प्रदेश में भारी बारिश का कहर, भू-स्खलन के कारण 241 सड़कें बंद..
उत्तराखंड: प्रदेश में बारिश का कहर जारी है। भारी बारिश के कारण प्रदेश में जगह-जगह से भू-स्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिसके कारण प्रदेश की 241 सड़कें बंद हैं। इसके साथ ही मौसम विभाग ने आने वाले तीन दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 10 से 12 जुलाई तक प्रदेशभर के सभी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश कई जिलों में भारी बारिश को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
भारी बारिश का कहर, प्रदेश की 241 सड़कें बंद..
प्रदेश में भारी बारिश के कारण लगातार भू-स्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। भारी बारिश पहाड़ी क्षेत्रों के लिए आफत बन रही है। बीते 24 घंटे में ही भूस्खलन और स्लिप आने से प्रदेश की 241 सड़कें बंद हुई हैं। बता दें कि इसमें से 160 सड़कें एक दिन पहले से बंद थीं। जबकि रविवार को 81 सड़कें बंद हुई हैं। रविवार देर शाम तक सिर्फ 70 सड़कों को खोला जा सका था, जबकि 171 सड़कें अवरुद्ध रहीं। लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कों को खोलने में दिक्कतें हो रही हैं।
सीएम अधिकारियों को दिए अलर्ट रहने के निर्देश..
भारी बारिश के चलते प्रदेश की नदियां और नाले उफान पर हैं। जिसे देखते हुए सीएम धामी ने सभी अधिकारियों से अलर्ट रहने को कहा है। सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘ कुछ दिनों से प्रदेश में हो रही अत्यधिक बारिश के मद्देनज़र मेरा सभी से निवेदन है कि ऐसे समय में आप पूर्ण सतर्कता बनाए रखें व अनावश्यक यातायात से बचें।नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए किसी भी प्रकार की परिस्थिति से निपटने हेतु प्रशासन को भी रेड अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं।’
आपदा की स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर हुए जारी..
प्रदेश में किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। सूचना राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के फोन नंबरों 0135-2710335, 2664314, 2664315, 2664316, फैक्स नंबर 0135-2710334, 2664317. टोल फ्री नंबर 1070, 9058441404 एवं 8218887005 पर दी जा सकती है।
उत्तराखंड में GST वादों के निपटारे के लिए बनेगा ट्रिब्यूनल..
व्यापारियों को नहीं जाना पड़ेगा कोर्ट..
उत्तराखंड: जीएसटी वादों का निपटारा करने के लिए उत्तराखंड में ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इससे प्रदेश के व्यापारियों व कंपनियों को टैक्स संबंधित छोटे-छोटे वादों को लेकर न्यायालय में नहीं जाना पड़ेगा। इन वादों का समाधान ट्रिब्यूनल स्तर पर किया जाएगा। इससे व्यापारियों का खर्च और समय भी बचेगा। ट्रिब्यूनल में चार सदस्य होंगे। इसमें दो सदस्य न्यायिक सेवा और दो सदस्य जीएसटी और एसजीएसटी से तकनीकी क्षेत्र के होंगे।
सरकार ने राज्य में माल और सेवा कर अपीलीय अधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में जीएसटी लागू किया। जीएसटी में टैक्स रिटर्न या भुगतान को लेकर राज्य कर विभाग की ओर से व्यापारियों को नोटिस जारी किए जाते हैं। इस पर व्यापारी छोटे-छोटे टैक्स वादों को लेकर न्यायालय चले जाते हैं।
अभी तक विभागीय स्तर पर ऐसे वादों का निपटारा करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जीएसटी परिषद ने सभी राज्यों को वादों का निपटारा करने के लिए ट्रिब्यूनल का गठन के दिशानिर्देश दिए हैं। इसी क्रम में सरकार ने ट्रिब्यूनल के गठन की अनुमति दे दी है। ट्रिब्यूनल में न्यायिक सेवा के दो रिटायर्ड जज और तकनीकी क्षेत्र से दो अधिकारी सदस्य होंगे।
व्यापारियों का वैट मामलों में माफ होगा ब्याज और जुर्माना..
