हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए शुरू हो रहा ट्रेनों का संचालन..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड आने वाले पर्यटनों और स्थानीय लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा हैं कि धर्मनगरी हरिद्वार से योगनगरी ऋषिकेश के लिए ट्रेनों का संचालन शुरू होने जा रहा है। पहली बार हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच दो पैसेंजर ट्रेनें संचालित होंगी। ट्रेन का संचालन हरिद्वार से एक अगस्त से शुरू किया जाएगा। जिसका टाइम टेबल जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार मुरादाबाद मंडल ने आगामी 1 अगस्त से हरिद्वार एवं ऋषिकेश के बीच पैसेंजर ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है, जिसकी काफी समय से मांग की जा रही थी। अब हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच ट्रेन रोजाना चलेंगी और दिन में दो बार ऋषिकेश का सफर करेंगी। बताया जा रहा है कि ट्रेन मोतीचूर, रायवाला, वीरभद्र होते हुए ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। इससे पहले कुंभ मेले में अस्थाई तौर पर हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच ट्रेन का संचालन होता था।
आपको बता दे कि हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन से ट्रेन सुबह 5:10 बजे और सुबह 10:35 बजे ऋषिकेश के लिए रवाना होंगी। दोनों ट्रेन 6:15 बजे और 11:40 बजे ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। वहीं ऋषिकेश से पैसेंजर ट्रेन सुबह 7:50 बजे चलकर 8:55 बजे हरिद्वार पहुंचेगी। यह ट्रेन भी एक अगस्त से संचालित होंगी। वहीं दूसरी ट्रेन ऋषिकेश से शाम 6:25 बजे चलेगी और हरिद्वार शाम 7:30 बजे पहुंचेगी। इस ट्रेन का संचालन दो अगस्त से शुरू किया जाएगा।
पॉलीथिन से बनाएंगे बेंच और ट्री-गार्ड- कैंट बोर्ड..
उत्तराखंड: कैंट बोर्ड इस्तेमाल की गई प्लास्टिक की पन्नियों से ट्री-गार्ड, टाइल्स और बेंच बनवाएगा। गढ़ी स्थित दून छावनी परिषद में गुरुवार को हुई बोर्ड बैठक में विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए। कैंट बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनिरबन दत्ता, सीईओ अभिनव सिंह और नामित सदस्य विनोद पंवार ने इन मुद्दों पर मंथन किया। सीईओ अभिनव सिंह का कहना हैं कि तहबाजारी शुल्क के लिए दोबारा टेंडर कराने का निर्णय लिया गया।
प्रेमनगर और घंगोड़ा में कूड़ा निस्तारण का कॉन्ट्रैक्ट फिलहाल तीन महीने के लिए टाल दिया गया है। कम्पनी को पहले तीन माह तक बेहतर काम करके दिखाना होगा। इसके बाद कॉन्ट्रेक्ट आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। गढ़ी और प्रेमनगर क्षेत्र में चार-चार हाईमास्ट लाइट लगाई जाएंगी। इस मौके पर 6 आवासीय नक्शे भी मंजूर किए गए हैं।
आपको बता दे कि पुराने कपड़ों से थैले बनाकर लोगों को सस्ते दाम पर बेचने का भी निर्णय लिया गया। इसके लिए कुछ स्थानों पर थैला घर बनाए जाएंगे। लोगों को थैला पांच रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा। अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों के लिए कमेटी बनाई गई हैं। करीब 11 साल से अनुकम्पा नियुक्तियां नहीं हुई हैं। रिटायरमेंट से पूर्व जिन 45 कर्मचारियों की मौत हुई, उनके परिजन इसका इंतजार कर रहे हैं। इस वर्ष बोर्ड 13-14 पदों पर नियुक्ति कर सकता है। जेई बालेश भटनागर की एई पद पर पदोन्नति को पिछली बैठक में पास कर दिया था।
इस बार फिर विचार हुआ। अधिकारी ने बताया कि एई की पोस्ट छावनी परिषद में सीधी भर्ती से भरी जानी चाहिए। इसलिए इस प्रकरण को उच्च स्तर पर राय के लिए भेजा जाएगा।छावनी परिषद ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को और बेहतर करने के लिए तीन दिन का एक कार्यक्रम कराने का निर्णय भी लिया है। इसके तहत ‘स्वच्छता चौपाल’ और ‘स्वच्छता मेला’ भी लगेगा। चौपाल में स्वच्छता से जुड़े उत्पादों और मशीनों की प्रदर्शनी लगेगी। चौपाल में कंपनियों और स्टार्टअप को प्रोडक्ट दिखाने का मौका मिलेगा। यह कार्यक्रम अक्टूबर या नवंबर में होगा।
चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान, अब इस उम्र के युवाओ का भी बन जायेगा वोटर कार्ड..
