दो सगी बहनों ने नौकरी की आड़ में किया कुछ ऐसा..
उत्तराखंड: देवभूमि को किस तरह से नशे की गिरफ्त में जकड़ा जा रहा है। अब महिलाएं भी नशा तस्करी में उतर चुकी हैं। देहरादून में पुलिस ने कार्रवाई की और दो सगी बहनों को गिरफ्तार किया है। आपको बता दे कि दोनों बहनों के कब्जे से चरस और नशीली गोलियां बरामद की गई है। दोनों बहने स्कूटी से नशे का यह सामान सप्लाई करने जा रही थी।
देहरादून में डीआईजी जन्मेजय खंडूरी द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई है। 23 नवंबर की रात को पुलिस द्वारा गहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था और इस दौरान 2 महिला तस्कर गिरफ्तार की गई। देहरादून के सरस्वती विहार की रहने वाली स्वाति राणा और प्रीति राणा आपस में सगी बहने हैं।
पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान में दोनों बहनों को आईएसबीटी के सामने थाना पटेल नगर से गिरफ्तार किया गया। दोनों बहनों के कब्जे से 150 ग्राम चरस और 330 नशीली गोलियां बरामद की गई है। पुलिस ने तस्करी में इस्तेमाल किए जाने वाली स्कूटी को भी जब्त कर लिया है। जब दोनों से पूछताछ की गई तो पता चला है कि दोनों सगी बहने हैं। मूलतः दोनों बहने उत्तरकाशी की रहने वाली हैं। पिछले 2 साल से देहरादून में किराये का कमरा लेकर रह रही थी हैं।
रिस्पना पुल के पास दोनों बहनों की कोरियर की दुकान है। कोरियर की आड़ में दोनों बहने लंबे वक्त से चरस और नशे की सप्लाई कर रही थी। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया है और तमाम जानकारियां जुटाई जा रही है। आपको बता दें कि पुलिस द्वारा लगातार देहरादून में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी नशा तस्कर बाज नहीं आ रहे। वह नशे की तस्करी के लिए अलग-अलग तरीके इजाद कर रहे हैं।
प्रीतम और सुबोध उनियाल की मुलाकात के बाद गरमाई उत्तराखंड की सियासत..
उत्तराखंड: आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस में चल रहे दांवपेच के बीच मंगलवार को तब राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गया। जब नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह अचानक ही कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। इस मुलाकात के तमाम निहितार्थ निकाले जाने लगे। हालांकि, बाद में स्पष्ट हुआ कि नेता प्रतिपक्ष अपने विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर कैबिनेट मंत्री उनियाल से मिलने आए थे।
आपको बता दे कि नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह मंगलवार सुबह यमुना कालोनी स्थित कैबिनेट मंत्री उनियाल के आवास पर पहुंचे थे। दोनों के मध्य लंबी बातचीत भी हुई। यह जानकारी मिलते ही मीडियाकर्मी भी मंत्री आवास पर पहुंच गए। साथ ही राजनीतिक गलियारों में भी वर्तमान चुनावी माहौल को देखते हुए इस मुलाकात के तमाम निहितार्थ निकाले जाने लगे।
कैबिनेट मंत्री उनियाल का कहना हैं कि प्रीतम सिंह उनके मित्र हैं और उनसे उनके व्यक्तिगत संबंध भी हैं। वह अपने विधानसभा क्षेत्र से संबंधित कुछ कार्यों के सिलसिले में उनसे मिलने आए थे। वह अक्सर उनसे मिलते रहते हैं। उनका कहना हैं कि मंत्री होने के नाते कोई भी उनसे मिलने आ सकता है, इसमें बुराई क्या है।
एलआईसी की इस स्कीम से बेटी का भविष्य हो जाएगा सुरक्षित, मिलेंगे पूरे 22 लाख रुपये..
