परिवहन निगम के बेड़े में शामिल हुई 130 नई बसें, सीएम धामी ने दिखाई हरी झंडी..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने उत्तराखंड की जनता को दीपावली से पहले बड़ी सौगात दी हैं। त्यौहार से ठीक पहले उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में 130 नई बसें शामिल हो गई है। इन बसों को बीएस-6 मॉडल में बनाया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई बसों को हरी झंडी दिखाई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आइएसबीटी से नई बसों को हरी झंडी दिखाई है। आईएसबीटी में फ्लैग ऑफ़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सीएम धामी ने आईएसबीटी से आज पांच बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे सहित परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
सीएम धामी का कहना हैं कि हमारी सरकार परिवहन निगम को मजबूती प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। पहले परिवहन निगम 50 करोड़ से अधिक के घाटे में था जो पिछले तीन साल से लगातार मुनाफे में है। हमारा संकल्प है कि राज्य के सुदूर गांवों को बेहतर सड़क और परिवहन तंत्र से जोड़ा जाए। ये अत्याधुनिक बसें इसी संकल्प को पूरा करने में सहायक साबित होंगी। ये बसें पहाड़ की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए डिजाइन की गई हैं। इन बसों के आने से पहाड़ी इलाकों में सफर करना आसान होगा।
दिवाली पर रोडवेज कर्मियों को धामी सरकार का तोहफा, इन कर्मचारियों को मिलेगा प्रोत्साहन राशि..
उत्तराखंड: दिवाली पर बस चलाने वाले रोडवेजकर्मियों को परिवहन निगम प्रोत्साहन राशि देगा। 27 अक्टूबर से छह नवंबर तक एक दिन की छुट्टी के साथ 10 दिन ड्यूटी करने वालों को 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी। महाप्रबंधक संचालन सीपी कपूर की ओर से जारी आदेश के अनुसार परिवहन निगम के चालक, परिचालक, तकनीकी कार्मिकों को इस योजना का लाभ मिलेगा। केवल मैदानी मार्ग पर 250 किमी, मैदानी-पर्वतीय मिश्रित मार्गों पर 200 किमी और पर्वतीय मार्गों पर 180 किमी प्रतिदिन बस संचालन करने वालों को 1500 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
इस अवधि में कार्यशालाओं के जो कर्मचारी 10 दिन की ड्यूटी करेंगे, उन्हें एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी। कार्यशालाओं के आउटसोर्स कर्मचारियों को भी एक हजार मिलेंगे। डिपो के संचालन में सीधे तौर पर जुड़े डीजल, बैग, चेकिंग, कैशियर, समयपाल को भी एक हजार की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मुख्य तिथियों 31 अक्टूबर, एक, दो व तीन नवंबर के चार दिनों में मैदानी मार्ग पर 1850 किमी, मिश्रित मार्ग पर 1400 किमी और पर्वतीय मार्गों पर 1000 किमी का जिन चालकों, परिचालकों ने संचालन किया, उन्हें 1500 रुपये अतिरिक्त राशि भी मिलेगी। इस अवधि में आईएसबीटी देहरादून में संचालन कार्य में लगे चार उपनल कार्मिकों की संचालन उपयोगिता को देखते हुए परिवहन निगम 10 दिन ड्यूटी करने पर एक-एक हजार रुपये देगा। इस अवधि में उच्चतम आय हासिल करने वाले तीन डिपो के सहायक महाप्रबंधकों और उपाधिकारियों को भी नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
परिवहन निगम चलाएगा दून-हरिद्वार में बसें, एसपीवी ही संभालेगी संचालन की जिम्मेदारी..
उत्तराखंड: देहरादून और हरिद्वार शहरों के भीतर अब परिवहन निगम ही बसों का संचालन करेगा। इसके लिए स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) कंपनी देहरादून सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड बनाई जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार यह कंपनी मुख्य रूप से पीएम ई-बस सेवा के अंतर्गत देहरादून शहर में 100 बसें और हरिद्वार में 50 बसें संचालित करेगी, जिसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। देहरादून शहर में 50 सीएनजी बसें चलाने का भी प्रस्ताव है। परिवहन निगम के अधीन एसपीवी बनाकर बसें संचालित करने का प्रारूप तैयार किया गया है।
परिवहन निगम लगातार दो साल से लाभ में चल रहा है। निगम का मुनाफा 2022-23 में 1655.92 करोड़ था। दिसंबर 2023 तक 2934.41 करोड़ का मुनाफा रिकॉर्ड किया गया। निगम की 1309 बसों में से 553 बसें पर्वतीय और 756 मैदानी क्षेत्रों में संचालित हो रही हैं। इनमें से 153 सीएनजी बसों सहित 1242 साधारण बसें, 17 एसी बसें और 50 वॉल्वों शामिल हैं। निगम ने अपनी व्यवस्थाओं में भी सुधार किया है। इसके लिए एचआरएमएस सिस्टम लागू किया गया। दुर्घटना रोकने को हमसफर एप, कार्यशाला की इन्वेंटरी प्रबंधन के लिए एप, बसों में जीपीएस, 1500 एंड्रायड युक्त ई-टिकट मशीनें, ऑनलाइन बुकिंग, ई-ऑफिस आदि शामिल हैं। दूसरी ओर परिवहन विभाग राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य हासिल करने में सुस्त नजर आया है। इस वित्तीय वर्ष में दिसंबर 2023 तक 1475 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 952.65 करोड़ की ही प्राप्ति हो पाई है। हालांकि 2022 में विभाग ने 1155 करोड़ के सापेक्ष 1158.37 करोड़ राजस्व प्राप्ति की थी।
परिवहन निगम की एक चिट्ठी से कर्मचारियों में असमंजस..
उत्तराखंड: उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से सभी मंडलों को भेजे गए एक पत्र ने विशेष श्रेणी कर्मचारियों के भीतर डर पैदा कर दिया है। इस पत्र में दस साल तक काम कर चुके संविदा कर्मियों की जानकारी मांगी गई है। इसके बाद नौकरी पर लगे कर्मचारियों को अब पूर्व के कर्मचारियों के नियमित होने का डर सता रहा है। आपको बता दे कि उत्तरांचल कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि यह पत्र केवल विधानसभा में पूछे गए एक सवाल से संबंधित है। किसी विधायक ने परिवहन निगम में काम कर रहे संविदाकर्मियों की संख्या के संबंध में विधानसभा में अपना सवाल दिया है, जिस पर परिवहन निगम को जवाब तैयार करके संबंधित मंत्री को भेजना है।
उनका कहना हैं कि हाईकोर्ट के 2017 के आदेश में यह स्पष्ट हो चुका है कि विशेष श्रेणी के चालकों, परिचालकों को संविदा वालों की तुलना में वरिष्ठता एवं उत्तमता प्रदान की जाएगी। अर्थात कोई भी लाभ संविदा चालकों परिचालकों के तुलना में विशेष श्रेणी चालकों परिचालकों को पहले प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाप्रबंधक मुख्यालय का यह पत्र केवल विधायक के सवाल का जवाब तैयार करने को भेजा गया है।