उत्तराखंड: चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बता दे कि अब 17 वर्ष उम्र वाले युवा भी वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकेंगे। अब तक वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं को ही पात्रता थी। लेकिन अब इस एज लिमिट को कम कर दिया गया है। आपको बता दे कि चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार 17 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवा एडवांस में ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। अब युवाओं को मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए साल के 1 जनवरी का इंतजार नहीं करना होगा।
इससे पहले 18 साल की आयुसीमा को पूरा करने के बाद 1 जनवरी को ही नाम जोड़ने का आवेदन किया जा सकता था। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट से आधार लिंक करने की कवायद शुरू कर दी है। आधार लिंक की प्रक्रिया को अप्रैल 2023 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा है। सभी मतदाताओं तक पहुंचकर उनका आधार नंबर लेने का प्रयास किया जाएगा। एक बार मतदाताओं के नाम आधार नंबर से जुड़ जाने के बाद मतदाता सूची में कोई डुप्लीकेट नाम नहीं रहेगा। यदि किसी मतदाता के पास आधार नंबर नहीं है तो उसे शपथ पत्र देना होगा।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जताते हुए जताया विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का आभार..
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के विधायक भरत सिंह चौधरी को संस्कृत भाषा प्रोत्साहन समिति का सभापति नियुक्त होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है।
बीते दिन विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने समितियों का गठन करते हुए प्रदेश में अनेक विधायकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं। इसमें रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी को भी जिम्मेदारी दी गई है। बताते चलें कि रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी की हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ संस्कृत भाषा पर अच्छी पकड़ है, जिससे उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई। भरत सिंह चौधरी पूर्व के कार्यकाल में विधानसभा निर्वाचन के बाद शपथ ग्रहण में संस्कृत भाषा में शपथ लेने वाले अकेले विधायक थे।
चौधरी को संस्कृत भाषा प्रोत्साहन समिति का सभापति बनाए जाने पर संस्कृत भाषा से जुड़े अनेक लोगों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी व्यक्त की है। साथ ही उम्मीद जताई कि उनको यह दायित्व मिलने से संस्कृत भाषा के संरक्षण और उत्थान की दिशा में नए कार्य होंगे। खुशी व्यक्त करने वालों में भाजपा नेता विजय कप्रवाण, राजेश कुंवर, अजय सेमवाल, चन्द्रमोहन सेमवाल, अमित प्रदाली, हरि सिंह चौधरी , सुरेंद्र रावत, सुनील नौटियाल, सुरेंद्र बिष्ट, सुरेंद्र जोशी, महावीर चौधरी, गौरव चौधरी , नरेंद्र पंवार आदि शामिल हैं।
उत्तराखंड में 55 लाख लोगों ने नहीं लगवाई फ्री प्रीकॉशन बूस्टर डोज..
उत्तराखंड : बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद भी उत्तराखंड में लोग प्रीकॉशन डोज (बूस्टर डोज) को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। केंद्र की ओर से प्रीकॉशन डोज निशुल्क किए जाने के बावजूद अभी महज 2.4 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है। 57 लाख पात्र लोगों में से अभी तक सिर्फ दो लाख लोगों ने ही प्रीकॉशन डोज लगाई है जबकि 55 लाख से अधिक लोगों को अभी यह डोज लगानी बाकी है।
केंद्र सरकार की ओर से प्रीकॉशन डोज निशुल्क किए जाने के बाद टीकाकरण की रफ्तार कुछ बढ़ी है लेकिन अभी राज्य में एक दिन में महज 35 हजार के करीब लोगों को ही डोज लग पा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि लोग टीकाकरण केंद्रों पर कम पहुंच रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की मुश्किल बढ़ गई है। बता दे कि राज्य में संक्रमण बढ़ रहा है और लोगों के प्रीकॉशन डोज न लगाने से परेशानी बढ़ सकती है। कई लोग अभी भी लापरवाही रख रहे हैं। लोग टीका लगाने के लिए कम ही आ रहे हैं।
सीआरपीएफ, स्थापना दिवस पर पीएम मोदी ने कहा कुछ ऐसा..
देश-विदेश: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 84वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों व उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, सुरक्षा संबंधी चुनौतियां हों या फिर मानवीय चुनौतियां, सीआरपीएफ की भूमिका हमेशा सराहनीय रही है। इस मौके पर पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर सभी बहादुर जवानों, उनके परिवार के सदस्यों को बधाई।
सीआरपीएफ ने अदम्य साहस और उत्कृष्ट सेवा के लिए अपनी एक पहचान स्थापित की है। सुरक्षा संबंधी चुनौतियां हों या फिर मानवीय चुनौतियां, सीआरपीएफ की भूमिका सराहनीय है।
आपको बता दे कि सीआरपीएफ देश के सबसे पुराने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है और इसके पास देश की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी है। आज ही के दिन 1939 में क्राउन रिप्रजेंटेटिव पुलिस के रूप में इसका गठन हुआ था। आजादी के बाद 28 दिसम्बर, 1949 को संसद के एक अधिनियम द्वारा इस बल को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल नाम दिया गया था।
शिवालयों में जलाभिषेक के पत्र पर भ्रांतियां फैला रहा विपक्ष-रेखा आर्य..