देश-विदेश: अच्छा इन्वेस्टमेंट एक अच्छा रिटर्न देता है। अगर आप भी अपनी बेटी की केयर करते हैं और उसकी शादी या एजुकेशन के लिए पैसों को जमा कर रहे हैं, तो आपको अपने पैसों को एक सिस्टेमेटिक ढंग से इनवेस्ट करना चाहिए, तभी आपके पैसे अच्छे से ग्रो करेंगे। अक्सर बैंक से हमें उतना अच्छा रिटर्न नहीं मिलता, जितना कहीं और इन्वेस्ट करने से प्राप्त होता है।
ऐसे में आप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (एलआईसी) की एक खास पॉलिसी में अपनी बेटी के लिए पैसों को धीरे धीरे इनवेस्ट कर सकते हैं। एक समय के बाद आपको उस पैसे का एक अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा, जिसका इस्तेमाल आप बेटी की शादी में कर सकते हैं। ऐसे में आपको अपनी बेटी की शादी के समय किसी भी प्रकार की आर्थिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा और बेटी का भविष्य भी सुरक्षित हो जाएगा।
एलआईसी की इस पॉलिसी के अंतर्गत आपको हर दिन 150 रुपये जमा करना होगा। वहीं जब आपकी बेटी की शादी होगी, उस समय आपको कुल मिलाकर 22 लाख रुपये मिलेंगे। यही नहीं इस पॉलिसी की कई और खास बातें हैं, जिन्हें आपको जरूर जान लेना चाहिए।
इस पॉलिसी के अंतर्गत अगर बेटी के पिता की मौत हो जाती है, तो तत्काल प्रभाव पर परिवार को 10 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं अगर पिता की एक्सीडेंट में मृत्यु होती है, तो 20 लाख रुपये मिलेंगे। पिता के मृत्यु के बाद इस पॉलिसी में निवेश करने की कोई जरूरत नहीं होगी। पॉलिसी उसी रूप में चलती रहेगी इस बीच पॉलिसी के दौरान बेटी को हर साल पढ़ाई और दूसरे खर्चों के लिए 1 लाख रुपये मिलेंगे।
उत्तराखंड में गोहेंप एग्रोवेंचर्स द्वारा भांग से बिल्डिंग का निर्माण..
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज करेंगे उद्घाटन..
उत्तराखंड: भांग से बिल्डिंग बनाने की युवाओं की कोशिश सफल हुई। यमकेश्वर फलदाकोट मल्ला में भांग (हेंप) से बिल्डिंग का निर्माण किया गया, जिसका आज पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उद्घाटन करेंगे। नम्रता कंडवाल, गौरव दीक्षित और उनकी टीम का दावा है कि भारत में भांग से पहली बिल्डिंग का निर्माण किया गया है।
पौड़ी के यमकेश्वर कंडवाल फलदाकोट मल्ला में गोहेंप एग्रोवेंचर्स द्वारा भांग से बिल्डिंग का निर्माण किया गया है। नम्रता, गौरव और उनकी टीम लंबे समय से इसमें जुटे हुए थे। युवाओं का कहना है कि भांग का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। यह रोजगार बड़ा माध्यम बन सकता है। इस पर गहन शोध किया जाए तो इसके कई फायदों के बारे में हमें पता चलेगा। भांग से तैयार बिल्डिंग के अलावा स्वदेशी तकनीकी से भारत में निर्मित देश की पहली हेंप डेकोर्टिकेटर मशीन भी उत्तराखंड में गोहेंप एग्रोवेंचर्स स्टार्टअप द्वारा लाई गई है।
हेंप डेकोर्टिकेटर मशीन के यह हैं फायदे..
नम्रता का कहना हैं कि मशीन की सहायता से औद्योगिक हेंप के रेशे को बिना पानी के ही क्षणभर में लकड़ी से अलग किया जा सकता है। वर्तमान में हेंप इत्यादि के रेशे को अलग करके इसके गट्ठर सिर पर ढोकर गदेरे (साफ पानी के प्राकृति नाले) तक ले जाने पड़ते हैं। और फिर यहां लगभग एक महीने इसे गलाना पड़ता है। तब कई दिनों तक पत्थर पर पीटकर रेशा निकाला जाता है। पारंपरिक तकनीक में श्रम की अधिकता, पानी एवं समय की अत्याधिक खपत के कारण ग्रामीणों ने इसके रेशे का उपयोग अब बंद या कम कर दिया है। ऐसे में हेंप रूपी इस अद्भुत प्राकृतिक संसाधन का समुचित सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।
नम्रता ने कहा कि आज जिस भांग की लकड़ी को किसान जला रहा है, इस मशीन की सहायता से उनके रेशे निकालकर, कपड़ा, कागज, इथेनॉल, बायो प्लास्टिक, बिल्डिंग मैटेरियल जैसी इंडस्ट्री में रेशे की खपत पूरी की जा सकती है। इससे प्रदेश में एक बिल्कुल नई हेंप फाइबर इंडस्ट्री की स्थापना हो सकती है।
आजादी पर नया ज्ञान-कंगना के बाद मणिशंकर अय्यर के बिगड़े बोल, कहा कुछ ऐसा..
