देहरादून। उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली की जिलाधिकारी को इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए।
गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 04 नई फैक्ट्रियां स्थापित की जाएं। साथ ही, चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड टी-गार्डन विकसित करे और इन्हें काश्तकारों को सौंपा जाए। टी-गार्डन काश्तकारों को सौंपने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियां किसी भी कारण से बंद हैं, उन्हें चलाने हेतु प्रयास किए जाएं। यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो, बोर्ड इन्हें चलाने का प्रयास करे। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने बोर्ड की बैठक, वर्ष में 04 बार आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अवगत कराया गया कि बोर्ड द्वारा वर्तमान तक विभिन्न स्थानों कुल 1387 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। उत्तराखण्ड के 09 पर्वतीय जनपदों (बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी) के 28 विकास खण्डों में स्वयं संचालित योजना, स्पेशल कम्पोनन्ट प्लान, मनरेगा के अन्तर्गत चाय विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों के 3,882 काश्तकार ने राजकीय/गैर राजकीय भूमि को लीज पर लेकर चाय प्लान्टेशन किया है। इसमें अनुमानित 4,000 श्रमिक कार्यनियोजित किये गये हैं, जिसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हैं।
वर्तमान में बोर्ड द्वारा निर्मित की जा रही चाय को उत्तराखण्ड टी ब्राण्ड नेम से रजिस्टर करते हुए बेचा जा रहा है। बोर्ड द्वारा जैविक/अजैविक आर्थोडोक्स ब्लैक व ग्रीन टी तैयार कर, स्थानीय स्तर पर स्वयं के शो-रूम, दुकानदारों य पोस्टल सेवा एवं कोलकाता ऑक्सन हाउस के माध्यम से बिक्री की जा रही है।
बैठक में उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष चाय विकास बोर्ड गोविन्द सिंह पिल्खवाल, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन, सचिव उद्यान हरबंस सिंह चुघ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून। 21 दिसम्बर से प्रारंभ होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायकों को सत्र में भाग लेने से पहले कोरोना का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। यही नहीं सत्र के दौरान किसी भी गैर सरकारी व्यक्ति को विधान सभा परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह जानकारी विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने कहा कि सत्र में भाग लेने से पहले सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों में अथवा देहरादून स्थित विधायक निवास में कोरोना का रैपिड टेस्ट, आरटी-पीसीआर कराना अनिवार्य होगा। सत्र के दौरान टेस्ट की रिपोर्ट विधायकों द्वारा विधानसभा को देनी होगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों एसओपी का पालन करना होगा। साथ ही प्रवेश द्वार पर सभी आगंतुकों का थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। सत्र के दौरान पूरे विधान सभा परिसर को सैनिटाइज करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कोविड-19 के दृष्टिगत शीतकालीन सत्र के दौरान पत्रकार दीर्घा, दर्शक दीर्घा एवं अधिकारी दीर्घा में किसी व्यक्ति को प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जाएगा। सत्र के दौरान गैर सरकारी व्यक्तियों को परिसर में प्रवेश की अनुमति प्राप्त नहीं होगी।
विधानसभा परिसर में विधायकों के साथ आने वाले सहवर्ती का प्रवेश वर्जित किया गया है। पूर्व विधायकों को भी परिसर में आने से बचने का अनुरोध किया गया है। सत्र के दौरान अधिकारियों को विधानसभा परिसर में अलग हॉल में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें की स्क्रीन के माध्यम से सत्र का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा।
विधानसभा की कार्यवाही प्रिंट मीडिया को समाचार एजेंसी पीटीआई तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को एएनआई तथा सूचना विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। मीडिया कर्मियों को विधानसभा परिसर के बाहर मीडिया हाउस की व्यवस्था की जाएगी।
इससे पूर्व, विधान सभा अध्यक्ष अग्रवाल ने विधान सभा सत्र की तैयारियों को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विधानसभा सचिवालय और पुलिस विभाग के अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाकचौबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने रेस कोर्स स्थित विधायक निवास में सुरक्षा, स्वच्छता को लेकर भी अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने को कहा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिरीक्षक अजय प्रकाश अंशुमान, स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे, सचिव आईटीडीए अमित सिन्हा, सचिव बीएस मनराल, जिला अधिकारी आशीष श्रीवास्तव, सूचना महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके डिमरी, अपर नगर आयुक्त मोहन सिंह, अपर सचिव प्रशासन प्रताप सिंह शाह, एसएसपी अरुण मोहन जोशी, विधान सभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल सहित शासन एवं विभिन्न विभाग के उच्च अधिकारी मौजूद थे।
