, नीरज शेखर, रवि प्रकाश वर्मा, राजा राम व वीर सिंह शामिल हैं।

वर्तमान में इन सीटों में से उत्तराखंड की एकमात्र सीट कांग्रेस के कब्जे में है, जबकि उत्तर प्रदेश की 4 समाजवादी पार्टी, 3 भाजपा, 2 बसपा व 1 कांग्रेस के पास हैं। उत्तराखंड की एक सीट पर भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रक्रिया औपचारिकता भर है। भाजपा प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन तय है। संख्या बल के आधार पर उत्तर प्रदेश की 10 में से 8 सीटों पर भाजपा का कब्जा सुनिश्चित है। एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जा सकती है। इसके लिए समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ नेता प्रो. रामगोपाल यादव को अपना प्रत्याशी घोषित पहले ही कर दिया था।
इन चुनावों के बाद राज्यसभा में भाजपा की ताकत बढ़ना तय है। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में वर्तमान में भाजपा के 87 सांसद हैं। ऐसे में नवंबर में में हो रहे राज्यसभा चुनाव में भाजपा को यदि 11 में से 9 सीटें मिल गईं, तो उसकी संख्या 96 तक पहुंच जाएगी। एनडीए (NDA) के सदस्यों की संख्या जोड़ कर भाजपा राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े को आसानी से छू लेगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने इन द्विवार्षिक चुनावों के लिए 20 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की थी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 27 अक्टूबर है। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच और 2 नवम्बर नाम वापसी की अंतिम तिथि रहेगी। यदि आवश्यक होगा तो मतदान 9 नवम्बर को प्रातः 9 बजे से 4 बजे तक होगा और मतपत्रों की गिनती भी उसी दिन होगी। 11 नवम्बर तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार मतदान के समय बैलेट पेपर पर वरीयता (अंक) को चिह्नित करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिए गए एकीकृत वायलेट कलर स्केच पेन का ही उपयोग किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में मतदाता दूसरे किसी पेन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव के दौरान कोविड-19 से बचाव व रोकथाम के निर्देशों का पालन कराने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित करें। आयोग ने इसके लिए विस्तृत निर्देश पूर्व में भी जारी किए हैं। आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इन चुनावों के लिए पर्यवेक्षक के रुप में तैनात किया है।
उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल (Nainital) की सुंदरता में चार चांद लगाने वाली नैनी झील (Naini Lake) के सौंदर्य और सरंक्षण के लिए विशेष प्रयास शुरु किए हैं। सोमवार को अपने एक दिवसीय नैनीताल भ्रमण के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Chief Minister Trivendra Singh Rawat) ने नैनी झील में एक करोड़ की लागत से यूनडीपी (UNDP) के सहयोग से स्थापित दिव्य नैनी झील जल गुणवत्ता आंकलन प्रणाली का लोकापर्ण किया।
इस प्रणाली के तहत झील की जल गुणवत्ता के सतत मापन हेतु दो प्रोटियएस सेंसर स्थापित किए गए हैं। जिनसे झील के पानी की गुणवत्ता संबंधी आंकड़ों को एलईडी स्क्रीन पर आम जनमानस के लिए प्रसारित किया जा रहा है। झील की गुणवत्ता संबंधित आंकड़ों के सतत प्रदर्शन से स्थानीय लोगों व पर्यटकों को झील को स्वच्छ रखने हेतु जागरुकता बढ़ेगी। साथ ही जल गुणवत्ता के विस्तृत आंकड़ों एवं चेतावनी एसएमएस एवं मोबाइल ऐप द्वारा लोगों को प्रसारित की जाएगी। इन सेंसरों के जरिए झील का पूर्ण रासायनिक विश्लेषण किया जाएगा। इससे झील के अन्तर्जलीय वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं हेतु अनुकूल पर्यावरण विकास एवं प्रबंधन हो सकेगा और झील के सरंक्षण में सहयोग मिलेगा।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि नैनी झील अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए दुनिया भर मे जानी जाती है और सदैव से ही पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। उन्होंने कहा नैनी झील हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने सभी से नैनीझील को स्वस्थ व स्वच्छ रखने की अपील भी की। उन्होंने उम्मीद जताई कि झील के लिए स्थापित की गई जल गुणवत्ता प्रणाली जल संरक्षण के साथ ही जल की निर्मलता भी बनाए रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश की नदियों, झीलों, तालाबों और जल स्रोतों को पुर्नजीवित करने के लिए व्यापक जन अभियान शुरु किया गया है, जिसमें सफलता मिली है। प्रदेश की कोसी, गगास, रिस्पना, शिप्रा नदियों में व्यापक वृक्षारोपण का कार्य किया गया है। सौंग व जमरानी बांध बनने से 125 करोड़ की बिजली बचत होगी। उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा में तड़ाग ताल के पुर्नजीवन एवं संरक्षण हेतु 10 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक संजीव आर्य ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को मुख्यमंत्री के सम्मुख रखा।
