आज से घरों में विराजेंगी मां दुर्गा,जानें कलश स्थापना का मुहूर्त..
देश-विदेश: नवरात्रि वर्ष में चार बार पड़ती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. इसमें चैत्र और आश्विन मास में आने वाली नवरात्रि का विशेष महत्व होता हैं। आश्विन मास मे आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना से जीवन की हर समस्या को दूर किया जा सकता है इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर यानी आज से शुरू होने जा रहे हैं। नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना के साथ होती है।घटस्थापना में मां दुर्गा को समर्पित पवित्र कलश की स्थापना की जाती है।
कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है..
शारदीय नवरात्रि पर कलश की स्थापना आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। इस बार प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर को पड़ रही है।इसलिए कलश की स्थापना इस दिन शुभ मुहूर्त में की जाएगी। घटस्थापना का सबसे अच्छा समय सुबह 06 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, आप अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापित कर सकते हैं। प्रतिपदा तिथि पर सुबह 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 36 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापित कर सकते हैं। प्रतिपदा तिथि पर सुबह 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 36 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।
कलश का मुंह खुला न रखें- शारदीय नवरात्रि पर अगर आप कलश की स्थापना करने वाले हैं तो ध्यान रखें कि कलश का मुंह खुला ना रहे. इसे किसी ढक्कन से ढककर ही ही रखें. ढक्कन को चावलों से भर दें और उसके ठीक बीचोबीच नारियल रखें।
गलत दिशा में कलश न रखें- कलश को गलत दिशा में स्थापित करने से बचें. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) देवताओं की दिशा होती है. इस दिशा में ही कलश को स्थापित किया जाना चाहिए।
कलश स्थापना से पहले करें ये काम- कलश को स्थापित करने से पहले देवी मां के सामने अखंड ज्योति प्रज्वलित करें. इस दिशा को आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में रखें. कलश स्थापित करते वक्त साधक को अपना चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए।
साफ-सफाई का रखें ध्यान- घर में आप जिस जगह पर कलश स्थापित करने वाले हैं या देवी की चौकी लगाने वाले हैं, वहां स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. घटस्थापना चंदन की लकड़ी पर करें तो शुभ होगा।
इन जगहों पर ना करें घटस्थापना- घटस्थापना का स्थल बाथरूम या किचन के आस-पास नहीं होना चाहिए. अगर पूजा स्थल के ऊपर कोई आलमारी या सामान रखने की जगह है तो उसे भी अच्छी तरह साफ कर लें।
कलश स्थापना की विधि
कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए. नित्य कर्म और स्नान के बाद ही कलश स्थापित करें. शारदीय नवरात्रि पर अगर आप घर में कलश स्थापना करने जा रहे हैं तो सबसे पहले कलश पर स्वास्तिक बनाएं. इस पर एक कलावा बांधें और उसे जल से भर दें. कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र, अक्षत, पंचरत्न और सिक्का डालना ना भूलें।
इसके बाद पूजा स्थल से अलग एक चौकी पर लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं. इस पर अक्षत से अष्टदल बनाएं और जल से भरे कलश को यहां स्थापित कर दें. इस कलश में शतावरी जड़ी, हलकुंड, कमल गट्टे और चांदी का सिक्का डालें। फिर दीप प्रज्वलित कर इष्ट देवों का ध्यान करें. इसके बाद देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करें.कलश स्थापना के साथ ही मिट्टी के एक बर्तन में ज्वार बोने की परंपरा होती है
उत्तराखंड । श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में पहली बार बड़े स्तर पर अधिकारियों/ कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए हैं। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अनुमोदन के पश्चात नवनियुक्त मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने स्थानांतरण आदेश निर्गत किए हैं। बीकेटीसी के देहरादून स्थित कैंप कार्यालय और ऋषिकेश स्थित प्रचार कार्यालय को बंद कर वहां तैनात कार्मिको को भी अन्यत्र भेज दिया गया है। पहली बार हो रहे स्थानांतरणों से बीकेटीसी में हड़कंप मच गया है।
बीकेटीसी में अब तक स्थानांतरण अथवा कार्मिकों के पटल बदलने की प्रक्रिया अपवादस्वरूप ही रही है। लगभग सात सौ कार्मिकों वाली बीकेटीसी में कभी कभार ही इक्का दुक्का स्थानांतरण होते रहे हैं। बताया जाता है कि अधिकांश कर्मचारी जहां नियुक्त हुए वहीं से ही रिटायर हो जाते हैं। कई कर्मचारी महत्वपूर्ण व मलाईदार पटल पर वर्षो से कब्जा जमाए बैठे हुए थे। इस कारण अन्य कार्मिकों में आक्रोश भी व्याप्त था।
इस वर्ष जनवरी में अजेंद्र अजय द्वारा अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद से उन्होंने बीकेटीसी में व्यवस्थाओं में आमूल चूल परिवर्तन लाने का प्रयास शुरू किया।
अजेंद्र ने सबसे पहले सवा सौ से अधिक अस्थाई कार्मिकों की वेतन विसंगति को दूर करते हुए उनकी वेतन वृद्धि की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया। इसके साथ ही वर्षों से पदोन्नति की उम्मीद लगाए अधिकारियों व कर्मचारियों मंशा को पूरा किया।