देहरादून। राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार परिषद के नवनियुक्त उपाध्यक्ष संजय सहगल ने बुधवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में कार्यभार ग्रहण किया। सहगल ने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही राष्ट्रीय हेल्थ मिशन (NHM) व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और NHM के कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए प्रगति की समीक्षा की।
स्वास्थ्य महानिदेशालय पहुंचने पर नवनियुक्त उपाध्यक्ष सहगल का कार्यवाहक स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा व NHM के अपर निदेशक डॉ अभिषेक त्रिपाठी द्वारा स्वागत किया गया।
इस अवसर पर सहगल ने NHM द्वारा संचालित कार्यक्रम को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए योजनाओं को आमजन तक ले जाने के लिए विभागीय रणनीति को अधिक व्यापक बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि आमजन भी योजनाओं का लाभ उठा सके।
उन्होंने कोविड-19 के कारण राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति का संज्ञान लिया और निर्देश दिए कि इसमें तेजी लाई जाए।
कार्यवाहक महानिदेशक डॉ बहुगुणा ने सहगल को विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। NHM निदेशक डॉ अंजलि नौटियाल ने विभागीय कार्यक्रमों के बारे प्रजेंटेशन दिया।
NHM के अपर निदेशक डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने कोविड-19 महामारी के नियंत्रण व बचाव हेतु किए गए प्रयासों और आने वाले दिनों में कोविड-19 हेतु वैक्सीन लगाए जाने के लिए विभाग की ओर से की जा रही तैयारियों के बारे में बताया।
हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के हित में लाये गये कानून है। किसानों की आय दुगनी करने का केंद्र सरकार ने जो लक्ष्य रखा है, उसे प्राप्त करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून के माध्यम से किसानों को स्वतंत्रता प्रदान की गयी है, अब किसान को जहां अच्छा मूल्य मिलेगा, वहां अपनी फसल बेचेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र बुधवार को यहां ऋषिकुल मैदान में भाजपा किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञानी एम.एस.स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ये कानून बनाये गए हैं, जो किसानों के व्यापक हित में हैं।
नए कानूनों में किसानों के लिए अनेक विकल्प रखे गये हैं। पहले किसान की उपज की केवल मण्डी ही खरीदारी करती थी। मगर नए कानून लागू होने के बाद आज उसके लिए ओपन मार्केट की व्यवस्था हो गई है।
उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को दूर करने हेतु उनसे लगातार वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। प्रदेश में सरकारी गन्ना मिलों द्वारा किसानों को सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से बिल प्राप्त होने के 24 घण्टे के अन्दर किसानों के खाते में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र की बन्द पड़ी इकबालपुर शुगर मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है, ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। राज्य में खाद्य की सब्सिडी दो साल पहले से ही दी जा रही है। किसानों को 03 लाख तक का ऋण एवं किसानों समुहों को 05 लाख तक का ऋण बिना ब्याज का दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, विधायक यतीश्वरानन्द, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान एवं संजय गुप्ता आदि भी उपस्थित थे।
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक में जनपद बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक व आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन को कम करने हेतु आयोग द्वारा की गई सिफारिशों से सम्बन्धित पुस्तिका का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पलायन आयोग द्वारा पलायन के मूल कारणों से सम्बन्धित दी गई प्रारंभिक रिपोर्ट से ही स्पष्ट था कि इसके लिए मुख्यतः शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा एवं रोजगार की कमी रही है। उन्होंन कहा कि आयोग के सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लिए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आयोग को वर्किंग एजेन्सी के रूप में नहीं, अपितु राज्य से पलायन रोकने तथा ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिये थिंकटेक के रूप में कार्य करना होगा।
बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिपोर्ट के सम्बन्ध में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ0 एस0एस0नेगी ने बताया कि जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद बागेश्वर की जनसंख्या 2,59,898 है, इनमें 1,24,326 पुरूष तथा 1,35,572 महिलाएं है। पिछले 10 वर्षों में 346 ग्राम पंचायतों से कुल 23,388 व्यक्तियों द्वार अस्थायी रूप से पलायन किया गया है। पिछले 10 वर्षों में 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों द्वार पूर्णरूप से स्थायी पलायन किया गया है। आंकड़े दर्शाते है कि जनपद के सभी विकास खण्डों में स्थायी पलायन की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। जनपद की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 के लिए अनन्तिम रूप से 1,00,117 रूपये है।
