रोडवेज कर्मचारियों ने किया चक्का जाम का ऐलान..
उत्तराखंड: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रोडवेज को लाइफ लाइन कहा जाता है। प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में ज्यादातर लोग परिवहन के लिए इन्हीं पर निर्भर हैं लेकिन बुधवार को लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों ने चक्काजाम का ऐलान किया है। प्रदेश में रोडवेज से आवागमन करने वाले यात्रियों को 27 सितंबर को परेशानियों से दो चार होना पड़ सकता है। आपको बता दे कि विभिन्न मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने चक्काजाम का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को इसी संबंध में उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने बैठक बुलाई है। मोर्चा का कहना है कि निगम द्वारा उनकी मांगों पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
11 सितंबर को परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को दिया नोटिस..
उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का कहना है कि वो इस से पहले 11 सितंबर को परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को नोटिस दे चुके हैं। मोर्चा संयोजक अशोक चौधरी, दिनेश पंत, रविनंदन कुमार, राम किशुन राम ने आरोप लगाया है कि आंदोलन नोटिस पर छह अप्रैल और 25 अप्रैल को शासन और निगम स्तर पर वार्ता सकारात्मक हुई थी।लेकिन इसके बाद भी आज तक कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया। मोर्चा का कहना है कि अप्रैल में दो बार वार्ता और फिर जुलाई में दोबारा द्विपक्षीय वार्ता के बाद उन्हें आश्वासन दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मोर्चा का कहना है कि मंगलवार को बुलाई गई बैठक में चक्काजाम की रणनीति बनाई जाएगी। इसके साथ ही इस आंदोलन में परिवहन निगम के सभी संवर्ग के कर्मचारी शामिल होंगे।
उत्तराखंड में ये लोग कर सकेंगे फ्री बस का सफर..
उत्तराखंड: प्रदेश में शासन ने बड़ा आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद अब दिव्यांंगजनों की बस यात्रा निशुल्क होगी। उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा निशुल्क यात्रा उपलब्ध करायी जायेगी। बताया जा रहा है कि इसके लिए परिवहन निगम ने सभी डिपो सहायक महाप्रबंधक को मुफ्त यात्रा के कराने के साथ ही कई बड़े निर्देश दिए है।
जारी आदेश में लिखा है कि वह दिव्यांगजन जो पूर्ण रूप से अंधे हो या अल्प दृष्टि से ग्रस्त हो, इसके अलावा जो पूर्ण रूप से मुंक व बधिर हो। और जिनके एक हाथ या पैर अथवा दोनों हाथ या दोनों पैर पूर्ण रूप से कटे हो। जिनके एक हाथ या एक पैर या दोनों हाथ या दोनों पैर अपंग हो। जो मानसिक रूप से मंदबुद्धि हो, उक्त बिंदु में प्रतिशत कहीं भी उल्लेखित नहीं है अतः दिव्यांगजन के सहायक को नियमावली 2009 के तहत निशुल्क सुविधा दी जाए।
बताया गया कि दिव्यांगजनों व उनके सहवर्ती द्वारा कई बार इस बात की शिकायत की गई है कि बस के परिचालक दिव्यांग व्यक्ति के साथी को निशुल्क यात्रा सुविधा दिए जाने हेतु परिचालक द्वारा दिव्यांगजन से 100% दिव्यांगजन का प्रमाण पत्र मांगा जाता है लिहाजा इस संबंध में उत्तराखंड राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में दिव्यांग जनों को निशुल्क यात्रा सुविधा नियम वाली 2009 के बिंदु संख्या आठ में उल्लेखित है कि निम्नलिखित दिव्यांग जनों के साथ उनके सहयोगी को दिव्यांगजन की तरह निशुल्क सुविधा उपलब्ध रहेगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश की मातृशक्ति को एक सौगात दी है। कुंभ के मुख्य पर्वों पर प्रदेश की महिलाओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों मेें मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। इसी तरह कुमायूं के प्रसिद्ध पूर्णागिरि मेले में जाने वाली महिलाओं को भी मुफ्त यात्रा का लाभ मिलेगा।
इन दिनों उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ की धूम है। बड़ी तादाद में देश-विदेश के श्रद्धालू पुण्य लाभ के लिए महाकुंभ में पहुंच रहे हैं। संतों के अखाड़ों का वैभव कुंभ की रौनक बढ़ा रहे हैं। सरकार के बेहतर प्रबंधन में संचालित हो रहे इस भव्य आयोजन में गंगा मैया के जयकारों व मंत्रोच्चार से धर्मनगरी गुंजायमान हो रही है।
कुंभ में विभिन्न स्नान पर्वों का विशेष महत्व होता है। इन पर्वों पर बड़ी तादाद में श्रद्धालू स्नान के लिए पहुंचते हैं। प्रदेश सरकार ने महाकुंभ के स्नान पर्वों पर हरिद्वार की यात्रा करने वाली प्रदेश की महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी है।
प्रदेश सरकार ने चंपावत जिले के पूर्णागिरि धाम में लगने वाले मेले के लिए भी प्रदेश की महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दे दी है। पूर्णागिरि एक प्रसिद्ध सिद्धपीठ है। यहां प्रतिवर्ष तीन माह तक मेले का आयोजन होता है, किन्तु इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए केवल अप्रैल माह में ही मेले का आयोजन होगा।