देश-विदेश: अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर बयान देकर सियासत गरमा दी है।मणिशंकर अय्यर का ताजा बयान देश की आजादी को लेकर है। अय्यर का कहना हैं कि पिछले सात सालों से हम अमेरिकियों के गुलाम बनकर रह गए हैं।
एक सेमिनार में अय्यर ने कहा कि साल 2014 के बाद से हम अमेरिका के गुलाम हैं। इससे पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने आजादी को लेकर विवादित बयान दिया था। कंगना ने कहा था कि हमें जो आजादी 1947 में मिली वो भीख में मिली थी। भारत को असली आजादी साल 2014 में मिली है।
भारत-रूस के बीच संबंध हुए कम- अय्यर..
दिल्ली में भारत-रूस के रिश्तों को लेकर आयोजित सेमिनार में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पिछले सात साल से हम देख रहे हैं कि गुटनिरपेक्षता की तो बात ही नहीं होती, शांति को लेकर कोई चर्चा नहीं होती है। अमेरिकियों के गुलाम बनकर बैठे हैं और उनके कहने पर हम चीन से बच रहे हैं। हम कहें कि चीन के सबसे करीब दोस्त तो आप ही हो। आपको बता दे कि मणिशंकर अय्यर भारत-अमेरिका के बीच मजबूत हो रहे संबंधों को लेकर सवाल खड़े किए।
अय्यर का कहना था कि भारत और रूस के रिश्ते बरसों पुराने हैं। रूस ने भारत को हमेशा सहयोग किया है, लेकिन जब से मोदी सत्ता में आए हैं, ये रिश्ता कमजोर हुआ है। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि 2014 तक रूस के साथ हमारे संबंध और व्यापार अच्छे थे, लेकिन पिछले सात सालों में काफी कम हो चुके हैं।
कैबिनेट बैठक में आज कई प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर..
उत्तराखंड: मंत्रिमंडल की बैठक आज मंगलवार को राज्य सचिवालय में होगी। बैठक में राज्य की नई खेल नीति के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, कृषि, उद्यान, राजस्व, पर्यटन, स्वास्थ्य से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है।
सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खेल नीति का प्रस्ताव कैबिनेट में लाए जाने के संकेत दिए। उनका कहना हैं कि प्रदेश सरकार राज्य के खिलाड़ियों के लिए खेल नीति में कई नए प्रावधान कर रही है। इससे राज्य के खेल और खिलाड़ियों, दोनों को फायदा होगा। बैठक में राशन डीलरों का अंशदान बढ़ाने, सरकारी क्षेत्र के उद्यानों को लीज पर देने व विभागीय सेवानियमावलियों के प्रस्ताव आ सकते हैं।
आपको बता दे कि इससे पहले मंत्रिमंडल की बैठक 11 नवंबर को होनी थी। लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण बैठक स्थगित कर दी गई थी।
पिछली बैठक में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को दी थी बड़ी सौगात..
इससे पहले पिछले माह हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी सौगात दी थी। एमबीबीएस के छात्रों की एक साल की निर्धारित चार लाख रुपये की फीस को 1.45 लाख रुपये कर दिया गया था। मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उत्तराखंड में ही सेवाएं देने का बांड भरने वाले छात्रों के लिए 50 हजार रुपये शुल्क तय किया गया था।
शहीद विभूति ढौंडियाल को मरणोपरांत शौर्य चक्र..
