राज्य स्तरीय समिति ने कक्षा 3 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम का खाका किया तैयार..
उत्तराखंड: प्रदेश में कक्षा 3 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। फिलहाल इस पर लंबा होमवर्क करने के बाद राज्य स्तरीय समिति ने पाठ्यक्रम की रूपरेखा तय कर ली है। इसे हरी झंडी भी दे दी गई है। हालांकि तय प्रक्रिया के अनुसार विभिन्न कक्षाओं के लिए तैयार पाठ्यक्रम को राज्य सरकार से अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है, इसके लिए पाठ्यक्रम के लिए तय रूपरेखा को जल्द ही सरकार के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद सरकार को इस पर फैसला लेना है।
राज्य स्तरीय समिति ने कक्षा 3 से पाठ्यक्रम के रूप में संस्कृत की पढ़ाई जारी रखने की सिफारिश की है। इसके साथ अलग-अलग कक्षाओं के लिए विषयों की संख्या पर भी विचार किया गया है। सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद समिति ने फैसला लिया है कि कक्षा 3 से कक्षा 5 तक सात विषय अनिवार्य होंगे। इसके अलावा छात्रों को कक्षा 6 से कक्षा 8 तक 9 विषय पढ़ने होंगे, जबकि कक्षा 9 और 10 में 10 विषय अनिवार्य किए गए हैं। इस दौरान छात्रों को गणित को अनिवार्य विषय के रूप में लेना होगा।
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत स्कूली शिक्षा में छात्रों के बेहतर शैक्षणिक कार्य के लिए भी काम किया जा रहा है। स्कूलों में अलग-अलग कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम का चयन भी छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। समिति द्वारा लिए गए निर्णय पर अब राज्य सरकार अंतिम मुहर लगाएगी। इसके बाद राज्य में स्कूलों के लिए तय पाठ्यक्रम के साथ ही छात्रों का शैक्षणिक कार्य करवाना अनिवार्य हो जाएगा।
इसमें 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए गणित को अनिवार्य कर दिया गया है। यानी सभी छात्रों को जिलेवार गणित पढ़ना होगा। इसी तरह निचली कक्षाओं में संस्कृत को भी महत्व दिया गया है। शिक्षा महानिदेशक झरना कामठान की मौजूदगी में समिति ने इस पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। वैसे इसके लिए काफी समय से होमवर्क किया जा रहा था और सभी बातों पर विचार करने के बाद छात्रों के लिए विषय तय किए गए हैं।