आयोग द्वारा जनपद हेतु जो सिफारिशें रखी हैं उनमें प्रमुख रूप से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार लाने, दुग्ध उत्पादन और उससे जुड़े व्यवसायों का प्रशिक्षण, होम स्टे, इकोटूरिज्म, पर्यटन से जुड़े कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाने की बात कही है। इसके साथ ही मनरेगा में समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करके महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बनाए रखना, फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए बन्दरबाड़ों/सोलर पावर फैन्सिंग का निर्माण कराए जाने, औषधीय, सुगंधित पौंधों व जड़ी-बूटी की खेती और बागवानी पर जोर देने की सिफारिश की गई है।
इस अवसर पर आयोग के सदस्यों रामप्रकाश पैन्यूली, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत घण्डियाल, अनिल सिंह शाही व रंजना रावत ने भी अपने सुझाव रखे।
नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय आयुष मिशन (National AYUSH Mission, NAM)) योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 200 आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों (AYUSH Health & Wellness Centres, HWC) को मंजूरी दी है। ये केंद्र अल्मोड़ा जिले में स्थापित होंगे।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इन केन्द्रों के परिचालन में नई दिल्ली स्थित अरविंद लाल वन्दना लाल (ALVL) फाउंडेशन उत्तराखण्ड के आयुष विभाग को सहायता प्रदान करेगा। इस संबंध में संबद्ध पक्षों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय आयुष सचिव, संयुक्त सचिव (आयुष), उत्तराखण्ड के आयुर्वेद निदेशक और ALVL फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.अरविन्द लाल मौजूद थे।
इन केन्द्रों पर निर्धारित गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए योजना बनाने, कार्यान्वयन और संस्था को सभी जरुरी मदद मुहैया कराने की पूरी ज़िम्मेदारी उत्तराखण्ड सरकार की होगी। केन्द्र सरकार इस संबंध में आवश्यक तकनीकी मदद प्रदान करेगी। ALVL फाउंडेशन केन्द्र में आने वाले लोगों की सूची बनाने, लोगों के स्वास्थ्य कार्ड बनाने और आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र से जुड़े कर्मियों को प्रशिक्षण देने और उनकी कार्य क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा।
आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों के परिचालन संबंधी दिशा-निर्देशों में सरकार अथवा गैर-सरकारी संगठनों के साथ सहभागिता करने का प्रावधान है ताकि समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2023-24 तक देशभर में विभिन्न चरणों में 12,500 आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों को परिचालित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने की स्मार्ट सिटी परियोजना की समीक्षा, कार्यों को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में देहरादून स्मार्ट सिटी योजना की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत कराये जा रहे सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे सभी कार्यों में समयबद्धता के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने माॅडर्न दून लाईब्रेरी की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इसे शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों से आम जनता को कोई परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए समय-समय पर ठेकेदारों आदि के साथ भी बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि उन्हें आ रही समस्याओं का भी निराकरण किया जा सके। उन्होंने देहरादून में वर्षा जल के संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर अधिक फोकस करने की जरुरत पर जोर दिया।
समार्ट सिटी के मुख्य कार्याधिकारी व जिला मजिस्ट्रेट आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत रू0 1407 करोड़ है, जिसमें 100 प्रतिशत कार्यों की निविदाएं आमंत्रित कर ली गयी हैं और इनसे सम्बन्धित कार्यादेश भी जारी कर दिए गए हैं।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून। सुरक्षा को लेकर जागरूक करने के लिए तेल एवं प्राकृतिक गैस कार्पोरेशन सुरक्षा जागरूकता सप्ताह मनाएगी। सप्ताह भर तक आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों की शुरुआत बतौर मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक (नगर) श्वेता चौबे ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे जीवन के हर पहलू में सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।
