उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को उधमसिंह नगर जिले के रूद्रपुर में पं0 राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कालेज में 1012.33 लाख लागत के 300 बेड के कोविड-19 हॅास्पिटल भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज रूद्रपुर के अन्तर्गत 299.76 लाख की लागत से रेस्पिरेटरी एण्ड स्किन डिजीज ब्लाक, 537.23 लाख की लागत से रेडियोलॉजी ब्लॉक तथा विश्व बैंक पोषित 90.35 लाख की लागत से ऑक्सीजन सप्लाई पाइप लाइन कार्य का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएसआर के तहत टाटा प्रोजेक्टस लि0 के वित्तीय सहयोग से 320 लाख की लागत से 300 बेड कोविड हॉस्पिटल रूद्रपुर मे मेडिकल उपकरण की आपूर्ति एवं अधिष्ठान कार्यो का लोकार्पण के साथ ही प्लान इंडिया व रैकिट बैंकाइजर (इंडिया) प्रा0लि0 के सौजन्य से 50 लाख की लागत से सामूदायिक स्वास्थ केन्द्र किच्छा के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड बाजपुर वित्तीय सहयोग से 60 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाजपुर के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड खटीमा के वित्तीय सहयोग से 125 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खटीमा के आधुनिकीकरण कार्य, बालाजी एक्शन बिल्डवेल सितारगंज के वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के आधुनिकीकरण कार्य, बजाज ऑटो लिमिटेड पंतनगर एवं जानकी देवी बजाज ग्राम विकास संस्था के वित्तीय सहयोग से 300 लाख की लागत से जिला चिकित्सालय, रूद्रपुर के आधुनिकीकरण कार्य, नैनी पेपर्स मिल काशीपुर मे वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काशीपुर के आधुनिकीकरण कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर मे लोनिवि की 684.44 लाख लागत की विभिन्न सीसी मार्गों का लोकार्पण तथा 385.47 लाख की लागत से विभिन्न सडको के पुर्ननिर्माण कार्यों के शिलान्यास किये। नगर निगम रूद्रपुर के वार्ड नम्बर 25 फाजलपुर महरौला में स्थित 08 एकड भूमि मे जैविक ठोस अपशिष्ट से 50 मिट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के कम्पोस्ट बायोगैस प्लान्ट का शिलान्यास के साथ ही ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित 28 लाख लागत के सरस मार्केट सेंटर रूद्रपुर एवं 194.39 लाख की लागत से क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला निर्माण कार्य का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये प्रदेश में स्थापित किये जा रहे ग्रोथ सेन्टरों के अंतर्गत 65.84 लाख लागत के विकास खण्ड रूद्रपुर मे बेकरी ग्रोथ सेंटर, 48 लाख लागत के मत्स्य ग्रोथ सेंटर काशीपुर, 18 लाख लागत के गोविन्दपुर मसाला ग्रोथ सेंटर गदरपुर, 24.10 लाख लागत के मेघावाला दुग्ध ग्रोथ सेंटर जसपुर एवं 20 लाख लागत के पहेनिया हस्तशिल्प ग्रोथ सेंटर खटीमा का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, अध्यक्ष जिला पंचायत रेनू गंगवार विधायक राजकुमार ठुकराल, हरभजन सिंह चीमा, पुष्कर सिंह धामी, राजेश शुक्ला, मेयर रामपाल सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा शिव अरोड़ा, दर्जा मंत्री सुरेश परिहार, सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त अरविन्द सिंह हयांकी, आईजी कुमायूं अजय रौतेला, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य, पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल आदि उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार ने आज PMHS संवर्ग के साधारण ग्रेड के 20 डाक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी। ये डाक्टर अपनी नियुक्ति अथवा योगदान तिथि के बाद प्रोबेशनरी पीरियड से ही अनुपस्थित चल रहे थे।
प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई करते हुए इन चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त की हैं। शासन ने आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