जीएसटी से पहले लागू वैट प्रणाली में व्यापारियों के टैक्स संबंधित वादों के निपटाने के लिए सरकार ने वन टाइम सेटेंलमेंट योजना की अवधि तीन माह बढ़ाई है। जिसमें बकायेदार व्यापारियों को ब्याज और जुर्माना माफ किया जाएगा। प्रदेश में वर्तमान में बकाया टैक्स के 41 हजार मामले लंबित है। सरकार ने वैट प्रणाली के लंबित बकाया टैक्स मामलों का निपटारा करने को वन टाइम सेटेंलमेंट योजना को 1 जुलाई से 30 सितंबर 2023 तक बढ़ाया है। निर्धारित अवधि में व्यापारियों को बकाया राशि पर ब्याज और जुर्माने माफ किए जाएंगे।
धामी सरकार सख्त, प्रदेश में अब कब्जा करने पर होगी 10 साल की जेल..
उत्तराखंड: प्रदेश में अतिक्रमण को लेकर धामी सरकार एक्शन में है। प्रदेश में अब अतिक्रमण को लेकर नए नियम बनाए गए है। अब अवैध कब्जे को सिर्फ ध्वस्त ही नहीं किया जाएगा बल्कि कब्जा करने वाले को 10 साल की जेल भी हो सकती है।
धामी कैबिनेट में उत्तराखंड, भूमि पर अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश, 2023 को स्वीकृति दी। जिसके बाद अब राज्य में सरकारी, सार्वजनिक और निजी परिसंपत्तियों पर अनधिकृत कब्जा अथवा अतिक्रमण गैर जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की धामी सरकार की मुहिम अब जोर पकड़ सकती है। अभी तक सरकार के स्तर पर जितने भी प्रयास किए गए, वह नाकाफी साबित हो रहे हैं। उत्तराखंड, भूमि अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश में कड़े कानूनों का प्रावधान किया गया है।
इस कानून के तहत प्रदेश में अब अतिक्रमणकारी अथवा अवैध कब्जाधारक को दंड के रूप में अधिकतम 10 वर्ष के कारावास की सजा दी जा सकेगी। कब्जा की गई भूमि का बाजार मूल्य वसूल किया जाएगा। अतिक्रमण के मामलों की सुनवाई को स्पेशल कोर्ट का गठन होगा।
बताया जा रहा है कि कैबिनेट में पास होने के बाद अब सरकार इसको लेकर अध्यादेश ला सकती है। बाद में इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा, पास होने के बाद प्रदेश का नया कानून बन जाएगा। नए कानून के तहत शिकायतकर्ता सीधे डीएम से इस तरह के मामलों की शिकायत कर सकेगा।
डीएम की अध्यक्षता में राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित समिति प्रकरण की विवेचना पुलिस के निरीक्षक रैंक या उससे ऊपर के अधिकारी से कराएगी। कानून में पीड़ित व्यक्ति को राहत देते हुए भूमि अतिक्रमणकर्ता या आरोपी पर ही मालिकाना हक साबित करने का भार डाला गया है।
रिखणीखाल में आतंक का पर्याय बना दूसरा बाघ भी हुआ पिंजरे में कैद..
उत्तराखंड: पौड़ी के कोटद्वार में आतंक मचाने वाले बाघ दूसरे बाघ को भी वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर लिया है। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बता दें इससे पहले एक बाघ को 26 अप्रैल को ट्रेंकुलाइज किया था। उसके बाद से उसका साथी क्षेत्र में ही घूम रहा था। जिस वजह से स्थानीय लोग अपने घरों पर ही रहने को मजबूर थे।
कोटद्वार के रिखणीखाल विकासखंड से वन विभाग ने दूसरे बाघ को भी ट्रेंकुलाइज कर लिया है। जानकारी के अनुसार डीएफओ गढ़वाल स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया की सोमवार को वनकर्मियों की एक टीम को बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए तैनात किया गया था। जिसके बाद देर रात टीम को कामयाबी हासिल हुई और टीम ने गाड़ियों के पुल के पास से बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया।
घरों पर रहने को मजबूर थे ग्रामीण..