उत्तराखंड: पुलवामा में पांच आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने वाले शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। सोमवार को दिल्ली में आयोजित अलंकरण समारोह में उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट नितिका कौल और मां ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया।
2019 में हुए सैन्य अभियान में शहीद हुए थे ढौंडियाल
दून निवासी विभूति ढौंडियाल जम्मू-कश्मीर में हुए 2019 में हुए सैन्य अभियान में शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ चले ऑपरेशन में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया था। वर्तमान में उनके घर में मां सरोज, पत्नी नितिका और सबसे छोटी बहन वैष्णवी हैं। सबसे बड़ी बहन पूजा की शादी हो चुकी है। उनके पति विकास नौटियाल सेना में कर्नल हैं। उनसे छोटी बहन प्रियंका शादी के बाद अमेरिका में रहती हैं। शहीद मेजर विभूति को बचपन से ही सेना में जाने का जुनून था।
पति के नक्शेकदम पर चलते हुए नितिका कौल ने पहनी सेना की वर्दी..
पति शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के नक्शेकदम पर चलते हुए नितिका कौल ने सेना की वर्दी पहनी है। मेजर विभूति के शहीद होने के बाद पत्नी निकिता ने पति के सपने को पूरा करने के लिए सेना में जाने का निश्चय किया। निकिता ने दिसंबर 2019 में इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा दी थी।
इसके बाद चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) से निकिता को कॉल लेटर आया और ट्रेनिंग पूरी कर निकिता ओटीए की पासिंग आउट परेड में बतौर लेफ्टिनेंट आधिकारिक रूप से सेना में शामिल हो गईं। मेजर विभूति की शादी 18 अप्रैल 2018 को हुई थी। 19 अप्रैल को पहली बार पत्नी निकिता को लेकर वह डंगवाल मार्ग स्थित अपने घर पहुंचे थे। इसके ठीक दस माह बाद मेजर विभूति शहीद हो गए थे।
हरीश रावत और त्रिवेंद्र की चुनाव से पहले मुलाकात बनी चर्चा का विषय..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत की रविवार को हुई मुलाकात चर्चाओं का विषय बनी हुई है। चुनाव से ठीक पहले दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुई मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि वह डिफेंस कालोनी स्थित फिजियोथेरेपी सेंटर गए थे। इसका पता चलने पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उनसे मिलने वहां पहुंच गए थे।
फिजियोथेरेपी सेंटर उनके घर के नजदीक था। खुशनुमा माहौल में मुलाकात हुई। राजनीती में यह सब चलता है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वह काफी लंबे समय बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिले। चलते-चलते उनसे मुलाकात हुई है। कोरोना के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार देखकर संतोष हुआ। स्वास्थ्य के बारे में पूछने पर उन्होंने अपने अंदाज में कहा मैं स्वस्थ हूं।
भाजपा के असंतुष्टों से संपर्क कर रहे हैं हरीश रावत..
उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने पक्ष में वातावरण बनाने के लिए संपर्क अभियान छेड़ा है, लेकिन भाजपा के असंतुष्टों से संपर्क कांग्रेस वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कर रहे हैं। पार्टी की पद यात्रा अभियान के बहाने हरीश रावत ने गुरुवार को डोईवाला विधानसभा में भाजपा नेता के घर जाकर संपर्क साधा था। इसे भाजपा के असंतुष्टों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
डोईवाला विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विधायक हैं। हरीश रावत इस विधानसभा में पिछले कुछ दिनों से ज्यादा सक्रिय हैं और विभिन्न कार्यक्रमों के बहाने उनके वहां लगातार दौरे हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की नजर भाजपा के असंतुष्टों पर लगी है। पिछले दिनों भाजपा की बैठकों में पूर्व दायित्वधारियों व जनप्रतिनिधियों की नाराजगी सामने आई थी। पार्टी में कई बड़े और छोटे नेता हैं, जो संगठन और सरकार में जिम्मेदारी न मिलने से नाराज हैं। कांग्रेस अब इन असंतुष्टों को साधने की कोशिश में जुटी है।
कोविड-19 बंधनों से मुक्त हुआ उत्तराखंड, पाबंदियां खत्म..
