उत्तराखंड (Uttarakhand) भाजपा (BJP) के प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय ने पार्टी के भीतर एक नई पहल शुरु की है। विगत दिवस कुमायूं मंडल के विस्तृत भ्रमण के दौरान उन्होंने तमाम स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें लीं। मगर ये बैठकें रुटीन में आयोजित होने वाली बैठकों से अलग थीं। इन बैठकों में कई स्थानों पर भावुक कर देने वाले दृश्य भी देखने को मिले। ऐसे दृश्यों के पीछे बड़ा और स्वाभाविक कारण था।
संगठन मंत्री अजेय ने बैठकों में वर्तमान पदाधिकारियों के साथ-साथ पार्टी के पुराने और बुजुर्ग कार्यकर्ताओं भी आमंत्रित किया था। आमतौर पर पुराने व पद पर न रहने वाले कार्यकर्ताओं को भुला दिया जाता है। उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं मिल पाता है और वे पार्टी में अपने को उपेक्षित महसूस करते हैं। कई बार ऐसे कार्यकर्त्ता व नेता अपनी पीड़ा जाहिर भी करते हैं। उनकी अपेक्षा मात्र इतनी रहती है कि उनके क्षेत्र अथवा नगर में आ रहे वरिष्ठ नेताओं, निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के आगमन की सूचना उन तक भी पहुंचा दी जाए। ताकि, वो भी उनको मिलने पहुंच सकें और अपनी बात उन तक पहुंचा सके।
अजेय द्वारा वरिष्ठ और पुराने कार्यकर्ताओं को बैठक में बुलाने और उनके हाल-चाल जानने से कई कार्यकर्ता भावुक हो गए। ऐसे कार्यकर्ताओं ने संगठन मंत्री के सामने अपने मन की बात रखी। पुराने अनुभव व संस्मरण भी सुनाए। इस दौरान संगठन मंत्री ने उनके योगदान की चर्चा की और कहा की पार्टी आज जिन ऊंचाइयों तक पहुंची है, उसमें उनके महत्वपूर्ण योगदान को नहीं नकारा जा सकता है। अजेय ने पुराने व बुजुर्ग कार्यकर्ताओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। यही नहीं वे कई बुजुर्ग और अस्वस्थ चल रहे कार्यकर्ताओं के घर गए और उनकी कुशल क्षेम भी पूछी। प्रदेश संगठन मंत्री की इस पहल का पार्टी कार्यकर्त्ता सराहना कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि संगठन मंत्री के रुप में अजेय का उत्तराखंड में अभी मात्र एक वर्ष का कार्यकाल हुआ है। वो इससे पूर्व कई वर्षों तक संघ के प्रचारक बतौर उत्तराखंड में ही कार्य कर चुके हैं। उत्तराखंड आने से पहले वे भाजपा की पश्चिम उत्तर प्रदेश इकाई के संगठन मंत्री के पद पर कार्यरत रहे हैं।