जिन डाक्टरों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें उप जिला चिकित्सालय, अल्मोड़ा के डॉ रितेश चौहान, जिला चिकित्सालय, बागेश्वर के डा हेमचंद्र भट्ट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णप्रयाग (चमोली) के डॉ संदीप सिंह व डॉ दीपक सेमवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, घाट (चमोली) के डॉ अमित कुमार पांडे, जिला चिकित्सालय, चंपावत की डॉ रजनी शर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मसूरी के डॉ शुभंककर प्रतीक लाल, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पिरान कलियर (हरिद्वार) के डॉ सचिन सैनी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लक्सर (हरिद्वार) के डॉ रमेश कुमार, संयुक्त चिकित्सालय, रुड़की के डॉ उत्कर्ष तेवतिया, संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर (नैनीताल) के डॉ विकास कुमार झा, संयुक्त चिकित्सालय, श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) के डॉ सुरेंद्र कुमार, जिला चिकित्सालय, रुद्रप्रयाग के डॉ गौरव आर्य, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थत्यूड़ (टेहरी गढ़वाल) के डॉ सरफराज हुसैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लंबगांव (टिहरी) के डॉ योगेश आहूजा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसपुर (उधमसिंह नगर) की डॉ अंजलि चौहान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खटीमा (उधमसिंह नगर) के डॉ मयंक कश्मीरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गदरपुर (उधमसिंह नगर) के डॉ बच्चा बाबू, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाजपुर (उधमसिंह नगर) की डा ईशा गुप्ता व जिला चिकित्सालय, उत्तरकाशी के डॉ अखिल अग्रवाल शामिल हैं।
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तमाम आरोपों से घिरे रहने वाले उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रबन्ध निदेशक (MD) भजन सिंह के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने जांच बैठा दी है। आईएएस अधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त कर एक माह के भीतर शासन को जांच रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बुधवार को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव पेयजल जी.बी.औली की तरफ से जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है कि भजन सिंह के विरुद्ध विभिन्न माध्यमों से कतिपय शिकायती पत्र प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑनलाइन ग्रिवेंसेंस में दर्ज शिकायत और मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल में दर्ज शिकायत भी प्राप्त हुई है। शिकायतों के मद्देनजर शासन स्तर पर इन आरोपों की प्रारम्भिक जांच हेतु उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि जांच अधिकारी को वित्तीय व तकनीकी मामलों में सहयोग की आवश्यकता चाहिए तो वे राज्य वित्त सेवा और नियोजन विभाग के तकनीकी अधिकारियों की शासन से अनुरोध कर मदद ले सकते हैं। जांच अधिकारी को MD पर लगे सभी आरोपों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट किसी भी दशा में एक महीने के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
चोली-दामन का साथ है आरोपों और भजन सिंह का
पेयजल निगम के MD भजन सिंह पर लगातार तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। उनके विरुद्ध नियमों के विपरीत जाकर MD की कुर्सी हथियाने का भी आरोप है। विभाग में में मनमानी चलाना और अपने अनुकूल काम ना करने वाले अधिकारियों के उत्पीड़न के आरोप उन पर लगे हैं। मगर विभाग में उनका रुतबा बरकरार रहा है। भजन सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल हुई है, जिसमें उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि भजन सिंह द्वारा नमामि गंगे योजना के तहत कई सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है। इसलिए उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए और भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआइ से जांच कराई जाए। याचिका में यह आरोप भी लगाया है कि उनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेतों को टेंडर आवंटित कर दिए है, जिस कारण सरकार को राजस्व की हानि हुई है। याचिकाकर्ता ने MD द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अयोग्य लोगों और ठेकों की जांच सीबीआइ से कराने की भी मांग की है।
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केन्द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) उड़ान योजना के अन्तर्गत बुधवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से नई टिहरी-श्रीनगर-गौचर हैली सेवा का शुरू हो गई। यह सेवा पवन हंस लि. द्वारा दी जा रही है।
राजधानी देहरादून से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व नई दिल्ली से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उड़ान योजना के अन्तर्गत जो हेली सेवाएं चलाई जा रही हैं, स्थानीय लोगों द्वारा इसे काफी पंसद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात कि पवन हंस लि. की यह सेवा सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को चालू रहेगी।
उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के तहत देहरादून को देश के तमाम शहरों से एयर कनेक्टिविटी का मौका मिला है। हिण्डन (गाजियाबाद) से पिथौरागढ़ के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू की गई है। प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित किये गये है। क्षेत्रीय सम्पर्क योजना में देहरादून को पंतनगर, पिथौरागढ़, चिन्यालीसौड़ और गौचर से जोड़ा गया है। पंतनगर हवाई अड्डे को ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से अनुरोध किया कि हल्द्वानी-अल्मोड़ा-धारचूला हेतु भी मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को सेवा प्रारम्भ की जाए। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों की यात्रा के दृष्टिगत गुप्तकाशी व बड़कोट में भी हेली सेवाएं प्रारम्भ किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर्षिल के लिए भी हेली सेवा शुरू होगी तो इससे न केवल गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए सुविधा होगी। अपितु, हर्षिल का प्राकृतिक सौन्दर्य भी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानक जटिल हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड की परिस्थितियों के मद्देनजर मानकों में परिवर्तन का भी अनुरोध किया।
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केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उड़ान योजना के अन्तर्गत देहरादून-नई टिहरी-श्रीनगर-गौचर हवाई सेवा शुरू होने पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने उड़ान सेवा के अन्तर्गत नये यात्रा मार्गों के लिए हेली सेवा शुरू करने के लिए सुझाव दिया है। उस पर जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर चर्चा कर निर्णय लिया जायेगा। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानकों के बारे अधिकारियों के साथ चर्चा कर नियमानुसार उचित समाधान निकाला जाएगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, केंद्रीय नागरिक उड्यन सचिव प्रदीप सिंह खरोला, सीएमडी पवन हंस लि. संजीव राजदान, प्रदेश के नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर, मुख्यमंत्री के उड्डयन सलाहकार दीप श्रीवास्तव, यूकाडा की सीईओ सोनिका, पवनहंस लि. के राजीव अग्निहोत्री, रमेश के. आदि उपस्थित थे।
हेली सेवा के बारे में ऐसे लें जानकारी
RCS के तहत शुरू हुई देहरादून- नई टिहरी – श्रीनगर – गौचर हेली सेवा सप्ताह में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को जॉली ग्रांट एयर पोर्ट से उड़ान भरेगी। बुकिंग इत्यादि की जानकारी के लिए इन फोन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है –
8368557785, 7827509985
मेल द्वारा संपर्क करने के लिए यह मेल आईडी –
rcs@pawanhans.co.in
ऑन लाइन बुकिंग के लिए यहां क्लिक करें –
कोरोना महामारी के दौरान लगातार जरूरतमंदों की मदद में जुटे रहे हंस फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज के जन्मोत्सव पर फाउंडेशन ने उत्तराखंड को 100 करोड़ रूपये की योजनाओं की सौगात दी। आज मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बेहद सादगी पूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज, माता मंगला व प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इन योजनाओं का लोकार्पण किया।
गौरतलब है कि हंस फाउंडेशन देश भर में सामाजिक गतिविधियों में अपना बढ़-चढ़ कर योगदान देता है। ख़ास कर शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में फाउंडेशन जरूरतमंदों की हर संभव मदद करता है। आर्थिक रूप से कमज़ोर गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों के लिए फाउंडेशन देवदूत के रूप में कार्य करता है। फाउंडेशन गरीब व मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करता है। इसके अलावा फाउंडेशन देश के विभिन्न राज्यों में वहां की सरकारों को विभिन्न परियोजनाओं में सहायता करती है।
फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज का जन्मोत्सव हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। उनके जन्मोत्सव में बढ़ी संख्या में उनके अनुयायियों समेत सभी दलों के वरिष्ठ राजनेता व तमाम गणमान्य लोग शामिल होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते भोले जी महाराज का जन्मोत्सव बेहद सादगी के साथ मनाया गया। भोले जी महाराज के जन्मोत्सव के मौक पर आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री( स्वंत्रत प्रभार ) डा. धन सिंह रावत के अलावा खुद भोले जी महाराज व माता मंगला उपस्थित थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हंस फॉउंडेशन द्वारा सहायतित विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण किया और भोले जी महाराज को उनके जन्म दिवस पर उनके सुदीर्घ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि भोले जी महाराज का व्यक्तित्व हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन गरीबों की निस्वार्थ सेवा में समर्पित है। राज्य सरकार को भी हमेशा उनका सहयोग मिला है। माता मंगला जी व भोले जी महाराज समाज सेवा की भारतीय संस्कृति की महान परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। जिससे लाखों लोगों के जीवन में रोशनी फैल रही है। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही आत्मनिर्भरता के लिये अनेक गांवों को कृषि व बागवानी के क्षेत्र में स्वावलम्बी बनाने के लिये प्रभावी मदद दी जा रही है। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हंस फाउंडेशन फ्रंटलाइन वॉरियर्स की भूमिका निभा रहा है।
उत्तराखंड में निजी विद्यालयों की मनमानी के खिलाफ लगातार संघर्षरत रहने वाले संगठन नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स (NAPSR) ने कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर शैक्षणिक सत्र को जीरो घोषित किए जाने की मांग की है। NAPSR के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में राजधानी देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
NAPSR की प्रदेश अध्यक्ष राज गीता शर्मा के नेतृत्व में CEO आशारानी पैन्यूली से भेंट के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन क्लास को लेकर आ रही समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों में छात्रों व अभिभावकों को आ रही कठिनाइयों की विस्तार से चर्चा की और वर्तमान शैक्षणिक सत्र को शून्य घोषित करने की मांग। इस पर CEO ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मांग को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगी।
सीईओ को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष रवि त्यागी, महानगर अध्यक्ष किरण बिष्ट नेगी, महासचिव श्वेता बंसल, सचिव ज्योति नौटियाल, कोषाध्यक्ष पूजा गर्ग, आशीष भंडारी, नवदीप गर्ग, रोहित नौटियाल आदि शामिल थे।
इधर, NAPSR के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि निजी विद्यालयों द्वारा ली जा फीस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से अपील करने को कहा है। इसके लिए उनकी तरफ से तैयारियां की जा चुकी हैं। NAPSR हाई कोर्ट जाने से पहले सरकार व विभाग को अभिभावकों की परेशानियों से अवगत कराएगा। सरकार व विभाग के स्तर से राहत न मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका संगठन छात्रों व अभिभावकों के अधिकारों की रक्षा और निजी स्कूलों की मनमानियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा।
उत्तराखंड सरकार ने आज वैयक्तिक सहायक/ आशुलिपिक और लेखा लिपिक के 300 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होने वाली इन नियुक्तियों में 158 पद वैयक्तिक सहायक / आशुलिपिक के हैं। इनकी नियुक्ति राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में होगी। जबकि लेखा लिपिक के 142 पद शहरी विकास विभाग (स्थानीय निकाय) में भरे जाने हैं।
आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी ने बताया कि उक्त दोनों पदों के लिए विस्तृत विज्ञापन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आवेदन शुल्क ₹ 150 निर्धारित किया गया है।
विस्तृत विज्ञापन को आयोग की वेबसाइट पर देखने के लिए यह लिंक क्लिक करें –
अभ्यर्थी आवेदन पत्र भरने में किसी प्रकार की कठिनाई आने पर आयोग के इन टोल फ्री नम्बर पर संपर्क कर सकते हैं –
6399990138/ 139/ 140/ 141
इसके अलावा आयोग के इस ई- मेल पर भी संपर्क कर सकते हैं –
chayanayog@gmail.com
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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज ई-संवाद कार्यक्रम में राज्य के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देशभक्ति सभी सद्गुणों की जननी होती है। जिस भी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएं, उसका उद्देश्य देशभक्ति होनी चाहिए। जो भी कैरियर बनाएं, मकसद एक ही होना चाहिए कि देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।