उत्तराखंड: कोविड 19 को लेकर जो आंशिक प्रतिबंध जारी थे, अब नहीं रहेंगे। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर जो एसओपी जारी की थी, उसे निरस्त कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सौ फीसदी वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करने के लिए अभियान ‘हर घर दस्तक’ लॉंच किया है, जिसके तहत आशा वर्कर घर घर जाकर टीके के बारे में जानकारी लेंगी। इधर, प्रदेश में पिछले 24 घंटे के जो आंकड़े जारी हुए, उनके अनुसार राज्य में 12 नए कोरोना मरीज़ मिले और 6 रिकवर हुए। फिलहाल कुल 179 कोविड मरीज़ों का राज्य में इलाज चल रहा हैं।
देहरादून के ज़िला टीकाकरण अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान के हवाले से खबरों में कहा गया कि आशा वर्कर तमाम घरों में जाकर ये जानकारी कलेक्ट कर रही हैं कि किसने वैक्सीन नहीं लगवाई है और क्यों नहीं। इसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगा। राज्य सरकार आगे इस पर एक्शन लेगी।
अभी कितनों को लगी वैक्सीन?
राज्य सरकार के आंकड़ों की मानें तो कुल 80.50 लाख वयस्क आबादी को उत्तराखंड में वैक्सीन दी जानी है, जिसके लिए कुल 1.61 करोड़ डोज़ की ज़रूरत पड़ेगी। राज्य सरकार की तरफ से जारी की जाने वाली नियमित सूचना के अनुसार बुधवार की शाम तक राज्य में 44,75,504 लोग पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो चुके थे जबकि 75,26,853 लोगों आंशिक तौर पर वैक्सीनेटेड पाए गए।
प्रतिबंध खत्म लेकिन गाइडलाइन नहीं..
इधर, कोरोना से जुड़े तमाम प्रतिबंध खत्म किए गए हैं। यानी अब तक वैवाहिक या सार्वजनिक कार्यक्रमों, स्थानों पर जो 50 फीसदी क्षमता की शर्त थी, अब वो नहीं रहेगी, लेकिन सरकार के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा, वरना आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत जुर्माने की या दंडात्मक कार्रवाई हो सकेगी।
इन नियमों का करना होगा पालन..
1- पब्लिक प्लेस, वर्कप्लेस या पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क पहनना अनिवार्य
2- पब्लिक प्लेस पर छह फीट की दूरी रखना अनिवार्य
3- पब्लिक प्लेस पर तंबाकू, गुटखा और पान आदि के सेवन पर मनाही
4- पब्लिक प्लेस पर थूका तो जुर्माना होगा या सज़ा भी हो सकती है
7-8 दिसंबर को होगा विधानसभा का अंतिम शीतकालीन सत्र,जानें क्या होगा खास..
उत्तराखंड: विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सात और आठ दिसंबर को होगा। यह मौजूदा विधानसभा का अंतिम सत्र होगा। जनवरी में कभी भी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो सकती है। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कहना हैं कि दिसंबर में दो दिवसीय शीतकालीन सत्र आहूत किया जा रहा है जिसको लेकर भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के इंतजाम किए जा रहे हैं।
उनका कहना हैं कि पहले सरकार ने सत्र के लिए 29-30 नंवबर की तिथि तय की थी। लेकिन तैयारी पूरी न होने के चलते सत्र की तिथि पीछे खिसकानी पड़ी। आगामी सत्र में सरकार नजूल भूमि आवंटन और फ्री होल्ड के लिए कानून बना सकती है। उनका कहना हैं कि इसके साथ ही सरकार को कुछ अन्य जरूरी विधायी कामकाज भी निपटाना है। चुनाव से पहले सरकार इस मौके का इस्तेमाल नई घोषणाओं के लिए कर सकती है।
क्यूंकि यह सत्र इस विधानसभा का अंतिम सत्र होगा, इसलिए सत्र में पक्ष विपक्ष के बीच जोर आजमाइश देखने को मिल सकती है। घोषित तौर ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा प्राप्त कर चुके गैरसैंण में शीतकालीन सत्र आयोजित करवा सरकार चुनाव से पहले पहाड़ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर करने का प्रयास कर रही है।