Doon Library का बदल गया नाम, अब मिलेंगी ये सुविधाएं..
उत्तराखंड: अगर आप पढ़ने का शौक रखते हैं, तो आपके लिए देहरादून में चार मंजिला मॉडर्न दून लाइब्रेरी (Modern Doon Library Dehradun) तैयार हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर देहरादून को लोक पुस्तकालय घोषित किया गया है। सचिव रविनाथ रामन द्वारा शुक्रवार को इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है। इस मॉडर्न दून लाइब्रेरी’ में किताबों के शौकीनों को खास सुविधाएं मिलेंगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 12.80 करोड़ की लागत से चार मंजिला लाइब्रेरी बनकर तैयार हो गई है। परेड ग्राउंड के नजदीक लैंसडाउन चौक पर यह लाइब्रेरी बनाई गई है। चार मंजिला इस इमारत में किताबें, अखबार, मैगजीन्स के साथ-साथ ई-रीडिंग की व्यवस्था भी होगी। दून लाइब्रेरी से 40 हजार से अधिक किताबों और अन्य सामान को मॉर्डन लाइब्रेरी में शिफ्ट किया जाने लगा है।
नई लाइब्रेरी में किताबों का संकलन और बढ़ेगा। पुरानी दून लाइब्रेरी में बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। लाइब्रेरी में अध्ययन के लिए एक साल की सदस्यता शुल्क प्रति व्यक्ति 300 रुपये है। जबकि, एक हजार सिक्योरिटी ली जाती है। मॉर्डन लाइब्रेरी में भी सदस्यता शुल्क की दर यही रहेगी।यहां एक साथ 600 लोग बैठकर अध्ययन कर सकते हैं। यहां आने वालों को निशुल्क वाई-फाई सुविधा भी मिलेगी।
बताया जा रहा है कि भवन की पहली और दूसरी मंजिल पर रीडिंग रूम के साथ किताबें रखने के लिए स्टेकिंग रूम बनाए गए हैं। किताबों का ट्रैकिंग और वितरण सिस्टम पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत होगा। लाइब्रेरी में कंप्यूटर लैब की भी सुविधा है। यहां लोग कंप्यूटर के माध्यम से भी ऑनलाइन मैगजीन, किताबें और शोधपत्र पढ़ सकेंगे। साथ ही कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी सुविधा होगी। भवन में लिफ्ट, दिव्यांग लोगों के लिए अलग से रैंप बनाए गए हैं। लाइब्रेरी की चौथी मंजिल पर म्यूजियम बनाया गया है। इसमें उत्तराखंड के प्राचीन वाद्य यंत्र ढोल, दमाऊ, काष्ठ कला, चित्रकला, मंदिरों से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर आदि दिखने को मिलेंगे। वहीं बच्चों के लिए यहां स्पेशल किड्स जोन भी बनाया गया है।
वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज फाइटर जेट मध्य प्रदेश में हुए क्रैश..
देश-विदेश: मध्य प्रदेश के मुरैना में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया, जिसमें एयरफोर्स के दो लड़ाकू विमान सुखोई-30 और मिराज 2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गए। सूचना मिलते ही मौके पर राहत बचा व दल पहुंच गया है और आगे की कार्रवाई में जुट गया है। सूत्रों के मुताबिक दोनों विमानों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी, जहां अभ्यास चल रहा था। रक्षा मंत्री ने एयरफोर्स चीफ से इस हादसे को लेकर बातचीत की है।
मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी है। जो यह देखेगी कि क्या दोनों विमान आपस में टक्कर से दुर्घटना ग्रस्त हुए हैं या फिर किसी और कारण से। जानकारी के मुताबिक दुर्घटना के दौरान सुखोई 30 में 2 पायलट थे जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था। बताया जा रहा है कि 2 पायलट सुरक्षित हैं जबकि एयरफोर्स का एक हेलिकॉप्टर तीसरे पायलट की लोकेशन पर पहुंच रहा है।