अधिकारियों व कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के बाद बीकेटीसी अध्यक्ष ने उनके स्थानांतरण व पटल परिवर्तन की योजना बनाई। इसके लिए बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर सिंह पंवार की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन किया। उप समिति ने अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण व पटल परिवर्तन के लिए नीति तैयार की और वर्षों से एक स्थान पर जमे कार्मिकों के स्थानांतरण व पटल परिवर्तन की संस्तुति की।
उप समिति की संस्तुति पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने सत्तर अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण व पटल परिवर्तन के निर्देश दिए। अध्यक्ष के निर्देशों के क्रम में बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि विगत अगस्त माह में बोर्ड की बैठक में मितव्यता को देखते हुए बीकेटीसी के देहरादून स्थित कैंप कार्यालय और ऋषिकेश स्थित प्रचार कार्यालय को समाप्त कर जोशीमठ शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कैंप कार्यालय और प्रचार कार्यालय के नाम पर कई अधिकारी वर्षो से देहरादून व ऋषिकेश में अड्डा जमाए बैठे हुए थे। शुक्रवार को जारी स्थानान्तरण सूची में देहरादून व ऋषिकेश स्थित कार्यालयों में जमे अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अन्यत्र भेज दिया गया है।
इधर, पहली बार अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानान्तरण व पटल बदलने के फैसले की व्यापक सराहना हो रही है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संगठन ने भी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की इस पहल का स्वागत किया है। कर्मचारी संगठन का मानना है कि स्थानान्तरण प्रक्रिया शुरू होने से समिति की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा।
सतत् विकास लक्ष्यों की 7 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हस्ताक्षर अभियान का सीएम ने किया शुभारम्भ..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने सचिवालय में सतत् विकास लक्ष्यों की 7 वीं वर्षगांठ के अवसर पर सतत् विकास लक्ष्य हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ किया एवं एस.डी.जी से संबंधित वीडियो का विमोचन किया। सीएम धामी का कहना हैं कि 2030 तक इन 17 सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभागों को रौडमैप के हिसाब से निरंतर आगे बढ़ना होगा। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जन भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। जन सहयोग एवं सामाजिक संस्थाओं एवं विभिन्न संस्थानों का भी पूरा सहयोग लिया जाए।
सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय संतुलन के साथ समावेशी विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि सतत् विकास लक्ष्यों में उत्तराखण्ड की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन प्रदेश को प्रथम स्थान पर लाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। 2018 में उत्तराखण्ड सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में 10वें स्थान पर था, जबकि अभी राज्य चौथे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के पास प्राकृतिक संपदाओं का भण्डार है। इन प्राकृतिक संपदाओं का बेहतर तरीके से सदुपयोग करना होगा। उद्योगों के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में अपार संभावनाएं हैं।
सतत् विकास लक्ष्य 2030 तक गरीबी के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए एक साहसिक एवं सार्वभौमिक समझौता है जो सबके लिए एक समान, न्यायपूर्ण और सुरक्षित विश्व की रचना करेगा। इसके लिए 17 सतत विकास लक्ष्य रखे गये हैं। भुखमरी समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण हासिल करना तथा सतत कृषि को बढ़ावा देना। स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन तंदुरुस्ती को बढ़ावा देना। समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन शिक्षा-प्राप्ति के अवसरों को बढ़ावा देना।लैंगिक समानता हासिल करना और सभी महिलाओं और बालिकाओं का सशक्तिकरण करना ।
सभी के लिए जल और स्वच्छता की उपलब्धता और सतत प्रबंधन सुनिश्चित करना। सभी के लिए किफायती, भरोसेमंद, सतत और आधुनिक ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना। सभी के लिए सतत, समावेशी और संधारणीय आर्थिक विकास, पूर्ण और लाभकारी रोजगार और उचित कार्य को बढ़ावा देना। समुत्थानशील अवसंरचना का निर्माण करना, समावेशी और संधारणीय औद्योगीकरण को बढ़ावा देना और नवोन्मेष को प्रोत्साहित करना । राष्ट्रों के अंदर और उनके बीच असमानता को कम करना ।
शहरों और मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित, समुत्थानशील और संधारणीय बनाना। सतत उपभोग और उत्पादन पैटर्न सुनिश्चित करना । जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तात्कालिक कार्रवाई करना। सतत विकास के लिए महासागरों, समुद्रों और समुद्रीय संसाधनों का संरक्षण करना और इनका संधारणीय तरीके से उपयोग करना ।
स्थलीय पारिस्थिकी-तंत्रों का संरक्षण और पुनरुद्धार करना और इनके सतत उपयोग को बढ़ावा देना, वनों का सतत तरीके से प्रबंधन करना, मरुस्थल-रोधी उपाय करना, भूमि अवक्रमण को रोकना और प्रतिवर्तित करना और जैव-विविधता की हानि को रोकना । सतत विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी सोसाइटियों को बढ़ावा देना, सभी को न्याय उपलब्ध कराना तथा सभी स्तरों पर कारगर जवाबदेह और समावेशी संस्थाओं का निर्माण करना एवं कार्यान्वयन के उपायों का सुदृढ़ीकरण करना और सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी का पुनरुद्धार करना शामिल है ।
अंकिता भंडारी केस- आरोपी पुलकित के रिजॉर्ट पर चला बुलडोजर..