पंजाब में विजयादशमी पर कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किए जाने पर भाजपा खासे गुस्से में है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को सिलसिलेवार एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस व राहुल गांधी पर ताबड़तोड़ वार किए। उन्होंने कहा बेटा घृणा, क्रोध, झूठ और आक्रामकता की राजनीति का जीवंत प्रदर्शन करता है, तो वहीं माता दिखावे की शालीनता का प्रदर्शन और लोकतंत्र पर खोखली बयानबाजी कर इसका पूरक बनती है।
नड्डा ने कहा कि पंजाब में जो कुछ भी हो रहा है वह राहुल गांधी के इशारों पर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाने का शर्मनाक ड्रामा राहुल गांधी के द्वारा निर्देशित है, लेकिन यह अनपेक्षित नहीं है। कांग्रेस से यही उम्मीद की जा सकती है। नेहरु-गांधी खानदान ने कभी भी प्रधानमंत्री पद और प्रधानमंत्री के कार्यालय की गरिमा का सम्मान नहीं किया है। 2004-2014 के बीच भी ऐसा ही देखने को मिला था, जब कांग्रेस की यूपीए सरकार के शासनकाल में प्रधानमंत्री पद को संस्थागत तरीके से कमजोर किया गया था।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि निराशा और बेशर्मी का गठजोड़ काफी खतरनाक होता है। कांग्रेस के पास ये दोनों ही है। जहां पार्टी में बेटा घृणा, क्रोध, झूठ और आक्रामकता की राजनीति का जीवंत प्रदर्शन करता है, तो वहीं माता दिखावे की शालीनता का प्रदर्शन और लोकतंत्र पर खोखली बयानबाजी कर इसका पूरक बनती है। यह पार्टी के दोयम दर्जे और दोहरे रवैये को दिखाता है।
उन्होंने आगे कहा, यदि देश में कोई एक पार्टी है जिसका आचरण घृणा और नफरत का है तो वह केवल और केवल कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस शासित राजस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलितों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों पर अत्याचार सबसे चरम पर है। राजस्थान के साथ-साथ पंजाब में भी महिलाएं असुरक्षित हैं। पंजाब में मंत्री छात्रवृत्ति घोटाले कर रहे हैं।
नड्डा ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर कांग्रेस कभी भी दूसरों पर दबाव नहीं बना सकती। कांग्रेस का आवाज दबाने का दशकों से इतिहास रहा है। इसे हमने आपातकाल के दौरान भी देखा। इसके बाद राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने भी प्रेस की आजादी को कमजोर करने का प्रयास किया। स्वतंत्र मीडिया सदैव ही कांग्रेस को चुभती है। अगर कोई क्रूर राज्य शक्ति के इस्तेमाल की प्रयोगशाला को देखना चाहता है, तो वह कांग्रेस के आशीर्वाद से चलने वाली महाराष्ट्र सरकार को देखे, जहां विपक्ष को परेशान किया जा रहा और बोलने की आजादी पर अंकुश लगाया जा रहा है। राज्य चलाना छोड़कर महाराष्ट्र सरकार सब कुछ कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गरीबी में जन्म लेने के बाद देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले महान शख्सियत के प्रति एक खानदान और वंश की गहरी नफरत जितना ऐतिहासिक है, उतना ही ऐतिहासिक है भारत के लोगों का प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपार प्यार, समर्थन और आशीर्वाद। जितना ही कांग्रेस झूठ बोलेगी और जितनी ही इनकी नफरत बढ़ेगी, उतना ही और अधिक लोग प्रधानमंत्री मोदी को चाहेंगे और उनका समर्थन करेंगे।
उत्तराखंड स्थित चार धामों बद्रीनाथ (Badrinath), केदारनाथ (Kedarnath), गंगोत्री (Gangotri) व यमुनोत्री (Yamunotri) के कपाट अगले माह नवम्बर में शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। विजयदशमी के अवसर पर रविवार को उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने संबंधित मंदिरों के पुजारियों द्वारा की गई ज्योतिषीय गणना के आधार पर यह निर्णय लिया है।
रविवार को बद्रीनाथ धाम में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बी डी सिंह की उपस्थिति में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया गया कि 15 नवम्बर को गंगोत्री धाम के मंदिर के कपाट बंद होंगें। 16 नवम्बर को केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किये जाएंगें, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवम्बर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।

बद्रीनाथ में आयोजित कार्यक्रम में देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के अलावा, रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल आदि उपस्थित थे।