श्वेता ने कहा कि जीवन‚ समय और आर्थिक सुरक्षा हर इंसान के लिए जरूरी है। जीवन में सुरक्षा बुनियादी जरूरत के रूप में शामिल है। यदि हम नियमों का पालन करें तो हम दुर्घटनाओं‚ धोखाधड़़ी और अपराधों से बच सकते हैं।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराध समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। सुरक्षा एजेंसियां जरूरत के मुताबिक खुद को अपडेट करती रहती हैं। मगर साइबर अपराधी एक कदम आगे हैं। आज हमारे पास साइबर शिकायतें अधिक हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए सेमिनार व वेबिनार आयोजित किए जाने चाहिए।
ONGC के महाप्रबंधक (प्रमुख कारपोरेट प्रशासन) विपुल कुमार जैन ने कहा कि सुरक्षा का अपना महत्व है। मगर हमें यह याद रखना चाहिए कि इसे केवल इस सप्ताह के लिए नहीं, अपितु पूरे वर्ष किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (प्रभारी वित्त) पीपी रुस्तगी‚ जनरल मैनेजर (एचआर) अजय कलसी‚ जीएम प्रभारी सीएसआर और राजभाषा रामराज द्विवेदी व जीएम एमके गर्ग, रजनीश त्रिवेदी, बी. सेंथिल, सुधीर कुमार, रमेश कुमार पुंडीर आदि उपस्थित थे।
उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी की आठवीं पुण्यतिथि पर शनिवार को उन्हें याद कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। राजधानी देहरादून के अखिल भारतीय महिला आश्रम में पं.दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान के तत्वाधान में हवन व कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि नित्यानंद स्वामी ने प्रदेश के विकास के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया l उनके विचार आज भी प्रदेश के विकास के लिए प्रसांगिक है l
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी के साथ बिताए गए दिनों को याद करते हुए कहा है कि स्वामी जी का उद्देश्य प्रदेश का विकास करना था l उन्होंने कहा है कि स्वामी जी ने अपने जीवन काल मे उपेक्षित, वंचित समाज को आगे लाकर मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया l
कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक हरबंस कपूर, विधायक खजान दास , विधायक विनोद चमोली, भारत विकास परिषद की सविता कपूर, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट, शुभम वर्मा, स्वर्गीय नित्यानंद स्वामी की सुपुत्री ज्योत्सना शर्मा, सरस्वती सिंह, आरके बक्शी, गीतिका, विनायक शर्मा आदि सहित अनेक लोग उपस्थित थे l
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आगामी कुम्भ मेले को सुरक्षित व व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए सभी विभागाध्यक्षों को प्रभावी इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कुंभ मेले के कार्यों के संबंध में सभी आवश्यक स्वीकृतियों, कार्यों की गुणवत्ता एवं उपयोगिता आदि का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि कुंभ मेले के संपन्न होने के पश्चात इस संबंध में कोई अनावश्यक विवाद की स्थिति ना उत्पन्न हो।
शनिवार को राजधानी देहरादून में कुम्भ कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कोविड-19 के दृष्टिगत कुंभ मेले के लिए स्पेशल कोविड ऑफिसर तैनात किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले के कार्यो के लिये मेला अधिकारी को 2 करोड़ तथा आयुक्त गढ़वाल मंडल को 5 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति के अधिकार प्रदान करते हुए आयुक्त के स्तर पर स्वीकृत होने वाले कार्यों के लिए अनुभवी अभियंताओं एवं वरिष्ठ वित्त अधिकारी की समिति गठित करने को कहा, जो स्वीकृति जारी करने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों से सभी स्थाई निर्माण कार्यों को 31 जनवरी से पूर्व पूर्ण करने तथा अस्थाई निर्माण कार्यों में भी तेजी लाने को कहा है।उन्होंने कहा कि कुम्भ के दृष्टिगत विभागीय स्तर पर सम्पादित होने वाली व्यवस्थाओं की एसओपी जारी करने के साथ ही डाक्यूमेन्टेशन पर ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने वन भूमि हस्तांतरण के मामलों को भी शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिये।
बैठक में सचिव लोनिवि आर.के.सुधांशु ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण पुलों का निर्माण कार्य 31 जनवरी से पूर्व कर लिया जायेगा। इसके लिये कार्यदायी संस्थाओं को तेजी से कार्य सम्पन्न करने के निर्देश देने के साथ ही निर्माण कार्यों की निरन्तर निगरानी की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कुंभ मेले में कार्य करने वाले कार्मिकों के वेक्सिनेशन की रूप रेखा भी तय करने की अपेक्षा मेलाधिकारी से की। सचिव नगर विकास शैलेश बगोली ने बताया कि कुम्भ मेले के अन्तर्गत विभिन्न विभागों के स्तर पर 473 करोड़ लागत के 124 निर्माण कार्य किये जा रहे हैं, जिनका निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है।
पुलिस महानिरीक्षक, कुम्भ मेला श्री संजय गुंज्याल ने बताया कि मेले के लिये सुरक्षा की दृष्टि से 6 जोन, 24 सेक्टर, 21 थाने, 9 पुलिस लाइन, 23 पुलिस चौकी, 25 चैक पोस्ट के साथ ही आवश्यकतानुसार राज्य व केन्द्रीय पुलिस बलों की तैनाती की व्यवस्था की जा रही है।
बैठक में नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव वित्त सौजन्या, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन के साथ ही सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।