लक्ष्य पूर्ति तक आराम नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हनुमानजी से सीखा जा सकता है। ‘रामकाज किन्हे बिना मोहे आराम कहां’। जब तक लक्ष्य पूर्ति न हो, आराम नहीं करना है। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की आज पुण्य तिथि है। हम उन्हें नमन करते हैं। वे सेना में अधिकारी बनना चाहते थे। देहरादून में साक्षात्कार के लिए आए परंतु उसमें सफल नहीं हुए। निराश हुए, तब ऋषिकेश गए, वहां एक संत से मार्गदर्शन लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे मनोयोग से प्रयास किए और एक महान वैज्ञानिक बने। देश के राष्ट्रपति बने। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का विषय है। हमारे प्रदेश में एक आईएएस हैं जो पहले श्रमिक का काम करते थे। उन्होंने मेहनत की और आईएएस बने। सफल होने के लिए जरूरी है कि हमारे प्रयास पूर्ण मनोयाग से हों।
राज्य में होगी उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का मात्रात्मक प्रसार काफी हुआ है। अब विशेष तौर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान देना होगा। आज का युग कड़ी प्रतिस्पर्धा का है। उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलना होगा। इसी सोच के साथ सीपैट और ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर की स्थापना की गई। इसके अलावा नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी भी प्रारम्भ की जाएगी। जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट भी शुरू किया जाएगा। उत्तराखण्ड में स्नातकोत्तर और रिसर्च के लिए आवासीय साईंस काॅलेज की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है। राज्य में एक विद्यालय प्रतिभावान बच्चों के लिए खोला जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 तक संचालित की जाएंगी। इसमें राज्य स्तरीय परीक्षा के बाद प्रवेश दिया जाएगा। आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों के बच्चों से शुल्क लिया जाएगा जबकि निर्धन व प्रतिभावान बच्चों के लिए शिक्षा निशुल्क होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखकर बहुत प्रसन्न्ता होती है कि आज के बच्चे अपने कैरियर के संबंध में बहुत जागरूक हैं। उन्हें पता है कि किस क्षेत्र में भविष्य बनाना है।
कैरियर के लिए पूरे मनोयोग से करें प्रयास, सरकार व समाज से मिलेगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे पूर्ण मनोयाग से आगे बढ़ें और मेहनत करें। जरूरत पड़ने पर सरकार और समाज से आवश्यक सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जिले के एक बच्चे का सेलेक्शन लंदन स्कूल ऑफ आर्टस में हुआ। उसे वहां भेजने की व्यवस्था की गई। इसी प्रकार निर्धन परिवार की एक छात्रा पढ़ाई के लिए न्यूजीलैंड जाना चाहती थी। पता चलने पर इसकी भी व्यवस्था की गई। जो भी पाना चाहते हैं, उसकी पूरी तैयारी करें। जब मदद की जरूरत पड़े, तो बताएं। सरकार के साथ ही व्यक्तिगत तौर पर भी लोग मदद के लिए आते हैं।
छात्रों ने रखी अपने मन की बात
ई-संवाद में बच्चों ने अपनी बातें कहीं हैं। कोई डाक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर और कोई सिविल सर्विसेज में जाना चाहता है। इसी प्रकार किसी ने वैज्ञानिक बनने की बात कही है। एक ने फाईन आर्ट में कैरियर बनाने की इच्छा व्यक्त की है। कोई शिक्षक बनकर और कोई सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता है।
ई-संवाद में विधायक पुष्कर सिंह धामी, यूसर्क के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत सहित कई वैज्ञानिक, शिक्षक, छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज राजधानी देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले एवं आजादी के बाद उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। इस युद्ध में वीर भूमि उत्तराखंड के 37 जवानों को वीरता पदक भी मिले। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की वीर माताओं का स्मरण भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों की अनुमन्य राशि में भारी बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। परम विशिष्ट सेवा मेडल पर 15 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपए, अति विशिष्ट सेवा मेडल पर अनुमन्य एकमुश्त राशि को 7 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रूपए किया गया है। सेना मेडल पर राशि पहले अनुमन्य नहीं थी। अब इसके लिए 1 लाख रूपए की राशि अनुमन्य है। इसी प्रकार विशिष्ट सेवा मेडल में एकमुश्त अनुमन्य राशि को 3 हजार रूपए से बढ़ाकर 75 हजार रूपए किया गया है। हमने द्वितीय विश्वयुद्ध पेंशन को भी दो गुना किया है। इसे 4 हजार रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार रूपए प्रतिमाह किया गया है।
