बाल श्रम और बाल विवाह से मुक्ति को लेकर बनेगा राज्यस्तरीय रिसोर्स सेंटर, समिति की गई गठित..
उत्तराखंड: मिशन शक्ति योजना के साथ मिशन सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना की समीक्षा एवं अनुश्रवण के लिए राज्यस्तरीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति का गठन कर दिया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस समिति में 24 सदस्य हैं। सरकार ने बाल श्रम एवं और बाल विवाह से मुक्ति के लिए राज्यस्तरीय रिसोर्स सेंटर बनाने का भी निर्णय लिया है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने इन संबंध में आदेश जारी किए। राज्यस्तरीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, न्याय एवं विधि परामर्शी विभाग, वित्त विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, युवा कल्याण एवं खेल, पंचायती राज ग्राम्य विकास, कौशल विकास, आवास एवं शहरी विकास, श्रम विभाग, पेयजल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता, समाज कल्याण, कृषि के प्रमुख सचिव या सचिव सदस्य होंगे।
गजेंद्र नौटियाल को बनाया गया सदस्य..
इनके साथ ही डीन गो.ब.पंत विवि के होम साइंस के नामित प्रतिनिधि, निदेशक महिला कल्याण, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, मिशन निदेशक एनआरएचएम, निपसिड के प्रतिनिधि, पर्वतीय बाल मंच की प्रतिनिधि अदिति पी कौर व बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक गजेंद्र नौटियाल को सदस्य बनाया गया है। प्रमुख सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग समिति के सदस्य सचिव होंगे।
समिति बाल श्रम, बाल विवाह, स्कूल ड्रॉप आउट, बालिका सुरक्षा विषय पर विभागों व जिलाधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा करेगी। बचपन बचाओ आंदोलन के साथ मिलकर बाल श्रम एवं बाल विवाह से बच्चों की मुक्ति एवं संरक्षण के लिए राज्यस्तरीय रिसोर्स सेंटर भी स्थापित होगा। यह सेंटर राज्य, जिले, ब्लाॅक व ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण से संबंधित योजनाओं एवं मुद्दों पर सहायता उपलब्ध कराएगा।