वन विभाग की टीम ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर कॉर्बेट पार्क भेज दिया है। बाघ के आतंक से लोग अपने घरों पर ही रहने को मजबूर थे। अब लोगों ने राहत की सांस ली है। बाघ के आतंक की वजह से रिखणीखाल ब्लॉक के बाघ प्रभावित इलाके के स्कूलों में सोमवार को 65 फीसदी बच्चे ही उपस्थित रहे। लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने में खतरा महसूस कर रहे थे।
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी, देखें नए रेट..
उत्तराखंड: आमजन को मंहगाई का झटका लगा है। एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी हुई है। तेल कंपनियों ने एक सिलेंडर की कीमत 7 रुपये बढ़ा दी है। ये बढ़ोतरी कमर्शियल गैस सिलेंडर में की गई है। हालांकि घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसकी कीमत काफी समय से स्थिर बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि अब कमर्शियल गैस सिलेंडर यानी 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर का खुदरा मूल्य 1,773 रुपये से बढ़कर 1,780 रुपये प्रति सिलेंडर हो चुका है। कमर्शियल गैस सिलेंडर में बढ़ोतरी प्रभावी हो गई है। अगर पूरे देश की बात की जाए तो मुंबई में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की नई कीमत 1,732 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है। यहां पहले प्रति सिलेंडर की कीमत 1,725 रुपये थी। इसी तरह चेन्नई में पुरानी कीमत 1,937 रुपये थी अब बढ़कर 1,944 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले जून के दौरान कमर्शियल गैस की कीमतों में इजाफा किया गया था, लेकिन रसोई गैस वाले 14.2 किलो वाले सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ था। इसी साल, मार्च में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में 350.50 रुपये प्रति यूनिट बढ़ोतरी की थी। हालांकि, मई में इनकी कीमतों में 171.50 रुपये की कटौती की गई थी।
इन नए चेहरों को किया जा सकता है धामी कैबिनेट में शामिल..
उत्तराखंड: प्रदेश में कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है। चर्चाएं हैं कि धामी कैबिनेट से चार मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। जबकि तीन नए मंत्रियों की किस्मत खुल सकती है।प्रदेश में कैबिनेट विस्तार को लेकर काफी समय से चर्चाएं हो रही हैं। सीएम धामी के दौरे के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। कहा जा रहा कि कैबिनेट विस्तार को हाई कमान से लगभग हरी झंडी मिल चुकी है।
जल्द ही मंत्री मंडल के विस्तार का ऐलान कर दिया जाएगा। मगर इस बीच जो दिलचस्प बात है वो ये है कि कैबिनेट से की मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है और कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। चर्चाएं ये भी हैं कि मंत्रिमंडल से चार कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है और मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद से कैबिनेट में चार पद खाली हैं। ऐसे में जहां आठ विधायकों की किस्मत खुलेगी तो कई मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर होने पर निराशा भी हाथ लगेगी।
लंबे समय से इंतजार हो रहे कैबिनेट विस्तार को लेकर इस वक्त सबकी निगाहें मंत्रिमंडल पर ही टिकी हैं। इस विस्तार में कौन इन होगा और कौन आउट होगा ये तो वक्त ही बताएगा। धामी मंत्रिमंडल में कांग्रेस के किसी बड़े नेता को शामिल किया जा सकता है। और इन चर्चाओं की वजह से सियासी पारा गरमाया हुआ है तो वहीं कांग्रेस में टूट-फूट की चर्चाएं भी तेज हो चली हैं। अब देखना ये होगा सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला से मिले सीएम धामी, इन मुद्दों पर हुई चर्चा..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी दिल्ली दौरे पर गए हुए हैं। सीएम धामी ने रविवार को केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परुषोत्तम रूपाला से भेंट की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में पशुपालन और डेयरी से संबंधित विषयों पर चर्चा की। सीएम धामी ने रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परुषोत्तम रूपाला से मुलाकात की।