उत्तराखंड: शिवालयों में जलाभिषेक से संबंधित पत्र को लेकर विवादों में आई कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने सोमवार को सफाई दी। उनका कहना हैं विपक्ष पत्र पर भ्रांतियां फैला रहा है जबकि पत्र में कहीं पर भी यह नहीं कहा गया कि यदि कोई शिवालयों में जलाभिषेक नहीं करेगा तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि यह सभी लोगों की स्वेच्छा है कि वे अपने नजदीकी शिवालयों में जलाभिषेक करें या न करें। इस विवाद के लिए उन्होंने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री ने अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ भ्रांति फैलाना है। जिसे अच्छाई में भी बुराई नजर आ रही है। विपक्ष का काम अच्छाई में भी बुराई ढूंढने का है। रेखा आर्य का कहना हैं कि उनकी ओर से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर लिया गया संकल्प पवित्र है। जिसमें कहीं न कहीं लैंगिक असमानता को समानता की ओर लाने पर कार्य किया जा रहा है। उनकी यह कोशिश है कि जब उत्तराखंड अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा तब देवभूमि में लिंगानुपात हजार बालकों पर हजार बालिकाओं का हो।
आज अपनी 25 किलोमीटर की पैदल कांवड़ यात्रा को लेकर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उनकी तरफ से समाज के सभी लोगों को इस पुनीत कार्य मे भागीदारी बनने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस कांवड़ यात्रा के जरिये उनकी कोशिश है कि समाज में बेटियों के प्रति जो भेदभाव की सोच है, उसे खत्म किया जाए। उत्तराखंड जिसे की हम देवभूमि कहते हैं, वहां बेटियों को देवी के समान अधिकार मिले और वह भी समाज में लड़कों के बराबर खड़ी हो सकें।
सालियर की कांवड़ लेकर पुलिस अलर्ट, ड्रोन से लिया जायजा..
उत्तराखंड: सालियर गांव की कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कांवड़ आने से पहले पुलिस ने रामपुर गांव में ड्रोन आसमान में उड़ाकर सुरक्षा का जायजा लिया। आपको बता दे कि वर्ष 2015 में सालियर गांव की कांवड़ ले जाते समय रामपुर गांव में बवाल हो गया था। बवाल में आगजनी की घटना हुई थी जिसमें पुलिस के सरकारी वाहनों से लेकर आम नागरिकों के वाहनों को फूंक दिया गया था।
कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। तभी से हर साल सालियर गांव की कांवड़ को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट रहता है। बता दे कि इस बार मंगलवार को महाशिवरात्रि के दिन हरिद्वार से कांवड़ यात्रा पैदल चलकर सालियर गांव पहुंचेगी। इसे लेकर पुलिस-प्रशासन ने सोमवार को सुरक्षा की दृष्टि से रामपुर गांव में ड्रोन से जायजा लिया।
कोतवाली प्रभारी ऐश्वर्य पाल का कहना हैं कि सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन से जायजा लिया गया है। मंगलवार को भारी फोर्स के साथ ही ड्रोन से भी कांवड़ पर नजर रखी जाएगी। जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी ने माहौल खराब करने का प्रयास किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी..
उत्तराखंड: प्रदेश में कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश में तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के लिए एडवायजरी जारी की है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ राजेश कुमार ने जिला अधिकारियों को दिए कोरोना को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं। आपको बता दें, प्रदेश में बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेश में 142 नए संक्रमित मिले हैं।
जबकि 38 मरीज ठीक हुए हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में फिलहाल 1140 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रविवार को 914 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, देहरादून जिले में सबसे ज्यादा 94, हरिद्वार में छह, नैनीताल में 15, अल्मोड़ा और पौड़ी में दो-दो, चमोली व चंपावत में एक-एक, टिहरी में सात, ऊधमसिंह नगर में तीन व उत्तरकाशी में 11 संक्रमित मरीज मिले हैं। प्रदेश की रिकवरी दर 94.96 प्रतिशत और संक्रमण दर 3.45 प्रतिशत दर्ज की गई।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवायजरी..
1- सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क पहनना जरूरी।
2-कोरोना के लक्षण वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जाए।
3- कोविड-19 टीकाकरण कवरेज को बढ़ाया जाए।
4-सभी जिलों को संक्रमित मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश।
5- जिलाधिकारियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने के लिए कहा गया।
6- बुखार फैल रहा तो तुरंत कोरोना जांच कराए
7- फ्लू और सांस की शिकायत वालों के टेस्ट किए जाने की सलाह भी दी गई है।
8- आईसीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
9- आक्सीजन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिष्चित की जाए।
द्रौपदी मुर्मू ने ली देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ..
देश-विदेश: द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई यानी आज देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली हैं। वे देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं। वे इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रही हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला समेत तमाम लोग मौजूद रहे। द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पहला भाषण दिया।
द्रौपदी मुर्मू का कहना हैं कि मैं देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं, जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ था। स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी। आदिवासी गांव में जन्म होने के बाद भी देश के लोकतंत्र की यह शक्ति है कि मुझे यहां तक पहुंचाया। मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।
राष्ट्रपति मुर्मू का कहना हैं कि मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी। ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। मुर्मू ने कहा, राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।