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पूर्व सैनिकों/ वीरांगनाओं व आश्रितों को विभिन्न योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि सैनिकों/वीरांगनाओं और उनके आश्रितों को स्वावलम्बी बनाने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पूर्व सैनिक के आश्रितों को प्रान्तीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में प्रतिभाग करने पर प्रोत्साहन अनुदान दिया जा रहा है। सैनिक कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे केंद्रों से भर्ती पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के सेना, अर्द्धसैनिक बल और राज्य पुलिस बल में भर्ती होने पर 20 हजार रूपए की धनराशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है। एन.डी.ए., आई.एम.ए., ओ.टी.ए., एयर फोर्स अकादमी, नेवल अकादमी, सिविल सेवा, पी.सी.एस., एम.बी.बी.एस., आई.आई.टी., आई.आई.एम. में चयन होने पर उत्तराखण्ड के निवासी पूर्व सैनिक आश्रितों को कोचिंग व्यय की प्रतिपूर्ति की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों द्वारा पुनर्वास हेतु लिए गए ऋण पर अनुदान में वृद्धि की है। 5 लाख रूपए तक के ऋण पर 10 प्रतिशत और 5 से 10 लाख रूपए तक के ऋण पर 5 प्रतिशत या अधिकतम 75 हजार रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। पूर्णतया दिव्यांग पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के चलाए जा रहे शिक्षण केंद्रों को प्रति वर्ष दी जाने वाली राशि को 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख रूपए कर दिया गया है। पूर्व सैनिकों के दैवीय आपदा में आवास क्षतिग्रस्त होने पर अनुदान की राशि को भी 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए किया गया है।
इस अवसर पर विधायक हरवंश कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव एवं सैन्य अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला व एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ़ इण्डिया के चैयरमेन अरविंद सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भेंट कर ऊधमसिंहनगर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की स्थापना की प्री-फिजीबिलीटी रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में हवाई सेवा के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। ढांचागत विकास के साथ बड़ी संख्या में हवाई सेवाएं शुरू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, आपदा व सामरिक दृष्टि से उत्तराखंड में एयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना बहुत जरूरी है। प्रदेश सरकार इसके लिए लगातार प्रयासरत है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ़ इण्डिया को हर प्रकार से सहयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र व राज्य के अधिकारियों में बेहतर समन्वय है, इसका परिणाम भी दिखाई दे रहा है। आगे भी इसी प्रकार तालमेल के साथ काम किया जाए।
ऊधमसिंहनगर में जिला प्रशासन द्वारा ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट स्थापित करने के लिए 1100 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। भविष्य में इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में अपग्रेड किया जा सकता है। नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला और एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इण्डिया के चैयरमेन अरविंद सिंह ने उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर इसकी प्री-फिजीबिलीटी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। अधिकारियों ने कहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए चिन्हित की गई भूमि उपयुक्त है।
वर्तमान में पंतनगर एयरपोर्ट में लगभग 267 एकड़ भूमि है। 530 वर्गमीटर का पेसेन्जर टर्मिनल है। यहां व्यस्तम समय में हैंडलिंग क्षमता 50 यात्रियों की है। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बन जाने से यहां की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। इसे आगे जाकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव, सचिव नागरिक उड्डयन विभाग, उत्तराखण्ड दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका, जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर नीरज खैरवाल उपस्थित थे।