उत्तराखंड में पहाड़ों में भी स्थापित होंगे धान की खरीद के लिए केंद्र..
उत्तराखंड: प्रदेश में एक अक्तूबर से 31 दिसंबर तक धान की खरीद की जाएगी। इस बार 8.96 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही चावल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। राज्य में मोटे अनाजों की खरीद के लिए पहली बार पर्वतीय क्षेत्रों में क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने इस संबंध में विधानसभा में अधिकारियों की बैठक ली। उनका कहना हैं कि खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 को एक अक्तूबर से 31 दिसंबर तक चलेगा। पहले यह समयावधि 31 जनवरी तक की गई थी।
इसके बाद मंडुवा के उत्पादन के लिए 1.26 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,846 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। मंत्री आर्या का कहना है कि सहकारिता, एफसीआई, यूपीसीयू और यूसीसीएफ आदि से क्रय केंद्र खोले गए हैं। इन संस्थाओं को निर्देशित किया गया कि किसानों को चावल की खरीद के संबंध में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
नियमानुसार 72 घंटे के भीतर भुगतान किया जाए। इसके अलावा बोरों की भी व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसानों को खरीद केंद्रों तक अपनी फसल पहुंचाने में दिक्कत न हो। बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एल फैनई, अपर सचिव सहकारिता अलोक पांडेय, अपर आयुक्त पीएस पांगती, मुख्य विपणन अधिकारी महेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे
सीएम धामी ने 15 ग्राम पंचायतों को किया सम्मानित..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गांवों में स्वच्छता की मिसाल बनने वाले नैनीताल, चंपावत, देहरादून, ऊधम सिंह नगर जिले की 15 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया। इस अवसर पर स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच पर्यावरण मित्रों को भी सम्मानित किया गया। इससे पूर्व सीएम ने मुख्य सेव सदन में आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छता सेवा पखवाड़ा अभियान की शुरुआत की। यह अभियान दो अक्तूबर तक चलेगा। उन्होंने स्वच्छता ही सेवा गीत का भी विमोचन किया। सीएम धामी ने सभी पंचायतों और स्वच्छता दूतों का आभार जताया। कहा, स्वच्छता दूत ही स्वच्छता अभियान की धुरी बताया।
कहा, जो सम्मान राज्य ने प्राप्त किया, वो इनके बिना असंभव था। भारतीय संस्कृति और दर्शन में स्वच्छता हमेशा से सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। ये हमारे मूल्यों और संस्कारों का अभिन्न अंग है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे स्वच्छ भारत मिशन की वजह से देश स्वच्छता के प्रति, पुनः जागृत हुआ है। उन्होंने अपेक्षा की कि इस महाअभियान में सभी पंचायत प्रतिनिधि, समुदाय स्तरीय संगठन, स्वयं सेवी संगठन एवं समस्त नागरिक अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे और पिछले वर्षों की भांति अभियान को सफल बनाएंगे।