उत्तराखंड: सीएम धामी के आदेश पर आधी रात को अंकिता भंडारी की हत्या के आरोपी पुलकित के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चला। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सीएम के आदेश के बाद पौड़ी प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आधी रात को ही पुलिस टीम ने आरोपी के रिजॉर्ट को ध्वस्त करवाना शुरू कर दिया।
वहीं, अंकिता की हत्या के मामले में सीएम ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने घटना को बेहद दुखद बताया है। सीएम ने कहा कि जिस किसी ने भी यह जघन्य अपराध किया है, उसे हर हाल में कड़ी सजा दिलाई जाएगी। पुलिस अपना कार्य कर रही है। पीड़ित को न्याय दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।
आपको बता दें कि अंकिता की हत्या की बात सामने आने के बाद स्थानीय लोगों ने रिजॉर्ट के अवैध निर्माण की शिकायत भी की थी। साथ ही लोग रिजॉर्ट के ध्वस्तीकरण की मांग पर अड़े थे। एसडीएम प्रमोद कुमार का कहना हैं कि रिजॉर्ट को जेसीबी से तोड़ दिया गया है। स्थानीय लोगों ने वनंत्रा रिजॉर्ट को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। लोगों का कहना है कि रिजॉर्ट में अनैतिक काम होता था। रिजॉर्ट संचालक कर्मचारियों के साथ अभद्रता और मारपीट भी करता था।
अंकिता भंडारी केस में पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार..
उत्तराखंड: ऋषिकेश के गंगा भोगपुर में वनंत्रा रिजॉर्ट से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हुई पौड़ी गढ़वाल की नंदालस्यूं पट्टी के श्रीकोट गांव की अंकिता भंडारी के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मामले में पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्या के बेटे पुलकित आर्या समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है बता दे कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों ने कई राज उगले हैं। यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट और एसडीएम यमकेश्वर लक्ष्मण झूला थाना पहुंच गए हैं। पुलिस जल्द मामले का खुलासा करेगी। पुलिस और एसडीआरएफ जिला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही है।
लोक सेवा आयोग द्वारा जारी कलेण्डर से धामी पर जगा युवाओं का बड़ा विश्वास- महेंद्र भट्ट..
उत्तराखंड: भाजपा ने लोक सेवा आयोग भर्ती कैलेंडर जारी होने को सुखद, बेरोजगारों के लिए उम्मीद और उत्साह से भरा कदम बताया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सिर्फ पांच दिन में लोक सेवा आयोग ने भर्ती कैलेंडर जारी कर एक अहम कीर्तिमान बनाया है।उन्होंने कहा कि इससे परीक्षा और बेरोजगारों के मध्य हताशा का वातावरण बनाने वालों को भी करारा जवाब मिला है।
जिस गति से लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारियों को युध्द स्तर पर कर रहा है उससे स्पष्ट है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं की पीड़ा को समझा और उनके निर्णय धारातल पर उतरते दिख रहे है। आयोग ने 3632 पदों पर भर्ती और दिसंबर तक परीक्षा कराने का पूरा खाका खींच दिया है जो एक मिशाल बनेगी। लोक सेवा आयोग को भर्ती का जिम्मा देने पर सवाल उठाने और भर्तियों के डंप होने की आशंका जताने वालों को भी इससे जवाब मिल गया है। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग ने सीमित मैनपावर और अधिक काम के बावजूद युवाओं के हित मे कार्य किया है। भट्ट ने कहा कि लोक सेवा आयोग ने महज पांच दिन के भीतर भर्ती कैलेंडर जारी कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रति युवाओं में एक बड़ा विश्वास जगा दिया है।
उत्तराखंड में जल्द बनेगा मत्स्य विकास बोर्ड..