इस दौरान सीएम ने पशुपालन एवं डेयरी मंत्री से उत्तराखंड में पशुपालन और डेयरी से संबंधित विषयों पर चर्चा की। इसके साथ ही सीएम ने केंद्रीय मंत्री से नेशनल लाईवस्टाॅक मिशन योजना के अन्तर्गत पशुधन बीमा की अवशेष धनराशि अवमुक्त करने और राज्य में संचालित सचल पशुचिकित्सा वाहन की सेवाएं शेष 35 विकासखण्डों में भी उपलब्ध कराए जाने का भी आग्रह किया।
आपको बता दे कि सीएम धामी ने उत्तराखंड के विकास में सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उनका कहना हैं कि उत्तराखण्ड राज्य में संचालित विभिन्न रोजगार योजनाओं में पशुपालन से सम्बन्धित योजनाओं का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के सीमान्त पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों के पशुपालकों हेतु नेशनल लाईवस्टाॅक मिशन योजना के अन्तर्गत पशुधन बीमा का संचालन किया जा रहा है।
योजना के अन्तर्गत स्वीकृत 40 करोड़ रूपए के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में 14 करोड़ 26 लाख 25 हजार रूपए की धनराशि प्राप्त हुई थी। जिसमें केन्द्रांश आठ करोड़ 67 लाख 66 हजार रूपए और राज्यांश पांच करोड़ 58 लाख 59 हजार रूपए था। योजना के अन्तर्गत राज्य में पशुधन बीमा के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 1,45,451 पशुओं में बीमा किया जा चुका है। सीएम ने केंद्रीय मंत्री से स्वीकृत योजना के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये स्वीकृत बजट की शेष धनराशि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।
सीएम धामी का कहना हैं कि भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य में पशुपालक के द्वार पर आधुनिक तकनीकी की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 60 सचल पशुचिकित्सा वाहन संचालित किये जा रहे हैं। इनके माध्यम से 58392 पशुओं की चिकित्सा पशुपालकों के द्वार पर ही की गयी है।
सीएम ने राज्य के शेष 35 विकासखण्डों में भी इसी प्रकार की सेवाओं के लिये 786.94 लाख रूपए धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। साथ ही कहा कि इसमें 764.246 लाख रूपए का केन्द्रांश और 22.694 लाख रूपए का राज्यांश रहेगा।
बता दे कि राज्य के भेड़ बकरियों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार के सहयोग से पीपीआर उन्मुलन योजना संचालित की जा रही है। वर्ष 2030 तक पीपीआर मुक्त करने के महत्वाकांक्षी टीकाकरण योजना के लिये उत्तराखण्ड में 14 लाख डोज टीकों की आवश्यकता है। जिस पर केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने सीएम धामी को हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
G-20 सम्मेलन की बैठक के लिए पहुंचने लगे विदेशी मेहमान..
उत्तराखंड: प्रदेश में 26 से 28 जून तक नरेंद्र नगर ऋषिकेश में इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप तृतीय बैठक प्रस्तावित है। इस जी 20 सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्य आने शुरू हो गए है। शनिवार सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ब्राजील से तीन प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पहुंचे है। जिनका स्थानीय परंपराओं के साथ भव्य स्वागत किया गया है।
जानकारी के अनुसार देहरादून में जी20 के तहत विदेशी मेहमानों का एयरपोर्ट पर आवागमन प्रारंभ हो गया है। शनिवार को पहुंचे जी-20 के प्रतिनिधियों का उपजिलाधिकारी शेलेन्द्र सिंह नेगी ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर प्रातः की फ्लाइट से जी 20 सम्मेलन में प्रतिभाग करने ब्राजील से तीन प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पहुंचे। जिनका स्थानीय संस्कृति एवं लोक परंपराओं से ढोल दमाऊ के साथ भव्य स्वागत किया गया।
जी-20 शिखर सम्मेलन दुनिया को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन और जैव विविधता से परिचित कराने का एक अवसर है। यहां एयरपोर्ट के अंदर और बाहर उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति के दीदार कराने के लिए दीवारों पर सुंदर आकृतियां उकेरी गई हैं, तो एयरपोर्ट में लैंडस्केप आदि के कार्य भी नए सिरे से किये गए हैं। एयरपोर्ट से नरेन्द्र नगर जाने वाले मार्ग को भी सलीके से सजाया गया है।
केदारनाथ गर्भगृह मामला- सोने की परत मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की कमेटी होगी गठित..
उत्तराखंड: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने को लेकर उठे विवादों की जांच गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। कमेटी में तकनीकी विशेषज्ञों संग सोने की परत चढ़ाने का काम करने वाले सुनार को भी शामिल किया जाएगा। पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का कहना हैं कि गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में अफवाह फैलाकर राजनीति की जा रही है। इससे धार्मिक आस्था आहत हो रही है। अफवाहों पर विराम लगाने और सच्चाई सामने लाने के लिए सचिव धर्मस्व को गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं।
कहा, विपक्षी दल आस्था से जुड़े मामले को अनावश्यक तूल देकर चारधाम यात्रा में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार धार्मिक आस्था से जुड़े मामले को लेकर संवेदनशील है। मंत्री ने सभी से आग्रह किया कि केदारनाथ धाम पर विवाद खड़ा न करें।
सोने की परत चढ़ाने की अनुमति आस्था और भावना के अनुरूप गई थी..
सतपाल महाराज का कहना हैं कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान को स्वीकारा है। समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए प्रदेश शासन से अनुमति ली।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में ही स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया था। बीकेटीसी की ओर से गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की अनुमति दानदाता की आस्था और भावना के अनुरूप गई थी। सोना खरीदने से लेकर गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का संपूर्ण कार्य दानी की ओर से अपने स्वर्णकार से कराया गया। स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल और बाउचर भी बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के बाद दिए गए।
इस बार भी नया रिकॉर्ड बनाने की ओर यात्रा, श्रद्धालुओं का आंकड़ा 30 लाख पार..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से ही तीर्थयात्रियों के उत्साह को देखते हुए इस बार भी चारधाम यात्रा नए रिकॉर्ड की तरफ बढ़ रही है। दो माह के यात्रा काल में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 30 लाख पार हो गया है। अभी यात्रा चार महीने और चलेगी। पिछले साल पूरी यात्रा में 46 लाख यात्रियों ने दर्शन किए थे।
22 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने से चारधाम यात्रा का आगाज हुआ था। 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद पूर्ण रूप से चारधाम यात्रा शुरू हुई। जबकि 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुले। दो माह के यात्रा काल में ही चारधामों में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 30 लाख पार हो गया है। इसमें सबसे अधिक 10.20 लाख यात्री केदारनाथ धाम में दर्शन कर चुके हैं। सरकार को इस बार यात्रा में 50 लाख से अधिक यात्रियों के आने की उम्मीद है। यात्रा के लिए पंजीकरण की संख्या भी 48 लाख से अधिक हो गई है।
चारधाम यात्रा के लिए https://www.tripsofindia.com/ यहां बुकिंग करें।
केदारनाथ हेली सेवा के लिए http://heliyatra.irctc.co.inयहां बुकिंग करें।
केदारनाथ यात्रा के लिए https://www.travelingkedarnath.com/ यहां बुकिंग करें।
धाम दर्शन कर चुके श्रद्धालुओं की संख्या
केदारनाथ 10.20 लाख
बद्रीनाथ 8.85 लाख
गंगोत्री 5.36 लाख
यमुनोत्री 4.66 लाख
हेमकुंड साहिब 85 हजार