उत्तराखंड: मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सरकार राज्य मत्स्य विकास बोर्ड का गठन करेगी। सचिव मत्स्य की अध्यक्षता में बोर्ड का ढांचा तैयार किया जा रहा है। जिसके बाद मंजूरी के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबंध समिति की बैठक में बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया। राज्य में लगभग छह हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जाता है। 11 हजार से अधिक लोग मछली व्यवसाय कर रहे हैं। प्रदेश में अभी तक कॉमन कार्प, सिल्वर कॉर्प, राहू मछली का उत्पादन अधिक है। सरकार ने आने वाले एक साल के भीतर मछली उत्पादन को 11 हजार मीट्रिक टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार की ट्राउट फिश उत्पादन बढ़ा कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है। प्रदेश सरकार पशुपालन विकास के लिए उत्तराखंड पशुधन विकास बोर्ड की तर्ज पर अब मछली पालन के लिए अलग से मत्स्य विकास बोर्ड बनाने जा रही है। राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबंध समिति की बैठक में बोर्ड का गठन फैसला लिया गया। बोर्ड के ढांचे का प्रस्ताव बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सरकार का मानना है कि बोर्ड के माध्यम से मछली पालन योजना को संचालित किया जाएगा।
कल केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का लाइव निरीक्षण करेंगे पीएम मोदी..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 22 सितंबर को पीएमओ कार्यालय से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का ड्रोन कैमरे की मदद से निरीक्षण कर सकते हैं। इसके लिए उत्तराखंड शासन व जिला प्रशासन स्तर पर तैयारियां पूरी की जा रही है। केदारनाथ में इन दिनों दूसरे चरण के कार्य चल रहे हैं। इसके तहत कुल 21 कार्य प्रस्तावित हैं, जिसमें 10 कार्य इसी वर्ष पूरे होने हैं। इन्हीं कार्यों की स्थलीय प्रगति का जायजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 22 सितंबर को पीएमओ से लाइव लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे। उसी वर्ष उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत 700 करोड़ रुपये की तीन चरणों में पूरी होने वाली पांच बड़ी योजनाओं का शिलान्यास किया था। इधर, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना हैं कि पीएम मोदी केेदारनाथ पुनर्निर्माण का निरीक्षण कर सकते हैं। इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। इस दौरान देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व मुख्य सचिव डा. एसएस संधू भी प्रधानमंत्री को लाइव जानकारी देते रहेंगे।
स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने दिए थे जल्द रिपोर्ट आने के संकेत..
उत्तराखंड: विधानसभा में बैक डोर भर्ती की जांच रिपोर्ट बुधवार यानी आज आ सकती है। बता दे कि विशेषज्ञ समिति ने जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी भूषण ने भी जल्द रिपोर्ट आने के संकेत दिए थे। विधानसभा में 2016-17 और 2021-22 के दौरान तदर्थ नियुक्तियों को लेकर सवाल उठे थे। इसमें कहा गया कि ये सारी नियुक्तियां पिछले दरवाजे से सिफारिशों पर की गईं। सवाल उठने पर सीएम धामी ने विधानसभा अध्यक्ष से सभी विवादित नियुक्तियां की जांच का अनुरोध किया था। विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति का गठन कर दिया था।
आपको बता दे कि समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और किसी भी समय वह विधानसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। संभावना है कि आज बुधवार को समिति स्पीकर को जांच रिपोर्ट सौंप दे। विधानसभा अध्यक्ष ने भी जल्द रिपोर्ट सौंपने के संकेत दिए थे। सूत्रों का यह भी कहना है कि नियुक्यिों के संबंध में समिति की केवल एक ही जांच रिपोर्ट है। समिति ने राज्य गठन के बाद विधानसभा में अब तक हुई सभी नियुक्तियों की प्रक्रिया के संबंध में जांच की है, जिसकी रिपोर्ट तैयार हो गई है।
पीएम मोदी के सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का लिया जायजा..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार भाष्कर खुल्बे आज बदरीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर पूजा अर्चना की। इसके साथ ही उन्होंने बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने उनका स्वागत किया। उनके साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगलेश घिल्ड़ियाल भी मौजूद रहे।
बद्रीनाथ धाम में दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 13 लाख के पार पहुंच गया है। सोमवार तक धाम में 13,05636 श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर चुके हैं। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ का कहना हैं कि इन दिनों धाम में बड़ी संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं। यात्रा के लिए सरकार ने पंजीकरण अनिवार्य किया है। बद्रीनाथ , केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए तीर्थयात्री और श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट http://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण करें। वहीं, केदारनाथ हेली सेवा के लिए https://heliservices.uk.gov.inपर ऑनलाइन बुकिंग करें।